2. I do not understand….
Proverbs 30:18, 19
Genesis 29:20
2
3. Separated Samson
• Judges 13:4, 5 – Separated & Consecrated
Deliverer
• Judges 13:25 & 16:31 – Not to be buried, but
to deliver
Are you sensitive to
Spirit’s stirring?
3
4. Samson are you really Strong?
• Judges 14:1,3b – She pleases me
• He “saw” love at first sight
• 15:2 – “prettier than she”
• 16:1 – a prostitute
• 16:4 – fell in love with Delilah
• 16:9 – Samson’s loses his strength
4
14. THE MOMENT OF CRISIS
1. LOSS OF
RELATIONSHIP
2. LOSS OF
FAMILY
3. LEGAL TROUBLE
4. LOSS OF EDUCATION / JOB
5. PUBLIC HUMILIATION
6. VICTIMIZATION
7. BREAKDOWN
IT IS USUALLY IN
TIMES LIKE THIS
THAT ADDICTS
ADMIT THAT THEIR
SEXUAL BEHAVIOR
IS OUT OF CONTROL
14
17. 2 Samuel 12:20
तब दाऊद भूमि पर से उठा, और
नहाकर तेल लगाया, और वस्त्र
बदला; तब यहोवा के भवन िें जाकर
दणडवत् की; फिर अपके भवन िें
आया; और उसकी आज्ञा पर रोटी
उसको परोसी गई, और उस ने भोजन
फकया।
17
18. 2 Samuel 12:20
Then David rose from the
ground, washed, anointed
himself, and changed his
clothes. He went into the
house of the Lord, and
worshipped…
18
19. Rise Up
• Rise up from your situation
• Spend time in prayer & worship
• Be washed in the blood of Jesus Christ
• Receive a fresh anointing of the Holy Spirit
• Change everything that needs to be changed
19
23. मत्ती / Matthew 22:37, 38
“तू परिेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे
मन और अपने सारे प्राण और अपनी
सारी बुद्धि के साथ प्रेि रख।
बडी और िुख्य आज्ञा तो यही है।”
23
24. मत्ती / Matthew 10:37
“जो िाता या पपता को िुझ से
अधिक पप्रय जानता है, वह िेरे योग्य
नहीीं और जो बेटा या बेटी को मुझ
से अधिक प्रप्रय जानता है, वह मेरे
योग्य नहीं।”
24
29. Knowing Your Purpose & Will of God
helps you to rightly Choose YOUR
• Course of Study
• Career
• Close Friends
• Companion (Life Partner)
29
30. रोममयो / Romans 8:28
“हि्जानते्हैं, फक्जो्लोग्परिेश्वर्
से्प्रेि्रखते्हैं, उन्के ्मलये सब्
बातें्मिलकर्भलाई्ही्को्उत्पन्न्
करती्है; अथाात्उन्हीीं्के ्मलये्जो
उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए
हैं।”
30
35. 1 तीमुधियुस / 1 Tim 4:12
“कोई तेरी जवानी को तुच्छ न
समझने पाए; पर वचन, और चाल
चलन, और प्रेि, और पवश्वास,
और पपवरता िें प्रवश्वामसयों के
मलये आिर्व बन जा।”
35
36. नीनतवचन / Prov 31:10, 30
“भली पत्नी कौन पा सकता है? क्योंफक्उसका्
िूल्य्िूींगो्से्भी्बहुत्अधिक्है।्उस के ्पतत्
के ्िन्िें्उस्के ्प्रतत्पवश्वास्है।
र्ोभा तो झूठी और सुथिरता व्यिव है, परथतु
जो स्त्री यहोवा का भय मानती है, उसकी
प्रर्ंसा की जाएगी।”
36
41. उत्पप्रत्त / Genesis 24:3, 4
“और िुझ से आकाश और पृथ्वी के
परिेश्वर यहोवा की इस पवषय िें शपथ
खा, फक तू िेरे पुर के मलये कनातनयों की
लडफकयों िें से जजनके बीच िैं रहता हूीं,
फकसी को न ले आएगा। परन्तु तू िेरे
देश िें िेरे ही कु टुजबबयों के पास जा कर
िेरे पुर इसहाक के मलये एक पत्नी ले
आएगा।”
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42. 2 कु ररन्थियों / 2 Cor 6:14-16
“अप्रवश्वामसयों के साि असमान जूए में न जुतो,
क्योंकक िाममकव ता और अिमव का क्या मेल जोल?
या ज्योनत और अथिकार की क्या संगनत?
और्िसीह्का्बमलयाल्के ्साथ्क्या्लगाव? या्
पवश्वासी्के ्साथ्अपवश्वासी्का्क्या नाता?
और्िूरतों्के ्साथ्परिेश्वर्के ्िजन्दर्का्क्या्
सबबन्ि? क्योंफक्हि्तो्जीवते्परिेश्वर्का्
िजन्दर्हैं; जैसा्परिेश्वर्ने्कहा्है्फक्िैं्उन्िें्
बसूींगा्और्उन्िें्चला्फिरा्करीं गा; और्िैं्उन्
का्परिेश्वर्हूींगा, और्वे्िेरे्लोग्होंगे।
42