4. शोध (Research):
• शोध उस प्रक्रिया अथवा कायय का नाम है जिसमें बोधपूवयक प्रयत्न से
तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं वववेचक बुद्धध से उसका अवलोकन-
ववश ल ेषण करके नए तथ्यों या ससद्धांतों का उद् घाटन क्रकया िाता है।
• स्थूल अथों में शोध नवीन और ववस्मृत तत्वों का अनुसंधान है जिसको
अंग्रेिी में डिस्कवरी ऑफ फैक्ट्स कहते हैं। और सूक्ष्म अथथ में वह ज्ञात
साहहत्य के पूनमूथलयांकन और नई व्याख्याओं का सूचक है।
-आचायय हिारी प्रसाद द्वववेदी (1969)
5. शोध
• शोध क्टया है?....... ..
शोध ज्ञान का ववस्तार है
• शोध में क्टया होना चाहहए ?...........
ज्ञान सीमा का ववस्तार
• ज्ञान क्टया है?................
ज्ञान साथथक िीवन की समझ का नाम है
• ज्ञान ववस्तार क्टया है?.....................
साथथक िीवन की समझ का समय समय पर
पूनमूथलयांकन और नवीनीकरण
6. शोध की पररभाषा
• रैडमैन और मोरी ने अपनी क्रकताब “दद रोमांस ऑफ ररसचय” में शोध
का अथय स्पष्ट करते हुए सलखा है, क्रक नवीन ज्ञान की प्राजतत के
व्यवजस्थत प्रयत्न को हम शोध कहते हैं।
• एडवांस्ड लनयर डडक्शनरी ऑफ करेंट इंजललश के अनुसार- क्रकसी भी
ज्ञान की शाखा में नवीन तथ्यों की खोि के सलए सावधानीपूवयक
क्रकए गए अन्वेषण या िांच- पड़ताल को शोध की संज्ञा दी िाती है।
• स्पार और स्वेन्सन ने शोध को पररभावषत करते हुए अपनी पुस्तक
में सलखा है क्रक कोई भी ववद्वतापूणय शोध ही सत्य के सलए, तथ्यों
के सलए, ननजचचतताओं के सलए अन्चेषण है।
• वहींलुण्डबगय ने शोध को पररभावषत करते हुए सलखा है, क्रक
अवलोक्रकत सामग्री का संभाववत वगीकरण, साधारणीकरण एवं
सत्यापन करते हुए पयायतत कमय ववषयक और व्यवजस्थत पद्वनत है।
7. शोध की कुछ अन्य पररभाषाएाँ
• शोध एक ऎसी व्यवजस्थत ववधध है जिसके द्वारा
नवीन तथ्यों की खोि तथा प्राचीन तथ्यों की पुजष्ट
की िाती है, तथा उन अनुिमों, पारस्पररक सम्बंधों
तथा कारणात्मक व्याख्याओं का अध्ययन करती है
िो क्रक उन्हें ननयंत्रित करते हैं।
• Research may be defined as a systematic study of
discovering new facts or verifying old facts, their
sequences, inter-relationships and their causative
explantaions)
पी.वी.यंग (1966):
• शोध क्रकसी प्रचन अथवा समस्या अथवा
प्रस्ताववत उत्तरों की िााँच के सलए उत्तर
खोिने हेतु क्रकया िाता है।
• Research is done to seek an answer to a
question or to problem or to test answers
which have been suggested
एडवाडय (1969)
8. शोध के अंग
Motivation
Collection of
facts
Conclusion
Rational analysis
and study
1. ज्ञान क्षेि की क्रकसी
समस्या को सुलझाने की
प्रेरणा
2. प्रासंधगक तथ्यों का
संकलन
3. वववेकपणू यववश ल ेषण
और अध्ययण
पररणाम स्वरूप ननणयय
9. शोध का महत्व
• 1. शोध मानव ज्ञान को ददशा प्रदान करता है तथा ज्ञान भंडार
को ववकससत एवं पररमाजियत करता है
• 2. शोध से व्यावहाररक समस्याओं का समाधान होता है
3. शोध से व्यजक्तत्व का बौद्धधक ववकास होता है
4. शोध सामाजिक ववकास का सहायक है
5. शोध जिज्ञासा मूल प्रवृवत्त
(Curiosity Instinct) की संतुजष्ट करता है
6. शोध अनेक नवीन कायय ववधधयों व उत्पादों को ववकससत
करता है
7. शोध पूवायग्रहों के ननदान और ननवारण में सहायक है
8. शोध ज्ञान के ववववध पक्षों में गहणता और सूक्ष्मता प्रदान
करता है
10. शोध करने हेतु प्रयोग की िाने वाली
पद्धनतयााँ
• 1. सवेक्षण पद्धनत (Survey method)
• 2. आलोचनात्मक पद्धनत (Critical Method):
• 3. समस्यामूलक पद्धनत (Problem based
method)
• 4. तुलनात्मक पद्धनत (Comparative method)
• 5. वगीय अध्ययण पद्धनत (Class based method)
• 6. क्षेिीय अध्ययन पद्धनत (Regional method)
• 7. आगमन(induction)-
ननगमन (Deduction) पद्धनत
13. शोध के प्रकार
• उपयोग के आधार पर :
1. ववशुद्ध / मूल शोध
(Pure / fundamental Research)
2. प्रायोधगक /प्रयुक्त या क्रियाशील शोध
(Applied Research)
• काल के आधार पर :
1. ऎनतहाससक शोध (Historical Research)
2. वणयनात्मक / वववरणात्मक शोध
(Descriptive Research)
14. शोध के कुछ मुख्य प्रकार-1
1. वणयनात्मक शोध-
शोधकताथ का चरों (variables) पर ननयंत्रण नहीं
होता। सवेक्षण पद्धनत का प्रयोग होता है। वतथमान
समय का वणथन होता है। मूल प्रश्न होता है: “क्टया है?”
2. ववचलेषणात्मक शोध (Analytical Research) –
शोधकताथ का चरों (variables) पर ननयंत्रण होता है।
शोधकताथ पहले से उपलब्ध सूचनाओं व तथ्यों का
अध्ययन करता है।
3. ववशुद्ध / मूल शोध -
इसमें ससद्धांत (Theory) ननमाथण होता है िो ज्ञान
का ववस्तार करता है। गणणत तथा मूल ववज्ञान के
शोध।
15. शोध के कुछ मुख्य प्रकार-2
4. प्रायोधगक / प्रयुक्त शोध (Applied Research):
• समस्यामूलक पद्धनत का उपयोग होता है। क्रकसी सामाजिक या
व्यावहाररक समस्या का समाधान होता है। इसमें ववशुद्ध शोध से
सहायता ली िाती है।
5. मािात्मक शोध (Quantitative Research):
इस शोध में चरों (variables) का संख्या या मािा के आधार
पर ववचलेषन क्रकया िाता है।
6. गुणात्मक शोध (qualitative Research) :
इस शोध में चरों (variables) का उनके गुणों के आधार पर
ववचलेषन
क्रकया िाता है।
7. सैद्धांनतक शोध (Theoretical Research):
ससद्धांत ननमायण और ववकास पुस्तकालय शोध या उपलब्ध डाटा
के आधार पर क्रकया िाता है।
16. शोध के कुछ मुख्य प्रकार-3
• 8. आनुभववक शोध (Empirical Research):
इस शोध के तीन प्रकार हैं –
क) प्रेक्षण (Observation)
ख) सहसंबंधात्मक (Correlational)
ग) प्रयोगात्मक (Experimental)
• 9. अप्रयोगात्मक शोध (Non-Experimental Research) –
वणयनात्मक शोध के समान
• 10. ऎनतहाससक शोध (Historical Research):
इनतहास को ध्यान में रख कर शोध होता है।
मूल प्रचन होता है: “क्या था?”
• 11. नैदाननक शोध (Diagnostic / Clinical Research):
समस्याओं का पता लगाने के सलए क्रकया िाता है।
•
17. उपयोगी शब्दावली:
• ✓चर (variable – वस्तु, घटना या गुण जिन्हें मापा िा सकता है।
िैसे उम्र, तापमान, सलगं, भाषा, लंबाई, बुद्धध, प्रकाश, शोरगुल
• ✓शोध ववधध (Research Method): शोध करने में प्रयुक्त सभी
ववधधयााँ या तरीके
• ✓शोध प्रववधध (Research Methodology): शोध प्रचन/ समस्या को
सुलझाने की पूरी योिना
• ✓अंतर-ववद्यावती / अंतर-अनुशासनात्मक शोध : Inter-disciplinary
Research – उदाहरण – िैव-प्रोद्यौधगकी (Biotechnology) शोध,
मनोभाषावैज्ञाननक (Psychollinguistics) शोध, कंतयूटर-भाषावैज्ञाननक
(Computational Linguistic) शोध, िैवपुरातत्व शोध (Bio-archaeology),
स्नावनयक भाषाववज्ञान (Neurolinguistics) शोध, भाषा
सशक्षण शोध, नृवैज्ञाननक शोध (Anthropological Research)
19. शीषयक
• · सही शीषयक का चुनाव ववषय वस्तु को ध्यान
में रख कर क्रकया िाए।
• · शीषयक ऎसा हो जिससे शोध ननबंध का
उद्देचय अच्छी तरह से स्पष्ट हो रहा हो।
• · शीषयक न तो अधधक लंबा ना ही अधधक
छोटा हो।
• · शीषयक में ननबंध में उपयोग क्रकए गए शब्दों
का ही िहााँ तक हो सके उपयोग हॊ।
• · शीषयक भ्रामक न हो।
• · शीषयक को रोचक अथवा आकषयक बनाने का
प्रयास होना चादहए।
• · शीषयक का चुनाव करते समय शोध प्रचन को
ध्यान में रखा िाना आवचयक है।
20. भूसमका / प्रस्तावना
•
• · शोध प्रचन को यहााँ स्पष्ट करें।
• · भूसमका न तो बहुत बड़ी होनी चादहए न ही छोटी।
• · भूसमका में शोध ववषय के बारे में संक्षक्षतत पररचय ददया िाता
है।
• · भूसमका को रोचक बनाने का प्रयास होना चादहए।
• · भूसमका में उस ववषय पर पूवय में क्रकए गए कायय को भी बताया
िा सकता है।
• · ववषय से िुड़ी हुईं अन्य बातें िैसे देश/प्रदेश/भाषा/िीवन की
िानकारी भी दी िा सकती है।
• · आमतौर पर भूसमका ऎसी होनी चादहए जिससे कॊई भी पाठक (
चाहे वह क्रकसी भी ववषय का ववद्याथी हो) ववषय के बारे में िानकारी
ले सके।
• · प्राकल्पना (Hypothesis) को यहााँ सलखा िाए।
• · आप आगे के पृष्ठों में क्या सलखने वाले हैं इसके बारे में भी
एक छोटा सा पररचय दें।
21. शोध की ववशेषताएाँ
(Characteristics of Research):
• 1. शोध वस्तुननष्ठ (objective) होता है|
• 2. शोध क्रमबद्ध (systematic) होता है।
• 3. शोध में प्रनतकृनत (Replicability) का गुण होता है।
• 4. शोध तार्कथक (logical) होता है।
• 5. शोध में वैज्ञाननक दृजष्िकोण होता है।
• 6. शोध में यथाथथता (precision) होता है।
• 7. शोध ननष्पक्ष (impartial) होता है।
• 8. शोध में समय अवधध का गुण होता है।
• 9. शोध ववश्वास योग्य (Reliable) एवं प्रामाणणक होता
है।
• 10. शोध में तथ्यों या घिनाओं का प्रेक्षण (observation) तथा वणथन होता है।
22. शोध की प्रेरणा
(Motivations in Research):
• 1. शोध डिग्री प्राप्त करके उसके पश्चात होने वाले
लाभों की प्राजप्त।
• 2. हल नहीं की गई समस्याओं को हल करने की इच्छा।
• 3. शोध के द्वारा रचनात्मक कायथ करने की इच्छा।
• 4. समाि सेवा करने का उद्देश्य
• 5. आदर प्राप्त करने की इच्छा।
• 6. सरकार द्वारा शोध करने के सलए ननदेश।
• 7. कारणात्मक संबंध (causal relationship) को
समझने की इच्छा।
23. शोध के उद्देचय (Objectives of
Research)
• 1. वैज्ञाननक कायथववधध (procedure) के उपयोग द्वारा प्रश्नों
के उत्तर प्राप्त करना।
• 2. नछपे हुए सत्य का पता लगाना।
• 3. र्कसी घिना के बारे में नई िानकारी प्राप्त करना। इस
उद्देश्य`पर आधररत शोध अन्वेषणात्मक (Exploratory) अथवा
स्पष्िवादी (Formulative) शोध कहलाता है।
• 4. र्कसी ववशेष व्यजक्टत अथवा समूह या जस्थनत का सही वणथन
प्रस्तुत करना।
• 5. र्कसी घिना के साथ सह-संबंध की आवृनत की िानकारी प्राप्त
करना।
• 6. र्कन्ही चरों के बीच के कारणात्मक संबंधों का परीक्षण करना।
24. शोध दृजष्टकोण (Research approach)
• 1. मात्रात्मक दृजष्िकोण (Quantitative
approach)
• I. आनुमाननक दृजष्िकोण
(Inferential approach)
• II. अनुकरण दृजष्िकोण
• (Simulation approach)
• III. प्रयोगात्मक दृजष्िकोण
(Experimental approach)
• 2. गुणात्मक दृजष्िकोण (Qualitative approach)
25. अच्छा शोध कैसा हो?
• 1. शोध के उद्देचयों को स्पष्ट रूप से पररभावषत क्रकया िाना चादहए तथा
सामान्य अवधारणाओं का उपयोग क्रकया िाना चादहए।
• 2. शोध प्रक्रिया की पयायतत रूप से व्याख्या की िानी चादहए जिससे क्रक
भववष्य में शोधकताय इस पर अधधक कायय कर सकें।
• 3. शोध प्रक्रिया की रूपरेखा सावधानी पूवयक ननयोजित की िानी चादहए
जिससे क्रक िहााँ तक संभव हो उद्देचय पर आधाररत पररणाम प्रातत क्रकए िा सके।
• 4. शोध प्रनतवेदन में शोधकताय को ननसंकोच अपने शोध की खासमयों को
स्पष्ट करना चादहए।
• 5. ननष्कषय वहीं तक सीसमत रहना चादहए िहााँ तक डाटा / आाँकड़ा की
सहायता ली गई है।
• 6. शोध में उपयोग क्रकया डाटा / सामग्री/ सादहत्य ववचवसनीय होना चादहए।
• 7. शोध सुव्यवजस्थत होना चादहए।
• 8. शोध ताक्रकयक होना चादहए।
• 9. शोध आनुभववक होना चादहए।
• 10. शोध सुपररभावषत ननधायररत ननयमों पर आधाररत होना चादहए।
27. शोध समस्या का चयन एवंननमाथण
Selection and formulation of Research Problem
•
प्रथम चरण शोध
• समस्या का चुनाव एवं सही ननमाथण करना है। ननम्न शतों के होने पर
शोध समस्य ववद्यमान होती है:
• 1. र्कसी वातावरण में समस्या से संबंधधत एक व्यजक्टत, एक समूह
अथवा एक संगठन का होना आवश्यक है।
• 2. समस्या के समाधान के सलए कम से कम दो कायथप्रणासलयााँ
(course of action) होनी चाहहए।
• 3. कायथप्रणाली को प्रयोग करने के बाद र्कसी समस्या के कम से कम
दो संभाववत पररणाम होने चाहहए जिनमें से एक शोधकताथ को दूसरे से
अधधक उपयुक्टत लगता हो।
• 4. कायथप्रणासलयााँ उद्देश्यों पर आधररत कायथ करने की सुववधा प्रदान
करने वाली हों। इन कायथप्रणासलयों में असमानताएाँ होनी चाहहए।
28. शोध समस्या ds तत्व
• 1. शोध उपभोक्टता (Research Consumer)
• 2. शोध उपभोक्टता का उद्देश्य (Research Consumer’s
Objective)
• 3. उद्देश्य की पूनत थहेतु वैकजलपक साधन [वैकजलपक
कायथप्रणाली] (Alternative means to meet the objective)
• 4. कायथप्रणाली चयन में संदेह (Doubt with regard to
selection of course of action)
• 5. समस्या से संबंधधत कम से कम एक वातावरण का
होना (There must be some environment[s] pertaining
to difficulty)
29. शोध समस्या का चुनाव करते समय ननम्नसलखखत बातों
का ध्यान ध्यान रखना चादहए:
• 1. ऎसा ववषय u pqusa जिस पर अत्याधधक कायथ
हो चुका हो,
• 2. समस्या न तो अनत संकीणथ हो और न ही अनत
व्यापक हो।
• 3. वववादास्पद ववषय के चुनाव से बचना चाहहए।
• 4. शोध का ववषय पररधचत तथा संभाव्य होना
चाहहए
• 5. शोध समस्या का चुनाव करते समय अनेक
तत्वों को ध्यान में रखना चाहहए िैसे ववषय का महत्व,
योग्यताएाँ, प्रसशक्षण, समय, धन एवं शजक्टत के रूप में
लगने वाला व्यय।
30. शोध समस्या का ननमाथण चरण
(Formulation of research problem):
• 1.. समस्या का सामान्य व व्यापक कथन
• (Statement of the problem in a general way): ।
• 2. समस्या की प्रकृनत को समझना
• (Understanding the nature of the problem):
• 3. संबंधधत साहहत्य का सवेक्षण
• (Surveying the related literature):
• 4. पररचचाथ के द्वारा ववचारों का ववकास
• (Developing the Ideas through discussion):
• 5. शोध समस्या का पुनलेखन
• (Rephrasing the research problem):
31. शोध समस्या को पररभावषत करना
• 1. शोध समस्या के पररभाषा-कथन में उपयोग र्कए
गए तकनीकी या कहठन शब्दों को पररभावषत करना
चाहहए।
• 2. शोध के पूवाथनुमानों आहद का वणथन र्कया िाना
चाहहए।
• 3. शोध के लाभों का स्पष्ि वणथन होना चाहहए।
• 4. शोध की समय अवधध का उललेख
• 5. शोध का दायरा या सीमाओं (scope)का वणथन
33. संबंधधत सादहत्य का सवेक्षण
(Survey of related literature)
• संबंधधत सादहत्य के सवेक्षण से तात्पयय उस अध्ययन से है िो शोध समस्या के चयन के पहले अथवा
बाद में उस समस्या पर पूवय में क्रकए गए शोध कायों, ववचारों, ससद्धांतों, काययववधधयों, तकनीक, शोध के
दौरान होने वाली समस्याओं आदद के बारे में िानने के सलए क्रकया िाता है।
• संबंधधत सादहत्य का सवेक्षण मुख्यत: दो प्रकार से क्रकया िाता है:
• 1. प्रारंसभक सादहत्य सवेक्षण (Preliminary survey of literature)
• प्रारंसभक साहहत्य सवेक्षण शोध कायथ प्रारंभ करने के पहले शोध समस्या के चयन तथा उसे पररभावषत
करने के सलए र्कया िाता है। इस साहहत्य सवेक्षण का एक प्रमुख उद्देश्य यह पता करना होता है र्क
आगे शोध में कौन-कौन सहायक संसाधन होंगे।
• 2. व्यापक सादहत्य सवेक्षण (Broad survey of literature)
• व्यापक साहहत्य सवेक्षण शोध प्रर्क्रया का एक चरण होता है। इसमें संबंधधत साहहत्य का व्यापक अध्ययन
र्कया िाता है। संबंधधत साहहत्य का व्यापक सवेक्षण शोध का प्रारूप के ननमाथण तथा िािा/तथ्य संकलन
के कायथ के पहले र्कया िाता
34. सादहत्य सवेक्षण के स्रोत
• 1. पाठ्य पुस्तक और अन्य ग्रंथ
• 2. शोध पत्र
• 3. सम्मेलन / सेसमनार में पढ़े गए आलेख
• 4. शोध प्रबंध (Theses and Dissertations)
• 5. पत्रत्रकाएाँ एवं समाचार पत्र
• 6. इंिरनेि
• 7. ऑडियो-ववडियो
• 8. साक्षात्कार (Interviews)
• 9. हस्तलेख अथवा अप्रकासशत पांिुसलवप
35. संबंधधत सादहत्य के सवेक्षण के कुछ प्रमुख स्रोत:
• पाठ्यपुस्तक:
• शोध आलेख / पि
• सम्मेलन /सेसमनार में पढ़े गए शोध
पि:
• शोध प्रबंध
• पत्रिकाएाँ और समाचार-पि:
• इंटरनेट / अंतरिाल
36. पररकलपना
• िब शोधकताथ र्कसी समस्या का चयन कर
लेता है तो वह उसका एक अस्थायी समाधान
(Tentative solution) एक िााँचनीय प्रस्ताव
(Testable proposition) के रूप में करता है। इस
िााँचनीय प्रस्ताव को तकनीकी भाषा में
पररकलपना/प्राक्ट कलपना कहते हैं। इस तरह
पररकलपना / प्राकलपना र्कसी शोध समस्या
का एक प्रस्ताववत िााँचनीय उत्तर होती है।
37. पररकल्पना
• र्कसी घिना की व्याख्या करने वाला कोई सुझाव या अलग-
अलग प्रतीत होने वाली बहुत सी घिनाओं को के आपसी
सम्बन्ध की व्याख्या करने वाला कोई तकथपूणथ सुझाव
पररकल्पना (hypothesis) कहलाता है। वैज्ञाननक ववधध के
ननयमानुसार आवश्यक है र्क कोई भी पररकलपना परीक्षणीय
होनी चाहहये।
• सामान्य व्यवहार में, पररकलपना का मतलब र्कसी अस्थायी
ववचार (provisional idea) से होता है जिसके गुणागुण
(merit) अभी सुननजश्चत नहीं हो पाये हों। आमतौर पर
वैज्ञाननक पररकलपनायें गखणतीय माडल के रूप में प्रस्तुत
की िाती हैं। िो पररकलपनायें अच्छी तरह परखने के बाद
सुस्थावपत (well established) हो िातीं हैं, उनको ससद्धान्त
कहा िाता है।
38.
39. शोध समस्या और शोध पररकलपना में अंतर
यह दो या दो से अधधक चरों
के बीच एक प्रश् नात्मक कथन
(interrogative statement) होता
है।
इसकी असभव्यजक्टत एक
प्रश् नात्मक कथन के द्वारा की
िाती है।
इससे यह पता चलता है र्क
चरों के बीच के संबंधों की मुख्य
समस्या क्टया है।
यह दो या दो से अधधक चरों के
बीच व्यक्टत प्रश् नात्मक कथन का
अस्थायी समाधान होता है।
इसकी असभव्यजक्टत एक घोषनात्मक
कथन (declarative statement) के
द्वारा की िाती है।
इसके द्वारा चरों के बीच के संबंधों
र्क समस्या के संभाववत हल का पता
चलता है।
शोध समस्या शोध
पररकल्पना
40. पररकलपना की ववशेषताएाँ
1
2
• पररकल्पना को िााँचनीय होना चदहए:
• बनाई गई पररकल्पना का तालमेल (harmony) अध्ययन के क्षेि की अन्य
पररकल्पनाओं के साथ होना चादहए:
3
4
• पररकल्पना को समतव्ययी (parsimonious) होना चादहए:
• पररकल्पना में ताक्रकयक पूणयता (logical unity) और व्यापकता का गुण होना
चादहए:
5
6
• पररकल्पना को समतव्ययी (parsimonious) होना चादहए:
• पररकल्पना को अध्ययन क्षेि के मौिूदा ससद्धांतों एवं तथ्यों से संबंधधत
होना चादहए
• पररकल्पना को संप्रत्यात्मक (conceptual) रूप से स्पष्ट होना चादहए:
इस तरह के गुण युक्त पररकल्पना में शोध समस्या का उत्तर सीधे समल
िाता है। इस गुण के न होने से उत्तर प्रातत करने के सलए
उपपररकल्पनाओं (sub-hypthesis) और तदथय पूवयकल्पनाओं (ad hoc
assumptions) का ननमायण करना पड़ता है।
41. • 5) पररकल्पना को अध्ययन क्षेि के मौिूदा ससद्धांतों
एवं तथ्यों से संबंधधत होना चादहए
• 6) पररकल्पना से अधधक से अधधक अनुसमनत
(deductions) क्रकया िाना संभव होना चादहए तथा उसका
स्वरूप न तो बहुत अधधक सामान्य होना चादहए (general) और न ही बहुत अधधक ववसशष्ट (specific)।
• 7) पररकल्पना को संप्रत्यात्मक (conceptual) रूप से स्पष्ट
होना चादहए: इसका अथय यह है क्रक पररकल्पना में इस्तेमाल
क्रकए गए संप्रत्यय /अवधारणाएाँ (concepts) वस्तुननष्ठ
(objective) ढंग से पररभावषत होनी चादहए।
42. पररकलपना के प्रकार
• इस तरह की पररकल्पना में चरों की संख्या माि दो
होती है और ससफय इन्ही दोनों चरों के संबंध द्वारा
शोध समस्या का प्रस्ताववत उत्तर ददया िाता है।
साधारण
पररकलपना:
• इस तरह की पररकल्पना में चरों की संख्या दो से
अधधक होती है और उनमें एक ववशेष संबंध बताकर
शोध समस्या का प्रस्ताववत उत्तर ददया िाता है। िैसे
पररकल्पना
• “शहर के उच्च-सामाजिक आधथयक स्तर के लोगों में
धूम्रपान करने क्रक प्रवृवत्त देहात/ ग्रामीण के मध्यम-
सामाजिक आधथयक स्तर के लोगों की अपेक्षा अधधक
होती है”।
िहिल
पररकलपना:
43. पररकलपना के चर
• पररकलपना में तीन चर हैं:
1) सामाजिक आधथथक स्तर,
2) धूम्रपान की प्रवृवत्त
3) शहरी-ग्रामीण क्षेत्र।
44. ववसशष्ट उद्देचय के आधार पर:
• 1. करणत्व पररकल्पना (causal Hypothesis):
इस तरह की पररकल्पना में शोध प्रचन का समाधान देते हुए क्रकसी कारण की व्याख्या या उसके
प्रभाव की चचाय होती है। िैसे “थकान से सीखने की गनत में कमी होती है”।
• 2. वणयनात्मक पररकल्पना (Descriptive Hypothesis):
• इस तरह की पररकल्पना में क्रकसी समस्या का समाधान देते हुए समस्या के गुणों या उसकी
पररजस्थनत पर प्रकाश डाला िाता है। िैसे “थकान से व्यजक्त में आगे कायय करने की अननच्छा होती
है”।
• 3. नल पररकल्पना (Null Hypothesis):
• इस तरह की पररकल्पना में में शोधकताय चरों के बीच कोई अंतर नहीं होने का उल्लेख करता है।
नल पररकल्पना शोध पररकल्पना के ठीक ववपरीत होती है। यह एक काल्पननक मॉडल होता है।
45. शोध प्रक्रिया में पररकल्पना का ननमायण:
• ✰शोध प्रक्रिया के अंतगयत शोध समस्या के ननमायण के बाद पररकल्पना या
पररकल्पनाएाँ बनाई िाती हैं। संबंधधत सादहत्य के सवेक्षण से प्रातत
अध्ययन के आधार पर शोधकताय पहले के शोध पररणामों तथा ससद्धांतों
की असभधारणाओं (assumptions) के आधार पर वतयमान समस्या के सलए
पररकल्पना बनाता है।
• पररकल्पना एक या एक से अधधक भी हो सकती है। पररकल्पना का अथय
वह अनुमाननत कथन (hypothetical statement) है िो शोधकताय शोध करने
के पहले बनाता है। शोधकताय यह अनुमान लगाता है क्रक शोध में अमुक
पररणाम या ननष्कषय प्रातत होगा।
46. ✰पररकल्पना ननमायण के स्रोत:
• 1. व्यजक्तगत अनुभव
• 2. पहले क्रकए शोध के पररणाम
• 3. पुस्तकें, शोध पत्रिकाएाँ, शोध सार आदद
• 4. उपलब्ध ससद्धांत
• 5. ननपुण ववद्वानों के ननदेशन में
47. पररकल्पना के मुख्य कायय:
क्रकसी घटना की
िााँच करना
नए ससद्धांतो
का प्रनतपादन
करना
(suggest a new theory)
ससद्धांतों
की िााँच
करना
48. मुख्य भाग
• · मुख्य भाग में ववषय-वस्तु की व्याख्या की
िाती है।
• · यह भाग आमतौर पर कई अन्य छोटे-छॊटे
भागों (उपशीषयकों के साथ) में बंटा होता है।
• · उपशीषयकों का चयन शोध की ववषय-वस्तु
को ध्यान में रख कर क्रकया िाना चादहए।
• · मुख्य भाग में तासलकाओं, धचिों, आरेखों
आदद को ददया िा सकता है।
• · मुख्य भाग ववचलेषण क्रकया िाता है।
49. ननष्कषय / उपसंहार
• · यहााँ शोध का सार (summary) सलखा
िाता है।
• · यहााँ आपके शोध प्रचन का उत्तर होता
है।
• · ननष्कषय मुख्य भाग में क्रकए गए
ववचलेषण अथवा व्याख्या पर ही आधाररत
होना चादहए।
• · ननष्कषय संक्षक्षतत होना चादहए।
50. संदभय सूची:
• · संदभय सूची में उन पुस्तकों, पत्रिकाओं, समाचार पिों,
अप्रकासशत पांडुसलवपयों, शोध लेखों का वववरण ददया िाता है
जिनका आपने शोध में उपयोग क्रकया है।
• · संदभय सूची में िहााँ तक संभव हो पुस्तक अथवा शोध लेख के
नाम के साथ लेखक, वषय, प्रकाशक, स्थान तथा पृष्ठ संख्या का
उल्लेख अवचय होना चादहए।
• · संदभय सूची में इंटरनेट की वेबसाईटॊ ंका भी उल्लेख क्रकया िा
सकता है। उनकी पूरी कड़ी (link) के साथ उस वेबसाईट को क्रकस
तारीख को देखा गया है, इसका उल्लेख ब्रैकेट में करें।
51. शोध प्रक्रिया:
• शोध प्रक्रिया उन क्रियाओं अथवा चरणों का िमबद्ध
वववरण जिसके द्वारा क्रकसी शोध को सफलता के साथ
संपन्न क्रकया िाता है।
• शोध प्रक्रिया के कई चरण होते हैं।
• सभी चरण शोध प्रक्रिया में एक-दूसरे से पृथक एवं
स्वतंि नहीं हैं।
• प्रत्येक चरण एक दूसरे पर ननभयर होता है।
52. शोध प्रर्क्रया के चरण:
• 1. अनुसंधान समस्या का ननमायण
• 2. संबंधधत सादहत्य का व्यापक सवेक्षण
• 3. पररकल्पना/प्राकल्पना (Hypothesis) का ननमायण
• 4. शोध की रूपरेखा/शोध प्रारूप (Research Design) तैयार करना
• 5. आाँकड़ों का संकलन / तथ्यों का संग्रह
• 6. आाँकड़ो / तथ्यों का ववच लेषण
• 7. प्राकल्पना की िााँच
• 8. सामान्यीकरण एवं व्याख्या
• 9. शोध प्रनतवेदन तैयार करना
54. Using the Internet to Research in
Education
Educational Technology, level: M.Ed.
Materials Required: a computer lab with internet access
Activity Time: 30- 45 min
Concepts Taught: Use of internet in Research
This lesson plan was an assignment for a Computer Use in
M.Ed. Class.
Researcher would be interested in knowing how you
adapted it to fit their purposes.
56. This lesson plan was an assignment for a Computer Use in M.Ed. Class.
Researcher would be interested in knowing how you adapted it to fit their purposes.
Topic: The Internet as a research tool.
RESEARCH
Objectives:
The Researcher will be able to…
1. Demonstrate knowledge of what a search engine is and how to use a search engine.
2. Perform Internet searches on assigned topics with accuracy.
3. Demonstrate an understanding of how the internet can be used for researching topics.
Materials:
Bowl of pencil shavings; a silver paper clip; a colored paper clip; a magnet; one computer for every two students (each computer Introduction:
Put the two metal paper clips in a bowl of pencil shavings. Have the students try to find the colored paper clip by digging through “You have all noticed how it is much easier to find something that you are looking for if you use the proper tool. How many of you Transition:
Today, we are going to learn how to use a tool to find the web sites that we want to find on the internet.
Students should be instructed to go to their computer stations. (It is assumed that the students will be working in pairs – two to Sequence of Activities:
1. “What is the best way to find a web site on a certain topic on the internet?” (Perform a search on that topic.)
2. “What is the tool called that we use to perform a search on the internet? (A search engine.)
3. Instruct the students to click on the internet icon on their desktops.
4. Have the students find a search engine on their computers. (Hitting the search button at the top of the screen is a good place 5. When students have found a “search engine,” instruct them to enter www.google.com in the web address field. This will insure 6. Once all of the students have entered the Google site, instruct them to enter the words “Educational Technology” into the “search
7. After a list of web sites and pages have been compiled, ask them if they can think of a way to define their search more clearly. 8. Instruct the students to perform a more defines search of their choice pertaining to a Research topic of their own.
9. Instruct the students to enter the web sites that these searches have provided to see if these web sites are what they are looking 10. Have the students share with the class what kind of a search they performed and what the first web sites contained. Call on 5
11. After students have explored their web sites for 5-7 minutes; instruct them to turn around in their chairs away from their computer 12. Give the students the following information and tips about web site searching using a search engine: