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िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
3
प रचय
िकताब का नाम :------------------------------------------------ ज़कात
लेखक का नाम :--------क़ाज़ी उल क़ु ज़ात मसीहे िम लत मुह मद अनवर आलम
वािलद का नाम:----------------------------------- मुह मद अ बास आलम
िख़लाफत :----------------------------------------------- सलािसले अरबा
रहाइश :-------------------------------- मीरा रोड मुंबई ठाणे महारा भारत
मु कमल िडज़ाइन------सूफ शमशाद आलम(जानशीने हज़ूर मसीहे िम लत)
िहंदी टाइिपंग:----------------------------------- अली अकबर (सु तानपुर)
काशक :-------दा ल उलूम फैज़ाने मु तफा एजूके ल ट, मीरा रोड मुंबई
तबाअत:-----फै ज़ाने मु तफा अकेडमी,मकज़ुल (मराक ज़ बाबुल इ म जनरल लाइ ेरी
छपाई :------------------(05/04/2022--रजबुल मुर जब -1442-िहजरी )
सहायक :----सै यद ताहा िच ती, मोलाना मुनीम,हािफज अली अकबर,फरदीन कादरी,अ दुल रहमान,
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
4
मुक़ मा
अ ह दु-िल लाह आज मने एक ऐसे मौज़ु पर क़लम
उठाया जो बहत ज़ री था और उसका नाम ज़कात रखा
इ लाम म ज़कात हर मालदार सािहबे िनसाब पर फ़ज़ है
ज़कात क माशत हैिसयत एक मुक मल और जामे
िनज़ाम क है अगर सािहबे िनसाब ज़कात देना शु कर दे
तो मुसलमान मआशी तौर पर खुशहाल हो सकते ह और
इस का ़
िबल हो सकते ह िक िकसी ग़ैर से क़ज़ क भीख ना
मांगे और ज़कात अदा करने क वजह से बहैिसयते मजमूई
मुसलमान सूद क लानत से बच सकते ह ||
आमीन िबजाहे सै यदुल मुसलीन व आिलही ािहरीन
मोह मद अनवर आलम इ ने अ बास
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
5
ज़कात क फजी ़
लत
कु़रान करीम म अ लाह ताला ने तक़रीबन 32 मक़ामात
पर नमाज़ के साथ ज़कात को िज़ फरमाया है। िजससे
उसक अहिमयत मालूम हो सकती है। और नबी पाक
स ल लाह ताला अलैिह वा आिलही वा औलािदही
वस लम क कई बेशुमार अहादीस म ज़कात क
फजी ़
लत तरग़ीब और अफािदयत को उजागर िकया गया
है । मालूम यह हआ िक ज़कात को दीन म बहत
अहिमयत दी गई है । और ज़कात अदा न करने वाल को
स त अज़ाब क वईद क गई है । एक हदीस मुलािहजा ़
हो हज़रत अ दु लाह िबन मसऊद रिज़ अ लाह अ ह
आप अलैिह सलाम का इरशाद नक़ल फरमाते ह । िक जो
श स अपने माल क ज़कात अदा नह करता क़यामत के
िदन उसका माल गंजे सांप क शकल म उसक गदन म
डाल िदया जाएगा । (रिव कहते ह िक िफर आप
स ल लाह ताला अलैिह वा आिलही वा औलािदही
वस लम ने क़ुरान पाक क आयत का िम दाक़ हम
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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समझाया और यह आयत ितलावत क िजस का तजुमा
यह है ।) और हरिगज़ ख़याल ना कर ऐसे लोग जो ऐसी
चीज़ म बो ल करते ह जो अ लाह ने उनको अपने फ ल
से दी है। िक यह बात कुछ उनके िलए अ छी होगी बि क
यह बात उनक बहत बुरी है। वह लोग क़यामत के रोज़
तौक़ पहना िदए जाएंगे उसका िजसम उ ह ने बो ल िकया
था ।
सािहबे िनसाब कौन है ?
िजस मद या औरत िमि कयत म साढ़े 7 तोला सोना या
साढ़े 52 तोला चांदी या नक़दी माल या ितजारत का
सामान या ज़ रत से ज़ायद सामान म से कोई एक चीज़
या इन पांच चीज़ या बाज़ का मजमुआ साढ़े 52 तोला
चांदी क क ़
मत के बराबर हो तो ऐसे मद और औरत को
सािहबे िनसाब कहा जाता है।
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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वािजब होने क शरायत
(1) मुसलमान होना
(2) िनसाब का पूरा होना
(3) आिक़ल बािलग़ होना
(4) उस पर साल गुज़र जाए
ज़कात क
े चंद अहम मसाएल
अगर िकसी क आमदनी काफ है लेिकन वह मक़ ज है
और ख़चा यादा होने क वजह से क़ज़ अदा करने पर
का ़
िदर नह तो ऐसे आदमी पर ज़कात वािजब नह ।
ज़कात के मुताि लक़ इंतेहाई अहम मालूमात और हर
तबके़ मसलन आम लोग, तािजर, ज़मीन दार और जानवर
पालने वाल के िलए अ लाह के वा ते खुद भी पढ़ और
दूसर तक पहंचाने का फज़ अदा कर ।। जज़ाक अ लाह ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
8
1 लाख = 2500
2 लाख =5000
3 लाख = 7500
4 लाख = 10000
5 लाख = 12500
6 लाख = 15000
7 लाख = 17500
8 लाख = 20000
9 लाख = 22500
10 लाख = 25000
20 लाख = 50000
30 लाख = 75000
40 लाख = 1 लाख
50 लाख = 125000
1 करोड़ = 250000
2 करोड़ = 5 लाख
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
9
हम ज़कात क
ै से अदा कर?
अ सर मुसलमान रमज़ान-उल-मुबारक म ज़कात अदा
करते ह । इसिलए अ लाह क तौफ क़ से यह तहरीर पढ़ने
के बाद आप इस क़ािबल हो जाएंगे िक आप जान सक :-
* सोना चांदी
* ज़मीन क पैदावारी
* माल तेजारत
* जानवर
* लाट
* िकराया पर िदए गए मकान
* गािड़य
* और दुकान वगैरा क जकात कै से अदा क जाती है
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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(1) ज़कात का इनकार करने वाला कािफर है (हा मीम
सजदा आयत नंबर 6 और 7)
(2) ज़कात अदा ना करने वाले को कयामत के िदन स त
अजाब िदया जाएगा। (सूरह तौबा 34 और 35)
(3) ज़कात अदा ना करने वाली कौम कहता साली
का तकार हो जाती है। (ितबरानी)
(4) ज़कात का मुनिकर जो ज़कात अदा नही करता उसक
नमाज़, रोज़ा, हज सब बेकार हो जाती ह ।
(5) ज़कात अदा करने वाले कयामत के िदन हर िक म के
गम और खौफ़ से महफूज ह गे । (सूरह बकरा 277)
(6) ज़कात क अदाएगी गुनाह का क फारा और दरकात
क बुलंदी का बहत बड़ा ज़ रया है । (सूरह तौबा 103)
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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ज़कात का ह म
हर मालदार मुसलमान मद हो या औरत पर ज़कात वािजब
है । वाह वह बािलग हो या ना बािलग, आिकल हो या
गैर आिकल ।। बशत यह िक वह सािहबे नेसाब हो ।।
* नोट :- सूद, र त, चोरी, डकैती और दीगर हराम तरीक़े
से कमाया हआ माल उनसे ज़कात देने का िब कुल
फायदा नही होगा ।। िसफ हलाल कमाई से दी गई ज़कात
क़ािबले क़ुबूल है।।
ज़कात िकतनी चीज़ पर फज़ है?
ज़कात चार चीज़ पर फ़ज़ है
(1) सोना चांदी
(2) ज़मीन क पैदावार
(3) माले तेजारत
(4) जानवर
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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सोने क ज़कात
87 ाम जानी साढ़े सात तोला सोना पर ज़कात वािजब है।
(इ ने माजा िज द न बर 1 सफा नंबर 1448)
*नोट :- सोना महफूज़ जगह हो या इ तेमाल म हर पर
ज़कात वािजब है ।।
( सुनन अबु दाऊद िकताब-उज़-ज़कात और देिखए हािकमे
जुज़ अ वल सफा नंबर 390) (फतहल बारी जुज़ 4, सफा न०
13)
चांदी क ज़कात
612 ाम यानी साढ़े 52 तोला चांदी पर ज़कात वािजब
है। इससे कम वज़न पर नह है ।। (इ ने माजा)
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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ज़कात क शरह
ज़कात क शरह िबलहज़ क़ मत या िबलहाज़ वज़न
अढ़ाई फ सद है ।। (सही बुखा ़
री िकताब-उज़-ज़कात)
ज़मीन क पैदावार पर ज़कात
मसनूई ज़राय से सैराब होने वाली ज़मीन क पैदावार अगर
5 व क़ से यादा है यानी (725 िकलो ाम तक़रीबन
अ ारह मन) है तो ज़कात यानी (अ ) बीसवां िह सा देना
होगा वरना नह ।।
क़ुदरती ज़राय से सैराब होने वाली पैदावार पर शरह ज़कात
दसवां िह सा है। देिखए (सही बुख़ारी िकताब-उज़-ज़कात)
नोट :- ज़रई ज़मीन वाले अफराद गंदुम, म क , चावल,
बाजरा, आलू, सूरज मुखी, कपास, ग ना और दीगर िक़ म
क पैदावार से ज़कात यानी (अ ) बीसवां िह सा हर
पैदावार से िनकाल।।
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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ऊँ ट क ज़कात
पांच ऊ
ँ ट क ज़कात एक बकरी और दस ऊ
ँ ट क ज़कात
दो बक रयां ह पांच से कम ऊ
ँ ट पर ज़कात नह |
(सही बुखारी िकताब-उज़-ज़कात)
भस और गाय क ज़कात
30 गाय पर एक बकरी ज़कात है |
40 गाय पर दो साल से बड़ा बछड़ा ज़कात है |
(ितरिमज़ी िज द न० 1, सफा न०-509)
भस और गाय क ज़कात क शरह भी गाय क ज़कात
क तरह है |
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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भेड़ और बक रय क ज़कात
40 से लेकर 120 भेड़ और बक रय पर एक बकरी ज़कात
ह ||
120 से लेकर 200 तक दो बक रयां ज़कात है ||
(सही बुख़ारी िकताब-उज़-ज़कात)
40 से कम बक रय पर ज़कात नह है ||
िकराया पर िदए गए मकान पर ज़कात
िकराया पर िदए गए मकान पर ज़कात तो नह है लेिकन
उसका िकराया साल भर जमा होता रहे जो नेसाब तक
पहँच जाए तो िफर उस िकराए पर ज़कात वािजब है | अगर
िकराया साल भर पूरा होने से पहले खच हो जाये तो िफर
ज़कात नह | शरह अढ़ाई फ सद होगी |
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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गािड़य पर ज़कात
िकराया पर चलने वाली गािड़य पर ज़कात नह है बि क
उसके िकराया पर है वह भी इस शत के साथ िक िकराया
साल भर जमा होता रहे और नेसाब तक पहँच जाए |
नोट :- घरेलू इ तेमाल गािड़य , जानवर , िहफाज़ती
हिथयार और मकान वगैरह पर ज़कात नह | (सही
बुखारी)
सामाने ितजारत पर ज़कात
दुकान िकसी भी िक़ म क हो उसके सामाने ितजारत पर
ज़कात देना वािजब है इस शत के साथ िक वह माल
नेसाब को पहँच जाए | और उस पर एक साल गुज़र जाए ||
नोट :- दुकान के तमाम माल का िहसाब करके उसका
चालीसवां िह सा ज़कात द यानी दुकान क उस आमदनी
पर ज़कात नह जो साथ साथ खच होती रहे | िसफ उस
आमदनी पर ज़कात देना होगा जो बक वगैरह म पूरा साल
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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पड़ी रही और वह पैसे इतने हो िक उनसे साढ़े बावन तोला
चांदी खरीदी जा सके ||
लाट या ज़मीन पर ज़कात
जो लाट मुनाफे हािसल करने के िलए खरीदा हो उस पर
ज़कात होगी ज़ाती इ तेमाल के िलए खरीदा गया लाट या
ज़मीन पर ज़कात नह है ||
(सुनन अबी दाउद िकताब-उज़-ज़कात हादेस नंबर 1562)
िकस िकस को ज़कात दी जा सकती
है?
माँ-बाप और औलाद के अलावा सब ज़कात के
मुसतिहक़ मुसलमान को ज़कात दी जा सकती | वािलदैन
और औलाद परर अ ल माल खच कर ज़कात नह ||
नोट :- माँ-बाप म दादा-दादी, नाना-नानी और औलाद म
पोते-पोितयाँ, नवासे-नवािसयाँ भी शािमल ह | (इ ने बाज़)
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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ज़कात क
े मुसतिहक़ लोग
(1) मसाक न (हाजत मंद)
(2) ग़रीब
(3) ज़कात उसूल करने वाले
(4) मक़ ज़
(5) गैर मुि लम जो इ लाम के िलए नरम गोशा रखता हो |
(6) क़ै दी
(7) मुजािहदीन
(8) मुसािफर
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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सवाल जवाब
(1) ज़कात का लु वी माना बताइये?
* पाक और बढ़ौ ी के ह |
(2) ज़कात क शरई तारीफ़ क िजए?
* माल मखसूस का मखसूस शराएत के साथ िकसी
मुसतिहक़ ज़कात को मािलक बनाना |
(3) िकतना सोना हो तो ज़कात फ़ज़ होती है?
* साढ़े सात टोला हो या उससे यादा हो |
(4) िकतनी चांदी हो तो ज़कात फ़ज़ है?
* साढ़े बावन तोला चांदी हो या उससे यादा हो |
(5) िकतना पया हो तो ज़कात फ़ज़ होती है?
* उसक मािलयत साढ़े बावन तोला चांदी के बराबर हो |
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(6) िकतना माले ितजारत हो तो ज़कात फ़ज़ होती है?
* उसक मािलयत साढ़े बावन तोला चांदी के बराबर हो |
(7) अगर कुछ सोना कुछ चांदी है, या कुछ सोना कु छ
नक़द पया है, या कुछ चांदी कुछ माले ितजारत है उनको
िमलाकर देखा जाए तो साढ़े बावन तोला चांदी क
मािलयत बनती है तो या उस सूरत म ज़कात फ़ज़ है या
नह ?
* फ़ज़ है ||
(8) चरने वाले मवेिशय पर भी ज़कात फ़ज़ है या नह ?
* फ़ज़ है ||
(9) अशरी ज़मीन क पैदावार पर भी ज़कात फ़ज़ है या
नह ?
* फ़ज़ है ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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(10) एक सािहबे नेसाब श स को दरिमयान साल म 25
हज़ार क भी आमदनी हई तो यह 25 हज़ार भी अमवाले
ज़कात म शािमल िकए जायगे या नह ?
* शािमल िकये जायगे ||
(11) सेनअत कार के पास दो िक़ म का माल होता है एक
खाम माल जो चीज़ क तैयारी म काम आता है और
दूसरा तैयार शुदा माल इन दोन िक़ म के माल पर ज़कात
फ़ज़ है या नह ?
* फ़ज़ है ||
(12) मशीनरी और दीगर वह चीज़ िजनके ज़ रया माल
तैयार िकया जाता है उन पर ज़कात है या नह ?
* ज़कात है ||
(13) इ तेमाल वाले ज़ेवरात पर ज़कात है या नह ?
* ज़कात है ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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(14) ज़कात अं ेज़ी महीन के िहसाब से या िहजरी
(क़मरी) महीन के िहसाब से िनकाली जायेगी?
* क़मरी िहसाब से िनकाली जायेगी ||
(15) लाट अगर इस िनयत से से िलया गया था िक
उसको फ़रो त करग उस पर ज़कात वािजब होगी या नह ?
* वािजब होगी ||
(16) लाट खरीदते व त तो फ़रो त करने क िनयत नह
थी लेिकन बाद म फ़रो त करने का इरादा हो गया तो उस
पर ज़कात वािजब होगी या नह ?
* जब फ़रो त कर िदया जाए और रक़म पर एक साल
गुज़र जाए तब ज़कात फ़ज़ है अगर पहले से सािहबे नेसाब
है तो यह रक़म नेसाब म िमल जायेगी |
(17) जो लाट रहाइशी मकान के िलए खरीदा गया हो
उस पर ज़ाकत है या नह ?
* नह ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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(18) अगर लाट का खरीदो फ़रो त का कारोबार िकया
जाए और फ़रो त करने क िनयत से लाट खरीदा जाए तो
ज़कात िकस तरह से अदा क जायेगी?
* उनक कुल मािलयत पर ज़कात हर साल वािजब होगी |
(19) जो मकान िकराया पर िदया है उसक ज़कात का
या ह म है?
* उसके िकराया पर जबिक नेसाब को पहंचे तो ज़कात
वािजब होगी ||
(20) हज के िलए रखी हई रक़म पर ज़कात है या नह ?
* ज़कात वािजब है ||
(21) िकसी को हम ज़कात द और उसको बताएं नह तो
ज़कात अदा हो जायेगी या नै?
* अदा हो जायेगी ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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(22) मुलािज़म ने इज़ाफ़ तन वाह का मतालबा िकया तो
मािलक ने ज़कात क िनयत से इज़ाफा कर िदया या
उसक ज़कात अदा हई या नह ?
* ज़कात अदा नह हई ||
(23) या इनकम टै स अदा करने से ज़कात अदा हो
जाती है?
* ज़कात अदा नह होती ||
(24) अपनी मा-बाप और अपनी औलाद इसी तरह
शौहर-बीवी एक दूसरे को ज़कात दे सकते ह या नह ?
* नह ||
(25) जो लोग खुद सािहबे नेसाब हो उनको ज़कात देना
जाएज़ है या नह ?
* नह ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
25
(26) आंहज़रत स ल लाह अलैिह व आिलही व
औलािदही व बा रक वसि लम के खानदान (हाशमी
हज़रात) को ज़कात दे सकते ह या नह ?
* नह ||
(27) अपने भाई-बहन, चाचा, भतीजे, मामूं, भांजे को
ज़कात देना जाएज़ है या नह ?
* जाएज़ अगर मुसतिहक़ ह ||
(28) आंहज़रत स ल लाह अलैिह व आिलही व
औलािदही व बा रक वसि लम के खानदान यानी : आले
अली, आले अक़ ल, आले जाफ़र, आले अ बास और
आले हा रस िबन अ दुल मु िलब इन पांच बुजुग क
न ल से हो तो या उनको ज़कात दे सकते ह या नह ?
* नह दे सकते ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
26
(29) अगर सै यद ग़रीब और ज़ रत मंद हो तो उनक
िखदमत कै से करनी चािहए?
* ज़कात और सदक़ात के अलावह दूसरे फंड से िखदमत
कर सकते ह ||
(30) सादात को ज़कात य नह दे सकते?
* ज़कात लोग के माल का मैल है ||
(31) सै यद क गैर सै यदिबय जो ज़कात क मुसतिहक़
हो ज़कात दी जा सकती है या नह ?
* उसको ज़कात दे सकत ह ||
(32) मालदार बीिवय का ग़रीब शौहर बीवी के अलावा
दूसरे से ज़कात ले सकता है या नह ?
* ले सकता है ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
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(33) गैर मुि लम को न ली सदक़ा दे सकते ह या वह
ज़कात और सदक़ा-ए-िफ़ के भी मुसतिहक़ ह या नह ?
* नह ||
(34) मदा रसे अरिबया म ज़कात देना जाएज़ है या नह ?
* बेहतर है जो दीन क अशाअत के िलए हो ||
(35) सािहबे नेसाब लोग भी खुद को िम क न ज़ािहर
करके ज़कात हािसल कर लेते ह उसका या ह म है?
* उसको ज़कात लेना हराम है ||
(36) चंद उसूल करने वाले को ज़कात से मुक़ररा िह सा
देना जाएज़ है या नह ?
* जाएज़ नह है ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
28
(37) ज़मीन बा रश के पानी से सैराब होती है तो पैदावार
उठने के व त उस पर िकतना िह सा अ लाह ताला के
रा ते म देना वािजब है?
* दसवां िह सा ||
(38) अगर ज़मीन को खुद सैराब िकया जाता है तो उसक
पैदावार का िकतना िह सा सदक़ा करना वािजब है?
* बीसवां िह सा ||
(39) एक मु क क करसी से ज़कात अदा करके दूसरे
मु क भेजा जाए तो ज़कात क अदाएगी का एतेबार िकस
मु क क करसी का होगा?
* िजस मु क क करसी से ज़कात अदा क गई ||
(40) रहाइश, घर, िज म के कपड़े, घर के सामान, सवारी
म ज़कात फ़ज़ है या नही?
* नही ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
29
(41) जवाहर जैसे मोती, याकूत और ज़बर जद पर ज़कात
फ़ज़ है या नही जबिक वह ितजारत के िलए ना हो?
* नह ||
(42) ज़कात क अदाएगी कब वािजब होगी?
* नेसाब पर क़मरी साल का गुज़रना शत है ||
(43) अगर साल के शु म नेसाबे कािमल हो िफर साल
के दरिमयान कम हो जाए लेिकन नेसाब से कम ना हो िफर
साल के आखीर म नेसाब कािमल हो तो उसम ज़कात
वािजब होगी या नह ?
* वािजब होगी ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
30
(44) एक श स शु साल म मािलके नेसाब हो गया
दरिमयान साल म उस माल म और एज़ाफा हो गया
एज़ाफा ितजारत से हआ हो या िकसी ने तोहफा या हिदया
िदया हो या मीरास का माल िमला हो बहर हाल माल म
एज़ाफा हो गया अब पूरे माल पर ज़कात वािजब होगी या
शु साल के माल पर वािजब होगी या नह ?
* पूरे माल पर वािजब होगी ||
(45) जो श स अपने तमाम माल को सदक़ा कर दे और
उसम ज़कात क िनयत ना करे तो उससे ज़कात सािकत हो
जायेगी या नह ?
* सािकत हो जाएगी ||
(46) अगर िकसी श स का फक़ र के पास क़ज़ हो और
वह ज़कात क िनयत से उसके िज़ मा को बरी कर दे तो
ज़कात क अदाएगी सही होगी या नह ?
* अदाएगी सही नह होती ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
31
(47) सोना चांदी क ज़कात म सोना और चांदी का
टुकड़ा वज़न से िनकाले या क मत अदा करे इसका
इि तयार है या नह ?
* इि तयार है ||
(48) मसा रफ ज़कात म फ़क़ र िकसे कहते ह?
* वह श स होता है जो नेसाब से कम का मािलक होता है
||
(49) मसा रफे ज़कात म िम क न िकसे कहते ह?
* जो िबलकुल िकसी चीज़ का मािलक ना हो ||
(50) मसा रफे ज़कात म आिमल िकसे कहते ह?
* वह श स होता है जो ज़कात और अ को इख ा
करता है | और इ लामी हकूमत क तरफ से मुक़ रर करदा
हो ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
32
(51) मसा रफे ज़कात म मक़ ज़ िकसे कहते ह?
* यह वह श स है िजस के िज़ मा क़ज़ हो अपने क़ज़ क
अदाएगी के बाद नेसाबे कािमल का मािलक ना रह जाता
हो ितजारती क़ज़ का मसला अलग है|
(52) मस रफे ज़कात म मुसािफर िकसे कहते ह?
* िजसका अपने वतन म माल हो लेिकन उसका माल
सफ़र म ख़ म हो चूका हो और मंगवाने का ज़ रया भी ना
हो ||
(53) मुसािफर पर ज़कात क िकतनी रक़म खच करना
दु त है?
* इतनी िमक़दार िसफ क जाएगी िक वह अपने वतन
पहँच सके ||
(54) ज़कात क तमाम िक़ म पर ज़कात िसफ करना
जाएज़ है या िकसी एक िक़ म पर िसफ करना जाएज़ है?
* दोन जाएज़ है ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
33
(55) कािफर को ज़कात देना जाएज़ है या नह ?
* जाएज़ नह ||
(56) मालदार को ज़कात देना जाएज़ है या नह ?
* जायज़ नह ||
(57) मालदार ब चे पर ज़कात खचा करना जाएज़ है या
नह ?
* जाएज़ नह ||
(58) बनी हािशम और उनके गुलाम पर ज़कात खचा
करना जाएज़ है या नही?
* जाएज़ नह ||
(59) मािलके नेसाब का ज़कात को अपने उसूल पर जैसे
बाप, दादा ऊपर तक सफ़ (खचा) करना जाएज़ है या
नह ?
* जाएज़ नह ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
34
(60) मािलके नेसाब का अपने िफ़रोअ पर जैसा बेटा,
पोता नीचे तक ज़कात को सफ़ (खच) करना जाएज़ है या
नबी?
* जाएज़ नह है ||
(61) मािलके नेसाब बीवी शौहर पर और मािलके नेसाब
शौहर अपनी बीवी पर ज़कात सफ़ (खच) कर सकता है
या नह ?
* नह ||
(62) मि जद या मदरसा क तामीर या रा ता या पुल को
दु त करने म ज़कात खचा करना जाएज़ है या नह ?
* जाएज़ नह ||
(63) म यत को कफनाने या म यत के क़ज़ को पूरा करने
म सफ़ (खच) करना जाएज़ है या नह ?
* जाएज़ नह ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
35
(64) ज़कात क अदाएगी बगैर त लीक (मािलक बनाना)
के सही होती है या नह ?
* नह ||
(65) ज़कात र ता दार पर और िफर पड़ोिसय पर सफ़
(खच) करना जाएज़ है या नह ?
* बेहतर है ||
(66) मुक मल नेसाब के बक़ ज़कात एक श स को देना
दु त है या नह ?
* म ूहे तंज़ीही है ||
(67) मक़ ज़ पर उसके क़ज़ क अदाएगी के िलए नेसाब
से यादा सफ़ (खच) करना मक ह है या नह ?
* मक ह नह है ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
36
(68) बगैर ज़ रत के एक जगह से दूसरी जगह ज़कात को
मुंतिक़ल करना कै सा है?
* म ूहे तंज़ीही है ||
(69) अपने र तदार के िलए ज़कात का मुंतिक़ल करना
कैसा है?
* मक ह नह है ||
(70) मि जद या मदरसा क तामीर या रा ता या पुल के
दु त करने म ज़कात सफ़ (खच) जाएज़ है या नह ?
* जाएज़ नह ||
(71) एक श स जो ज़कात का मुसतिहक़ नह है लेिकन
वह डा टर बनना चाहता है या उसको ज़कात दी जा
सकती है या नह ?
* सदक़ाते नािफ़ला से उसक मदद क जा सकती है |
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
37
(72) अगर ज़कात िकसी ग़रीब गैर मुि लम को दे दी जाए
तो अदा हो जायेगी या नह ?
* ज़कात अदा ना होगी ||
(73) या अपने मुसतिहक़ ज़कात भाई को ज़कात क
रक़म दी जा सकती है?
* दी जा सकती है ||
(74) या मुसतिहक़ ज़कात चचेरे, ममेरे, खलेरे भाई को
या अपने भतीजे को ज़कात दे सकते ह या नह ?
* दे सकते ह ||
(75) या मदरसा के मोहतिमम या नािज़म को जो तलबा
के वक ल होते ह उनको ज़कात दी जा सकती है या नह ?
* दी जा सकती है बि क अफज़ल है ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
38
(76) ज़कात क अदाएगी के िलए सोने क क़ मत
फ़रो त का एतेबार होगा या क़ मत खरीद का?
* क़ मत फ़रो त ||
(77) सोने पर ज़कात मौजूदा क़ मत के िहसाब से होगी या
खरीदने के व त क क़ मत के िहसाब से होगी?
* मौजूदा क़ मत का एतेबार होगा ||
(78) या ज़कात मुसतिहक़ ज़कात अपने भांजे क
तालीम पर खच कर सकते ह या नह ?
* हाँ! मगर उसको दे दी जाए तािक वह मािलक बन जाए
||
(79) या ना बािलग बेटा या बेटी के माल पर भी ज़कात
देना फ़ज़ है?
* नह ||
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
39
(80) मि जद के इमाम या मोअि ज़न क महीन-वारी
तन वाह म शािमल कर सकते है या नह ?
* नह ||
(81) या लड़क ज़कात क रक़म अपने वािलदैन को दे
सकती है?
* नह ||
(82) या न ली सदक़ा का गो त सदक़ा करने वाला भी
खुद इ तेमाल कर सकता है?
* नह ||
(83) सदक़ाते वािजबा जैसे नज़र वगैरा का गो त या
सदक़ा देने वाला खुद भी खा सकता है?
* नह ||
शेअर कर || हम ज़कात कै से अदा कर?
िमन-जािनब – हज़ूर मसीहे िम लत
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
40
इससे यादा मालूमात हािसल करने के िलए बािनए दा ल
उलूम फैजा ़
ने मु तफा क़ाज़ी-उल-क़ु ज़ात हज़ूर मसीहे
िम लत मोह मद अनवर आलम साहब से रा ता कर ।
नाएब क़ाज़ी मोह मद सूफ़ शमशाद आलम
8451030343 अल-इ लाम इंटरनेशनल दा ल क़ु ज़ा
मीरा रोड मुंबई महारा इंिडया
िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात
41

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Zakat Book Hindi

  • 1. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 1
  • 2. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 2
  • 3. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 3 प रचय िकताब का नाम :------------------------------------------------ ज़कात लेखक का नाम :--------क़ाज़ी उल क़ु ज़ात मसीहे िम लत मुह मद अनवर आलम वािलद का नाम:----------------------------------- मुह मद अ बास आलम िख़लाफत :----------------------------------------------- सलािसले अरबा रहाइश :-------------------------------- मीरा रोड मुंबई ठाणे महारा भारत मु कमल िडज़ाइन------सूफ शमशाद आलम(जानशीने हज़ूर मसीहे िम लत) िहंदी टाइिपंग:----------------------------------- अली अकबर (सु तानपुर) काशक :-------दा ल उलूम फैज़ाने मु तफा एजूके ल ट, मीरा रोड मुंबई तबाअत:-----फै ज़ाने मु तफा अकेडमी,मकज़ुल (मराक ज़ बाबुल इ म जनरल लाइ ेरी छपाई :------------------(05/04/2022--रजबुल मुर जब -1442-िहजरी ) सहायक :----सै यद ताहा िच ती, मोलाना मुनीम,हािफज अली अकबर,फरदीन कादरी,अ दुल रहमान,
  • 4. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 4 मुक़ मा अ ह दु-िल लाह आज मने एक ऐसे मौज़ु पर क़लम उठाया जो बहत ज़ री था और उसका नाम ज़कात रखा इ लाम म ज़कात हर मालदार सािहबे िनसाब पर फ़ज़ है ज़कात क माशत हैिसयत एक मुक मल और जामे िनज़ाम क है अगर सािहबे िनसाब ज़कात देना शु कर दे तो मुसलमान मआशी तौर पर खुशहाल हो सकते ह और इस का ़ िबल हो सकते ह िक िकसी ग़ैर से क़ज़ क भीख ना मांगे और ज़कात अदा करने क वजह से बहैिसयते मजमूई मुसलमान सूद क लानत से बच सकते ह || आमीन िबजाहे सै यदुल मुसलीन व आिलही ािहरीन मोह मद अनवर आलम इ ने अ बास
  • 5. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 5 ज़कात क फजी ़ लत कु़रान करीम म अ लाह ताला ने तक़रीबन 32 मक़ामात पर नमाज़ के साथ ज़कात को िज़ फरमाया है। िजससे उसक अहिमयत मालूम हो सकती है। और नबी पाक स ल लाह ताला अलैिह वा आिलही वा औलािदही वस लम क कई बेशुमार अहादीस म ज़कात क फजी ़ लत तरग़ीब और अफािदयत को उजागर िकया गया है । मालूम यह हआ िक ज़कात को दीन म बहत अहिमयत दी गई है । और ज़कात अदा न करने वाल को स त अज़ाब क वईद क गई है । एक हदीस मुलािहजा ़ हो हज़रत अ दु लाह िबन मसऊद रिज़ अ लाह अ ह आप अलैिह सलाम का इरशाद नक़ल फरमाते ह । िक जो श स अपने माल क ज़कात अदा नह करता क़यामत के िदन उसका माल गंजे सांप क शकल म उसक गदन म डाल िदया जाएगा । (रिव कहते ह िक िफर आप स ल लाह ताला अलैिह वा आिलही वा औलािदही वस लम ने क़ुरान पाक क आयत का िम दाक़ हम
  • 6. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 6 समझाया और यह आयत ितलावत क िजस का तजुमा यह है ।) और हरिगज़ ख़याल ना कर ऐसे लोग जो ऐसी चीज़ म बो ल करते ह जो अ लाह ने उनको अपने फ ल से दी है। िक यह बात कुछ उनके िलए अ छी होगी बि क यह बात उनक बहत बुरी है। वह लोग क़यामत के रोज़ तौक़ पहना िदए जाएंगे उसका िजसम उ ह ने बो ल िकया था । सािहबे िनसाब कौन है ? िजस मद या औरत िमि कयत म साढ़े 7 तोला सोना या साढ़े 52 तोला चांदी या नक़दी माल या ितजारत का सामान या ज़ रत से ज़ायद सामान म से कोई एक चीज़ या इन पांच चीज़ या बाज़ का मजमुआ साढ़े 52 तोला चांदी क क ़ मत के बराबर हो तो ऐसे मद और औरत को सािहबे िनसाब कहा जाता है।
  • 7. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 7 वािजब होने क शरायत (1) मुसलमान होना (2) िनसाब का पूरा होना (3) आिक़ल बािलग़ होना (4) उस पर साल गुज़र जाए ज़कात क े चंद अहम मसाएल अगर िकसी क आमदनी काफ है लेिकन वह मक़ ज है और ख़चा यादा होने क वजह से क़ज़ अदा करने पर का ़ िदर नह तो ऐसे आदमी पर ज़कात वािजब नह । ज़कात के मुताि लक़ इंतेहाई अहम मालूमात और हर तबके़ मसलन आम लोग, तािजर, ज़मीन दार और जानवर पालने वाल के िलए अ लाह के वा ते खुद भी पढ़ और दूसर तक पहंचाने का फज़ अदा कर ।। जज़ाक अ लाह ||
  • 8. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 8 1 लाख = 2500 2 लाख =5000 3 लाख = 7500 4 लाख = 10000 5 लाख = 12500 6 लाख = 15000 7 लाख = 17500 8 लाख = 20000 9 लाख = 22500 10 लाख = 25000 20 लाख = 50000 30 लाख = 75000 40 लाख = 1 लाख 50 लाख = 125000 1 करोड़ = 250000 2 करोड़ = 5 लाख
  • 9. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 9 हम ज़कात क ै से अदा कर? अ सर मुसलमान रमज़ान-उल-मुबारक म ज़कात अदा करते ह । इसिलए अ लाह क तौफ क़ से यह तहरीर पढ़ने के बाद आप इस क़ािबल हो जाएंगे िक आप जान सक :- * सोना चांदी * ज़मीन क पैदावारी * माल तेजारत * जानवर * लाट * िकराया पर िदए गए मकान * गािड़य * और दुकान वगैरा क जकात कै से अदा क जाती है
  • 10. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 10 (1) ज़कात का इनकार करने वाला कािफर है (हा मीम सजदा आयत नंबर 6 और 7) (2) ज़कात अदा ना करने वाले को कयामत के िदन स त अजाब िदया जाएगा। (सूरह तौबा 34 और 35) (3) ज़कात अदा ना करने वाली कौम कहता साली का तकार हो जाती है। (ितबरानी) (4) ज़कात का मुनिकर जो ज़कात अदा नही करता उसक नमाज़, रोज़ा, हज सब बेकार हो जाती ह । (5) ज़कात अदा करने वाले कयामत के िदन हर िक म के गम और खौफ़ से महफूज ह गे । (सूरह बकरा 277) (6) ज़कात क अदाएगी गुनाह का क फारा और दरकात क बुलंदी का बहत बड़ा ज़ रया है । (सूरह तौबा 103)
  • 11. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 11 ज़कात का ह म हर मालदार मुसलमान मद हो या औरत पर ज़कात वािजब है । वाह वह बािलग हो या ना बािलग, आिकल हो या गैर आिकल ।। बशत यह िक वह सािहबे नेसाब हो ।। * नोट :- सूद, र त, चोरी, डकैती और दीगर हराम तरीक़े से कमाया हआ माल उनसे ज़कात देने का िब कुल फायदा नही होगा ।। िसफ हलाल कमाई से दी गई ज़कात क़ािबले क़ुबूल है।। ज़कात िकतनी चीज़ पर फज़ है? ज़कात चार चीज़ पर फ़ज़ है (1) सोना चांदी (2) ज़मीन क पैदावार (3) माले तेजारत (4) जानवर
  • 12. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 12 सोने क ज़कात 87 ाम जानी साढ़े सात तोला सोना पर ज़कात वािजब है। (इ ने माजा िज द न बर 1 सफा नंबर 1448) *नोट :- सोना महफूज़ जगह हो या इ तेमाल म हर पर ज़कात वािजब है ।। ( सुनन अबु दाऊद िकताब-उज़-ज़कात और देिखए हािकमे जुज़ अ वल सफा नंबर 390) (फतहल बारी जुज़ 4, सफा न० 13) चांदी क ज़कात 612 ाम यानी साढ़े 52 तोला चांदी पर ज़कात वािजब है। इससे कम वज़न पर नह है ।। (इ ने माजा)
  • 13. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 13 ज़कात क शरह ज़कात क शरह िबलहज़ क़ मत या िबलहाज़ वज़न अढ़ाई फ सद है ।। (सही बुखा ़ री िकताब-उज़-ज़कात) ज़मीन क पैदावार पर ज़कात मसनूई ज़राय से सैराब होने वाली ज़मीन क पैदावार अगर 5 व क़ से यादा है यानी (725 िकलो ाम तक़रीबन अ ारह मन) है तो ज़कात यानी (अ ) बीसवां िह सा देना होगा वरना नह ।। क़ुदरती ज़राय से सैराब होने वाली पैदावार पर शरह ज़कात दसवां िह सा है। देिखए (सही बुख़ारी िकताब-उज़-ज़कात) नोट :- ज़रई ज़मीन वाले अफराद गंदुम, म क , चावल, बाजरा, आलू, सूरज मुखी, कपास, ग ना और दीगर िक़ म क पैदावार से ज़कात यानी (अ ) बीसवां िह सा हर पैदावार से िनकाल।।
  • 14. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 14 ऊँ ट क ज़कात पांच ऊ ँ ट क ज़कात एक बकरी और दस ऊ ँ ट क ज़कात दो बक रयां ह पांच से कम ऊ ँ ट पर ज़कात नह | (सही बुखारी िकताब-उज़-ज़कात) भस और गाय क ज़कात 30 गाय पर एक बकरी ज़कात है | 40 गाय पर दो साल से बड़ा बछड़ा ज़कात है | (ितरिमज़ी िज द न० 1, सफा न०-509) भस और गाय क ज़कात क शरह भी गाय क ज़कात क तरह है |
  • 15. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 15 भेड़ और बक रय क ज़कात 40 से लेकर 120 भेड़ और बक रय पर एक बकरी ज़कात ह || 120 से लेकर 200 तक दो बक रयां ज़कात है || (सही बुख़ारी िकताब-उज़-ज़कात) 40 से कम बक रय पर ज़कात नह है || िकराया पर िदए गए मकान पर ज़कात िकराया पर िदए गए मकान पर ज़कात तो नह है लेिकन उसका िकराया साल भर जमा होता रहे जो नेसाब तक पहँच जाए तो िफर उस िकराए पर ज़कात वािजब है | अगर िकराया साल भर पूरा होने से पहले खच हो जाये तो िफर ज़कात नह | शरह अढ़ाई फ सद होगी |
  • 16. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 16 गािड़य पर ज़कात िकराया पर चलने वाली गािड़य पर ज़कात नह है बि क उसके िकराया पर है वह भी इस शत के साथ िक िकराया साल भर जमा होता रहे और नेसाब तक पहँच जाए | नोट :- घरेलू इ तेमाल गािड़य , जानवर , िहफाज़ती हिथयार और मकान वगैरह पर ज़कात नह | (सही बुखारी) सामाने ितजारत पर ज़कात दुकान िकसी भी िक़ म क हो उसके सामाने ितजारत पर ज़कात देना वािजब है इस शत के साथ िक वह माल नेसाब को पहँच जाए | और उस पर एक साल गुज़र जाए || नोट :- दुकान के तमाम माल का िहसाब करके उसका चालीसवां िह सा ज़कात द यानी दुकान क उस आमदनी पर ज़कात नह जो साथ साथ खच होती रहे | िसफ उस आमदनी पर ज़कात देना होगा जो बक वगैरह म पूरा साल
  • 17. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 17 पड़ी रही और वह पैसे इतने हो िक उनसे साढ़े बावन तोला चांदी खरीदी जा सके || लाट या ज़मीन पर ज़कात जो लाट मुनाफे हािसल करने के िलए खरीदा हो उस पर ज़कात होगी ज़ाती इ तेमाल के िलए खरीदा गया लाट या ज़मीन पर ज़कात नह है || (सुनन अबी दाउद िकताब-उज़-ज़कात हादेस नंबर 1562) िकस िकस को ज़कात दी जा सकती है? माँ-बाप और औलाद के अलावा सब ज़कात के मुसतिहक़ मुसलमान को ज़कात दी जा सकती | वािलदैन और औलाद परर अ ल माल खच कर ज़कात नह || नोट :- माँ-बाप म दादा-दादी, नाना-नानी और औलाद म पोते-पोितयाँ, नवासे-नवािसयाँ भी शािमल ह | (इ ने बाज़)
  • 18. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 18 ज़कात क े मुसतिहक़ लोग (1) मसाक न (हाजत मंद) (2) ग़रीब (3) ज़कात उसूल करने वाले (4) मक़ ज़ (5) गैर मुि लम जो इ लाम के िलए नरम गोशा रखता हो | (6) क़ै दी (7) मुजािहदीन (8) मुसािफर
  • 19. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 19 सवाल जवाब (1) ज़कात का लु वी माना बताइये? * पाक और बढ़ौ ी के ह | (2) ज़कात क शरई तारीफ़ क िजए? * माल मखसूस का मखसूस शराएत के साथ िकसी मुसतिहक़ ज़कात को मािलक बनाना | (3) िकतना सोना हो तो ज़कात फ़ज़ होती है? * साढ़े सात टोला हो या उससे यादा हो | (4) िकतनी चांदी हो तो ज़कात फ़ज़ है? * साढ़े बावन तोला चांदी हो या उससे यादा हो | (5) िकतना पया हो तो ज़कात फ़ज़ होती है? * उसक मािलयत साढ़े बावन तोला चांदी के बराबर हो |
  • 20. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 20 (6) िकतना माले ितजारत हो तो ज़कात फ़ज़ होती है? * उसक मािलयत साढ़े बावन तोला चांदी के बराबर हो | (7) अगर कुछ सोना कुछ चांदी है, या कुछ सोना कु छ नक़द पया है, या कुछ चांदी कुछ माले ितजारत है उनको िमलाकर देखा जाए तो साढ़े बावन तोला चांदी क मािलयत बनती है तो या उस सूरत म ज़कात फ़ज़ है या नह ? * फ़ज़ है || (8) चरने वाले मवेिशय पर भी ज़कात फ़ज़ है या नह ? * फ़ज़ है || (9) अशरी ज़मीन क पैदावार पर भी ज़कात फ़ज़ है या नह ? * फ़ज़ है ||
  • 21. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 21 (10) एक सािहबे नेसाब श स को दरिमयान साल म 25 हज़ार क भी आमदनी हई तो यह 25 हज़ार भी अमवाले ज़कात म शािमल िकए जायगे या नह ? * शािमल िकये जायगे || (11) सेनअत कार के पास दो िक़ म का माल होता है एक खाम माल जो चीज़ क तैयारी म काम आता है और दूसरा तैयार शुदा माल इन दोन िक़ म के माल पर ज़कात फ़ज़ है या नह ? * फ़ज़ है || (12) मशीनरी और दीगर वह चीज़ िजनके ज़ रया माल तैयार िकया जाता है उन पर ज़कात है या नह ? * ज़कात है || (13) इ तेमाल वाले ज़ेवरात पर ज़कात है या नह ? * ज़कात है ||
  • 22. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 22 (14) ज़कात अं ेज़ी महीन के िहसाब से या िहजरी (क़मरी) महीन के िहसाब से िनकाली जायेगी? * क़मरी िहसाब से िनकाली जायेगी || (15) लाट अगर इस िनयत से से िलया गया था िक उसको फ़रो त करग उस पर ज़कात वािजब होगी या नह ? * वािजब होगी || (16) लाट खरीदते व त तो फ़रो त करने क िनयत नह थी लेिकन बाद म फ़रो त करने का इरादा हो गया तो उस पर ज़कात वािजब होगी या नह ? * जब फ़रो त कर िदया जाए और रक़म पर एक साल गुज़र जाए तब ज़कात फ़ज़ है अगर पहले से सािहबे नेसाब है तो यह रक़म नेसाब म िमल जायेगी | (17) जो लाट रहाइशी मकान के िलए खरीदा गया हो उस पर ज़ाकत है या नह ? * नह ||
  • 23. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 23 (18) अगर लाट का खरीदो फ़रो त का कारोबार िकया जाए और फ़रो त करने क िनयत से लाट खरीदा जाए तो ज़कात िकस तरह से अदा क जायेगी? * उनक कुल मािलयत पर ज़कात हर साल वािजब होगी | (19) जो मकान िकराया पर िदया है उसक ज़कात का या ह म है? * उसके िकराया पर जबिक नेसाब को पहंचे तो ज़कात वािजब होगी || (20) हज के िलए रखी हई रक़म पर ज़कात है या नह ? * ज़कात वािजब है || (21) िकसी को हम ज़कात द और उसको बताएं नह तो ज़कात अदा हो जायेगी या नै? * अदा हो जायेगी ||
  • 24. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 24 (22) मुलािज़म ने इज़ाफ़ तन वाह का मतालबा िकया तो मािलक ने ज़कात क िनयत से इज़ाफा कर िदया या उसक ज़कात अदा हई या नह ? * ज़कात अदा नह हई || (23) या इनकम टै स अदा करने से ज़कात अदा हो जाती है? * ज़कात अदा नह होती || (24) अपनी मा-बाप और अपनी औलाद इसी तरह शौहर-बीवी एक दूसरे को ज़कात दे सकते ह या नह ? * नह || (25) जो लोग खुद सािहबे नेसाब हो उनको ज़कात देना जाएज़ है या नह ? * नह ||
  • 25. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 25 (26) आंहज़रत स ल लाह अलैिह व आिलही व औलािदही व बा रक वसि लम के खानदान (हाशमी हज़रात) को ज़कात दे सकते ह या नह ? * नह || (27) अपने भाई-बहन, चाचा, भतीजे, मामूं, भांजे को ज़कात देना जाएज़ है या नह ? * जाएज़ अगर मुसतिहक़ ह || (28) आंहज़रत स ल लाह अलैिह व आिलही व औलािदही व बा रक वसि लम के खानदान यानी : आले अली, आले अक़ ल, आले जाफ़र, आले अ बास और आले हा रस िबन अ दुल मु िलब इन पांच बुजुग क न ल से हो तो या उनको ज़कात दे सकते ह या नह ? * नह दे सकते ||
  • 26. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 26 (29) अगर सै यद ग़रीब और ज़ रत मंद हो तो उनक िखदमत कै से करनी चािहए? * ज़कात और सदक़ात के अलावह दूसरे फंड से िखदमत कर सकते ह || (30) सादात को ज़कात य नह दे सकते? * ज़कात लोग के माल का मैल है || (31) सै यद क गैर सै यदिबय जो ज़कात क मुसतिहक़ हो ज़कात दी जा सकती है या नह ? * उसको ज़कात दे सकत ह || (32) मालदार बीिवय का ग़रीब शौहर बीवी के अलावा दूसरे से ज़कात ले सकता है या नह ? * ले सकता है ||
  • 27. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 27 (33) गैर मुि लम को न ली सदक़ा दे सकते ह या वह ज़कात और सदक़ा-ए-िफ़ के भी मुसतिहक़ ह या नह ? * नह || (34) मदा रसे अरिबया म ज़कात देना जाएज़ है या नह ? * बेहतर है जो दीन क अशाअत के िलए हो || (35) सािहबे नेसाब लोग भी खुद को िम क न ज़ािहर करके ज़कात हािसल कर लेते ह उसका या ह म है? * उसको ज़कात लेना हराम है || (36) चंद उसूल करने वाले को ज़कात से मुक़ररा िह सा देना जाएज़ है या नह ? * जाएज़ नह है ||
  • 28. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 28 (37) ज़मीन बा रश के पानी से सैराब होती है तो पैदावार उठने के व त उस पर िकतना िह सा अ लाह ताला के रा ते म देना वािजब है? * दसवां िह सा || (38) अगर ज़मीन को खुद सैराब िकया जाता है तो उसक पैदावार का िकतना िह सा सदक़ा करना वािजब है? * बीसवां िह सा || (39) एक मु क क करसी से ज़कात अदा करके दूसरे मु क भेजा जाए तो ज़कात क अदाएगी का एतेबार िकस मु क क करसी का होगा? * िजस मु क क करसी से ज़कात अदा क गई || (40) रहाइश, घर, िज म के कपड़े, घर के सामान, सवारी म ज़कात फ़ज़ है या नही? * नही ||
  • 29. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 29 (41) जवाहर जैसे मोती, याकूत और ज़बर जद पर ज़कात फ़ज़ है या नही जबिक वह ितजारत के िलए ना हो? * नह || (42) ज़कात क अदाएगी कब वािजब होगी? * नेसाब पर क़मरी साल का गुज़रना शत है || (43) अगर साल के शु म नेसाबे कािमल हो िफर साल के दरिमयान कम हो जाए लेिकन नेसाब से कम ना हो िफर साल के आखीर म नेसाब कािमल हो तो उसम ज़कात वािजब होगी या नह ? * वािजब होगी ||
  • 30. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 30 (44) एक श स शु साल म मािलके नेसाब हो गया दरिमयान साल म उस माल म और एज़ाफा हो गया एज़ाफा ितजारत से हआ हो या िकसी ने तोहफा या हिदया िदया हो या मीरास का माल िमला हो बहर हाल माल म एज़ाफा हो गया अब पूरे माल पर ज़कात वािजब होगी या शु साल के माल पर वािजब होगी या नह ? * पूरे माल पर वािजब होगी || (45) जो श स अपने तमाम माल को सदक़ा कर दे और उसम ज़कात क िनयत ना करे तो उससे ज़कात सािकत हो जायेगी या नह ? * सािकत हो जाएगी || (46) अगर िकसी श स का फक़ र के पास क़ज़ हो और वह ज़कात क िनयत से उसके िज़ मा को बरी कर दे तो ज़कात क अदाएगी सही होगी या नह ? * अदाएगी सही नह होती ||
  • 31. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 31 (47) सोना चांदी क ज़कात म सोना और चांदी का टुकड़ा वज़न से िनकाले या क मत अदा करे इसका इि तयार है या नह ? * इि तयार है || (48) मसा रफ ज़कात म फ़क़ र िकसे कहते ह? * वह श स होता है जो नेसाब से कम का मािलक होता है || (49) मसा रफे ज़कात म िम क न िकसे कहते ह? * जो िबलकुल िकसी चीज़ का मािलक ना हो || (50) मसा रफे ज़कात म आिमल िकसे कहते ह? * वह श स होता है जो ज़कात और अ को इख ा करता है | और इ लामी हकूमत क तरफ से मुक़ रर करदा हो ||
  • 32. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 32 (51) मसा रफे ज़कात म मक़ ज़ िकसे कहते ह? * यह वह श स है िजस के िज़ मा क़ज़ हो अपने क़ज़ क अदाएगी के बाद नेसाबे कािमल का मािलक ना रह जाता हो ितजारती क़ज़ का मसला अलग है| (52) मस रफे ज़कात म मुसािफर िकसे कहते ह? * िजसका अपने वतन म माल हो लेिकन उसका माल सफ़र म ख़ म हो चूका हो और मंगवाने का ज़ रया भी ना हो || (53) मुसािफर पर ज़कात क िकतनी रक़म खच करना दु त है? * इतनी िमक़दार िसफ क जाएगी िक वह अपने वतन पहँच सके || (54) ज़कात क तमाम िक़ म पर ज़कात िसफ करना जाएज़ है या िकसी एक िक़ म पर िसफ करना जाएज़ है? * दोन जाएज़ है ||
  • 33. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 33 (55) कािफर को ज़कात देना जाएज़ है या नह ? * जाएज़ नह || (56) मालदार को ज़कात देना जाएज़ है या नह ? * जायज़ नह || (57) मालदार ब चे पर ज़कात खचा करना जाएज़ है या नह ? * जाएज़ नह || (58) बनी हािशम और उनके गुलाम पर ज़कात खचा करना जाएज़ है या नही? * जाएज़ नह || (59) मािलके नेसाब का ज़कात को अपने उसूल पर जैसे बाप, दादा ऊपर तक सफ़ (खचा) करना जाएज़ है या नह ? * जाएज़ नह ||
  • 34. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 34 (60) मािलके नेसाब का अपने िफ़रोअ पर जैसा बेटा, पोता नीचे तक ज़कात को सफ़ (खच) करना जाएज़ है या नबी? * जाएज़ नह है || (61) मािलके नेसाब बीवी शौहर पर और मािलके नेसाब शौहर अपनी बीवी पर ज़कात सफ़ (खच) कर सकता है या नह ? * नह || (62) मि जद या मदरसा क तामीर या रा ता या पुल को दु त करने म ज़कात खचा करना जाएज़ है या नह ? * जाएज़ नह || (63) म यत को कफनाने या म यत के क़ज़ को पूरा करने म सफ़ (खच) करना जाएज़ है या नह ? * जाएज़ नह ||
  • 35. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 35 (64) ज़कात क अदाएगी बगैर त लीक (मािलक बनाना) के सही होती है या नह ? * नह || (65) ज़कात र ता दार पर और िफर पड़ोिसय पर सफ़ (खच) करना जाएज़ है या नह ? * बेहतर है || (66) मुक मल नेसाब के बक़ ज़कात एक श स को देना दु त है या नह ? * म ूहे तंज़ीही है || (67) मक़ ज़ पर उसके क़ज़ क अदाएगी के िलए नेसाब से यादा सफ़ (खच) करना मक ह है या नह ? * मक ह नह है ||
  • 36. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 36 (68) बगैर ज़ रत के एक जगह से दूसरी जगह ज़कात को मुंतिक़ल करना कै सा है? * म ूहे तंज़ीही है || (69) अपने र तदार के िलए ज़कात का मुंतिक़ल करना कैसा है? * मक ह नह है || (70) मि जद या मदरसा क तामीर या रा ता या पुल के दु त करने म ज़कात सफ़ (खच) जाएज़ है या नह ? * जाएज़ नह || (71) एक श स जो ज़कात का मुसतिहक़ नह है लेिकन वह डा टर बनना चाहता है या उसको ज़कात दी जा सकती है या नह ? * सदक़ाते नािफ़ला से उसक मदद क जा सकती है |
  • 37. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 37 (72) अगर ज़कात िकसी ग़रीब गैर मुि लम को दे दी जाए तो अदा हो जायेगी या नह ? * ज़कात अदा ना होगी || (73) या अपने मुसतिहक़ ज़कात भाई को ज़कात क रक़म दी जा सकती है? * दी जा सकती है || (74) या मुसतिहक़ ज़कात चचेरे, ममेरे, खलेरे भाई को या अपने भतीजे को ज़कात दे सकते ह या नह ? * दे सकते ह || (75) या मदरसा के मोहतिमम या नािज़म को जो तलबा के वक ल होते ह उनको ज़कात दी जा सकती है या नह ? * दी जा सकती है बि क अफज़ल है ||
  • 38. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 38 (76) ज़कात क अदाएगी के िलए सोने क क़ मत फ़रो त का एतेबार होगा या क़ मत खरीद का? * क़ मत फ़रो त || (77) सोने पर ज़कात मौजूदा क़ मत के िहसाब से होगी या खरीदने के व त क क़ मत के िहसाब से होगी? * मौजूदा क़ मत का एतेबार होगा || (78) या ज़कात मुसतिहक़ ज़कात अपने भांजे क तालीम पर खच कर सकते ह या नह ? * हाँ! मगर उसको दे दी जाए तािक वह मािलक बन जाए || (79) या ना बािलग बेटा या बेटी के माल पर भी ज़कात देना फ़ज़ है? * नह ||
  • 39. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 39 (80) मि जद के इमाम या मोअि ज़न क महीन-वारी तन वाह म शािमल कर सकते है या नह ? * नह || (81) या लड़क ज़कात क रक़म अपने वािलदैन को दे सकती है? * नह || (82) या न ली सदक़ा का गो त सदक़ा करने वाला भी खुद इ तेमाल कर सकता है? * नह || (83) सदक़ाते वािजबा जैसे नज़र वगैरा का गो त या सदक़ा देने वाला खुद भी खा सकता है? * नह || शेअर कर || हम ज़कात कै से अदा कर? िमन-जािनब – हज़ूर मसीहे िम लत
  • 40. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 40 इससे यादा मालूमात हािसल करने के िलए बािनए दा ल उलूम फैजा ़ ने मु तफा क़ाज़ी-उल-क़ु ज़ात हज़ूर मसीहे िम लत मोह मद अनवर आलम साहब से रा ता कर । नाएब क़ाज़ी मोह मद सूफ़ शमशाद आलम 8451030343 अल-इ लाम इंटरनेशनल दा ल क़ु ज़ा मीरा रोड मुंबई महारा इंिडया
  • 41. िकताब नाम ------ ------ -------------------------------------------------------------------- ----- ज़कात 41