1. विभिन्न अधिगम भिद्िान्त
• प्रचभित आिुननक भिद्िाांत को तीन श्रेणियों में
वििक्त ककया जा िकता है-----
A.व्यवहारवादियों के सिद्ाांत
B.िांज्ञानवािी सिद्ाांत
C.अन्य सिद्ाांत
2. व्यिहारिादी भिद्िाांत
• इिे भी िो तरह िे वर्गीकृ त ककया जाता है ----
a.िांयोजनवाि(connectionism) b.अनुबां्न (conditioning)
a.िांयोजनि के प्रततपािक –Throndike हैं |
इनके अनुिार---
“Learning is connecting.”
सिखने की किया में----
मन का शरीर िे ,मानसिक किया का शारीररक किया िे
या शारीररक किया का मानसिक किया िे या किर
मानसिक किया का मानसिक किया िे िांयोजन(
connection)होता है |
ऐिी किया िी बताने/कराने/िीखाने के चिते होती है |
3. जारी---
b.अनुबां्न (conditioning)-------
इिमें िोच यह है कक व्यवहार को मनचाहा
ढाला जा िकता है यातन व्यवहार को condition कर
िकते हैं|
यह अनुबां्न भी िो (2) तरह के होते हैं ---
Classical conditioning----इिमें उदिीपक खाि के
चलते अनुकिया होती है
operant conditioning-----इिमें उदिीपक ववशेष के
बबना अनुकिया होती है|
4. • Classical conditioning (शास्त्रीय अनुबां्न )में Pavlav
(पावलाव )के शास्त्रीय अनुबां् सिद्ाांत का नाम
आता है|
• अनुबां् सिद्ाांत अांतर्गगत स्स्त्कनर (Skinner)का नाम
प्रमुखता िे आता है|
इि सिद्ाांत को स्स्त्कनर का िकिय अनुबां्न
सिद्ाांत भी कहते हैं.
5. About Behaviour(व्यिहार िन्दिभ में )
• जो व्यवहार ककिी उदिीपक खाि के चलते होते हैं
,उिे अनुकिया व्यवहार (Respondent
behaviour)कहा जाता है|
• कु छ व्यवहार बबना ककिी खाि उदिीपक के चलते
होते हैं |इन्हें िकिय व्यवहार(opernt behaviour)कहा
जाता है|
• अन्ततः,इनमे shaping of behaviour ही होता है|
• अध्येता में वाांतछत व्यवहार हेतु सशक्षक अपने छारों
को अपने दहिाब िे मोड़ते हैं |
7. Contd………
• 6.Information processing theory.
• 7.Maslow’s humanistic theory.
• 8.Bandura’s social learning theory.
• 9.Vygotsky social development theory
• 10.Hull’s reinforcement theory.
• 11.kert Lewin’s field theory.
• 12.Tollman’s sign theory.
8. Throndike’s Learning Theory……
महत्िपूिभ हैं--------
उदिीपक-S ,अनुकिया-R ,उदिीपक-अनुकिया
अनुबां् S-R bond.
व्यिहार में िुिार trial and error (प्रयाि और रुदि)का
पररणाम है |
थोनगडाइक ने तीन तनयम बनाये ---
i.तत्परता का तनयम
ii.प्रभाव का तनयम
iii.उपयोर्ग/अभ्याि का तनयम
9. थोनभडाइक भिद्िाांत के शैक्षिक ननहहताथभ
• SR bond (उदिीपन-अनुकिया बन््)को मजबूत बनाना
-------
• ववदयार्थगयों को अभ्याि कायग ,प्रशांिा
,पुरस्त्कार,पुनरावृवि दवारा अर््र्गम को ठोि बनाना|
• छारों दवारा रुदियों को िूर करते हुए िमस्त्याओां का
िमा्ान कराया जाना|
• अध्येता को िीखने हेतु तैयार करना |
10. पाििॉि का शास्त्रीय अनुबांिन भिद्िाांत
(Pavlov’s classical theory )
महत्वपूणग ------
प्राकृ नतक उद्दीपक /मूि उद्दीपक
कृ त्ररम उद्दीपक/द्वित्यक उद्दीपक
मूि उद्दीपक के चिते व्यिहार पररितभन की ओर
झुकाि
द्वित्यक उद्दीपक के चिते िी भिखने में शाभमि
रहना |
कु छ प्राकृ नतक उद्दीपक -----िोजन,पानी,मौिम,िैंधगक
िांिगभ आहद
कु छ द्वितीयक उद्दीपक---ध्िनन,प्रकाश,कोई audio,कोई
videos आहद
11. पावलाव शास्त्रीय अनुबां् सिद्ाांत के शैक्षिक्षक तनदहताथग
• उद्दीपक के प्रिाि िे विद्याथी-भशिक िम्बन्ि को
मजबूत कर पाना|
• प्रेम,नफरत जैिे िाि के भिए अनुबांिन महत्िपूिभ
• प्रत्यिीकरि (perception) हेतु प्रथम उद्दीपक की
महत्ता ,तदुपराांत इिे हटा िेने के बाद िी अध्येता
का उद्दीप्त होना|
• उधचत आदतों,रुधचयों,िौन्दयाभत्मक िािनाओां के
िमुधचत विकाि में अनुबांिन की प्रकिया अध्यापकों
के भिए िािदायक होती है |
12. स्स्त्कनर का िकिय अनुबां् सिद्ाांत
Skinner’s operant conditioning theory.
महत्िपूिभ -----
कु छ व्यिहार जो त्रबना ककिी उद्दीपन के चिते
होते हैं ,operant behav.(िकिय व्यवहार) कहिाते हैं.
जैिे- घूमना,भिखना,रांगना,कू दना,खाना आहद
िकिय व्यिहार पररितभन हेतु व्यक्क्त को पहिे कु छ-
न –कु छ करना होता है.
इिके पररिाम ही व्यिहार को पुनबभिन भमिता है|
िकिय व्यिहार को िकारात्मक पुनबगलन िे मजबूती
भमिती है,फिस्त्िरूप अधिगम अच्छी होती है|
13. िकिय अनुबांिन भिद्िाांत की शैक्षिक उपयोधगता
• अिफिता दर को कम करने हेतु |
• व्यिहार में अपेक्षित िुिार िाने में िहायक |
• व्यक्क्तत्ि के िमुधचत विकाि मे
• दण्ड/नतरष्कार की जगह िाांनछत व्यिहार को पुनबभभित
कर भिखने को बेहतर बना पाने में |
• अधिकतम शैक्षिक उपयोधगता हेतु ------
अधिगम िामग्री का प्रस्त्तुतीकरि इि रूप में कक
अिफिता कम हाथ िगे|
िही अनुकिया /उत्तरों हेतु तेजी िे पुनबभिन प्राप्त हो|
अध्येता को स्त्ियां उिकी अपनी गनत िे िीखने का मौका
भमिे |
14. िूचना प्रकियाकरि का भिद्िाांत
Information processing theory.
• नए अनुिि ग्रहि करने,िमस्त्याओां का हि ढूढने
और अपने व्यिहार में अपेक्षित पररितभन िेन हेतु
व्यक्क्त ककिी विशेष प्राप्त िूचनाओां का क्जि ढांग
िे प्रकियाकरि करते हैं उिी आिार पर अधिगम के
क्जन महत्िपूिभ भिद्िाांतों को विकभित ककया गया है
,उन्हें ही िूचना प्रकियाकरि भिद्िाांत का नाम हदया
गया है |
• महत्िपूिभ चरि इि रूप में होते हैं----
Input---------processing----------output
15. 3 stages information processing
theory
• Sensory registry level.
• Short term memory level.
• Long term memory level.
16. िूचना प्रकिया भिद्िाांत के शैक्षिक ननहहताथभ
• शाक्ददक/अशाक्ददक प्रकियाकरि तिी िांिि है जब इिे
िाथभक खण्डों/इकाईयों में बााँट भिया जाये|
• अध्येता को इि बात में मदद की जानी चाहहए कक
कौन िी िामग्री अधिक महत्िपूिभ,कम महत्िपूिभ है
• पूिभ अधिगम िे नए के िम्बन्ि बताने पड़ते हैं ताकक
प्रकियाकरि अच्छे िे हो िके |
• अधिगम िामग्री व्यिक्स्त्थत एिां िमबद्ि ढांग िे
िांगहित हो|
• विद्याथी ककिी िूचनाओां को त्रबना िोचे-िमझे रटने की
िजाय उन्हें अच्छे िे िमझते हुए प्रकियाकरि करने में
विश्िाि रखें|
17. मैस्त्िो के मानििादी भिद्िाांत
• महत्वपूणग ----
मानव को मानव जैिे स्त्वाभाववक व्यवहार में
िांसलप्त होना चादहए ,न कक यन्र जैिा |
मानव तनम्न आवश्यकताओां को पूरा करते हुए
अपनी उच्च आवश्यकताओां को पूरा करता है
Basic needs to high needs ?
Survival needs to developmental needs?
िीखना इिसलए नहीां हो की इिके पीछे कोई
पुरस्त्कार है ,बस्कक िीखना आत्मवववेचना (self
actulization) को बढ़ावा िेती हो|
18. मैस्त्िो भिद्िाांत के शैक्षिक ननहहताथभ
िीखने की प्रकिया (TLP)में बाि-के क्न्ित उपागम को
महत्ि हदया जाना चाहहए |
बच्चे को आदेशात्मक/डााँटना/डपटना मानिीय भशिा
का आिार न हो,
मानिीय िमता,मूल्य,विकाि पर पूरा ध्यान हदया
जाना चाहहए |
आत्म िम्मान/प्रनतष्िा/रिा के उधचत अििर प्रदान
ककये जाने चाहहए |