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प्रगविशील राज्ोिं में कर्ातटक राज्भी एक ै।
प्राक
ृ विक रूप में य प्रदेश समृद्ध ै।य ािं की
आबादी छ: करोड से ऊपर ै।र्ैसवगतक सुिंदरिा र्यर्
मर्ो र ै।पस्चिम में ववशाल अरबी समुद्र ै।इसी प्रािंि
में दवक्षण से उत्तर िक वदखर्ेवाले पवति पविमी घाट
क लािे ैं।दवक्षण में र्ीलवगरी शोभायमार् ैं । य ााँ
की भाषा कन्नड ै।कर्ातटक की राजधार्ी बेंगलूरू
ै।य प्रदेश क
े वल वशक्षण क
े वलए ी र् ीिं उध्योग
,व्यापार क
े वलए भी मशहूर ै।
4. बेंगलूर में ववज्ञार् सिंचथा, एि.एम.टी.बी.ई.एल, एि.ए.एल जैसी
बडी क
िं पवर्यााँ स्चथि ैं।इस र्गर को वसवलकााँर् वसटी क िे
ैं। सर सी.वी रामर्, सर.एम ववश्वेश्वरैय्या, शक
ु िला देवव जैसे
स्स्तयोिंका योगदार् इस र्गर को प्राप्त हुआ ै।कर्ातटक में
सोर्ा.िािंबा,लौ धािु अवधक मात्रा में प्राप्त ै।भद्राविी में
कागज,इस्पाि क
े खारकार्े पाये जािे ैं।िीर्ी,वसमेंट ,रेशम
का उत्पादर् वकया जािा ै।कर्ातटक में अपार मात्रा में ििंदर् ै
इसीवलए इसको ििंदर् का आगार क िे ैम
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7. ििंदर् का िेल,साबुर्, कलाक
ृ वियोिं को य ााँ बर्ाए
जािें ैं। कर्ातटक में कावेरी,िुिंदा,जसी अर्ेक
र्वदयााँ ब िी ैं।इर्क
े द्वारा वकसार् वसिंिाई से
उत्तम असल का उत्पादर् कर पािे ैं।जलाशयोिं
क
े कारिं ऊजात उत्पादर् क
ें द्रोिं को चथावपि वकए
गए ैम।जोग,गोकाक फ़ाल्स र्यर् मर्ो र ैं।
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10. कर्ातटक की वशल्पकला भी अर्ोखी ै।य ााँ क
े
बादामी,ऐ ोले,पट्टदकल्लू क
े मिंवदर
वशल्पकला,वास्तुकला क
े बेजोड उदा रर्
ैं।वशल्पकलाक
ृ वियााँ रामायण,म ाभारि की
क ावर्योिं को सजीव बर्ा देिी ैं। गोलगुिंबज की गूिंज
सबको आज भी आकवषति करिी ै।मैसूर की िो बाि
ी क
ु छ और ै।श्रवणबेलगोला की गोमटेश्वर की मूवित
क
े साथ इवि ास क
े पन्ने खुल जािे ैं।मैसूर राजम ल,
आटत ग्यालरी,मर्वम िी ै।
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15. कर्ातटक में गिंग,कदिंब,राष्ट्र क
ू ट,जैसे राज घरार्ोिं र्े
राज वकया ै।साव त्य क
े क्षेत्र क
े वलए
साव त्यकारोम का देर् अपार ै। विर्कार,सिंि
कववयोिं का योगदार् म त्वपूणत ै। आधुवर्क युग
में ज्ञार्पीठ पुरस्क
ृ ि साव त्यकारोिं र्े इवि ास को
िार िााँद लगार्े जैसा कायत वकया ै।ऐसी पावर्
भूवम में जन्म वलए सब र्ागररक धन्य ैं।
धन्यवाद।