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Thankyou!!
1. Poetryhuts is about a collection of unique Hindi love&life poems. Hope you appreciate the initiative and post
comments! यह मेरे ारा लखी गयी ेम क वता को सबके साथ बांटने का एक छोटा सा यास है| मुझे उ मीद है आपको मेरी क वताय पस द
आयगी| आपके सुझाव आमं त ह|
Poetryhuts-Poem in Hindi
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Saturday, August 29, 2020
Saturday, August 29, 2020
//काश आप भी हम यार करते//
हम आपसे बेशुमार यार करते ह
काश आपभी हमे यार करते
ना हम बेताब रहते ना आप खामोश रहते
जदगी के सफ़र म हम साथ चलते
काश अपभी हमे यार करते
काश आपभी हमे यार करते
छोड़ कर चला जाता है हर कोई
आप तो मेरे साथ रहते
हम अपनी जदगी को खु शय से भरते
हाथ म हाथ होता
साथ - साथ चलते
ना आप हमे खोते ना हम त हा रहते
काश आप भी हमे यार करते
काश आप भी हमे यार करते
कल तक गम मला
आज खुश रहते
मलता आपका साथ तो नया बदल देते
दोन मलकर इस जहां को खु शय से भरते
काश आप भी हम यार करते
काश आप भी हमे यार करते --//
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2. - August 29, 2020 No comments:
नीरज सह ' हदवी '//
Saturday, August 1, 2020
Saturday, August 1, 2020
।।ठहरा रहा।।
बोझ क मत का लए कह बैठा रहा
जदगी चलती गई और म ठहरा रहा
कु छ क ड़यां मली ज ह जोड़ता रहा
मेरे अपन का साथ यूं ही छोड़ता रहा
उसने खसत कया मै भी ह ता रहा
बन मं जल के कारवां पर चढ़ता रहा
बोझ क मत का लए कह बैठा रहा
जदगी चलती गई और म ठहरा रहा
कु छ वा हश थ उनको पैर तले म कु चलता रहा
रोज चलता रहा समय ढलता रहा
अपनी कामयाबी से पीछे म हटता रहा
बेवज
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3. - August 01, 2020 No comments:
ह जदगी को जीता रहा
वो कटती गई और म घटता रहा
बोझ क मत का लए कह बैठा रहा
ज दगी चलती गई और म ठहरा रहा
।। नीरज सह।।
।। यार।।
तेरे यार म लखे गीत के अ फाज तक
म सोचता रहता ं तुझे,सागर क गहराइय तक
तेरे वादे के पीछे क छुपी स ाइय तक
चलना पड़ेगा मुझे तेरे यार क परछाइय तक
म तुझम शा मल हो रहा ं इ कदर
4. - August 01, 2020 No comments:
तेरी सांस से लेकर तेरी त हाइय तक।। नीरज सह।।
Monday, July 27, 2020
Monday, July 27, 2020
- July 27, 2020 No comments:
इ क
बस कु छ नह है पास मेरे
तेरी याद के सवा
कु छ नह है बोलने को
तेरी मीठ बात के सवा
और वा हश नह मुझे
मश र होने को कसी के इ क म
यूं क वो रंग नह चढ़ेगा यार का
तेरे रंग के सवा ।।नीरज सह।।
Sunday, July 26, 2020
Sunday, July 26, 2020
।मेरा जहान हो तुम ।
5. - July 26, 2020 No comments:
या हो तुम?,
चलो आज बताऊ
ं म, या हो तुम?
मेरे लए मेरी नया हो तुम
छू कर जो गुजरी वो हवा हो तुम
मने रब से जो मांगी वो आ हो तुम
मेरे चेहरे क क शश और
सतार क ग दश हो तुम
मेरी जदगी का करार हो तुम
मेरी गीत का सार हो तुम
आंख क नीद और खूबसरत एहसास हो तुम
म क व मेरी क वता का
और सारा अ फ़ाज़ हो तुम
मेरे लए सबकु छ और मेरा सारा जहान हो तुम।।।।नीरज सह।।।।
Thursday, July 23, 2020
Thursday, July 23, 2020
- July 23, 2020 No comments:
गुमसुम।
जब होता ं गुमसुम म
कु छ अपने याद आते ह
कु छ पल भर ठहर जाते ह
कु छ गुमनाम हो जाते ह
अजनबी बनकर वो
हमसे यूंही ठ जाते ह
कु छ अबद मेरे दल को
यूं बार - बार तड़पाते ह
जब याद उनक आती है
वो आइना बन जाते ह
देख लेता ं अगर म
वो मु कु रा के चले जाते ह।
फकत मेरे दल को यूं
बार - बार तड़पाते ह
जब होता ं गुमसुम म
कु छ अपने याद आते ह
है ,आरज़ू मेरी उनसे
जो दल से दल मलाते ह
ढूंढ़ते ए मुझे इ क के
गु ल े म चले जाते ह
ना कर वो खसत मुझे दल से
जो वाब म मुझे
अके ला छोड़ जाते ह
कभी जदगी ने साथ छोड़ा
कभी अपने छोड़ जाते ह
यूं मेरे दल को यूं
बार - बार तोड़ जाते ह
या जदगी म मेरी
मुझे सताने ही आते ह
जब होता ं गुमसुम म
कु छ अपने याद आते ह।।।।by N.S.
।।आंख म पानी है।।
6. - July 23, 2020 No comments:
कु छ नह है हाथ म,बस आंख म पानी है
जजर ह हालात मेरे, तकद र म नाकामी है
सपने लए दल म,सूरत ये बठानी है
उमंग भरे ज बात को ,अमर कहानी बनानी है
और छाले ह पांव म ,चार ओर बदनामी है
कु छ नह है हाथ म ,बस आंखो म पानी है
चढ़ना है शखर पर ,मन म ये ठानी है
फर नतम तक हो जाएगी ,ये जो कठोर जदगानी है
जजर ह हालात मेरे ,तकद र म नाकामी है
कु छ नह है हाथ म ,बस आंख म पानी है
मं ज़ल को पाने म , जसने हार मानी है
कु छ ना आया हाथ उसके ,बस कठोर जदगानी है
कट गई जो सड़क पर( ज दगी),अब महल म बतानी है
इस उमंग भरे ज बात क ,अमर कहानी बनानी है
कु छ नह है हाथ म ,बस आंख म पानी है
मजबूर ं बदनाम ं ,पर हौसल का पहाड़ ं
ना बूंद ं उस ओस क ,ना बा रश का पानी ं
म कतरा ं उस सागर क , जसक चलती मनमानी है
इसी लए ,कु छ बात ह दल म ,जो लोग को बतानी है
जजर ह हालात मेरे ,तकद र म नाकामी है
कु छ नह है हाथ म ,बस आंख म पानी है।।।नीरज सह "सौ य"
Wednesday, April 8, 2020
Wednesday, April 8, 2020
- April 08, 2020 No comments:
।।। बखरा आ ं।।।
चले ह लोग म रा ता आ ं
मु त से यह ठहरा आ ं
ज़माने ने मुझे जब चोट द है
म जदा था नह , जदा आ ं
म पहले से कभी ऐसा नह था
म तुमको देखकर यारा आ ं
म कागज सा न फट जाऊ
ं
एलोगो उठाओ ना मुझे ,भीगा आ ं
मेरी त वीर अपने साथ लेना
अभी हालात से सहमा आ ं
कभी आओ इधर मुझको समेटो
म तनक सा कह , बखरा आ ं
चलो अब पूछना तार क बात
अभी म आसमां सारा आ ं
मुसलसल बात तेरी याद आई
गया वो व त म उलझा आ ं
बुरा कोई नह होता ज म से
मुझे ही देख लो कै सा आ ं
ज़माने ने मुझे जतना कु रेदा
म उतना और भी गहरा आ ंllllll नीरज सह।।।।।।
7. Friday, October 11, 2019
Friday, October 11, 2019
- October 11, 2019 No comments:
।।याद।।
याद हरबार तुझे ही पाती ह
तेरी ही साँस मे सोती आौर जग जाती ह
मुझे पल-पल हँसाती और लाती हैै
भीगती आँख से अ क ये बहाती ह
याद हरबार तुझेे ही पाती ह
धड़़कने बढ़ती है दल क ,बढ़ती चली जाती ह
मुझे, मेरी न द मं सुलाती और जगाती है
पल- पल सताती ,पल-पल तड़पाती ह
याद हरबार तुुझे ही पाती ह
तुझे ,मेरे लव पर कु छ इसकदर ठहराती हैे
जैसे ,मो तयााँ सीप मं ठहर जाती हैै
मेरे कान मे ये मधुर गीत गुनगुनाती ह
कु छ पल के लए मेरे सीने से लपट जाती है
येे याद हरबार तुझे ही पाती ह॥॥नीरज ि सह।॥
जी चाहता है
तेरे नयन के सागर म डूब जाने को जी चाहता है,
तेरे नयन के सागर म डूब जाने को जी चाहता है
तेरे चेहरे क चमक मे चकाच ध हो जाने को जी चाहता है,
तेरी बात को सुनते – सुुुुनते खो जाने को जी चाहता है,
डूब जाने दे मुझे तेरी याद म ,तेेरी याद म खो जाने को जी चाहता है,
कब से सोचता ूँ बसा लूूँ तुझे अपनी धड़कन म,
तेरी धड़कन म ल जाने को जी चाहता है,
खोज़ता ँ हरपल तुझे अँधेरे मे,
तुझे उजाल मं ले जाने को जी चाहता है,
तुझे उ भर क खुिि शयाँ देेेकर ,
तेरे ग़म को पी जाने को जी चाहता है,
तेरे लव पर यारी सी मुुु कान देकर ,
तुझे पलक पर बठाने को जी चाहता है
बस जानेदे मुुुुझे तेेेेरे वाब मं ,
तुझे अपना बनाने को जी चाहता है
अपनी साँँस ं को तुुुझे देकर ,
तेरी साँँस ं म घुल जाने को जी चाहता है
बनाले मुुुझे तू अ फाज़ अपनेे ,
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- October 11, 2019 1 comment:
तुझे आवाज़ बनाने को जी चाहता है
उ भर क खुशी देकर ,
तुझे अपना बनाने को जी चाहता हैै॥॥॥ नीरज ि सह॥॥
Thursday, October 10, 2019
Thursday, October 10, 2019
- October 10, 2019 3 comments:
तेेरी याद आये !
नगमे इ क़ के कोई गाये तो तेरी याद आये
ज मोह बत का जो आये तो तेरी याद आये
यूँ तो हर पेड़ पे डाल हज़ार है नकली
टूट के कोई प ा जो गर जाये तो तेरी याद आये
कतने फू ल से गुलशन है ये ब गया मेरी
भंवरा इनपे जो कोई मंडराये तो तेरी याद आये
च दन सी महक रहे इस बहती पुरवाई म
झ का हवा का मुझसे टकराये तो तेरी याद आये
शीतल सी धारा बहे अपनी ही म ती म
यहाँ मोड़ पे बल खाये जो ये न दया तो तेरी याद आये
शांत जो ये है सागर कतनी गहराई लये
शोर करती लहर जो गोते लगाये तो तेरी याद आये
सुबह का सूरज जो नकला है रौशनी लये ये
करण हर ओर बखर जाये तो तेरी याद आये
‘मौन’ बैठा है ये चाँद दामन म सतारे
लये टूटता कोई तारा जो दख जाये तो तेरी याद आये।।by NS।
हम आपसे बेशुमार यार करते ह काश आपभी हमे यार करते ना हम बेताब रहते ना आप खामोश रहते जदगी के सफ़र म हम साथ
चलते काश अपभी हमे या...
//काश आप भी हम यार करते//
9. तेेरी याद आये !
नगमे इ क़ के कोई गाये तो तेरी याद आये ज मोह बत का जो आये तो तेरी याद आये यूँ तो हर पेड़ पे डाल हज़ार है
नकली टूट के कोई...
।मेरा जहान हो तुम ।
या हो तुम?, चलो आज बताऊ
ं म, या हो तुम? मेरे लए मेरी नया हो तुम छू कर जो
गुजरी वो हवा हो ...
जी चाहता है
तेरे नयन के सागर म डूब जाने को जी चाहता है, तेरे नयन के सागर म डूब जाने को जी चाहता है तेरे चेहरे क चमक मे
चकाच ध हो जाने को...
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