SlideShare ist ein Scribd-Unternehmen logo
1 von 17
संजीव कु मार
द गोट ट्रस्ट
 बत्तख धान में लग रहे कीड़े, लावाा आदद को खाकर धान की
फसल को नुक्सान होने से बचाता है |
 बत्तख धान के साथ अनावश्यक रूप से उग आने वाले खर
पतवार के पत्तों को खाकर उसकी बढ़वार रोकता है |
 बत्तख के झिल्लीनुमा पैर पानी को दहलाकर ज्यादा
ऑक्सीजन धान के पौधों की जड़ तक पहुचाता है जजससे
पौधे घने व ज्यादा शाखा वाले होते हैं तथा उपज बढ़ाती है
| ये पौधों के जड़ के पास की ममटटी को भी ढीला रखती है,
जजससे ममटटी से ज्यादा पोषण पौधों को ममल पाटा है |
 बत्तख के मल से पौधों को उत्तम ककस्म का खाद प्राप्त होता
है |
 धान की पैदावार में २०% तक की बढ़ोतरी होती है |
 बत्तख पालन से अलग से ८ से १०००० रुपये प्रतत १००
बत्तख प्राप्त हो जाता है |
 ककसान के कीटनाशक तथा खर पतवार नाशक दवाई के
खचा में कटोती होती है |
 इस प्रकिया से आगेतनक धान की खेती कर उत्तम मूल्य पर
बेचा जा सकता है |
 बत्तख मुगी से ज्यादा अंडे देने की क्षमता रखती है
| अच्छी नस्ल जैसे खाकी कै म्पबेल वषा में ३००
अंडे दे सकती है तथा २ से ३ साल तक अंडा दे
सकती है | अतः पुरे जीवन काल में १००० अंडे दे
सकती है |
 बत्तख के अंडे मुगी के अंडे से आकार में बड़े तथा
ज्यादा ववटाममन वाले होते हैं |
 बत्तख को कम देख रेख की आवश्यकता होती है |
 बत्तख में कम बीमाररयााँ होती है | इनकी बीमारी
को सहने के क्षमता अधधक होती है |
 इन्हें बहुत खचीला घर की आवश्यकता नहीं होती
है |
 नमी वाले इलाके जैसे नहर व ् नदी के ककनारे, वषाा
वाले क्षेत्र में जहााँ मुगी पालन में बीमारी के
संभावना बढ़ जाती है वहीीँ बत्तख के मलए ये
अनुकू ल है |
 बत्तख लगभग अंडे सुबह ८ बजे से पहले दे देती है
अतः अंडा इकठ्ठा करना आसान होता है |
 बत्तख ज्यादा उड़ नहीं पाती इसमलए बाहर जाने का
डर कम रहता है |
 धान के फसल में बत्तख पालन से धान के कीड़े
ख़त्म हो जाते है तथा धान अधधक पैदा होता है |
 ये खुद तालाब तक जाकर समय पर अपने आप
वापस आ जाते हैं |
 बत्तख पालन का अथाशास्त्र
 नस्ल व ् उत्तम पक्षी का चुनाव
 सही चारा दाने के व्यवस्था
 सही कम खचा आवास व ् स्वच्छता
 स्वास््य प्रबंधन व ् चीजों की देखरेख
 अण्डों का सही संग्रहण व ् अंडे से चूजा तनकालने
का उधचत तरीका
 सही ववकय समय तथा बाजार प्रबंधन
 खाकी कै म्पबेल – यह अंडा देने के मलए सबसे
अच्छी बत्तख नस्ल है जो वषा में ३०० अंडे लगभग
प्रततददन एक अंडा दे सकती है | यह स्थानीय रूप
से उपलब्ध प्रजातत है | इसके नर का वजन २.२
से २.५ ककलो तथा मादा का वजन २ से २.२ ककलो
होता है |
 इंडडयन रनर
 पकका न – सफ़े द पकका न मांस के मलए सबसे अच्छी
नस्ल है | यह ४५ ददन में २ से २.५ ककलो वजन
की हो जाती है | लगभग २.५ ककलो दाना खाकर
ये १ ककलो वजन प्राप्त कर लेती है |
 रंग – नर बत्तख ज्यादा चमकीले होते है |
 आवाज – मादा बत्तख ज्यादा आवाज करते हैं |
 नर बत्तख के पीछे अलग सा घुमा हुआ पंख होता
है |
 नर बत्तख आकार में बड़े होते हैं |
 आवश्यकता पड़ने पर जनन अंगों को पलटकर
देखा जा सकता है |
 रंग
 आकार
 सजगता और प्रेम प्रदशान
 चमक
 उम्र और वजन
 अंडा दानी का आकार
अनुवांमशक गुण
 माता का अंडा उत्पादन
 िुण्ड का औसत अंडा उत्पादन
 बत्तख को उम्र के दहसाब से तनम्न स्थान की
आवश्यकता होती है
उम्र स्थान प्रति पक्षी पानी
३ सप्ताह तक १ वगाफीट २ से ३ इंच गहरा
३ से १६ सप्ताह
तक
रात में – २.५
वगाफीट
ददन में बहार – १०
से १५ वगाफीट
६ इंच गहरा , १८
इंच चौड़ा , १ फीट
प्रतत पक्षी
अंडा देने वाला
बक्सा
१ फीट *१.५ फीट
* १ फीट
 क्या झखलाएं
 ककतना झखलाएं
 कब झखलाएं
 कै से झखलाएं
 कम खचा राशन कै से तैयार करें
 बत्तख को खाने के साथ पानी होना आवश्यक है |
ये खाने के साथ चोंच को साफ़ करने तथा खाने
को गले में तनगलने के मलए पानी का इस्तेमाल
करते हैं |
 बत्तख मुख्या रूप से तीन तरह की चीजों से पेट
भरता है –
1. अनाज या दाना –चावल, चावल भूसी, गेहूं , घर
के जूठन, खल , दाल के टूकडे
2. हरा मुलायम चारा
3. कीडे – मकोडे, पानी के पौधे
चारा पचाने के मलए इसे रेट या पत्थर के महीन
टुकड़ों की जरुरत पड़ता है |
 खुली चारे में बत्तख अपना खाना खुद खोज लेता
है, लेककन चूजे को प्रयाप्त दाना देना जरूरी है |
 बढ़ते बत्तख तथा अंडा देने वाली बत्तख को सुबह
शाम थोडा दाना देना फायदेमंद है | दाना की
तनम्न मात्रा अच्छे उत्पादन के मलए जरुरी है –
उम्र दाना मात्रा क्या दें
१ से सप्ताह ५० से ६० ग्राम
प्रततददन
सूजी, चावल के टुकड़े, मुगी
चूजा दाना
५ से १६ सप्ताह १०० ग्राम प्रततददन चावल भूसी , सब्जी के पत्ते
, गेहूं के टुकड़ें, दाल चुन्नी
१६ सप्ताह से ऊपर १२० ग्राम प्रततददन खल, दाल चुन्नी , भूसी
 पानी ममलकर झखलने के मलए “V” आकार का ५
इंच गहरा तथा प्रतत बत्तख ५ इंच स्थान के दहसाब
से बनायें |
 सुखा दाना झखलने के मलए मुगी वाला दाना बतान
तथा पानी बतान इस्तेमाल करें |
 पहले आठ हफ्ते तक दाना की उपलब्धता लगातार
बाड़े में रखना अच्छा है , मसअके बाद दो बार
सुबह शाम दाना दें | दाने की मात्रा बाहर उपलब्ध
खुराक के अनुसार कम कर सकते हैं |
 बत्तख को दोपहर में चराने के मलए पास के खेत
या तालाब, नहर ककनारे ले जा सकते हैं |
 बत्तख के दाने में १८ से २०% प्रोटीन के आवश्यकता
होती है | प्रोटीन काफी खचीला है अतः कीड़े मकोड़े से
इसे प्राप्त करना बत्तख पालन के मलए सस्ता तरीका है
| बत्तख का उपयोग धान के खेत या सब्जी के खेत में
कीड़ों को नाश्ता करने के मलए करें | पानी में भी ये
कई कीड़ों को साफ़ कर तथा पानी दहलाकर मच्छर के
लावे को मार देता है |
 वपछवाड़े में दो – चार क्यारी चारे की खेती या एजोला
की खेती इसके डेन के खचा को कम कर सकता है |
दाना बबााद न हो इसके मलए दाने के बतान का
उपयोग अवश्य करें |

Weitere ähnliche Inhalte

Ähnlich wie बत्तख पालन प्रशिक्षण - झारखण्ड

टमाटर की वैज्ञानिक खेती.pptx
टमाटर की वैज्ञानिक खेती.pptxटमाटर की वैज्ञानिक खेती.pptx
टमाटर की वैज्ञानिक खेती.pptx
NiyajAhamad2
 
Medicinal Plants ki Kheti
Medicinal Plants ki KhetiMedicinal Plants ki Kheti
Medicinal Plants ki Kheti
Dr. Ishwar Prakash Sharma
 

Ähnlich wie बत्तख पालन प्रशिक्षण - झारखण्ड (20)

बथुआ (चेनोपोडियम एल्बम एल) पारंपरिक मूल्य वर्धित उत्पादों के लिए उत्पादन और प...
बथुआ (चेनोपोडियम एल्बम एल) पारंपरिक मूल्य वर्धित उत्पादों के लिए उत्पादन और प...बथुआ (चेनोपोडियम एल्बम एल) पारंपरिक मूल्य वर्धित उत्पादों के लिए उत्पादन और प...
बथुआ (चेनोपोडियम एल्बम एल) पारंपरिक मूल्य वर्धित उत्पादों के लिए उत्पादन और प...
 
How to do tomato cultivation
How to do tomato cultivation How to do tomato cultivation
How to do tomato cultivation
 
Low cost management of goats
Low cost management of goatsLow cost management of goats
Low cost management of goats
 
Integrated pest management in onion and garlic
Integrated pest management in onion and garlic Integrated pest management in onion and garlic
Integrated pest management in onion and garlic
 
1613 - Experiments on System of Rice Intensification with Organic Farming Me...
1613 -  Experiments on System of Rice Intensification with Organic Farming Me...1613 -  Experiments on System of Rice Intensification with Organic Farming Me...
1613 - Experiments on System of Rice Intensification with Organic Farming Me...
 
PPT in Hindi (Nimish Deshpande)
PPT in Hindi (Nimish Deshpande)PPT in Hindi (Nimish Deshpande)
PPT in Hindi (Nimish Deshpande)
 
Bower system for Horticulture crop specially for vegetable
Bower system for Horticulture crop specially for vegetableBower system for Horticulture crop specially for vegetable
Bower system for Horticulture crop specially for vegetable
 
पशुपालन कैलेंडर
पशुपालन कैलेंडरपशुपालन कैलेंडर
पशुपालन कैलेंडर
 
भिंडी की वैज्ञानिक खेती .pptx
भिंडी की वैज्ञानिक खेती .pptxभिंडी की वैज्ञानिक खेती .pptx
भिंडी की वैज्ञानिक खेती .pptx
 
Madhumakkhi Palan
Madhumakkhi PalanMadhumakkhi Palan
Madhumakkhi Palan
 
अरबी कन्द (Taro) (कोलोकैसिया एस्कुलेंटा) उत्पादन, मूल्यवर्धन और आय सृजन हेतु...
अरबी कन्द (Taro)  (कोलोकैसिया एस्कुलेंटा) उत्पादन, मूल्यवर्धन और आय सृजन हेतु...अरबी कन्द (Taro)  (कोलोकैसिया एस्कुलेंटा) उत्पादन, मूल्यवर्धन और आय सृजन हेतु...
अरबी कन्द (Taro) (कोलोकैसिया एस्कुलेंटा) उत्पादन, मूल्यवर्धन और आय सृजन हेतु...
 
टमाटर की वैज्ञानिक खेती.pptx
टमाटर की वैज्ञानिक खेती.pptxटमाटर की वैज्ञानिक खेती.pptx
टमाटर की वैज्ञानिक खेती.pptx
 
Maize cultivation |मक्का की खेती
Maize cultivation |मक्का की खेतीMaize cultivation |मक्का की खेती
Maize cultivation |मक्का की खेती
 
Guldaudi.pptx
Guldaudi.pptxGuldaudi.pptx
Guldaudi.pptx
 
Neem medicine of indian vkashu
Neem medicine of indian vkashuNeem medicine of indian vkashu
Neem medicine of indian vkashu
 
Medicinal Plants ki Kheti
Medicinal Plants ki KhetiMedicinal Plants ki Kheti
Medicinal Plants ki Kheti
 
Jai-Cholai.docxचोलाई (AMARANTHUS tricolour L) - एक पोषक ऊर्जा गृह - ग्रामीण र...
Jai-Cholai.docxचोलाई (AMARANTHUS tricolour L) - एक पोषक ऊर्जा गृह - ग्रामीण र...Jai-Cholai.docxचोलाई (AMARANTHUS tricolour L) - एक पोषक ऊर्जा गृह - ग्रामीण र...
Jai-Cholai.docxचोलाई (AMARANTHUS tricolour L) - एक पोषक ऊर्जा गृह - ग्रामीण र...
 
Shove - Benefits Explained
Shove - Benefits ExplainedShove - Benefits Explained
Shove - Benefits Explained
 
जैविक खाद्य गोंद - उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन परिचय और सारांश
जैविक खाद्य गोंद - उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन परिचय और सारांशजैविक खाद्य गोंद - उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन परिचय और सारांश
जैविक खाद्य गोंद - उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन परिचय और सारांश
 
मधुमक्खी पालन for bee keeping and information in hindi
मधुमक्खी पालन  for bee keeping and information in hindiमधुमक्खी पालन  for bee keeping and information in hindi
मधुमक्खी पालन for bee keeping and information in hindi
 

बत्तख पालन प्रशिक्षण - झारखण्ड

  • 1. संजीव कु मार द गोट ट्रस्ट
  • 2.
  • 3.
  • 4.  बत्तख धान में लग रहे कीड़े, लावाा आदद को खाकर धान की फसल को नुक्सान होने से बचाता है |  बत्तख धान के साथ अनावश्यक रूप से उग आने वाले खर पतवार के पत्तों को खाकर उसकी बढ़वार रोकता है |  बत्तख के झिल्लीनुमा पैर पानी को दहलाकर ज्यादा ऑक्सीजन धान के पौधों की जड़ तक पहुचाता है जजससे पौधे घने व ज्यादा शाखा वाले होते हैं तथा उपज बढ़ाती है | ये पौधों के जड़ के पास की ममटटी को भी ढीला रखती है, जजससे ममटटी से ज्यादा पोषण पौधों को ममल पाटा है |  बत्तख के मल से पौधों को उत्तम ककस्म का खाद प्राप्त होता है |  धान की पैदावार में २०% तक की बढ़ोतरी होती है |  बत्तख पालन से अलग से ८ से १०००० रुपये प्रतत १०० बत्तख प्राप्त हो जाता है |  ककसान के कीटनाशक तथा खर पतवार नाशक दवाई के खचा में कटोती होती है |  इस प्रकिया से आगेतनक धान की खेती कर उत्तम मूल्य पर बेचा जा सकता है |
  • 5.  बत्तख मुगी से ज्यादा अंडे देने की क्षमता रखती है | अच्छी नस्ल जैसे खाकी कै म्पबेल वषा में ३०० अंडे दे सकती है तथा २ से ३ साल तक अंडा दे सकती है | अतः पुरे जीवन काल में १००० अंडे दे सकती है |  बत्तख के अंडे मुगी के अंडे से आकार में बड़े तथा ज्यादा ववटाममन वाले होते हैं |  बत्तख को कम देख रेख की आवश्यकता होती है |  बत्तख में कम बीमाररयााँ होती है | इनकी बीमारी को सहने के क्षमता अधधक होती है |  इन्हें बहुत खचीला घर की आवश्यकता नहीं होती है |
  • 6.  नमी वाले इलाके जैसे नहर व ् नदी के ककनारे, वषाा वाले क्षेत्र में जहााँ मुगी पालन में बीमारी के संभावना बढ़ जाती है वहीीँ बत्तख के मलए ये अनुकू ल है |  बत्तख लगभग अंडे सुबह ८ बजे से पहले दे देती है अतः अंडा इकठ्ठा करना आसान होता है |  बत्तख ज्यादा उड़ नहीं पाती इसमलए बाहर जाने का डर कम रहता है |  धान के फसल में बत्तख पालन से धान के कीड़े ख़त्म हो जाते है तथा धान अधधक पैदा होता है |  ये खुद तालाब तक जाकर समय पर अपने आप वापस आ जाते हैं |
  • 7.  बत्तख पालन का अथाशास्त्र  नस्ल व ् उत्तम पक्षी का चुनाव  सही चारा दाने के व्यवस्था  सही कम खचा आवास व ् स्वच्छता  स्वास््य प्रबंधन व ् चीजों की देखरेख  अण्डों का सही संग्रहण व ् अंडे से चूजा तनकालने का उधचत तरीका  सही ववकय समय तथा बाजार प्रबंधन
  • 8.  खाकी कै म्पबेल – यह अंडा देने के मलए सबसे अच्छी बत्तख नस्ल है जो वषा में ३०० अंडे लगभग प्रततददन एक अंडा दे सकती है | यह स्थानीय रूप से उपलब्ध प्रजातत है | इसके नर का वजन २.२ से २.५ ककलो तथा मादा का वजन २ से २.२ ककलो होता है |  इंडडयन रनर  पकका न – सफ़े द पकका न मांस के मलए सबसे अच्छी नस्ल है | यह ४५ ददन में २ से २.५ ककलो वजन की हो जाती है | लगभग २.५ ककलो दाना खाकर ये १ ककलो वजन प्राप्त कर लेती है |
  • 9.
  • 10.  रंग – नर बत्तख ज्यादा चमकीले होते है |  आवाज – मादा बत्तख ज्यादा आवाज करते हैं |  नर बत्तख के पीछे अलग सा घुमा हुआ पंख होता है |  नर बत्तख आकार में बड़े होते हैं |  आवश्यकता पड़ने पर जनन अंगों को पलटकर देखा जा सकता है |
  • 11.  रंग  आकार  सजगता और प्रेम प्रदशान  चमक  उम्र और वजन  अंडा दानी का आकार अनुवांमशक गुण  माता का अंडा उत्पादन  िुण्ड का औसत अंडा उत्पादन
  • 12.  बत्तख को उम्र के दहसाब से तनम्न स्थान की आवश्यकता होती है उम्र स्थान प्रति पक्षी पानी ३ सप्ताह तक १ वगाफीट २ से ३ इंच गहरा ३ से १६ सप्ताह तक रात में – २.५ वगाफीट ददन में बहार – १० से १५ वगाफीट ६ इंच गहरा , १८ इंच चौड़ा , १ फीट प्रतत पक्षी अंडा देने वाला बक्सा १ फीट *१.५ फीट * १ फीट
  • 13.  क्या झखलाएं  ककतना झखलाएं  कब झखलाएं  कै से झखलाएं  कम खचा राशन कै से तैयार करें
  • 14.  बत्तख को खाने के साथ पानी होना आवश्यक है | ये खाने के साथ चोंच को साफ़ करने तथा खाने को गले में तनगलने के मलए पानी का इस्तेमाल करते हैं |  बत्तख मुख्या रूप से तीन तरह की चीजों से पेट भरता है – 1. अनाज या दाना –चावल, चावल भूसी, गेहूं , घर के जूठन, खल , दाल के टूकडे 2. हरा मुलायम चारा 3. कीडे – मकोडे, पानी के पौधे चारा पचाने के मलए इसे रेट या पत्थर के महीन टुकड़ों की जरुरत पड़ता है |
  • 15.  खुली चारे में बत्तख अपना खाना खुद खोज लेता है, लेककन चूजे को प्रयाप्त दाना देना जरूरी है |  बढ़ते बत्तख तथा अंडा देने वाली बत्तख को सुबह शाम थोडा दाना देना फायदेमंद है | दाना की तनम्न मात्रा अच्छे उत्पादन के मलए जरुरी है – उम्र दाना मात्रा क्या दें १ से सप्ताह ५० से ६० ग्राम प्रततददन सूजी, चावल के टुकड़े, मुगी चूजा दाना ५ से १६ सप्ताह १०० ग्राम प्रततददन चावल भूसी , सब्जी के पत्ते , गेहूं के टुकड़ें, दाल चुन्नी १६ सप्ताह से ऊपर १२० ग्राम प्रततददन खल, दाल चुन्नी , भूसी
  • 16.  पानी ममलकर झखलने के मलए “V” आकार का ५ इंच गहरा तथा प्रतत बत्तख ५ इंच स्थान के दहसाब से बनायें |  सुखा दाना झखलने के मलए मुगी वाला दाना बतान तथा पानी बतान इस्तेमाल करें |  पहले आठ हफ्ते तक दाना की उपलब्धता लगातार बाड़े में रखना अच्छा है , मसअके बाद दो बार सुबह शाम दाना दें | दाने की मात्रा बाहर उपलब्ध खुराक के अनुसार कम कर सकते हैं |  बत्तख को दोपहर में चराने के मलए पास के खेत या तालाब, नहर ककनारे ले जा सकते हैं |
  • 17.  बत्तख के दाने में १८ से २०% प्रोटीन के आवश्यकता होती है | प्रोटीन काफी खचीला है अतः कीड़े मकोड़े से इसे प्राप्त करना बत्तख पालन के मलए सस्ता तरीका है | बत्तख का उपयोग धान के खेत या सब्जी के खेत में कीड़ों को नाश्ता करने के मलए करें | पानी में भी ये कई कीड़ों को साफ़ कर तथा पानी दहलाकर मच्छर के लावे को मार देता है |  वपछवाड़े में दो – चार क्यारी चारे की खेती या एजोला की खेती इसके डेन के खचा को कम कर सकता है | दाना बबााद न हो इसके मलए दाने के बतान का उपयोग अवश्य करें |