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गु# वं श का राजनीितक इितहास
डॉ. िवराग सोनट,
े
सहायक 1ा2ापक
1ाचीन भारतीय इितहास, सं:
ृ ित और पुरात> िवभाग
बनारस िहंदू िवBापीठ, वाराणसी
गु# राजवं श
संदभ% &ंथ
गु# सा&ा'
!"ावना
• क
ु षाण काल क
े बाद भारत म4 बलशाली शासन का अभाव
• स9ूण; उ=री भारत म4 राजनीितक ख़ालीपन
• पABम भारत क
े िवदेशी आDमणकारी शक, पाAथ;यन तथा क
ु षाणों
Hभावशाली Iये
• अनेक लघु तथा िवशाल गणराKों का आAधपM
• दANणी भारत म4 सातवाहनों ने राज िकया िकया.
• तीसरी शताPी ई॰ तक क
ु षाण तथा सातवाहन राजवं श समा# हो
गए.
• इसक
े पUVात भारत क
े तीन भागों म4 तीन नए राजवं शों का उदय
Iआ.
• मW देश क
े पABमी भाग म4 नाग वं श, दXन म4 वाकाटक तथा पूवZ
भारत म4 गु#वं श.
गु# राजवं श क
े जानकारी क
े .ोत
1.वायु
2.िव+ु
3.म-
4.भागवत
5.0
ं द
6.माक
4 डेय
1.फािहयान: चीनी
या<ी (३७५-४१५)
2.BएनDाँग:
1.FसG
े :दीनार,
Iपक, माषक
2.अFभलेख:
सं0
ृ त भाषा
3.उQनन
4.मंिदर
1. काFलदास:
िवकमRवं Fशयम,
2. TUVक: मृछकिटकम
3.िवशाखादY:
देवीचंVगु#म
4.वा-ायन: कामसू<
सािह%&क पुरात%,क
धािम/क
0ंथ
चीनी या7ी
िववरण
गु#ों का वं श प2रचय
अनु
$म
िव(ान मत सं दभ/ समी1ा
१ काशी &साद जायसवाल
(िह/0ी ऑफ़ इंिडया)
शू7/जाट कौमुदी महो=व नाटक क
े नायक
चAसेन को कारCार
&बल िनEषG नही
२ गौरीशंकर ओझा,
रमेशचं7 मजूमदार,
वासुदेव उपाNाय
चटोपाNाय
OिPय मN &देश क
े गुQ वं शीय नरेश
महाRशव गुQ से सSTUत Rसरपुर
कW &शTX है RजसमZ उसे
च[वं शीय OPीय कहा गया है.
Rलिवयों से वैवािहक सSU
वैवािहक सSU
&माण नही।
३ दशरथ शमाG aाbण &भावती गुQा का पूना ताdपट
मZ “धारण” गोP
अिgपुराण मZ “धारण” गोP क
े
aाbण कहा है।
कदंबों क
े साथ वैवािहक संबं ध
पुरोिहतों का गोP
४ एलन
(क
े टेलोग ओफ़ द कोयँस ओफ़ गुQा
डायन/ीज़ एं ड ऑफ़ शशांक)
अlेकर, रोRमला थापर, रामशरण शमाG
वैm गुQ यह नाम
िवnुपुराण:
aाbण: शमाG
OिPय: वमाG
वैm: गुQ
कौिटo: िवnुगुQ
गु(ों का मूल िनवास 1ान
• लगभग 275 ई० क
े आसपास गु# सााK आरंभ Iआ.
• एलन, गांगुली, मजूमदार आिद ने “इ]^ंग” क
े िववरण क
े आधार पर
गु#ों का मूल _ान बं गाल बताया है।
• मगध: िवbुपुराण म4 “Hयाग तथा गंगा क
े िकनारे क
े Hदेश म4 मगध
क
े गु# लोग शासन कर4गे।
• पूवZ उ=र Hदेश: चंdगु# क
े AसX
े , Hयाग Hश]e,
• गु# सााK का शासन सfवत: Hयाग, अयोWा, मगध तथा मW
गंगाघाटी म4 शुg िकया और धीरे-धीरे उनका Hभाव लगभग सारे
भारत म4 फ़
ै ल गया.
गु# वं श
अनु
Dम
राजा काल
(ईसवी सन)
सं दभ;
१ [ी-गु# २७५-३०० समुVगु# क
े ^याग ^श_`
२ घटोcच ३००-३१९
३ चंVगु# ^थम ३१९-३३५-३५० महरौली लौह `ंभलेख
४ समुVगु# ३३५-३५० से ३७५ समुVगु# क
े ^याग ^श_`
५ रामगु#
६ चंVगु# िgतीय ३७५-४१३ उदयिगरी गुहालेख
७ क
ु मारगु# ^थम ४१३-१५ से ४५५
८ 0
ं दगु# ४५५-४६७ भीतरी `i लेख, जूनागड लेख
!ार34क राजा
!ीगु%
1. !ीगु% : &याग &श*+ म- &थम नाम,
2. काल2म: ईसवी सन २७५-३००
3. उपा=ध: महाराज,
4. !ीगु% या गु%
5. इ*Cंग: !ीगु% को “चे=लक
े तो” कहता है।
6. कोई लेख या =सLा नही
घटो$च (ईसवी सन ३००-३१९)
• घटोOच, !ीगु% का पुP एवं उRरा=धकारी,
• &भावती एवं T
ं दगु% क
े लेखों म- घटोOच को गु% वं श का &थम
शासक कहा है।
• काल2म: ईसवी सन ३००-३१९
• उपा=ध: महाराज,
• भार=शवों क
े सामं त, कालांतर म- XतंP
• कोई लेख एवं =सL
े नही
चं7गु( !थम
• गु# युग का वा(िवक सं ,ापक
• घटो1च का पु3
• काल5म : ईसवी सन ३१९ से ३३५-३५०
• दूरदशD सEाट
• FलGिवयों क
े साथ वैवािहक सं बं ध (क
ु मारदेवी से शादी)
• वैशाली (िबहार) का राM Nा#
• OणQ FसRों पर राजा-रानी का अंकन (FलGवय:)
• गु# सUत् का NवतQक ईसवी सन ३१९-३२०
• Nथम Oतं3 राजा उपाFध: महाराजाFधराज
• चंZगु# Nथम क[ िवजयों का िववरण अNा#
• समुZगु# का उराFधकारी चयन
• नय] सं शोधन क
े अनुसार चंZगु# Nथम एवं समुZगु# क
े बीच कचगु# राजा हो
गया था।
• कचगु# क[ OणQ FसR
े Nा# `ए है।
राजा-रानी ^कार FसGा
मुख भाग: चंVगु# एवं क
ु मारदेवी नामों क
े साथ
पृk भाग: Fसंहवािहनी देवी एवं लेख Fलlवय:
इन FसGों को राजा चnगु# ^थम और Fलlवी राजक
ु मारी क
ु मारदेवी क
े िववाह क
े अवसर पर ढ़ाला गया था।
यह गु# सा&ा' क
े इितहास मr एक महsपूणu घटना थी और यह माना जाता है िक इससे रा' मr सौभाw कx
वृFy Bई और वे अपने सा&ा' का िव`ार करने मr सTम हो सक
े ।
समुVगु#
समु7गु(
• गु% वं श क
े शासकों म- सबसे महान
• चंZगु% &थम का क
ु मारदेवी से उ[ पुP
• काल2म: ईसवी सन ३३५-३७५
• &याग &श*+ म- स]ूण` िववरण
• &देश िव+ार
• धािम`क यb
• सांT
ृ ितक काय`
• पाट=लपुP पर िवजय एवं राजधानी
• राd कe िनवं मज़बूत कe
• उनकe सैg उपल*hयों क
े कारण, समुZगु% को ‘भारतीय नेपो=लयन’
क
े iप म- सjािनत िकया गया था।
समु7गु( क9 जानकारी क
े <ोत
1. &याग &श*+
2. =सL
े
3. उRरा=धकाkरयों क
े
अ=भलेख
^याग ^श_`
सा>ा? िव"ार: युA नीित
आया$%त क( िवजय
आटिवक रा.ों क( िवजय
सीमांत 4देशों क( िवजय
द89णापथ क( िवजय
आया`वत`
(उYर-दFTण: िहमालय से िवं{; पूवu-पF|म: िहंद महासागर, बं गाल उपसागर)
अनु
~म
आयाuवतu रा' /^देश पहचान िववरण
१ अ€ुत उYर पांचाल (अिहछ् <) “अ‚ु” लेख मुVा
२ नागसेन पƒावती
३ गणपित नागवं शी (मथुरा) “ग”
४ „Vदेव कौशा…ी क
े मघवं Fशय
राजा
वाकाटक राजा दFTण भारतीय राजा
५ मितल बुल†शहर Fम‡ी कx मुहर नागवं Fशय
६ नागदY नागवं शीय राजा,, लाहोर Fम‡ी कx मुहर महाराज नगभ‡ पु< महेˆर
नाग
७ चंVवमuन बं गाल (भ‰ारकर)
पूवŠ पंजाब (जायसवाल)
८ नंदी नागवं शीय शासक
९ बलवमuन मौखरी
युy नीित : सŒूणu उूलन
आया$%त
आटिवक रा?ों पर िवजय
• िवंn पव`त क
े &देशों क
े राd
• जं गली oेP (संभवतः आिदवासी राजा)
• &याग &श*+: “पkरचाkरक
ृ त सवा`टिवकराजq” – िवशेष अवसरों पर
सेवक का काय`
• यह oेP संभवतः बुं देलख
ं ड, बघेलख
ं ड, रीवा एवं िवंn पव`त क
े
आसपास का oेP रहा होगा।
आटिवक
द<=णापथ क@ िवजय
अनु
$म
द21णापथ रा7 8देश िववरण
१ कोसल का मह)* द,-णी कोसल, राजधानी 4ीपुर MP: िबलासपुर, रायपुर, दुग;
ओिड़शा: संभलपुर, गंजम
२ महाकांतर का CाDराज वेनव तट (वैनगंगा), IाJ कोसल
(पूवL कोसल)
द,-णी कोसल क
े िनकट तथा द,-ण म) CाDदेव नामक सामN राजा
३ कौराल का मंटराज क
े रल ? द,-ण भारत का कोराड? सं िदR
४ िपTपुर का मह)*िगरी िपठापुरम गोदावरी ,ज़ले क
े गोदावरी ,ज़ले
५ कोXर का Yा,मदZ मह)*िगरी क
े द,-ण पूव; म) १२ िकमी
दूर क़ोथुर ?
ओिड़शा क
े गंजाम ,ज़ले का कोठूर ? सं िदR
६ ऐर^प_ का दमन १)`aलट: खानदेश क
े ऐरोंडोल से २) डुcायल: गंजाम क
े एर^प_ी से ३) जी॰ रामदास:
िवशाखापXनम क
े
य)निडप_ी से
७ काँची का िवiुगोप काँचीपुरम, ,चंगलपेट ,ज़ला ता,मल नाड़j प_व नरेश िवiुगोप वम;न
८ अवमुm का िनलराज काँची एवं व)गी का Iदेश ता,मल नाड़j एवं कना;टक cnपुराण: गोदावरी तट
सं िदR
९ व)गी का हpवम;न गोदावरी ,ज़ला आंr Iदेश सं भवतः शालंकायन वं श का
हpीवम;न
१० पा_क का उvसेन ने_ोक ,ज़ले क
े पा_काड आंr Iदेश
११ देवराT का क
ु बेर १)`aलट, रायचौधरी: महाराTw सं भवतः िवशाखापXनम क
े आसपास का
देवराTw
सं िदR
१२ क
ु xलपुर का धनंजय उZरी अका;ट म) कXलपुर
(उYर-दFTण: िवं{ से तंगभVा
दFGणापथ क9 िवजय नीित
• असुर नीित क
े tान पर धम`िवजय नीित “uहणमोoानुuह”
1. uहण (िवजय)
2. मोo (जीत कर भी मुv करना)
3. अनुuह (मु*v पwxात सjािनत करना)
सीमावत: (;&ंत) रा<ों क> िवजय
अनु
5म
सीमांत राM aे3 Nदेश
१ समतट गंगा का मुहाना बं गाल
२ दवाक ढाका बांcादेश
३ कामdप असम
४ नेपाल
५ कतूQपुर पूवQ पं जाब एवं
आसपास का Nदेश
उर-पFgम Nदेश
नीित
१) िवजयों क
े पŽरणामों से अ राजा भयभीत
२) कर :
३) दान :
४) आाकारण:
५) ^णाम:
५) आगमन:
गण रा?ों क9 िवजय
अनु
2म
गण राd oेP &देश
१ मालव अजमेर, टोंक, मेवाड़ राज’ान
२ आजुuनायन अलवर, जयपुर राज’ान
३ यौधेय यमुना क
े पF|म से सतलज कx घाटी हŽरयाना
४ मVक रिव एवं चेनब वाय” भारत
५ आभीर झाँसी या राजपूताना उYर ^देश या राज’ान
६ ^ाजुuन नरFसंहपुर म{ ^देश
७ सनक़ािनक Fभलसा , —ाFलयर म{ ^देश
८ काक Fभलसा-िविदशा क
े पास म{ ^देश
९ खरपŽरक दमोह म{ ^देश
पड़ोसी िवदेशी रा?ों पर िवजय
1. क
ु षाण : देवपुPषािहषाहानुषािह
2. oPप (शक)
3. लंका (=संहल): !ी मेघवण` ने बोधगया म- िवहार िनमा`ण
• मैPी नीित
1. आyिनवेदन: समप`ण
2. कgोपायन:
3. दान:
4. राजदंड (गzड़दंड) का Xीकार:
समु7गु( क9 सा>ा? िव"ार नीितयाँ
• hहण मोaानुhह- इससे ताjयQ है िक उसने राMों को जीतकर, पुराने शासकों को
ही लौटा िदये। दFaणापथ क
े राMों क
े Nित यह नीित अपनाई गयी थी।
• Nसभोmरण- इसका ताjयQ है िक समुZगु# ने नये राMों को जीतकर बलपूवQक
अपने राM म] Fमला Fलया। समुZगु# ने यह नीित आयाQवतQ क
े राMों क
े Nित
अपनायी।
• परचारक[करण- इससे ताjयQ है सेवक बनाना। इस नीित का पालन उसने मn
भारत क
े आटिवक राMों क
े साथ िकया।
• करदानाoाकरण Nणामागमन- इससे ताjयQ है कर एवं दान देना, आoा का
पालन करना। इसक
े अलावा शासकों को समुZगु# क
े पास अFभवादन हेतु आना
पड़ता था। यह नीित समुZगु# ने सीमा q,त राजाओं व गणराMों क
े Nित
अपनायी।
• भृtराMोuv राजवं श Nितwा- इससे ताjयQ है िक हारे `ए राMों को पुन:
Nितwािपत करना।
• आxिनवेदन कyोपायान गzxद{O िवषय भुq} शासन याचना- इससे
ताjयQ है िक ब`त से शासकों ने समुZगु# क
े समa समपQण िकया। क
ु छ राजाओं
ने अपनी कyाओं का िववाह िकया। उोंने अपने िवषय व भुq} (Fजला व
Nा€) म] गु#ों क[ गzड़ मुZा से अंिकत आoा-प3 क[ याचना क[। इस नीित का
पालन उसने िवदेशी राजाओं क
े साथ िकया।
सा&ा' िव`ार (समुVगु# )
समु7गु( क9 उपल3Mयाँ एवं चOरP
1. असाधारण सैिनक यो|ता
2. िवशाल एकछP सा~ाd कe tापना
3. दूरदश एवं क
ू टनीितb (uहणमोoानुuह)
4. अ€मेध यb
5. सुवण` =सL
े कe िविवधता
6. िवान एवं िव‚ा का संरoक
7. संिगत&ेमी
8. सिहƒ&ेमी (किवराज)
9. हkरष-ण : राजकिव
FसQ
े
समु7गु( : मूRांकन
• आ2ामक यु„नी त
• महान िवजेता
• भारितय इितहास म- मह…पूण` tान
• उपा=ध: सव`राजो†ेता
• समुZगु% ने शु„ सोने क
े =सL
े &च=लत िकये गये जो
कलाyक Xiप म- भी उO
ृ ‡ है।
• *ˆथ: भारत का नेपो=लयन
• मजूमदार: लगभग पाँच शता*Šयों क
े राजनीितक
िवक
- Zीकरण क
े तथा िवदेशी आ=धपƒ क
े बाद आया`वत` म-
समुZगु% क
े काल म- पुनः नैितक, बौ=„क तथा भौितक उित
कe चोटी पर जा पŒँचा।
रामगु(
• समु$गु& का )े+ पु-
• नए संशोधन से रामगु& क5 पहचान 8स9 (१९२४)
• ता? 8स@
े (8भलसा, एरन): रामगु&
• दुजEनपुर जैन मूितE अ8भलेख “महाराजा8धराज रामगु&”
• गु& वं शाव8लयो मM नाम नही
• संभवतः अP एवं अयशपूणE शासन
• िवशाखादR क
े “देवीचं$गु&मं ” नाटक मM वणEन
• बाण क
े हषEचVरत, राजशेखर क5 काWमीमांसा,
• राXYक
ु ट अमोघवषE क
े संजान ता?पट, गोिवंद [थम क
े का]े एवं सांगली
क
े लेखों मM रामगु& क5 चचाE है।
• जैन धमाEनुयायी
चं7गु( िSतीय “ िवTमािदU”
• समुZगु% का पुP (&धान मिहषी: रानी दRदेवी)
• काल2म: ३७५ से ४१३-४१५
• अ=भलेखों म- “त[kरगृहीत”: िपता ारा चुना गया
• राd को *tर िकया
• शकिवजय : िवदेशी श*v क
े साथ यु„
• चाँदी क
े =सLों का &चलन
चं7गु( िSतीय क
े जानकारी क
े <ोत:
• अ=भलेख:
1. महरौली लौह +ंभ लेख,
2. उदयिगरी गुहा लेख,
3. मथुरा का +Ž लेख,
4. गढ़वा एवं साँची क
े अ=भलेख
• =सL
े : Xण`, रजत, ता~ क
े िविवध &कार क
े =सL
े
• सािहƒ: का=लदास क
े uंथ
• िवदेशी िववरण: चीनी याPी फािहयान का याPा वृRांत
मेहरौली `i लेख
उदयिगरी गुहालेख
चं7गु( िSतीय क9 िद3Vजय
‘ोत: मेहरौली +Ž लेख, उदयिगरी गुहा लेख
अनु
$
गणरा7 1<प पूव> 8?ं त
रा7
प2@मोBर
भारत
द21णापथ
१ मD अवEी (मालवा) 1े< समतट परवत> क
ु षाण द21ण भारत
मJ Kाित
२ खरपNरक अंितम राजा: PD2संह तृतीय
का वध िकया
दवाक वाकाटक एवं
मालवा मJ 1<प 2सVों क
े
अनुकरण पर चाँदी क
े 2सV
े
चलाएँ
कामYप वाह2लक
(सतलज से
काबुल तक)
क
ुं तल 8देशों
से स[
३०० वष_ का शासन का अंत
उपा2ध: िव$मािद?
आसाम तक
का 1े<
िवजीत िकया
बाbख़
(िहंदूक
ु श क
े
पास)
गुजरात+किठयावाड 8देश श<ुओं क
े सं घ
को हराया
चंBगु# िCतीय क@ साDाE िवFार नीित
1. नागवं श : चं$गु& ि_तीय का क
ु बेरनाग क5 पु-ी क
ु बेरनागा से िववाह
2. चं$गु& ि_तीय क5 पु-ी [भावतीगु& का िववाह वाकाटक `$सेन ि_तीय
से
3. चं$गु& ि_तीय क
े पु-/पौ- से क
ुं तल राज (कद]) क5 कbा का
िववाह
नागवं श वाकाटक कदH
वैवािहक स./ 0ारा
गु#- वाकाटक सHI
• वाकाटक द=oण-मn भारत एवं िवदभ` का
श*vशाली वं श
• समुZगु% क
े द=oणापथ अ=भयान म- भी
सुर=oत
• पूना ता~पP: &भावती गु%ा + zZसेन II
• वी *ˆथ : वाकाटकों कe मह…पूण`
भोगो=लक *tित क
े कारण चंZगु% II ने
उनसे वैवािहक स’“ बनाए जो शक िवरोधी
अ=भयान म- मह…पूण` थे।
• zZसेन ितीय ने क
े वल ५ वष” तक राज िकया
• &भावती गु% “वाकाटक संर=oका”
• पूना ता~पP म- गु%ों कe वं शावली
कदW सWX
• क़द’ द=oण भारत क
े शासक
• उRर कना`टक
• तालगुडा लेख: कद’ नरेश
काक
ु tवम`न कe पुPी गु% वं श
म- –ाही थी।
• भोज का !गार&काश: क
ुं तल
राजा ने चंZगु% क
े क
ं धे पर राd
का भर देक
े िन=—ंत हो गया।
शक-िवजय
• चं$गु& ि_तीय क5 महcपूणE उपलef।
• अ8भलेखों क
े आधार पर यु9 क
े पूवE उदयिगरी, मालवा, मh[देश iे-
को आधार बनाया होगा।
1. गु& सामंत सनकानीक महाराज का अ8भलेख (४०१ ईसवी)
2. ि_तीय सेनापित आ?कादवE का अ8भलेख साँची मM (४१२ ईसवी)
3. यु9मं-ी िवरसेन शाव का अ8भलेख उदयिगरी मM 8मलता है।
4. mतः चं$गु& ि_तीय का अ8भलेख
• शक राजा: संभवतः `$8संह ि_तीय
• चं$गु& ि_तीय ने उसे हराया एवं संभवतः मार डाला
• शकों का ३०० वषp का शासन काल समा& qआ।
• गुजरात एवं कािठयाँवाड iे- सा?ा) का भाग
• रजत 8स@
े
• 8संहिनहंता [कार क
े सुवणE 8स@
े
• उपा8ध: िवsमािदt, शकारी
FसQ
े
धनुधाuरी ^कार
Fसंह-िनहंता अˆारोही
FसQ
े
छ<धारी
सा~ाd िव+ार
सीमा
• उRर: िहमालय
• द=oण: नम`दा
• पूव`: बं गाल
• प=—म: सौरा‡˜
• &भाव का oेP:
1. वाकाटक
2. क
ु ™ल
फािहयान
(३९९-४१४):
चंVगु# िgतीय क
े
आदशu शासन कx
^शं सा, “^जा
सुखी एवं समृy थी
तथा लोग पर˜र
सौहादuपूणu रहते
थे”। अपराध कम
होते थे, राजा िबना
द‰ क
े शासन
करता था।
Foguoji (A Record of Buddhistic Kingdoms)
फिहयान का या<ा मागu
चं7गु( िSतीय का मूRांकन
1. चं$गु& ि_तीय महान िवजेता, क
ु शल शासक, क
ू टनीितu था।
2. शकों का ३०० वषp क
े शासन का अंत
3. प8vमी Wापारी iे-ों (भड़ोंच) पर अ8धकार से Wापार-वा8ण) मM वृ89
4. परमभागवत एवं सिहyु
5. mयं िव_ान एवं िव_ानों का आzयदाता: उ{ैन एवं पाट8लपु-
सां|
ृ ितक iे-
6. दरबार मM नवर}
7. फािहयान एवं का8लदास ने ुित
8. रजत 8स@ों का [चलन
9. समु$गु& ने सा?ा) क5 िनवं रखी, चं$गु& ि_तीय ने उसपर मज़बूत
महल बनाया।
क
ु मारगु(-!थम महZ7ािदU
• चंZगु% ितीय का šुवदेवी से उ[ पुP
• काल2म: ४१३-४१५ से ४५५ (४० वष`)
• बड़े सा~ाd का शासक
• लगभग स]ूण` भारतवष` पर अ=धकार
• यु„-िवजय क
े &माण नही
• शासन क
े अंितम काल म- पु›=मPों का िवZोह (प=—म भारत)
• œणों का आ2मण
• उपा=ध: मह-Zािदƒ, अ€मेध मह-Z, मह-Z=संह,
<ोत
• १८ अFभलेख (सवाuFधक)
1. मंदसोर Fशलालेख,
2. िबलसद अFभलेख
3. मथुरा अFभलेख
4. साँची अFभलेख
5. उदयिगरी अFभलेख
6. तुमैन अFभलेख
• ३ ता&प<
1. धनदैह ता&प<
2. दामोदरपुर ता&प<
3. वै™ाम ता&प<
• मुVाएँ
1. सवाuFधक ^कार क
े FसGों का ^वतuन
2. काितuक
े य ^कार क
े FसG
े
3. अˆमेध FसG
े
4. सुवणu, चाँदी एवं ता& FसG
े
क
ु मारगु/ 0थम
क
े !स#
े
क
ु मारगु5-6थम क
े रजत एवं सीसे क
े <स=
े
युA
1. पु›=मPों से यु„:
• T
ं दगु% क
े =भतरी अ=भलेख म- वण`न
• “गु%वं श कe राजली िवच=लत”
• पु›=मPों कe श*vशाली सेना से यु„
२ अ€मेध यb
साDाE िवFार
क
ु मारगु% कe उपा=धयाँ :
ीमहे‚, अƒमेधमहे‚,
Fसंहमहे‚,गु#क
ु लामलचंZ,
आिद
क
ु मारगु(-!थम: मूRांकन
1. िवशाल सा~ाd पे शासन
2. शांित और सुŸवtा का काल
3. दीघ`काल तक शासन
4. क
ु मारगु% ने शांित एवं सुखपूव`क राजली का उपभोग
िकया
5. समुZगु% एवं चंZगु% II ने =जस िवशाल सा~ाd का िनमा`ण
िकया उसे उसे क
ु मारगु% ने संगिठत एवं सुशा=सत बनाए
रखा।
[
ं दगु(
• क
ु मारगु% &थम का पुP
• संभवतः जे¡ नही (पुzगु%)।
• काल2म: ईसवी सन ४५५-४६७
• पु›=मP, œणों और आंतkरक िवZोह कe *tित
• पु›=मPों का दमन (राजपुP)
• उपा=ध: 2मािदƒ
<ोत
• अ=भलेख:
1. T
ं दगु% का जूनागढ़ अ=भलेख (œण िवजय)
2. भीतरी +Ž लेख (पु›=मPों पर िवजय)
3. कहौम अ=भलेख
4. सुिपया लेख
5. गढ़वा लेख ,
• =सL
े :
1. Xण`
2. रजत
जूनागढ़ अ<भलेख
कहौम अ<भलेख
भीतरी FS लेख
T
ं दगु# क
े <सU
े
ण -आTमण
1. जूनागढ़ अ=भलेख ४५५: शPुओं कe तुलना “मान और दप` से अपने
फ़न उठाएँ Œए सप`” इ¥- दमन करने क
े =लए, T
ं दगु% गzड़ iपी
&ितिन=धयों कe श*v का उपयोग िकया। (¦े† = œण )
2. भीतरी अ=भलेख “गु%वं श कe ली िवच=लत”, उसे tायी करने क
े
=लए उसे एक रात भू=मतल पे सोना पड़ा। T
ं दगु% ने शPु को हरा
िदया।
3. कथासkरCागर: िव2मािदƒ (T
ं दगु%) ने ¦े†ों को परा=जत
िकया।
4. चंZगभ`पाkर&ू†ा: Z§पसह्ह+ ने क
े वल १२ वष` िक आयु म- ¦े†ों
को परा=जत िकया, उसक
े िपता मह-Zसेन ने उसे राजा बनाकर
सgास ले =लया।
• यु„ tल:
1. गंगा,ल (गंगा„िन)
2. उर-पFgमी भारत
3. सतलज नदी
सा>ा? िव"ार नीित
• िवशाल सा~ाd कe सुरoा (Defensive Mode)
• जूनागड अ=भलेख: नागों क
े दमन का उ©ेख
• ªलीट : नाग = नागवं शी राजा
• अg: नाग= œण
• वाकाटक :
• बालाघाट ता~पP म- नर-Zसेन को कोशल, मेकल तथा मालवा का
Xामी बताया गया है।
• संभवतः T
ं दगु% क
े &ार*Žक वष” म- पु›=मP एवं œणों क
े यु„
म- Ÿ+ रहते वाकाटकों ने ये oेP =लया होगा।
• अंत म- T
ं दगु% ने ये &देश वापस =लए।
साEाM िव(ार
• उRर: िहमालय
• द=oण: नम`दा
• पूव`: बं गाल
• प=—म: सौरा‡˜
उपाFधयाँ
1. परमभ«ारक महाराजा=धराज
2. श2ोपम
3. पृ*¬पित
4. 2मािदƒ
5. परमिव2म
6. िव2मािदƒ
सुदश^न झील
1. सौरा‡˜ (गुजरात) क
े िगरनार म- जूनागढ म- *tत
2. मह…पूण` Ÿापाkरक oेP
3. ८०० वष” का इितहास
4. रैवतक पव`त से िनकली पला=शनी, =सकता एवं िवला=सनी निदयों
पर िनिम`त बांध
5. चंZगु% मौय` ारा िनमा`ण (पु›गु%)
6. असोक ारा पुनz„ार (तुषा¯क़)
7. शक शासक zZदामन ारा पुनिन`मा`ण
8. गु% काल म- T
ं दगु% क
े ग़ो%ा (गवन`र) पण`दR क
े पुP
च2पा=लत ने इसका पुनz„ार िकया।
[
ं दगु( : मूRांकन
• णों पर िवजय
• वं श क5 िवच8लत राजल‚ी को पुनः [िति+त िकया (सा?ा) को
सुर8iत रखा)
• प8vम और प8vमोRर भारत मM ग़ो&ा क5 िनयुe… (सैिनक [ांतीय
शासक)
• उRर मM िहमालय से लेकर द8iण मM नमEदा नदी तक तथा पूवE मM बं गाल
से लेकर प8vम मM सुराXY तक क
े िवृत भूभाग पर शासन करने वाला
अंितम गु& स?ाट।
• बौ9 †ंथ आयEमंजूzीमूलकP मM |
ं दगु& को zे+, बु89मान एवं
धमEवल कहा है।
• |
ं दगु& गु& वं श क
े महानतम राजाओं क5 ˆंखला मM अंितम कड़ी
था
• |
ं दगु& क5 मृtु क
े बाद गु&ों का िवघटन शु‰ qआ ।
गु/ राजा
अनु
5म
राजा काल (ईसवी
सन)
सं दभQ
१ पुzगु# ४६७- ४७६ ‡
ं दगु# का भाई (बौm)
२ क
ु मारगु# िˆतीय ४७७-४९५ सारनाथ बौm Nितमा
३ बुधगु# (परा5मी राजा) ४९५-५१५ पुzगु# का पु3
(सारनाथ, नालंदा)
४ नरFसंहगु# “बालािद‰”
(मगध)
Šणों पर िवजय गु# साEाM का तीन
िह‹ों म] िवभाजन
५ भानुगु#
६ वैyगु#
७ क
ु मारगु# तृतीय
८ िवुगु# ५५०
णों का आTमण एवं गु(ों का पतन
• णों का आsमण गु&ों क
े 8लए समŠा
• सवE[थम |
ं दगु& ने णों को परा8जत िकया, लेिकन ण पूणEतहा समा&
नही qए।
• णों का [भाव उRर-प8vम भारत मM e‹र होता रहा, जो सŒूणE भारत क
े
8लए हािनकारक था।
• |
ं दगु& ने णों का पूणE [बं ध नही िकया, जो भिव मM गु&ों क
े पतन का
कारण 8स9 qए।
• |
ं दगु& क
े पŽात क
े राजाओं ने भी णों को संपूणE उूलन क
े 8लए कोई
ठोस [बं ध नही िकये
• एरण अ8भलेख: ण राजा तोरमान ने मh [देश का भाग 8जत 8लया था
एवं गु& सामंत अब णों क
े सामंत हो गए थे।
• तोरमान क
े पु- 8मिहरक
ु ल ने गु& नरेश नर8स‘गु& बालािदt पे आsमण
िकया उसमM 8मिहरक
ु ल परा8जत qआ।
• ’ेन“ाँग: गु& नरेश नर8स‘गु& बालािदt ने 8मिहरक
ु ल को छोड़ िदया
• भानुगु& का एरण अ8भलेख: गोपराज णों क
े यु9 मM परा8जत qआ।
गु/ सा5ा6 का पतन
• गु# राजवं श कायQकाल :२७५-५५०
1. अयोŽ तथा िनबQल उराFधकारी:
2. बा आ5मण: Šण, पुFम3
3. िनरंतर युm:
4. Nांतो क[ Oतं3ता: वलभी ५५० (गुजरात), प‘र’ाजक ५१८ (मn-Nदेश),
वैyगु# ५४३(बं गाल)।
5. आFथQक aित:
6. वं शानुगत पदाFधकार (उ“ पदों का वं शंगत होना):
7. साम€वाद का उदय:
१) मै3क : सौराt”
२) प‘र’ाजक: रीवा-जबलपुर
३) उ“क•: मn Nदेश
४) वमQन: पFgम मालवा
५) मातृिवु: पूवD मालवा
६) मौखरी : कनौज
६) गौड़: बं ग
गु# वं श: VणW युग
• कला
• सािहš
• मं िदर िनमाuण
• ’ापš
• Fच<कला
• सं0
ृ त भाषा
• धातुिवान
• FसG
े
• गFणत
• FशTा
• खगोलिवान
• FचिकDा
tापƒ (गुहा एवं मं िदर)
=श±कला एवं =चPकला
िन`ष^
• गु# काल मr कला, िवान और सािहš क
े Tे< मr ^गित Bई और इसक
े कारण इसे “›णu युग” कहा
गया।
• झांसी क
े पास देवगढ़ मr मं िदर और इलाहाबाद क
े पास गढ़वा मr मं िदर मr मूितuयां गु# कला का महsपूणu
नमूना हœ।
• —ाFलयर क
े पास बाग कx गुफाओं मr गु# काल क
े Fच<ों को देखा जाता है।
• गु#कालीन FसG
े भी उžेखनीय थे
• चंVगु# िgतीय और उसक
े उYराFधकाŽरयों ने िवFभŸ िक ों क
े सोने, चांदी और तांबे क
े FसG
े भी जारी
िकए थे
• गु# काल मr सं0
ृ त भाषा ^मुख हो गई। सवu[ेk सं0
ृ त सािहš गु# युग मr िनिमuत Bआ।
• एक महान किव समुVगु# ने हरषेण सिहत कई िवgानों को संरTण िदया था।
• चnगु# िgतीय का दरबार ^ितिkत नवर¡ों gारा सुशोFभत था। उसमr काFलदास सबसे ^मुख थे।
• पंचतं< कx कहािनयों कx रचना गु# काल क
े दौरान Bई थी।
• अपने वतuमान Iप मr पुराणों कx रचना इसी काल मr Bई थी।
• वतuमान Iप मr महाभारत और रामायण को Fलखा गया था और अंितम Iप िदया गया था और वतuमान Iप
मr Fलखा गया।
• गु# काल मr गFणत, खगोल िवान, 'ोितष और FचिकDा क
े Tे< मr एक शानदार गितिवFधयों का
सा¢ रहा है।

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  • 1. गु# वं श का राजनीितक इितहास डॉ. िवराग सोनट, े सहायक 1ा2ापक 1ाचीन भारतीय इितहास, सं: ृ ित और पुरात> िवभाग बनारस िहंदू िवBापीठ, वाराणसी
  • 5. !"ावना • क ु षाण काल क े बाद भारत म4 बलशाली शासन का अभाव • स9ूण; उ=री भारत म4 राजनीितक ख़ालीपन • पABम भारत क े िवदेशी आDमणकारी शक, पाAथ;यन तथा क ु षाणों Hभावशाली Iये • अनेक लघु तथा िवशाल गणराKों का आAधपM • दANणी भारत म4 सातवाहनों ने राज िकया िकया. • तीसरी शताPी ई॰ तक क ु षाण तथा सातवाहन राजवं श समा# हो गए. • इसक े पUVात भारत क े तीन भागों म4 तीन नए राजवं शों का उदय Iआ. • मW देश क े पABमी भाग म4 नाग वं श, दXन म4 वाकाटक तथा पूवZ भारत म4 गु#वं श.
  • 6. गु# राजवं श क े जानकारी क े .ोत 1.वायु 2.िव+ु 3.म- 4.भागवत 5.0 ं द 6.माक 4 डेय 1.फािहयान: चीनी या<ी (३७५-४१५) 2.BएनDाँग: 1.FसG े :दीनार, Iपक, माषक 2.अFभलेख: सं0 ृ त भाषा 3.उQनन 4.मंिदर 1. काFलदास: िवकमRवं Fशयम, 2. TUVक: मृछकिटकम 3.िवशाखादY: देवीचंVगु#म 4.वा-ायन: कामसू< सािह%&क पुरात%,क धािम/क 0ंथ चीनी या7ी िववरण
  • 7. गु#ों का वं श प2रचय अनु $म िव(ान मत सं दभ/ समी1ा १ काशी &साद जायसवाल (िह/0ी ऑफ़ इंिडया) शू7/जाट कौमुदी महो=व नाटक क े नायक चAसेन को कारCार &बल िनEषG नही २ गौरीशंकर ओझा, रमेशचं7 मजूमदार, वासुदेव उपाNाय चटोपाNाय OिPय मN &देश क े गुQ वं शीय नरेश महाRशव गुQ से सSTUत Rसरपुर कW &शTX है RजसमZ उसे च[वं शीय OPीय कहा गया है. Rलिवयों से वैवािहक सSU वैवािहक सSU &माण नही। ३ दशरथ शमाG aाbण &भावती गुQा का पूना ताdपट मZ “धारण” गोP अिgपुराण मZ “धारण” गोP क े aाbण कहा है। कदंबों क े साथ वैवािहक संबं ध पुरोिहतों का गोP ४ एलन (क े टेलोग ओफ़ द कोयँस ओफ़ गुQा डायन/ीज़ एं ड ऑफ़ शशांक) अlेकर, रोRमला थापर, रामशरण शमाG वैm गुQ यह नाम िवnुपुराण: aाbण: शमाG OिPय: वमाG वैm: गुQ कौिटo: िवnुगुQ
  • 8. गु(ों का मूल िनवास 1ान • लगभग 275 ई० क े आसपास गु# सााK आरंभ Iआ. • एलन, गांगुली, मजूमदार आिद ने “इ]^ंग” क े िववरण क े आधार पर गु#ों का मूल _ान बं गाल बताया है। • मगध: िवbुपुराण म4 “Hयाग तथा गंगा क े िकनारे क े Hदेश म4 मगध क े गु# लोग शासन कर4गे। • पूवZ उ=र Hदेश: चंdगु# क े AसX े , Hयाग Hश]e, • गु# सााK का शासन सfवत: Hयाग, अयोWा, मगध तथा मW गंगाघाटी म4 शुg िकया और धीरे-धीरे उनका Hभाव लगभग सारे भारत म4 फ़ ै ल गया.
  • 9. गु# वं श अनु Dम राजा काल (ईसवी सन) सं दभ; १ [ी-गु# २७५-३०० समुVगु# क े ^याग ^श_` २ घटोcच ३००-३१९ ३ चंVगु# ^थम ३१९-३३५-३५० महरौली लौह `ंभलेख ४ समुVगु# ३३५-३५० से ३७५ समुVगु# क े ^याग ^श_` ५ रामगु# ६ चंVगु# िgतीय ३७५-४१३ उदयिगरी गुहालेख ७ क ु मारगु# ^थम ४१३-१५ से ४५५ ८ 0 ं दगु# ४५५-४६७ भीतरी `i लेख, जूनागड लेख
  • 10. !ार34क राजा !ीगु% 1. !ीगु% : &याग &श*+ म- &थम नाम, 2. काल2म: ईसवी सन २७५-३०० 3. उपा=ध: महाराज, 4. !ीगु% या गु% 5. इ*Cंग: !ीगु% को “चे=लक े तो” कहता है। 6. कोई लेख या =सLा नही
  • 11. घटो$च (ईसवी सन ३००-३१९) • घटोOच, !ीगु% का पुP एवं उRरा=धकारी, • &भावती एवं T ं दगु% क े लेखों म- घटोOच को गु% वं श का &थम शासक कहा है। • काल2म: ईसवी सन ३००-३१९ • उपा=ध: महाराज, • भार=शवों क े सामं त, कालांतर म- XतंP • कोई लेख एवं =सL े नही
  • 12. चं7गु( !थम • गु# युग का वा(िवक सं ,ापक • घटो1च का पु3 • काल5म : ईसवी सन ३१९ से ३३५-३५० • दूरदशD सEाट • FलGिवयों क े साथ वैवािहक सं बं ध (क ु मारदेवी से शादी) • वैशाली (िबहार) का राM Nा# • OणQ FसRों पर राजा-रानी का अंकन (FलGवय:) • गु# सUत् का NवतQक ईसवी सन ३१९-३२० • Nथम Oतं3 राजा उपाFध: महाराजाFधराज • चंZगु# Nथम क[ िवजयों का िववरण अNा# • समुZगु# का उराFधकारी चयन • नय] सं शोधन क े अनुसार चंZगु# Nथम एवं समुZगु# क े बीच कचगु# राजा हो गया था। • कचगु# क[ OणQ FसR े Nा# `ए है।
  • 13. राजा-रानी ^कार FसGा मुख भाग: चंVगु# एवं क ु मारदेवी नामों क े साथ पृk भाग: Fसंहवािहनी देवी एवं लेख Fलlवय: इन FसGों को राजा चnगु# ^थम और Fलlवी राजक ु मारी क ु मारदेवी क े िववाह क े अवसर पर ढ़ाला गया था। यह गु# सा&ा' क े इितहास मr एक महsपूणu घटना थी और यह माना जाता है िक इससे रा' मr सौभाw कx वृFy Bई और वे अपने सा&ा' का िव`ार करने मr सTम हो सक े ।
  • 15. समु7गु( • गु% वं श क े शासकों म- सबसे महान • चंZगु% &थम का क ु मारदेवी से उ[ पुP • काल2म: ईसवी सन ३३५-३७५ • &याग &श*+ म- स]ूण` िववरण • &देश िव+ार • धािम`क यb • सांT ृ ितक काय` • पाट=लपुP पर िवजय एवं राजधानी • राd कe िनवं मज़बूत कe • उनकe सैg उपल*hयों क े कारण, समुZगु% को ‘भारतीय नेपो=लयन’ क े iप म- सjािनत िकया गया था।
  • 16. समु7गु( क9 जानकारी क े <ोत 1. &याग &श*+ 2. =सL े 3. उRरा=धकाkरयों क े अ=भलेख
  • 18. सा>ा? िव"ार: युA नीित आया$%त क( िवजय आटिवक रा.ों क( िवजय सीमांत 4देशों क( िवजय द89णापथ क( िवजय
  • 19. आया`वत` (उYर-दFTण: िहमालय से िवं{; पूवu-पF|म: िहंद महासागर, बं गाल उपसागर) अनु ~म आयाuवतu रा' /^देश पहचान िववरण १ अ€ुत उYर पांचाल (अिहछ् <) “अ‚ु” लेख मुVा २ नागसेन पƒावती ३ गणपित नागवं शी (मथुरा) “ग” ४ „Vदेव कौशा…ी क े मघवं Fशय राजा वाकाटक राजा दFTण भारतीय राजा ५ मितल बुल†शहर Fम‡ी कx मुहर नागवं Fशय ६ नागदY नागवं शीय राजा,, लाहोर Fम‡ी कx मुहर महाराज नगभ‡ पु< महेˆर नाग ७ चंVवमuन बं गाल (भ‰ारकर) पूवŠ पंजाब (जायसवाल) ८ नंदी नागवं शीय शासक ९ बलवमuन मौखरी युy नीित : सŒूणu उूलन
  • 21. आटिवक रा?ों पर िवजय • िवंn पव`त क े &देशों क े राd • जं गली oेP (संभवतः आिदवासी राजा) • &याग &श*+: “पkरचाkरक ृ त सवा`टिवकराजq” – िवशेष अवसरों पर सेवक का काय` • यह oेP संभवतः बुं देलख ं ड, बघेलख ं ड, रीवा एवं िवंn पव`त क े आसपास का oेP रहा होगा।
  • 23. द<=णापथ क@ िवजय अनु $म द21णापथ रा7 8देश िववरण १ कोसल का मह)* द,-णी कोसल, राजधानी 4ीपुर MP: िबलासपुर, रायपुर, दुग; ओिड़शा: संभलपुर, गंजम २ महाकांतर का CाDराज वेनव तट (वैनगंगा), IाJ कोसल (पूवL कोसल) द,-णी कोसल क े िनकट तथा द,-ण म) CाDदेव नामक सामN राजा ३ कौराल का मंटराज क े रल ? द,-ण भारत का कोराड? सं िदR ४ िपTपुर का मह)*िगरी िपठापुरम गोदावरी ,ज़ले क े गोदावरी ,ज़ले ५ कोXर का Yा,मदZ मह)*िगरी क े द,-ण पूव; म) १२ िकमी दूर क़ोथुर ? ओिड़शा क े गंजाम ,ज़ले का कोठूर ? सं िदR ६ ऐर^प_ का दमन १)`aलट: खानदेश क े ऐरोंडोल से २) डुcायल: गंजाम क े एर^प_ी से ३) जी॰ रामदास: िवशाखापXनम क े य)निडप_ी से ७ काँची का िवiुगोप काँचीपुरम, ,चंगलपेट ,ज़ला ता,मल नाड़j प_व नरेश िवiुगोप वम;न ८ अवमुm का िनलराज काँची एवं व)गी का Iदेश ता,मल नाड़j एवं कना;टक cnपुराण: गोदावरी तट सं िदR ९ व)गी का हpवम;न गोदावरी ,ज़ला आंr Iदेश सं भवतः शालंकायन वं श का हpीवम;न १० पा_क का उvसेन ने_ोक ,ज़ले क े पा_काड आंr Iदेश ११ देवराT का क ु बेर १)`aलट, रायचौधरी: महाराTw सं भवतः िवशाखापXनम क े आसपास का देवराTw सं िदR १२ क ु xलपुर का धनंजय उZरी अका;ट म) कXलपुर (उYर-दFTण: िवं{ से तंगभVा
  • 24. दFGणापथ क9 िवजय नीित • असुर नीित क े tान पर धम`िवजय नीित “uहणमोoानुuह” 1. uहण (िवजय) 2. मोo (जीत कर भी मुv करना) 3. अनुuह (मु*v पwxात सjािनत करना)
  • 25. सीमावत: (;&ंत) रा<ों क> िवजय अनु 5म सीमांत राM aे3 Nदेश १ समतट गंगा का मुहाना बं गाल २ दवाक ढाका बांcादेश ३ कामdप असम ४ नेपाल ५ कतूQपुर पूवQ पं जाब एवं आसपास का Nदेश उर-पFgम Nदेश नीित १) िवजयों क े पŽरणामों से अ राजा भयभीत २) कर : ३) दान : ४) आाकारण: ५) ^णाम: ५) आगमन:
  • 26. गण रा?ों क9 िवजय अनु 2म गण राd oेP &देश १ मालव अजमेर, टोंक, मेवाड़ राज’ान २ आजुuनायन अलवर, जयपुर राज’ान ३ यौधेय यमुना क े पF|म से सतलज कx घाटी हŽरयाना ४ मVक रिव एवं चेनब वाय” भारत ५ आभीर झाँसी या राजपूताना उYर ^देश या राज’ान ६ ^ाजुuन नरFसंहपुर म{ ^देश ७ सनक़ािनक Fभलसा , —ाFलयर म{ ^देश ८ काक Fभलसा-िविदशा क े पास म{ ^देश ९ खरपŽरक दमोह म{ ^देश
  • 27. पड़ोसी िवदेशी रा?ों पर िवजय 1. क ु षाण : देवपुPषािहषाहानुषािह 2. oPप (शक) 3. लंका (=संहल): !ी मेघवण` ने बोधगया म- िवहार िनमा`ण • मैPी नीित 1. आyिनवेदन: समप`ण 2. कgोपायन: 3. दान: 4. राजदंड (गzड़दंड) का Xीकार:
  • 28. समु7गु( क9 सा>ा? िव"ार नीितयाँ • hहण मोaानुhह- इससे ताjयQ है िक उसने राMों को जीतकर, पुराने शासकों को ही लौटा िदये। दFaणापथ क े राMों क े Nित यह नीित अपनाई गयी थी। • Nसभोmरण- इसका ताjयQ है िक समुZगु# ने नये राMों को जीतकर बलपूवQक अपने राM म] Fमला Fलया। समुZगु# ने यह नीित आयाQवतQ क े राMों क े Nित अपनायी। • परचारक[करण- इससे ताjयQ है सेवक बनाना। इस नीित का पालन उसने मn भारत क े आटिवक राMों क े साथ िकया। • करदानाoाकरण Nणामागमन- इससे ताjयQ है कर एवं दान देना, आoा का पालन करना। इसक े अलावा शासकों को समुZगु# क े पास अFभवादन हेतु आना पड़ता था। यह नीित समुZगु# ने सीमा q,त राजाओं व गणराMों क े Nित अपनायी। • भृtराMोuv राजवं श Nितwा- इससे ताjयQ है िक हारे `ए राMों को पुन: Nितwािपत करना। • आxिनवेदन कyोपायान गzxद{O िवषय भुq} शासन याचना- इससे ताjयQ है िक ब`त से शासकों ने समुZगु# क े समa समपQण िकया। क ु छ राजाओं ने अपनी कyाओं का िववाह िकया। उोंने अपने िवषय व भुq} (Fजला व Nा€) म] गु#ों क[ गzड़ मुZा से अंिकत आoा-प3 क[ याचना क[। इस नीित का पालन उसने िवदेशी राजाओं क े साथ िकया।
  • 30. समु7गु( क9 उपल3Mयाँ एवं चOरP 1. असाधारण सैिनक यो|ता 2. िवशाल एकछP सा~ाd कe tापना 3. दूरदश एवं क ू टनीितb (uहणमोoानुuह) 4. अ€मेध यb 5. सुवण` =सL े कe िविवधता 6. िवान एवं िव‚ा का संरoक 7. संिगत&ेमी 8. सिहƒ&ेमी (किवराज) 9. हkरष-ण : राजकिव
  • 32. समु7गु( : मूRांकन • आ2ामक यु„नी त • महान िवजेता • भारितय इितहास म- मह…पूण` tान • उपा=ध: सव`राजो†ेता • समुZगु% ने शु„ सोने क े =सL े &च=लत िकये गये जो कलाyक Xiप म- भी उO ृ ‡ है। • *ˆथ: भारत का नेपो=लयन • मजूमदार: लगभग पाँच शता*Šयों क े राजनीितक िवक - Zीकरण क े तथा िवदेशी आ=धपƒ क े बाद आया`वत` म- समुZगु% क े काल म- पुनः नैितक, बौ=„क तथा भौितक उित कe चोटी पर जा पŒँचा।
  • 33. रामगु( • समु$गु& का )े+ पु- • नए संशोधन से रामगु& क5 पहचान 8स9 (१९२४) • ता? 8स@ े (8भलसा, एरन): रामगु& • दुजEनपुर जैन मूितE अ8भलेख “महाराजा8धराज रामगु&” • गु& वं शाव8लयो मM नाम नही • संभवतः अP एवं अयशपूणE शासन • िवशाखादR क े “देवीचं$गु&मं ” नाटक मM वणEन • बाण क े हषEचVरत, राजशेखर क5 काWमीमांसा, • राXYक ु ट अमोघवषE क े संजान ता?पट, गोिवंद [थम क े का]े एवं सांगली क े लेखों मM रामगु& क5 चचाE है। • जैन धमाEनुयायी
  • 34. चं7गु( िSतीय “ िवTमािदU” • समुZगु% का पुP (&धान मिहषी: रानी दRदेवी) • काल2म: ३७५ से ४१३-४१५ • अ=भलेखों म- “त[kरगृहीत”: िपता ारा चुना गया • राd को *tर िकया • शकिवजय : िवदेशी श*v क े साथ यु„ • चाँदी क े =सLों का &चलन
  • 35. चं7गु( िSतीय क े जानकारी क े <ोत: • अ=भलेख: 1. महरौली लौह +ंभ लेख, 2. उदयिगरी गुहा लेख, 3. मथुरा का +Ž लेख, 4. गढ़वा एवं साँची क े अ=भलेख • =सL े : Xण`, रजत, ता~ क े िविवध &कार क े =सL े • सािहƒ: का=लदास क े uंथ • िवदेशी िववरण: चीनी याPी फािहयान का याPा वृRांत
  • 37. चं7गु( िSतीय क9 िद3Vजय ‘ोत: मेहरौली +Ž लेख, उदयिगरी गुहा लेख अनु $ गणरा7 1<प पूव> 8?ं त रा7 प2@मोBर भारत द21णापथ १ मD अवEी (मालवा) 1े< समतट परवत> क ु षाण द21ण भारत मJ Kाित २ खरपNरक अंितम राजा: PD2संह तृतीय का वध िकया दवाक वाकाटक एवं मालवा मJ 1<प 2सVों क े अनुकरण पर चाँदी क े 2सV े चलाएँ कामYप वाह2लक (सतलज से काबुल तक) क ुं तल 8देशों से स[ ३०० वष_ का शासन का अंत उपा2ध: िव$मािद? आसाम तक का 1े< िवजीत िकया बाbख़ (िहंदूक ु श क े पास) गुजरात+किठयावाड 8देश श<ुओं क े सं घ को हराया
  • 38. चंBगु# िCतीय क@ साDाE िवFार नीित 1. नागवं श : चं$गु& ि_तीय का क ु बेरनाग क5 पु-ी क ु बेरनागा से िववाह 2. चं$गु& ि_तीय क5 पु-ी [भावतीगु& का िववाह वाकाटक `$सेन ि_तीय से 3. चं$गु& ि_तीय क े पु-/पौ- से क ुं तल राज (कद]) क5 कbा का िववाह नागवं श वाकाटक कदH वैवािहक स./ 0ारा
  • 39. गु#- वाकाटक सHI • वाकाटक द=oण-मn भारत एवं िवदभ` का श*vशाली वं श • समुZगु% क े द=oणापथ अ=भयान म- भी सुर=oत • पूना ता~पP: &भावती गु%ा + zZसेन II • वी *ˆथ : वाकाटकों कe मह…पूण` भोगो=लक *tित क े कारण चंZगु% II ने उनसे वैवािहक स’“ बनाए जो शक िवरोधी अ=भयान म- मह…पूण` थे। • zZसेन ितीय ने क े वल ५ वष” तक राज िकया • &भावती गु% “वाकाटक संर=oका” • पूना ता~पP म- गु%ों कe वं शावली
  • 40. कदW सWX • क़द’ द=oण भारत क े शासक • उRर कना`टक • तालगुडा लेख: कद’ नरेश काक ु tवम`न कe पुPी गु% वं श म- –ाही थी। • भोज का !गार&काश: क ुं तल राजा ने चंZगु% क े क ं धे पर राd का भर देक े िन=—ंत हो गया।
  • 41. शक-िवजय • चं$गु& ि_तीय क5 महcपूणE उपलef। • अ8भलेखों क े आधार पर यु9 क े पूवE उदयिगरी, मालवा, मh[देश iे- को आधार बनाया होगा। 1. गु& सामंत सनकानीक महाराज का अ8भलेख (४०१ ईसवी) 2. ि_तीय सेनापित आ?कादवE का अ8भलेख साँची मM (४१२ ईसवी) 3. यु9मं-ी िवरसेन शाव का अ8भलेख उदयिगरी मM 8मलता है। 4. mतः चं$गु& ि_तीय का अ8भलेख • शक राजा: संभवतः `$8संह ि_तीय • चं$गु& ि_तीय ने उसे हराया एवं संभवतः मार डाला • शकों का ३०० वषp का शासन काल समा& qआ। • गुजरात एवं कािठयाँवाड iे- सा?ा) का भाग • रजत 8स@ े • 8संहिनहंता [कार क े सुवणE 8स@ े • उपा8ध: िवsमािदt, शकारी
  • 44. सा~ाd िव+ार सीमा • उRर: िहमालय • द=oण: नम`दा • पूव`: बं गाल • प=—म: सौरा‡˜ • &भाव का oेP: 1. वाकाटक 2. क ु ™ल
  • 45. फािहयान (३९९-४१४): चंVगु# िgतीय क े आदशu शासन कx ^शं सा, “^जा सुखी एवं समृy थी तथा लोग पर˜र सौहादuपूणu रहते थे”। अपराध कम होते थे, राजा िबना द‰ क े शासन करता था। Foguoji (A Record of Buddhistic Kingdoms)
  • 47. चं7गु( िSतीय का मूRांकन 1. चं$गु& ि_तीय महान िवजेता, क ु शल शासक, क ू टनीितu था। 2. शकों का ३०० वषp क े शासन का अंत 3. प8vमी Wापारी iे-ों (भड़ोंच) पर अ8धकार से Wापार-वा8ण) मM वृ89 4. परमभागवत एवं सिहyु 5. mयं िव_ान एवं िव_ानों का आzयदाता: उ{ैन एवं पाट8लपु- सां| ृ ितक iे- 6. दरबार मM नवर} 7. फािहयान एवं का8लदास ने ुित 8. रजत 8स@ों का [चलन 9. समु$गु& ने सा?ा) क5 िनवं रखी, चं$गु& ि_तीय ने उसपर मज़बूत महल बनाया।
  • 48. क ु मारगु(-!थम महZ7ािदU • चंZगु% ितीय का šुवदेवी से उ[ पुP • काल2म: ४१३-४१५ से ४५५ (४० वष`) • बड़े सा~ाd का शासक • लगभग स]ूण` भारतवष` पर अ=धकार • यु„-िवजय क े &माण नही • शासन क े अंितम काल म- पु›=मPों का िवZोह (प=—म भारत) • œणों का आ2मण • उपा=ध: मह-Zािदƒ, अ€मेध मह-Z, मह-Z=संह,
  • 49. <ोत • १८ अFभलेख (सवाuFधक) 1. मंदसोर Fशलालेख, 2. िबलसद अFभलेख 3. मथुरा अFभलेख 4. साँची अFभलेख 5. उदयिगरी अFभलेख 6. तुमैन अFभलेख • ३ ता&प< 1. धनदैह ता&प< 2. दामोदरपुर ता&प< 3. वै™ाम ता&प< • मुVाएँ 1. सवाuFधक ^कार क े FसGों का ^वतuन 2. काितuक े य ^कार क े FसG े 3. अˆमेध FसG े 4. सुवणu, चाँदी एवं ता& FसG े
  • 51. क ु मारगु5-6थम क े रजत एवं सीसे क े <स= े
  • 52. युA 1. पु›=मPों से यु„: • T ं दगु% क े =भतरी अ=भलेख म- वण`न • “गु%वं श कe राजली िवच=लत” • पु›=मPों कe श*vशाली सेना से यु„ २ अ€मेध यb
  • 53. साDाE िवFार क ु मारगु% कe उपा=धयाँ : ीमहे‚, अƒमेधमहे‚, Fसंहमहे‚,गु#क ु लामलचंZ, आिद
  • 54. क ु मारगु(-!थम: मूRांकन 1. िवशाल सा~ाd पे शासन 2. शांित और सुŸवtा का काल 3. दीघ`काल तक शासन 4. क ु मारगु% ने शांित एवं सुखपूव`क राजली का उपभोग िकया 5. समुZगु% एवं चंZगु% II ने =जस िवशाल सा~ाd का िनमा`ण िकया उसे उसे क ु मारगु% ने संगिठत एवं सुशा=सत बनाए रखा।
  • 55. [ ं दगु( • क ु मारगु% &थम का पुP • संभवतः जे¡ नही (पुzगु%)। • काल2म: ईसवी सन ४५५-४६७ • पु›=मP, œणों और आंतkरक िवZोह कe *tित • पु›=मPों का दमन (राजपुP) • उपा=ध: 2मािदƒ
  • 56. <ोत • अ=भलेख: 1. T ं दगु% का जूनागढ़ अ=भलेख (œण िवजय) 2. भीतरी +Ž लेख (पु›=मPों पर िवजय) 3. कहौम अ=भलेख 4. सुिपया लेख 5. गढ़वा लेख , • =सL े : 1. Xण` 2. रजत
  • 61. ण -आTमण 1. जूनागढ़ अ=भलेख ४५५: शPुओं कe तुलना “मान और दप` से अपने फ़न उठाएँ Œए सप`” इ¥- दमन करने क े =लए, T ं दगु% गzड़ iपी &ितिन=धयों कe श*v का उपयोग िकया। (¦े† = œण ) 2. भीतरी अ=भलेख “गु%वं श कe ली िवच=लत”, उसे tायी करने क े =लए उसे एक रात भू=मतल पे सोना पड़ा। T ं दगु% ने शPु को हरा िदया। 3. कथासkरCागर: िव2मािदƒ (T ं दगु%) ने ¦े†ों को परा=जत िकया। 4. चंZगभ`पाkर&ू†ा: Z§पसह्ह+ ने क े वल १२ वष` िक आयु म- ¦े†ों को परा=जत िकया, उसक े िपता मह-Zसेन ने उसे राजा बनाकर सgास ले =लया। • यु„ tल: 1. गंगा,ल (गंगा„िन) 2. उर-पFgमी भारत 3. सतलज नदी
  • 62. सा>ा? िव"ार नीित • िवशाल सा~ाd कe सुरoा (Defensive Mode) • जूनागड अ=भलेख: नागों क े दमन का उ©ेख • ªलीट : नाग = नागवं शी राजा • अg: नाग= œण • वाकाटक : • बालाघाट ता~पP म- नर-Zसेन को कोशल, मेकल तथा मालवा का Xामी बताया गया है। • संभवतः T ं दगु% क े &ार*Žक वष” म- पु›=मP एवं œणों क े यु„ म- Ÿ+ रहते वाकाटकों ने ये oेP =लया होगा। • अंत म- T ं दगु% ने ये &देश वापस =लए।
  • 63. साEाM िव(ार • उRर: िहमालय • द=oण: नम`दा • पूव`: बं गाल • प=—म: सौरा‡˜
  • 64. उपाFधयाँ 1. परमभ«ारक महाराजा=धराज 2. श2ोपम 3. पृ*¬पित 4. 2मािदƒ 5. परमिव2म 6. िव2मािदƒ
  • 65. सुदश^न झील 1. सौरा‡˜ (गुजरात) क े िगरनार म- जूनागढ म- *tत 2. मह…पूण` Ÿापाkरक oेP 3. ८०० वष” का इितहास 4. रैवतक पव`त से िनकली पला=शनी, =सकता एवं िवला=सनी निदयों पर िनिम`त बांध 5. चंZगु% मौय` ारा िनमा`ण (पु›गु%) 6. असोक ारा पुनz„ार (तुषा¯क़) 7. शक शासक zZदामन ारा पुनिन`मा`ण 8. गु% काल म- T ं दगु% क े ग़ो%ा (गवन`र) पण`दR क े पुP च2पा=लत ने इसका पुनz„ार िकया।
  • 66. [ ं दगु( : मूRांकन • णों पर िवजय • वं श क5 िवच8लत राजल‚ी को पुनः [िति+त िकया (सा?ा) को सुर8iत रखा) • प8vम और प8vमोRर भारत मM ग़ो&ा क5 िनयुe… (सैिनक [ांतीय शासक) • उRर मM िहमालय से लेकर द8iण मM नमEदा नदी तक तथा पूवE मM बं गाल से लेकर प8vम मM सुराXY तक क े िवृत भूभाग पर शासन करने वाला अंितम गु& स?ाट। • बौ9 †ंथ आयEमंजूzीमूलकP मM | ं दगु& को zे+, बु89मान एवं धमEवल कहा है। • | ं दगु& गु& वं श क े महानतम राजाओं क5 ˆंखला मM अंितम कड़ी था • | ं दगु& क5 मृtु क े बाद गु&ों का िवघटन शु‰ qआ ।
  • 67. गु/ राजा अनु 5म राजा काल (ईसवी सन) सं दभQ १ पुzगु# ४६७- ४७६ ‡ ं दगु# का भाई (बौm) २ क ु मारगु# िˆतीय ४७७-४९५ सारनाथ बौm Nितमा ३ बुधगु# (परा5मी राजा) ४९५-५१५ पुzगु# का पु3 (सारनाथ, नालंदा) ४ नरFसंहगु# “बालािद‰” (मगध) Šणों पर िवजय गु# साEाM का तीन िह‹ों म] िवभाजन ५ भानुगु# ६ वैyगु# ७ क ु मारगु# तृतीय ८ िवुगु# ५५०
  • 68. णों का आTमण एवं गु(ों का पतन • णों का आsमण गु&ों क े 8लए समŠा • सवE[थम | ं दगु& ने णों को परा8जत िकया, लेिकन ण पूणEतहा समा& नही qए। • णों का [भाव उRर-प8vम भारत मM e‹र होता रहा, जो सŒूणE भारत क े 8लए हािनकारक था। • | ं दगु& ने णों का पूणE [बं ध नही िकया, जो भिव मM गु&ों क े पतन का कारण 8स9 qए। • | ं दगु& क े पŽात क े राजाओं ने भी णों को संपूणE उूलन क े 8लए कोई ठोस [बं ध नही िकये • एरण अ8भलेख: ण राजा तोरमान ने मh [देश का भाग 8जत 8लया था एवं गु& सामंत अब णों क े सामंत हो गए थे। • तोरमान क े पु- 8मिहरक ु ल ने गु& नरेश नर8स‘गु& बालािदt पे आsमण िकया उसमM 8मिहरक ु ल परा8जत qआ। • ’ेन“ाँग: गु& नरेश नर8स‘गु& बालािदt ने 8मिहरक ु ल को छोड़ िदया • भानुगु& का एरण अ8भलेख: गोपराज णों क े यु9 मM परा8जत qआ।
  • 69. गु/ सा5ा6 का पतन • गु# राजवं श कायQकाल :२७५-५५० 1. अयोŽ तथा िनबQल उराFधकारी: 2. बा आ5मण: Šण, पुFम3 3. िनरंतर युm: 4. Nांतो क[ Oतं3ता: वलभी ५५० (गुजरात), प‘र’ाजक ५१८ (मn-Nदेश), वैyगु# ५४३(बं गाल)। 5. आFथQक aित: 6. वं शानुगत पदाFधकार (उ“ पदों का वं शंगत होना): 7. साम€वाद का उदय: १) मै3क : सौराt” २) प‘र’ाजक: रीवा-जबलपुर ३) उ“क•: मn Nदेश ४) वमQन: पFgम मालवा ५) मातृिवु: पूवD मालवा ६) मौखरी : कनौज ६) गौड़: बं ग
  • 70. गु# वं श: VणW युग • कला • सािहš • मं िदर िनमाuण • ’ापš • Fच<कला • सं0 ृ त भाषा • धातुिवान • FसG े • गFणत • FशTा • खगोलिवान • FचिकDा
  • 73. िन`ष^ • गु# काल मr कला, िवान और सािहš क े Tे< मr ^गित Bई और इसक े कारण इसे “›णu युग” कहा गया। • झांसी क े पास देवगढ़ मr मं िदर और इलाहाबाद क े पास गढ़वा मr मं िदर मr मूितuयां गु# कला का महsपूणu नमूना हœ। • —ाFलयर क े पास बाग कx गुफाओं मr गु# काल क े Fच<ों को देखा जाता है। • गु#कालीन FसG े भी उžेखनीय थे • चंVगु# िgतीय और उसक े उYराFधकाŽरयों ने िवFभŸ िक ों क े सोने, चांदी और तांबे क े FसG े भी जारी िकए थे • गु# काल मr सं0 ृ त भाषा ^मुख हो गई। सवu[ेk सं0 ृ त सािहš गु# युग मr िनिमuत Bआ। • एक महान किव समुVगु# ने हरषेण सिहत कई िवgानों को संरTण िदया था। • चnगु# िgतीय का दरबार ^ितिkत नवर¡ों gारा सुशोFभत था। उसमr काFलदास सबसे ^मुख थे। • पंचतं< कx कहािनयों कx रचना गु# काल क े दौरान Bई थी। • अपने वतuमान Iप मr पुराणों कx रचना इसी काल मr Bई थी। • वतuमान Iप मr महाभारत और रामायण को Fलखा गया था और अंितम Iप िदया गया था और वतuमान Iप मr Fलखा गया। • गु# काल मr गFणत, खगोल िवान, 'ोितष और FचिकDा क े Tे< मr एक शानदार गितिवFधयों का सा¢ रहा है।