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3. ा प
• पंचदेवोंपासना : पाँच देवों क स लत उपासना
1. शव
2. िव ु
3. श
4. सूय
5. गणपित
• पौरा णक धम म सं दायों का सम य शु हो चुका था
• पंचायतन पूजा के लोकि यता का ेय शंकराचाय को जाता है।
• शंकराचाय ने (७८८-८२० CE) शैव, शा , वै व, सौर और
ग़ाणपा तथा अथवा ं द क पूजा को पंचायतन कहा ।
• पंचायतन उपासना के पाँच देवों म िव ु (अनेक अवतारों), शव
(अनेक पों) के साथ पूजनीय थे।
4. ार
• उपिनषद काल के बाद ान क दूरहता ने जनता का मोहभंग हो गया।
• सगुण ई र क उपासना ने ादा भािवत िकया।
• धािमक मतभेद तथा िवदेशी आ मणों से उ सामा जक प र ित म
पंचदेवोंपासना ार ।
• भ का माग सरल और साधारण होने से अनेक देवता पूजनीय हो गए।
• मनु जस मुख देवता का भ होता था, उसे और उस स दाय के सब
देवताओं क आराधना करता था।
• इस तरह मुख देवताओं के भ - भ स दाय िनिमत थे।
• हर स दाय दूसरे स दाय से ेष, घृणा और ित ंि ता रही होगी जसको
रोकने के लए इन सं दायों को संगिठत करना शु आ।
• एक ही ल म पूजा े क िनिमित, भ -सं दायों के सम त देवताओं
क मूितयाँ आकार लेने लगी (ह रहर, िहर ागभ)
• इस काल म पाँच मुख देवता पूजनीय और लोकि य थे।
5. ोत
• प पुराण
• ग ड़ पुराण
• पुराता क सा
1. मंिदर
2. अ भलेख
• पंच देवों म से कोई भी इ हो सकता है।
6. पंचदेवोंपासना/ पंचायतन
• पंचायतन श “पं चायत” से सं बं धत है।
• ऐसा ान जहां सब देव एक-साथ उप त हो।
• िहंदू धम के “सम या क प” द शत करते है।
• मु देवता क (गभगृह) म।
1. शव पंचायतन :
2. िव ु पंचायतन:
3. सूय पंचायतन : अ देवता चारों और
4. देवी पंचायतन:
5. गणेश पं चायतन:
7. गु काल म पंचदेवोंपासना
• गु काल म पंचदेवोंपासना लोकि य एवं च लत थी।
• गु स ाट “परम भागवत” थे।
• इसी काल से पंचदेवोंपासना के पूजन हेतु मंिदर ाप के
माण ा होते है।
• देवगड म पंचायतन मंिदर ाप के अवशेष से पता चलता है क
पंचदेवोंपासना लोकि य थी।
• मंिदर का मु गभगृह वै व था, और जगती के चारों कोनो पे छोटे
मंिदर त थे।
8. पूव-म काल म पंचदेवोंपासना
• इस काल म पंचदेवोंपासना या पंचायतन पूजा हेतु अनेक मंिदरो के
माण भारत म मलते है।
• राज ान के नागदा का सास–ब का मंिदर, इ ल का वै व मंिदर,
पारा नगर का िनलकं ठ शव मंिदर इ ािद पं चायतन मंिदरो के
उदाहरण है।
• पंचायतन मंिदर मुखता से खजुराहो, भुवने र तथा क ीर म पाए
गए है।
• खजुराहो का ल ण मंिदर िव ु को समिपत तथा पंचायतन कार
का है।
14. पंच देव
1. िव ु: आकाश त प म पूजनीय, अवतरवाद के
सू धार
2. शव: पृ ी त , लंग प म पूजनीय
3. श : अि के प म पूजनीय,
4. गणपित: जल त के ितिन ध।गाणप स दाय
5. सूय: वायु त के प म
15. उपसंहार
• वी॰एस॰पाठक: पर रावादी आ क धम म पर र िनकटता ा
करने क वृ के प रणाम प पंचदेवोंपासना च लत ई।
• शैव तथा वै व के पंचदेव भ कार के थे।
• शैव तथा वै व के स लत पंचदेवोंपासकों को ात स दाय
कहा गया। इस पंथ का िवकास ार क म काल म आ।
• ात पर रा म पंचदेवोंपासना लंग ( शव) के चारों और िव ु,
श ,गणेश और सूय क उपासना क जाती थी।