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गाथा 1 : मगलाचरण
जाे स, श एव अकलक है एव
जनके सदा गुणपी राे के भूषणाे का उदय रहता है,
एेसे ी जनेवर नेमच वामी काे नमकार करके
जीव क पणा काे कगा
स स पणमय जणदवरणेमचदमकलक
गुणरयणभूसणुदय जीवस पवण वाेछ
सजलणणाेकसायाणुदअाे मदाे जदा तदा हाेद
अपमगुणाे तेण य, अपमाे सजदाे हाेद 45
अथ - जब सवलन अाैर नाेकषाय
का मद उदय हाेता है तब सकल
सयम से यु मुिन के माद का
अभाव हाे जाता है इस ही लये
इस गुणथान काे अमसयत
कहते है
इसके दाे भेद है - एक
वथानाम, दूसरा
साितशयाम 45
मुिन जीवन
का थम
गुणथान
अम-वरत
परणामपरणाम
माद का अभाव
सकल सयमयु मुिन
िनमिनम
सवलन अाैर नाेकषाय का
मद उदय
३ कषाय चाैकड़ का अनुदय
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णासेसपमादाे, वयगुणसीलाेलमडअाे णाणी
अणुवसमअाे अखवअाे, झाणणलणाे  अपमाे 46
अथ - जस सयत के सपूण याय माद न हाे चुके है,
अाैर
जाे सम ही महात, अाईस मूलगुण तथा शील से यु है,
शरर अाैर अाा के भेदान मे तथा माे के कारणभूत धययान
मे िनरतर लन रहता है,
एेसा अम मुिन जब तक उपशमक या पक ेणी का अाराेहण
नही करता तब तक उसकाे वथान अम अथवा िनरितशय
अम कहते है 46
7 वा गुणथान
वथान अम
वरत
वथान अम
वरत
नजसमे जीव 6 – 7 वे गुणथान
मे गमनागमन करता है
साितशय
अमवरत
साितशय
अमवरत
ण करताजसमे जीव ेणी अाराेहण करता
है
वथान अम
साितशय अम
म वरत
अपूवकरण
7 वा गुणथान
इगवीसमाेहखपणुपसमणणमाण ितकरणाण तह
पढम अधापव, करण त करेद अपमाे 47
अथ - अयायानावरण, यायानावरण अाैर सवलन
सबधी ाेध, मान, माया, लाेभ इस तरह बारह अाैर नव
हायादक नाेकषाय कु ल मलकर माेहनीय कम क इन
इस कृ ितयाे के
उपशम या य करने काे अाा के ये तीन करण अथात्
तीन कार के वश परणाम िनमभूत है - अध:करण,
अपूवकरण अाैर अिनवृकरण
उनमे से साितशय अम अथात् जाे ेण चढ़ने के लये
सुख या उत अा है वह िनयम से पहले अध:वृकरण
काे करता है 47
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उपशम ेणी पक ेणी
21 कृ ितयाे का उपशम 21 कृ ितयाे का य
8, 9, 10, 11 गुणथान 8, 9, 10, 12 गुणथान
ेणी ा?
ेणी अथात् चार माेहनीय क 21 कृ ितयाे के उपशम या
य मे िनमभूत वृगत वीतराग परणाम
8 8
9
10
12
10
9
11
7
पक
ेणी
उपशम
ेणी
13 वा
गुणथान
ायक सय
ायक सय,
उपशम सय
ायक सय मुिनराज उपशम ेणी या पक ेणी अाराेहण कर सकते है
उपशम सय मुिनराज उपशम ेणी ही अाराेहण कर सकते है, पक ेणी
नही
ेणी चढ़ने क वध
ायाेपशमक सयवी अम सयत मुिनराज
अनतानुबधी क वसयाेजना करके
फर वाम करके
दशन माेह का उपशम करे दशन माेह क पणा करे
अध: वृकरण ारभ करते है
अथवा
वाम करके
अथवाअथवा
ायक सयवी अम
मुिनराज
ायक सयवी अम
मुिनराज
अध:वृकरण करते है
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जा उवरमभावा, हेमभावेह सरसगा हाेित
ता पढम करण अधापवाे ण 48
अथ - अध:वृकरण के काल मे से ऊपर के
समयवती जीवाे के परणाम नीचे के समयवती जीवाे के
परणामाे के सश अथात् सया अाैर वश क
अपेा समान हाेते है, इसलये थम करण काे
अध:वृ करण कहा है 48
तीन करण
• जहा भ समयवती जीवाे के परणाम समान
भी हाे सकते है अाैर भ भी हाे सकते है
अध वृकरण
• जहा भ समयवती जीवाे के परणाम भ ही
हाेते है
अपूवकरण
• जहा समान समयवती जीवाे के परणाम समान
ही हाेते है
अिनवृकरण
तीन करण एक जीव
क अपेा है या नाना
जीवाे क अपेा?
 नाना जीवाे क अपेा
अताेमुमेाे, तालाे हाेद तथ परणामा
लाेगाणमसखमदा, उववर सरसवगया 49
अथ - इस अध:वृकरण का काल अतमुत मा है
अाैर उसमे परणाम असयातलाेक माण हाेते है,
अाैर ये परणाम ऊपर-ऊपर सश वृ काे ा हाेते
गये है 49
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अावयक सू
सवधन
गछ2 सयात
= चय
गछ ̶ 1
2
 चय  गछ = चयधन
सवधन ̶ चयधन = अादधन
अादधन
गछ
= अाद
सवधन = 3072, गछ = 16, सयात = 3
चय 3072
16  16  3
= 4
चयधन
16 − 1
2
 4  16
= 15  2  16 = 480
अादधन 3072 ̶ 480 =2592
अाद 2592
16
= 162
16 222
15 218
14 214
13 210
12 206
11 202
10 198
9 194
8 190
7 186
6 182
5 178
4 174
3 170
2 166
1 162
समय परणामाे क सया
अध:वृ करण के परणामाे क रचना
(अक स से)
कु ल परणाम = 3072
समय = 16
चय = 4
अनुकृ  रचना
अनुकृ  गछ =
ऊव गछ
सयात
=
16
4
= 4
अनुकृ  चय =
ऊव चय
अनुकृ  गछ
=
4
4
= 1
सवधन = 162, गछ = 4, चय = 1
चयधन =
4 − 1
2
 1  4 = 3  1  2 = 6
अादधन = 162 ̶ 6 = 156
अाद =
156
4
= 39
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162  39 40 41 42
166  40 41 42 43
ताे थम समय सबधी रचना एेसे बनेगी
एेसे ही तीय समय सबधी रचना बनाइये
एेसे ही सारे समयाे मे बनाइये
16 222 54 55 56 57
15 218 53 54 55 56
14 214 52 53 54 55
13 210 51 52 53 54
12 206 50 51 52 53
11 202 49 50 51 52
10 198 48 49 50 51
9 194 47 48 49 50
8 190 46 47 48 49
7 186 45 46 47 48
6 182 44 45 46 47
5 178 43 44 45 46
4 174 42 43 44 45
3 170 41 42 43 44
2 166 40 41 42 43
1 162 39 40 41 42
समय परणामाे क सया अनुकृ  के खड
अध:वृ
करण के
सव
समयाे
क
अनुकृ 
रचना
अनुकृ  रचना
थम समय
तीय समय
तृतीय समय
चतथ समय
पचम समय
असयात लाेक माण परणाम
असयात लाेक माण परणाम
असयात लाेक माण परणाम
असयात लाेक माण परणाम
असयात लाेक माण परणाम
काल - अतमुत
अनुकृ  रचना
थम समय
तीय समय
तृतीय समय
चतथ समय
पचम समय
काल - अतमुत
नीचे के समय मे थत
परणाम-पुज का ऊपर के
समय मे पाया जाना
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4 174 42 43 44 45
(121-162) (163-205) (206-249) (246-294)
3 170 41 42 43 44
(80-120) (121-162) (163-205) (206-249)
2 166 40 41 42 43
(40-79) (80-120) (121-162) (163-205)
1 162 39 40 41 42
(1-39) (40-79) (80-120) (121-162)
समय परणामाे क सया अनुकृ  के खड
अनुकृ  खडाे के परणाम
सबसे जघय खड व उकृ ट खड सवथा असमान है
एक खड के जघय से उसी खड का उकृ ट परणाम
अनत गुणी वशता लए है
खड के उकृ ट से अगले खड का जघय परणाम अनत
गुणी वशता लए है
वातवक सयाए
• अध:वृकरण का काल अतमुत है अथात् असयात समय
• कु ल परणामाे क सया असयात लाेक माण है
• चय का माण भी असयात लाेक है
• एक-एक समय के परणामाे क सया भी असयात लाेक है
• अनुकृ  गछ अतमुत का सयातवा भाग हाेकर भी असयात है
• अनुकृ  चय का माण भी असयात लाेक है
• एक-एक अनुकृ  खड के परणाम भी असयात लाेक है
अध वृकरण के 4 अावयक
ितसमय अनतगुणी वश बढ़ना
थितबधापसरण
पाप कृ ितयाे का अनुभागबधापसरण
पुय कृ ितयाे का बढ़ता अा अनुभाग बध
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 जीव मे हाेने
वाला एकमा
अावयक
ितसमय
अनतगुणी
वश
 जीव के
परणामाे के
िनम से
 वह भी नवीन
बधने वाले कमाे
मे
शेष 3
अावयक
कमाे मे
हाेते है
थितबधापसरण
 बधने वाले समत कमाे क थित
 हर अतमुत मे
 घट-घट कर बधती है
थितबधापसरण
थित
95
वष 90
वष 85
वष
80
वष
100
वष
थम
अतमुत
तीय
अतमुत
तृतीय
अतमुत
चतथ
अतमुत
पचम
अतमुत
उदाहरण- थित बध माना 100 वष
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समत कमाे का थित-बध
ाे घटता है? सफ पाप
कृ ितयाे का ाे नही?
 ाेक 3 अायु काे छाेड़कर शेष सभी
कमाे क थित पाप-प ही है
अनुभागबधापसरण
 बधने वाले पाप कमाे का अनुभाग
 ितसमय घट-घट कर बधता है
 अनतगुणा हीन - अनतगुणा हीन हाेकर
 मा थानीय बध हाेता है
लता दा अथ शैल
घाित कमाे का चत:थान अनुभाग बध
नए बधने वाले घाित कमाे मे इन दाे
थान का अनुभाग नही बधता
िनब काजीर वष हलाहल
अघाित कमाे का चत:थान अनुभाग बध
नए बधने वाले अघाित कमाे मे इन
दाे थान का अनुभाग नही बधता
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लता दा
इन दाे अनुभाग मे भी ितसमय अनत गुणा हीन-हीन
हाेकर अनुभाग बाधता है
थित अनुभाग
समय 1
समय 2
समय 3
समय 4
समय 5
पाप कृ ितयाे का
नया अनुभाग बध
िनब काजीर
घाित कम 
अघाित कम 
अनुभाग बध बढ़ना
बधने वाले पुय कमाे का अनुभाग
ितसमय अधक-अधक बधता है
अनतगुणा अधक - अनतगुणा अधक
चत:थानीय बध हाेता है
गुड़ खाड शक रा अमृत
अघाित कमाे का चत:थान अनुभाग बध
नए बधने वाले अघाित कमाे मे पुय कृ ित का चत:थानीय
अनुभाग बध हाेता है
सभी
कमाे का
थित
बध
घटता है
पाप
कृ ितयाे
का
अनुभाग
बध
घटता है
पुय
कृ ितयाे
का
अनुभाग
बध
बढ़ता है
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•अध वृकरण के
थम समय से
ारभ-
•जब तक बध है
अथात् 10वे के अत
तक
अत-
ये चार अावयक
कब तक हाेते है?
अताेमुकाल, गमऊण अधापवकरण त
पडसमय सझताे, अपुकरण समयइ 50
अथ - जसका अतमुत मा काल है, एेसे
अध:वृकरण काे बताकर वह साितशय अम जब
ितसमय अनतगुणी वश काे लए ए अपूवकरण
जाित के परणामाे काे करता है, तब उसकाे
अपूवकरणनामक अमगुणथानवती कहते है 50
एद गुणाणे, वसरससमययेह जीवेह
पुमपा जा, हाेित अपुा  परणामा 51
अथ - इस गुणथान मे भसमयवती जीव, जाे पूव
समय मे कभी भी ा नही ए थे एेसे अपूव परणामाे
काे ही धारण करते है, इसलये इस गुणथान का नाम
अपूवकरण है 51
भणसमययेह दु, जीवेह ण हाेद सदा सरसाे
करणेह एसमययेह सरसाे वसरसाे वा 52
अथ - यहा पर (अपूवकरण मे) भ समयवती जीवाे
मे वश परणामाे क अपेा कभी भी साय नही
पाया जाता; कत एक समयवती जीवाे मे साय
अाैर वसाय दाेनाे ही पाये जाते है 52
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भ समयवती
जीवाे के परणाम भ ही
एक समयवती
जीवाे के परणाम
भ भी समान भी
वप - अपूवकरण अपूवकरण गुणथान
थम समय
तीय समय
तृतीय समय
चतथ समय
पचम समय
असयात लाेक माण परणामकाल - अतमुत
ितसमय अपूव-अपूव
परणाम
 यहा अनुकृ  रचना
नही है
सवधन = 4096, गछ = 8, सयात = 4
पद सू
चय
सवधन
गछ2 सयात
4096
8  8  4
= 16
चयधन गछ ̶ 1
2
 चय  गछ
8 − 1
2
 16  8
= 7  8  8 = 448
अादधन सवधन ̶ चयधन 4096 ̶ 448 = 3648
अाद अादधन
गछ
3648
8
= 456
अपूवकरण के परणामाे क रचना
(अक स से)
कु ल परणाम = 4096
समय = 8
चय = 16
8
568
(3529-4096)
7
552
(2977-3528)
6
536
(2441-2976)
5
520
(1921-2440)
4
504
(1417-1920)
3
488
(929-1416)
2
472
(457-928)
1
456
(1-456)
समय प रणाम क सं या
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अताेमुमेे, पडसमयमसखलाेगपरणामा
कमउा पुगुणे, अणुक णथ णयमेण 53
अथ - इस गुणथान का काल अतमुत मा है अाैर
इसमे परणाम असयात लाेकमाण हाेते है, अाैर
वे परणाम उराेर ितसमय समानवृ काे लये
ए है तथा
इस गुणथान मे िनयम से अनुकृ  रचना नही हाेती
है 53
वातवक सयाए
अपूवकरण का काल अतमुत है अथात् असयात समय
कु ल परणामाे क सया असयात लाेक माण है
चय का माण भी असयात लाेक है
एक-एक समय के परणामाे क सया भी असयात लाेक
है
परणामाे क वश
अपूवकरण के पहले समय का जघय परणाम अध:वृ
करण के अतम सववश परणाम से भी अनतगुणा
वश है
येक समय के जघय परणाम से उसी समय का उकृ ट
परणाम अनत गुणी वशता लए है
एक समय के उकृ ट परणाम से अगले समय का जघय
परणाम भी अनत गुणी वशता लए है
अपूवकरण के 4 अावयक
1. गुणेणी िनजरा
2. गुण-समण
3. थित-काडक घात
4. अनुभाग-काडक घात
ये सब काय सा के कमाे मे हाेते है
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गुणेणी िनजरा
 सा मे थत कमाे क
 ितसमय
 असयात गुणाकार प से
 िनजरा हाेना
 गुणेणी िनजरा कहलाता है
गुणेणी का उदाहरण
मानाक अपकृ  य = 8500, गुणेणी अायाम = 4
िनषेक य
चतथ िनषेक मे दया य 6400
तृतीय िनषेक मे दया य 1600
तीय िनषेक मे दया य 400
थम िनषेक मे दया य 100
8500
गुणेणी िनजरा
पूव सव
गुणेणी ारा
िनजरा
अतमुत
100
400
1600
6400
उदाहरण
गुण-समण
 जनका बध नही हाे रहा, सा मे थत एेसी पाप
कृ ितयाे का
 ितसमय
 असयात गुणा
 वतमान मे बधने वाल अय कृ ित प हाेना
 गुण-समण कहलाता है
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एक कम का अय कमप हाेनाएक कम का अय कमप हाेना
कन कमाे का ?कन कमाे का ?
अशत कमाे काअशत कमाे का
बधने वालाे का ?बधने वालाे का ?
नही, सा के कमाे कानही, सा के कमाे का
कब ?कब ?
ितसमयितसमय
कतना ?कतना ?
पहले समय से अगले समय असयातगुणापहले समय से अगले समय असयातगुणा
वष
समण िनयम
मूल कृ ितयाे मे परपर समण नही हाेता है
चाराे अायुअाे का अापस मे समण नही हाेता है
माेहनीय के उर भेद – दशन माेहनीय अाैर चार माेहनीय का अापस
मे समण नही हाेता है
दशन माेहनीय का दशन माेहनीय मे अाैर चार माेहनीय का चार
माेहनीय के भेदाे मे अापस मे समण हाे सकता है
थितकाडक घात
 सा मे थत
 समत कमाे क थित
 हर अतमुत मे न करना
 थितकाडक घात कहलाता है
थित
थित घटाकर
िनषेकाे काे नीचे क
थित मे लाना
ि थ तकांडक घात कै से होता है ?
 जतनी थित नाश करनी है,
अ भाग के उतने थित के
िनषेकाे काे नीचे क थित मे
दया जाता है ।
 एक अतमुत मे सारे िनषेकाे
काे नीचे देकर ऊपर क थित
समा हाे जाती है ।
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थम अतमुत तीय अतमुत
95
वष
तृतीय अतमुत
90
वष
चतथ अतमुत
85
वष
पचम अतमुत
80
वष
थित काडकघात
100
वष
थित
उदाहरण- थित सव माना 100 वष
वशेष
एक थितखडन मे अतमुत काल लगता है
अायु काे छाेड़कर शेष सारे कमाे क थित का खडन
(घात) कया जाता है
एक करण मे सयात हजार बार थितकाडक घात हाेते है
एेसे थितकाडक घात के ारा थित-सव करण के अाद
से अत मे सयात गुणा कम हाे जाता है
अनुभाग काडक घात
 सा मे थत
 पाप कृ ितयाे का अनुभाग
 हर अतमुत मे
 अनत बभाग न करना
 अनुभागकाडक घात कहलाता है
अनुभाग घटाकर पधकाे
काे हीन श वाले
पधकाे मे लाना
अनुभागकाडक घात कै से हाेता है ?
जतने अनुभाग का नाश करना
है, अ भाग के उतने अनुभाग
के पधकाे काे हीन अनुभाग के
पधकाे मे दया जाता है ।
एक अतमुत मे सारे पधकाे
काे हीन अनुभाग मे देने पर
अधक श वाले पधक
समा हाे जाते है ।
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थित समय
अनुभाग
अनुभाग-काडक-घात
थम अतमुत तीय अतमुत तृतीय अतमुत
वशेष
एक अनुभाग खडन मे अतमुत काल लगता है
सा के सव अशत कमाे का अनुभाग घात हाेता है
पुय कृ ितयाे का अनुभाग नही घटता है
गुणेणी
िनजरा
गुणेणी
िनजरा
देशाे क
े
गुण समण
कृ ित का
य
थित खडन
थित का
काल
अनुभाग
खडन
अनुभाग
खडन
अनुभाग
का
भाव
तारसपरणामयजीवा  जणेह गलयितमरेह
माेहसपुकरणा, खवणुवसमणुया भणया 54
अथ - अान अधकार से सवथा रहत जनेदेव ने कहा है क
उ परणामाे काे धारण करने वाले अपूवकरण गुणथानवती जीव
माेहनीयकम क शेष कृ ितयाे का पण अथवा उपशमन करने मे
उत हाेते है 54
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णापयले णे, सद अाऊ उवसमित उवसमया
खवय ढे खवया, णयमेण खवित माेह त 55
अथ - जनके िना अाैर चला क बधयुछ हाे चुक है तथा
जनका अायुकम अभी वमान है, एेसे उपशमेणी का अाराेहण
करने वाले जीव शेष माेहनीय का उपशमन करते है अाैर जाे
पकेणी का अाराेहण करने वाले है, वे िनयम से माेहनीय का
पण करते है 55
ेणी मे मरण सबधी िनयम
उपशम ेणी
अपूवकरण के थम
भाग मे मरण नही
शेष काल मे मरण
सभव है
पक ेणी
सव मरण सभव
नही
एक कालसमये, सठाणादह जह णवित
ण णवित तहाव य, परणामेह महाे जेह 56
हाेित अणयणाे ते, पडसमय जेसमेपरणामा
वमलयरझाणयवह-सहाह ण कवणा 57
अथ - अतमुतमा अिनवृकरण के काल मे से अाद या मय या अत के एक
समयवती अनेक जीवाे मे जसकार शरर क अवगाहना अाद बा करणाे से तथा
ानावरणादक कम के याेपशमाद अतरम करणाे से परपर मे भेद पाया जाता है,
उसकार जन परणामाे के िनम से परपर मे भेद नही पाया जाता उनकाे
अिनवृकरण कहते है अिनवृकरण गुणथान का जतना काल है, उतने ही उसके
परणाम है इसलये उसके काल के येक समय मे अिनवृकरण का एक ही परणाम
हाेता है तथा ये परणाम अयत िनमल यानप अ क शखाअाे क सहायता से
कमवन काे भ कर देते है 56-57
अिनवृकरण गुणथान
अ + िनवृ + करणअ + िनवृ + करण
वमान नही है + भेद + वश परणामाे मेवमान नही है + भेद + वश परणामाे मे
वह अिनवृकरण हैवह अिनवृकरण है
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अिनवृकरण गुणथान वशेष:
शरर का सथान, वण, वय
तथा उपयाेगाद मे भेद सभव
है
यहा येक समय सभी जीवाे
के एक जैसा, एक ही
परणाम सभव है
इसका काल अतमुत है थम समय
तीय समय
तृतीय समय
चतथ समय
पचम समय
काल - अतमुत
एक ही
परणाम
अिनवृकरण के अावयक
 20 कृ ितयाे का
य
 10वे गुणथान मे
भाेगने के लये
सवलन लाेभ क
सू कृ ी
 11वे गुणथान के लये
21 कृ ितयाे का
अतरकरणप उपशम
 चढ़ने अाैर उतरने के 10वे
गुणथान मे भाेगने के लए
सवलन लाेभ क सू
कृ ी
पक ेणी मे उपशम ेणी
अध:वृकरण अपूवकरण अिनवृकरण
परणाम
ऊपर समय वाले जीवाे के
परणाम नीचे समय वालाे से
मलते है
ितसमय अपूव (जाे पहले
न ये हाे) एेसे नवीन
परणाम हाेते है
जहा सथानाद का
भेद हाेने पर भी
परणामाे मे भेद नही
एक समयवती
जीवाे के परणाम
समान भी, भन भी समान भी, भन भी समान ही
भन समयवती
जीवाे के परणाम
समान भी, भन भी भन ही भन ही
अनुकृ  रचना हाेती है नही हाेती है नही हाेती है
परणामाे क
सया
असयात लाेकमाण
(ऊपर—2 समान वृ
सहत)
असयात लाेकमाण
(अध:वृकरण से
असयातगुणे)
असयात—जतने
इसके समय
काल तीनाे का
अतमुत
सबसे बड़ा
अध:वृकरण से सयात
गुणा हीन
अपूवकरण से सयात
गुणा हीन
उदाहरण 16 समय 8 समय 4 समय
ये करण के परणाम अाैर कहा-कहा हाेते है?
. पद गुणथान
1 थमाेपशम सयव १
2 अनतानुबधी क वसयाेजना ४ से ७
3 ायक सयव ४ से ७
4 तीयाेपशम सयव ७
5 उपशम ेणी ७, ८, ९
6 पक ेणी ७, ८, ९
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धुदकाेसभयवथ, हाेह जहा सहमरायसजु
एव सहमकसाअाे, सहमसरागाे णादाे 58
अथ - जस कार धुले ए काैसभी व मे लालमा -
सखी सू रह जाती है, उसी कार जाे जीव अयत सू
राग-लाेभ कषाय से यु है उसकाे सूसापराय नामक
दशम गुणथानवती कहते है 58
सूसापराय गुणथान
िनम
सू सवलन
लाेभ का उदय
परणाम
अयत सू राग
(लाेभकषाय) से
सयु
उदाहरण
धुले ए काैसभी
व के समान
सू लालमा
पुापुफय-बादरसहमगयक अणुभागा
हीणकमाणतगुणेण-वरादु वर च हेस 59
अथ - पूवपधक से अपूवपधक के अाैर अपूवपधक से बादरकृ  के
तथा बादरकृ  से सूकृ  के अनुभाग म से अनतगुणे-अनतगुणे
हीन है अाैर ऊपर के (पूव-पूव के ) जघय से नीचे का (उराेर का)
उकृ  अाैर अपने-अपने उकृ  से अपना-अपना जघय अनतगुणा
अनतगुणा हीन है 59
पूव अाैर अपूव पधक मे अतर
पूव पधक अपूव पधक
वप
ससार-अवथा मे पाए
जाने वाले कम क
श समूहप
अिनवृकरण परणामाे
से कए गए पूव पधक
के अनतवे भाग माण
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कृ 
अनुभाग का
कृ ष करना
(घटाना)
पधक व कृ  मे अतर
एक पधक से दूसरे पधक का अनुभाग थाेड़ा ही अधक
है,
जबक एक कृ  से दूसर कृ  का अनुभाग अनत गुणा
है
पूव पधकअपूव पधकबादर कृ 
सू
कृ 
अनुभाग अनत गुणा हीन
अनुभाग का म
जघय
उकृ ट
उकृ ट
उकृ ट
जघय
जघय
जघय
उकृ ट
अनुभाग अनत गुणा हीन
अपूव पधक
अनुभाग अनत गुणा हीन
उकृ ट
जघय
अपूव पधक
उकृ ट
जघय
अपूव पधक
उकृ ट
जघय
कषाय-नाेकषाय सभी
के हाेते है
अपूव
पधक
सवलन ाेध, मान,
माया लाेभ क हाेती है
बादर
कृ ी
सफ सवलन लाेभ
क हाेती है
सू
कृ ी
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उपशम ेणी मे सू कृ  ही
हाेती है, अपूव पधक अाैर
बादर कृ  नही क जाती
अणुलाेह वेदताे, जीवाे उवसामगाे व खवगाे वा
साे सहमसापराअाे, जहखादेणूणअाे क च 60
अथ - चाहे उपशम ेणी का अाराेहण करनेवाला हाे अथवा
पकेणी का अाराेहण करनेवाला हाे, परत जाे जीव
सूलाेभ के उदय का अनुभव कर रहा है, एेसा दशवे
गुणथानवाला जीव यथायात चार से कु छ ही यून रहता है
60
6 से 10 गुणथान मे सवलन का
उदय कै सा ?
गुणथान सवलन का उदय
6 ती
7 मद
8 मदतर
9 मदतम
10 सू
चार क वृ
सामायक,
छेदाेपथापना
चार
सू
सापराय
चार
यथायात
चार
इससे
अधक
इससे
अधक
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कदकफलजुदजल वा, सरए सरवाणय व णलय
सयलाेवसतमाेहाे, उवसतकसायअाे हाेद 61
अथ - िनमल फल से यु जल क तरह, अथवा शरद ऋत
मे ऊपर से वछ हाे जाने वाले सराेवर के जल क तरह,
सपूण माेहनीय कम के उपशम से उप हाेने वाले िनमल
परणामाे काे उपशातकषाय नामक यारहवा गुणथान कहते है
61
उपशातकषाय गुणथान
िनम
सव माेहनीय कम
का उपशम
परणाम
पूण वीतराग िनमल दशा
उदाहरण
1. िनमल फल से
सहत वछ जल
2. शरद-कालन
सराेवर का जल
अयायानावरण यायानावरण सवलन नाेकषाय
उपशातमाेह
गुणथान
पतन के कारण
कालय
िनयम से दसवा
गुणथान
िनयम से दसवा
गुणथान
भवय
िनयम से देवगित –
चाैथा गुणथान
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णसेसखीणमाेहाे, फलहामलभायणुदयसमचाे
खीणकसाअाे भणद, णगथाे वीयरायेह 62
अथ - जस िनथ का च माेहनीय कम के सवथा ीण हाे
जाने से फटक के िनमल पा मे रखे ए जल के समान
िनमल हाे गया है उसकाे वीतराग देव ने ीणकषाय नाम का
बारहवे गुणथानवती कहा है 62
ीणकषाय गुणथान
िनमिनम
सव माेहनीय
कम का य
परणामपरणाम
अयत िनमल
वीतरागी
परणाम
उदाहरणउदाहरण
फटक मण
के पा मे
रखा िनमल
जल
के वलणाणदवायरकरण-कलावपणासयणाणाे
णवके वललुगम, सजणयपरमपववएसाे 63
असहायणाणदसणसहअाे इद के वल  जाेगेण
जुाे ित सजाेगजणाे, अणाइणहणारसे उाे 64
अथ - जसका के वलानपी सूय क अवभागितछेदप करणाे के
समूह से (उकृ  अनतानत माण) अान-अधकार सवथा न हाे गया
हाे अाैर जसकाे नव के वललधयाे के (ायक-सयव, चार, ान,
दशन, दान, लाभ, भाेग, उपभाेग, वीय) कट हाेने से ‘परमाा’ यह
यपदेश (सा) ा हाे गया है, वह इय-अालाेक अाद क अपेा न
रखने वाले ान-दशन से यु हाेने के कारण के वल अाैर याेग से यु
रहने के कारण सयाेग तथा घाित कमाे से रहत हाेने के कारण जन कहा
जाता है, एेसा अनादिनधन अाष अागम मे कहा है 63-64
पराथप सपदा वाथप सपदा
• सूय क करणाे के
समूह समान के वलान
के ारा दयविन से
पदाथ काशत कर
शयाे के अान-
अधकार काे नट करते
है
• नव के वल लध सहत
हाेने से परमाा है
• ायक सयव,
चार, ान, दशन,
दान, लाभ, भाेग,
उपभाेग, वीय
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सयाेग-के वल-जन
सयाेग
•याेग-सहत
हाेने से
के वल
•असहाय
(पर
सहायरहत)
ान-दशन
हाेने से
जन
•घाित कमाे
का समूल
नाश करने
से
सीले स सपाे, णणसेसअासवाे जीवाे
करयवपमुाे, गयजाेगाे के वल हाेद 65
अथ - जाे अठारह हजार शील के भेदाे का वामी हाे चुका
है अाैर
जसके कमाे के अाने का ार प अाव सवथा बद हाे
गया है तथा
सव अाैर उदयप अवथा काे ा कमप रज क
सवथा िनजरा हाेने से उस कम से सवथा मु हाेने के
सुख है,
उस याेगरहत के वल काे चाैदहवे गुणथानवती अयाेग-
के वल कहते है
अयाेग के वलजन
अठारह हजार
शील के भेदाे का
वामी
सव अाव
िनराेधक
सव अाैर उदय ा
कमरज से मु हाेने
के सुख
याेगरहत के वल
सुपीये, सावयवरदे अणतकसे
दसणमाेहखवगे, कसायउवसामगे य उवसते 66
खवगे य खीणमाेहे, जणेस दा असखगुणदकमा
तवरया काला, सखेगुणमा हाेित 67
अथ - सयाेप अथात् साितशय मया अाैर सय, ावक,
वरत, अनतानुबधी कम का वसयाेजन करनेवाला, दशनमाेहनीय कम
का य करनेवाला, कषायाे का उपशम करने वाले 8-9-10वे
गुणथानवती जीव, उपशातकषाय, कषायाे का पण करनेवाले 8-9-
10वे गुणथानवती जीव, ीणमाेह, सयाेगी अाैर अयाेगी दाेनाे कार के
जन, इन यारह थानाे मे य क अपेा कमाे क िनजरा म से
असयातगुणी-असयातगुणी अधक-अधक हाेती जाती है अाैर उसका
काल इससे वपरत है म से उराेर सयातगुणा-सयातगुणा हीन
है 66-67
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गुणेणी िनजरा के थान
थान वप
वामी (गुणथान
अपेा)
साितशय
मया
थमाेपशम सयव क उप के समय
करण लध के अितम समय मे वतमान
जीव
1
1. सय अती ावक 4
2. ावक ती ावक 5
3. वरत मुिन 6-7
4. अनतानुबधी
वयाेजक
अनतानुबधी काे अयायानावरण अाद
प वसयाेजत करने वाला
4-7
थान वप
वामी (गुणथान
अपेा)
5. दशनमाेह पक
दशनमाेह का य करने
वाला
4-7
6. उपशामक चारमाेह दबाने वाला उपशम ेणी 8-10
7. उपशात कषाय चारमाेह दबने पर 11
8. पक
चारमाेह काे य करने
वाला
पक ेणी 8-10
9. ीण माेह चारमाेह के य हाेने पर 12
10. वथान सयाेगी जन
घाितया कमाे का य करने
के बाद याेग-सहत
13
11. समुातगत सयाेगी
जन
समुात अवथा काे ा
सयाेगके वल जन
13
उदाहरण
सयात का माण 2 माना, अाैर असयात का माण 5 माना |
िनजरा हेत य बाटने याेय अायाम एक िनषेक काे ात अाैसत
1 10,000 2096 5
2 50,000 1024 50
3 2,50,000 512 500
4 12,50,000 256 5000
5 62,50,000 128 50000
ितथान मे य असयातगुणा बढ़ ता है अाैर
गुणेणी अायाम का काल सयातगुणा हीन हाेता है
अवहकवयला, सीदभूदा णरजणा णा
अगुणा कदका, लाेयगणवासणाे सा 68
सदसव सखाे मड, बुाे णेयाइयाे य वेसेसी
ईसरमडलदसण,वदूसण कय एद 69
अथ - जाे ानावरणाद अ कमाे से रहत है,
अनतसखपी अमृत के अनुभव करनेवाले शातमय
है, नवीन कमबध काे कारणभूत मयादशनाद
भावकमपी अन से रहत है, सयव, ान, दशन,
वीय, अयाबाध, अवगाहन, सूव, अगुलघु, ये
अाठ मुय गुण जनके कट हाे चुके है, कृ तकृ य है,
लाेक के अभाग मे िनवास करनेवाले है, उनकाे स
कहते है 68
अथ - सदाशव, साय, मकर, बाै, नैयायक अाैर
वैशेषक, कतृवाद (ईर काे का मानने वाले),
मडल इनके मताे का िनराकरण करने के लये ये
वशेषण दये है 69
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साे के वशेषण एव अाठ मताे का खडन
वशेषण
कस मत का
खडन
मत क मायता
(जीव....
िनराकरण
ानावरणाद
अाठ कमाे से
रहत
सदाशव
....सदा कम से
रहत है
मु हाेने पर ही कम से रहत
हाेता है
मीमासक .... के मु नही कमरहत हाेने पर मु हाेती है
सख वप सायमत
....काे मु मे सख
नही
सव दु:खाे का अभाव कर जीव
ही मु मे सखी हाेता है
िनरजन (भाव
कमाे से रहत)
मकर सयासी
.... मु हाेने पर
ससार मे पुन: अाते
है
भाव कम के अभाव मे नवीन
य कम नही हाेते उसके
अभाव मे ससार नही हाेता
वशेषण
कस मत
का खडन
मत क मायता
(जीव....
िनराकरण
िनय बाै .... णक है
सू अथपयाय का
उपादयय, परत य सदा
िनय
अाठ गुणाे से
सहत
नैयायक
वैशेषक
.... काे मु मे बु
अाद गुणाे का वनाश
हाेता है
अनतानत गुण कट हाेते है
कृ तकृ य (कु छ
करना शेष नही)
ईवर सृवाद ईवर सृ बनाता है
सकल कम नाश हाेने पर कु छ
करना शेष नही रहता
लाेक के अ भाग
मे थत
मडल
.... सदा ऊपर काे
गमन करता, कभी
ठहरता नही
लाेक के अागे धमातकाय का
अभाव हाेने से तनुवातवलय मे
थत रहता है
वह गित मे थम, तीय एव चतथ गुणथान ही हाेते है
तीसरे, बारहवे एव तेरहवे गुणथान मे जीव क मृयु नही हाेती
• पक ेणी के कसी भी गुणथान मे मरण नही हाेता
• उपशम ेणी के अाठवे गुणथान के थम भाग मे भी मरण नही हाेता
ससार मे पहला, चाैथा, पाचवा, छठवा, सातवा अाैर तेरहवा इन गुणथानाे मे जीव सदा
वमान रहते ही है
बारहवा, तेरहवा, चाैदहवा एव पकेणी का अाठवा, नाैवा अाैर दसवा ये गुणथान
अितपाित है
जसके नरक, ितय अाैर अगल मनुय-अायु क सा हाे वाे अवरत सयव से उपर के
गुणथानाे मे वेश नही कर सकता
सासादन गुणथान मे मरण हाे ताे जीव नरक मे नही जाता |
गुणथान : कु छ राेचक तय
6, 5, 4, 3, 2 1 मयाव 3*, 4, 5, 7
6, 5, 4 2 सासादन 1
6,5,4,1 3 म 1,4
11, 10, 9, 8, 7, 6, 5, 4, 3, 1 4 अवरत सयव 7,5,3,2,1
6,4,1 5 देशवरत 7,4,3,2,1
7 6 मवरत 7,5,4,3,2,1
9,7 8 अपूवकरण 9,7,4!
10, 8 9 अिनवृकरण 10, 8, 4!
11, 9 10 सू सापराय 12, 11, 9, 4!
10 11 उपशात माेह 10, 4!
10 12 ीण माेह 13
12 13 सयाेग के वल 14
13 14 अयाेग के वल स भगवान
8,6,5,4,1 7 अमवरत 8,6,4!
गुण
थानाे
मे
गमना
गमन
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गुणथान उकृ  काल जघय काल
1.मयाव
अनाद अनत या अनाद सात या साद सात—कु छ कम
अ पुल परावतन
अतमुत
2.सासादन छह अावल एक समय
3.म सवाेकृ  अतमुत सव लघु अतमुत
4.अवरत साधक तैतीस सागर अतमुत
5.देशवरत 1 पूवकाेट वष – 1 अतमुत अतमुत
6.मसयत एक अतमुत एक समय
7.अमसयत एक अतमुत एक समय
गुणथानाे मे काल अपेा वचार
गुणथान उकृ  काल जघय काल
8.अपूवकरण एक अतमुत एक समय
9.अिनवृकरण एक अतमुत एक समय
10.सूसापराय एक अतमुत एक समय
11.उपशातमाेह एक अतमुत एक समय
12.ीणमाेह जघय, उकृ  = अतमुत
13.सयाेगके वल 8 वष अाैर अतमुत कम 1 काेट पूव अतमुत
14.अयाेगके वल जघय, उकृ  = अ,इ,उ,ऋ, का उारण काल
गुणथानाे मे काल अपेा वचार
समयब का बटवारा - उदाहरण
समयब = 6300 परमाणु, थित = 48
गुणहािन अायाम = 8
नाना गुणहािन =
थित
गुणहािनअायाम
= = 6
अयाेयायत राश = नाना गुणहािन = = 64
िनषेकहार = 2 × गुणहािन अायाम
अितम गुणहािन का य =
समयब
अयाेयायत राश
= = = 100
पूव क गुणहािनयाे का य इससे दुगुना-दुगुना है, अत
पाचवी गुणहािन का य 200
चतथ गुणहािन का य 400
तीसर गुणहािन का य 800
तीय गुणहािन का य 1600
थम गुणहािन का य 3200
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थम गुणहािन
थम िनषेक =
समयब
साधक डेढ़ गुणहािन
= = 512
चय =
थम िनषेक
िनषेकहार
= = 32
थम िनषेक से अगले िनषेक एक-एक चय हीन है | अत थम
गुणहािन इस कार ा हाेगी -
थम
गुणहािन
288
320
352
384
416
448
480
512
थम गुणहानी के सव-य का माण = 3200
तीय गुणहािन
थम गुणहािन के अितम िनषेक से एक चय
अाैर घटाने पर तीय गुणहािन के थम
िनषेक अाता है |
थम गुणहािन से अागे-अागे क गुणहािनयाे मे
चय अाधा-अाधा हाेता जाता है |
अत तीय गुणहािन इस कार हाेगी 
तीय
गुणहािन
144
160
176
192
208
224
240
256
तीय गुणहानी के सव-य का माण = 1600
शेष गुणहािनया भी इसी कार िनकालना
1st गुणहा न 2nd गुणहा न 3rd गुणहा न 4th गुणहा न 5th गुणहा न 6th गुणहा न
288 144 72 36 18 9
320 160 80 40 20 10
352 176 88 44 22 11
384 192 96 48 24 12
416 208 104 52 26 13
448 224 112 56 28 14
480 240 120 60 30 15
512 256 128 64 32 16
Reference : गाेटसार जीवकाड, सयान चका,
गाेटसार जीवकाड रेखाच एव तालकाअाे मे
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Gunsthan 7 - 14

  • 1. गाथा 1 : मगलाचरण जाे स, श एव अकलक है एव जनके सदा गुणपी राे के भूषणाे का उदय रहता है, एेसे ी जनेवर नेमच वामी काे नमकार करके जीव क पणा काे कगा स स पणमय जणदवरणेमचदमकलक गुणरयणभूसणुदय जीवस पवण वाेछ सजलणणाेकसायाणुदअाे मदाे जदा तदा हाेद अपमगुणाे तेण य, अपमाे सजदाे हाेद 45 अथ - जब सवलन अाैर नाेकषाय का मद उदय हाेता है तब सकल सयम से यु मुिन के माद का अभाव हाे जाता है इस ही लये इस गुणथान काे अमसयत कहते है इसके दाे भेद है - एक वथानाम, दूसरा साितशयाम 45 मुिन जीवन का थम गुणथान अम-वरत परणामपरणाम माद का अभाव सकल सयमयु मुिन िनमिनम सवलन अाैर नाेकषाय का मद उदय ३ कषाय चाैकड़ का अनुदय visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 1
  • 2. णासेसपमादाे, वयगुणसीलाेलमडअाे णाणी अणुवसमअाे अखवअाे, झाणणलणाे  अपमाे 46 अथ - जस सयत के सपूण याय माद न हाे चुके है, अाैर जाे सम ही महात, अाईस मूलगुण तथा शील से यु है, शरर अाैर अाा के भेदान मे तथा माे के कारणभूत धययान मे िनरतर लन रहता है, एेसा अम मुिन जब तक उपशमक या पक ेणी का अाराेहण नही करता तब तक उसकाे वथान अम अथवा िनरितशय अम कहते है 46 7 वा गुणथान वथान अम वरत वथान अम वरत नजसमे जीव 6 – 7 वे गुणथान मे गमनागमन करता है साितशय अमवरत साितशय अमवरत ण करताजसमे जीव ेणी अाराेहण करता है वथान अम साितशय अम म वरत अपूवकरण 7 वा गुणथान इगवीसमाेहखपणुपसमणणमाण ितकरणाण तह पढम अधापव, करण त करेद अपमाे 47 अथ - अयायानावरण, यायानावरण अाैर सवलन सबधी ाेध, मान, माया, लाेभ इस तरह बारह अाैर नव हायादक नाेकषाय कु ल मलकर माेहनीय कम क इन इस कृ ितयाे के उपशम या य करने काे अाा के ये तीन करण अथात् तीन कार के वश परणाम िनमभूत है - अध:करण, अपूवकरण अाैर अिनवृकरण उनमे से साितशय अम अथात् जाे ेण चढ़ने के लये सुख या उत अा है वह िनयम से पहले अध:वृकरण काे करता है 47 visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 2
  • 3. उपशम ेणी पक ेणी 21 कृ ितयाे का उपशम 21 कृ ितयाे का य 8, 9, 10, 11 गुणथान 8, 9, 10, 12 गुणथान ेणी ा? ेणी अथात् चार माेहनीय क 21 कृ ितयाे के उपशम या य मे िनमभूत वृगत वीतराग परणाम 8 8 9 10 12 10 9 11 7 पक ेणी उपशम ेणी 13 वा गुणथान ायक सय ायक सय, उपशम सय ायक सय मुिनराज उपशम ेणी या पक ेणी अाराेहण कर सकते है उपशम सय मुिनराज उपशम ेणी ही अाराेहण कर सकते है, पक ेणी नही ेणी चढ़ने क वध ायाेपशमक सयवी अम सयत मुिनराज अनतानुबधी क वसयाेजना करके फर वाम करके दशन माेह का उपशम करे दशन माेह क पणा करे अध: वृकरण ारभ करते है अथवा वाम करके अथवाअथवा ायक सयवी अम मुिनराज ायक सयवी अम मुिनराज अध:वृकरण करते है visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 3
  • 4. जा उवरमभावा, हेमभावेह सरसगा हाेित ता पढम करण अधापवाे ण 48 अथ - अध:वृकरण के काल मे से ऊपर के समयवती जीवाे के परणाम नीचे के समयवती जीवाे के परणामाे के सश अथात् सया अाैर वश क अपेा समान हाेते है, इसलये थम करण काे अध:वृ करण कहा है 48 तीन करण • जहा भ समयवती जीवाे के परणाम समान भी हाे सकते है अाैर भ भी हाे सकते है अध वृकरण • जहा भ समयवती जीवाे के परणाम भ ही हाेते है अपूवकरण • जहा समान समयवती जीवाे के परणाम समान ही हाेते है अिनवृकरण तीन करण एक जीव क अपेा है या नाना जीवाे क अपेा?  नाना जीवाे क अपेा अताेमुमेाे, तालाे हाेद तथ परणामा लाेगाणमसखमदा, उववर सरसवगया 49 अथ - इस अध:वृकरण का काल अतमुत मा है अाैर उसमे परणाम असयातलाेक माण हाेते है, अाैर ये परणाम ऊपर-ऊपर सश वृ काे ा हाेते गये है 49 visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 4
  • 5. अावयक सू सवधन गछ2 सयात = चय गछ ̶ 1 2  चय  गछ = चयधन सवधन ̶ चयधन = अादधन अादधन गछ = अाद सवधन = 3072, गछ = 16, सयात = 3 चय 3072 16  16  3 = 4 चयधन 16 − 1 2  4  16 = 15  2  16 = 480 अादधन 3072 ̶ 480 =2592 अाद 2592 16 = 162 16 222 15 218 14 214 13 210 12 206 11 202 10 198 9 194 8 190 7 186 6 182 5 178 4 174 3 170 2 166 1 162 समय परणामाे क सया अध:वृ करण के परणामाे क रचना (अक स से) कु ल परणाम = 3072 समय = 16 चय = 4 अनुकृ  रचना अनुकृ  गछ = ऊव गछ सयात = 16 4 = 4 अनुकृ  चय = ऊव चय अनुकृ  गछ = 4 4 = 1 सवधन = 162, गछ = 4, चय = 1 चयधन = 4 − 1 2  1  4 = 3  1  2 = 6 अादधन = 162 ̶ 6 = 156 अाद = 156 4 = 39 visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 5
  • 6. 162  39 40 41 42 166  40 41 42 43 ताे थम समय सबधी रचना एेसे बनेगी एेसे ही तीय समय सबधी रचना बनाइये एेसे ही सारे समयाे मे बनाइये 16 222 54 55 56 57 15 218 53 54 55 56 14 214 52 53 54 55 13 210 51 52 53 54 12 206 50 51 52 53 11 202 49 50 51 52 10 198 48 49 50 51 9 194 47 48 49 50 8 190 46 47 48 49 7 186 45 46 47 48 6 182 44 45 46 47 5 178 43 44 45 46 4 174 42 43 44 45 3 170 41 42 43 44 2 166 40 41 42 43 1 162 39 40 41 42 समय परणामाे क सया अनुकृ  के खड अध:वृ करण के सव समयाे क अनुकृ  रचना अनुकृ  रचना थम समय तीय समय तृतीय समय चतथ समय पचम समय असयात लाेक माण परणाम असयात लाेक माण परणाम असयात लाेक माण परणाम असयात लाेक माण परणाम असयात लाेक माण परणाम काल - अतमुत अनुकृ  रचना थम समय तीय समय तृतीय समय चतथ समय पचम समय काल - अतमुत नीचे के समय मे थत परणाम-पुज का ऊपर के समय मे पाया जाना visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 6
  • 7. 4 174 42 43 44 45 (121-162) (163-205) (206-249) (246-294) 3 170 41 42 43 44 (80-120) (121-162) (163-205) (206-249) 2 166 40 41 42 43 (40-79) (80-120) (121-162) (163-205) 1 162 39 40 41 42 (1-39) (40-79) (80-120) (121-162) समय परणामाे क सया अनुकृ  के खड अनुकृ  खडाे के परणाम सबसे जघय खड व उकृ ट खड सवथा असमान है एक खड के जघय से उसी खड का उकृ ट परणाम अनत गुणी वशता लए है खड के उकृ ट से अगले खड का जघय परणाम अनत गुणी वशता लए है वातवक सयाए • अध:वृकरण का काल अतमुत है अथात् असयात समय • कु ल परणामाे क सया असयात लाेक माण है • चय का माण भी असयात लाेक है • एक-एक समय के परणामाे क सया भी असयात लाेक है • अनुकृ  गछ अतमुत का सयातवा भाग हाेकर भी असयात है • अनुकृ  चय का माण भी असयात लाेक है • एक-एक अनुकृ  खड के परणाम भी असयात लाेक है अध वृकरण के 4 अावयक ितसमय अनतगुणी वश बढ़ना थितबधापसरण पाप कृ ितयाे का अनुभागबधापसरण पुय कृ ितयाे का बढ़ता अा अनुभाग बध visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 7
  • 8.  जीव मे हाेने वाला एकमा अावयक ितसमय अनतगुणी वश  जीव के परणामाे के िनम से  वह भी नवीन बधने वाले कमाे मे शेष 3 अावयक कमाे मे हाेते है थितबधापसरण  बधने वाले समत कमाे क थित  हर अतमुत मे  घट-घट कर बधती है थितबधापसरण थित 95 वष 90 वष 85 वष 80 वष 100 वष थम अतमुत तीय अतमुत तृतीय अतमुत चतथ अतमुत पचम अतमुत उदाहरण- थित बध माना 100 वष visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 8
  • 9. समत कमाे का थित-बध ाे घटता है? सफ पाप कृ ितयाे का ाे नही?  ाेक 3 अायु काे छाेड़कर शेष सभी कमाे क थित पाप-प ही है अनुभागबधापसरण  बधने वाले पाप कमाे का अनुभाग  ितसमय घट-घट कर बधता है  अनतगुणा हीन - अनतगुणा हीन हाेकर  मा थानीय बध हाेता है लता दा अथ शैल घाित कमाे का चत:थान अनुभाग बध नए बधने वाले घाित कमाे मे इन दाे थान का अनुभाग नही बधता िनब काजीर वष हलाहल अघाित कमाे का चत:थान अनुभाग बध नए बधने वाले अघाित कमाे मे इन दाे थान का अनुभाग नही बधता visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 9
  • 10. लता दा इन दाे अनुभाग मे भी ितसमय अनत गुणा हीन-हीन हाेकर अनुभाग बाधता है थित अनुभाग समय 1 समय 2 समय 3 समय 4 समय 5 पाप कृ ितयाे का नया अनुभाग बध िनब काजीर घाित कम  अघाित कम  अनुभाग बध बढ़ना बधने वाले पुय कमाे का अनुभाग ितसमय अधक-अधक बधता है अनतगुणा अधक - अनतगुणा अधक चत:थानीय बध हाेता है गुड़ खाड शक रा अमृत अघाित कमाे का चत:थान अनुभाग बध नए बधने वाले अघाित कमाे मे पुय कृ ित का चत:थानीय अनुभाग बध हाेता है सभी कमाे का थित बध घटता है पाप कृ ितयाे का अनुभाग बध घटता है पुय कृ ितयाे का अनुभाग बध बढ़ता है visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 10
  • 11. •अध वृकरण के थम समय से ारभ- •जब तक बध है अथात् 10वे के अत तक अत- ये चार अावयक कब तक हाेते है? अताेमुकाल, गमऊण अधापवकरण त पडसमय सझताे, अपुकरण समयइ 50 अथ - जसका अतमुत मा काल है, एेसे अध:वृकरण काे बताकर वह साितशय अम जब ितसमय अनतगुणी वश काे लए ए अपूवकरण जाित के परणामाे काे करता है, तब उसकाे अपूवकरणनामक अमगुणथानवती कहते है 50 एद गुणाणे, वसरससमययेह जीवेह पुमपा जा, हाेित अपुा  परणामा 51 अथ - इस गुणथान मे भसमयवती जीव, जाे पूव समय मे कभी भी ा नही ए थे एेसे अपूव परणामाे काे ही धारण करते है, इसलये इस गुणथान का नाम अपूवकरण है 51 भणसमययेह दु, जीवेह ण हाेद सदा सरसाे करणेह एसमययेह सरसाे वसरसाे वा 52 अथ - यहा पर (अपूवकरण मे) भ समयवती जीवाे मे वश परणामाे क अपेा कभी भी साय नही पाया जाता; कत एक समयवती जीवाे मे साय अाैर वसाय दाेनाे ही पाये जाते है 52 visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 11
  • 12. भ समयवती जीवाे के परणाम भ ही एक समयवती जीवाे के परणाम भ भी समान भी वप - अपूवकरण अपूवकरण गुणथान थम समय तीय समय तृतीय समय चतथ समय पचम समय असयात लाेक माण परणामकाल - अतमुत ितसमय अपूव-अपूव परणाम  यहा अनुकृ  रचना नही है सवधन = 4096, गछ = 8, सयात = 4 पद सू चय सवधन गछ2 सयात 4096 8  8  4 = 16 चयधन गछ ̶ 1 2  चय  गछ 8 − 1 2  16  8 = 7  8  8 = 448 अादधन सवधन ̶ चयधन 4096 ̶ 448 = 3648 अाद अादधन गछ 3648 8 = 456 अपूवकरण के परणामाे क रचना (अक स से) कु ल परणाम = 4096 समय = 8 चय = 16 8 568 (3529-4096) 7 552 (2977-3528) 6 536 (2441-2976) 5 520 (1921-2440) 4 504 (1417-1920) 3 488 (929-1416) 2 472 (457-928) 1 456 (1-456) समय प रणाम क सं या visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 12
  • 13. अताेमुमेे, पडसमयमसखलाेगपरणामा कमउा पुगुणे, अणुक णथ णयमेण 53 अथ - इस गुणथान का काल अतमुत मा है अाैर इसमे परणाम असयात लाेकमाण हाेते है, अाैर वे परणाम उराेर ितसमय समानवृ काे लये ए है तथा इस गुणथान मे िनयम से अनुकृ  रचना नही हाेती है 53 वातवक सयाए अपूवकरण का काल अतमुत है अथात् असयात समय कु ल परणामाे क सया असयात लाेक माण है चय का माण भी असयात लाेक है एक-एक समय के परणामाे क सया भी असयात लाेक है परणामाे क वश अपूवकरण के पहले समय का जघय परणाम अध:वृ करण के अतम सववश परणाम से भी अनतगुणा वश है येक समय के जघय परणाम से उसी समय का उकृ ट परणाम अनत गुणी वशता लए है एक समय के उकृ ट परणाम से अगले समय का जघय परणाम भी अनत गुणी वशता लए है अपूवकरण के 4 अावयक 1. गुणेणी िनजरा 2. गुण-समण 3. थित-काडक घात 4. अनुभाग-काडक घात ये सब काय सा के कमाे मे हाेते है visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 13
  • 14. गुणेणी िनजरा  सा मे थत कमाे क  ितसमय  असयात गुणाकार प से  िनजरा हाेना  गुणेणी िनजरा कहलाता है गुणेणी का उदाहरण मानाक अपकृ  य = 8500, गुणेणी अायाम = 4 िनषेक य चतथ िनषेक मे दया य 6400 तृतीय िनषेक मे दया य 1600 तीय िनषेक मे दया य 400 थम िनषेक मे दया य 100 8500 गुणेणी िनजरा पूव सव गुणेणी ारा िनजरा अतमुत 100 400 1600 6400 उदाहरण गुण-समण  जनका बध नही हाे रहा, सा मे थत एेसी पाप कृ ितयाे का  ितसमय  असयात गुणा  वतमान मे बधने वाल अय कृ ित प हाेना  गुण-समण कहलाता है visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 14
  • 15. एक कम का अय कमप हाेनाएक कम का अय कमप हाेना कन कमाे का ?कन कमाे का ? अशत कमाे काअशत कमाे का बधने वालाे का ?बधने वालाे का ? नही, सा के कमाे कानही, सा के कमाे का कब ?कब ? ितसमयितसमय कतना ?कतना ? पहले समय से अगले समय असयातगुणापहले समय से अगले समय असयातगुणा वष समण िनयम मूल कृ ितयाे मे परपर समण नही हाेता है चाराे अायुअाे का अापस मे समण नही हाेता है माेहनीय के उर भेद – दशन माेहनीय अाैर चार माेहनीय का अापस मे समण नही हाेता है दशन माेहनीय का दशन माेहनीय मे अाैर चार माेहनीय का चार माेहनीय के भेदाे मे अापस मे समण हाे सकता है थितकाडक घात  सा मे थत  समत कमाे क थित  हर अतमुत मे न करना  थितकाडक घात कहलाता है थित थित घटाकर िनषेकाे काे नीचे क थित मे लाना ि थ तकांडक घात कै से होता है ?  जतनी थित नाश करनी है, अ भाग के उतने थित के िनषेकाे काे नीचे क थित मे दया जाता है ।  एक अतमुत मे सारे िनषेकाे काे नीचे देकर ऊपर क थित समा हाे जाती है । visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 15
  • 16. थम अतमुत तीय अतमुत 95 वष तृतीय अतमुत 90 वष चतथ अतमुत 85 वष पचम अतमुत 80 वष थित काडकघात 100 वष थित उदाहरण- थित सव माना 100 वष वशेष एक थितखडन मे अतमुत काल लगता है अायु काे छाेड़कर शेष सारे कमाे क थित का खडन (घात) कया जाता है एक करण मे सयात हजार बार थितकाडक घात हाेते है एेसे थितकाडक घात के ारा थित-सव करण के अाद से अत मे सयात गुणा कम हाे जाता है अनुभाग काडक घात  सा मे थत  पाप कृ ितयाे का अनुभाग  हर अतमुत मे  अनत बभाग न करना  अनुभागकाडक घात कहलाता है अनुभाग घटाकर पधकाे काे हीन श वाले पधकाे मे लाना अनुभागकाडक घात कै से हाेता है ? जतने अनुभाग का नाश करना है, अ भाग के उतने अनुभाग के पधकाे काे हीन अनुभाग के पधकाे मे दया जाता है । एक अतमुत मे सारे पधकाे काे हीन अनुभाग मे देने पर अधक श वाले पधक समा हाे जाते है । visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 16
  • 17. थित समय अनुभाग अनुभाग-काडक-घात थम अतमुत तीय अतमुत तृतीय अतमुत वशेष एक अनुभाग खडन मे अतमुत काल लगता है सा के सव अशत कमाे का अनुभाग घात हाेता है पुय कृ ितयाे का अनुभाग नही घटता है गुणेणी िनजरा गुणेणी िनजरा देशाे क े गुण समण कृ ित का य थित खडन थित का काल अनुभाग खडन अनुभाग खडन अनुभाग का भाव तारसपरणामयजीवा  जणेह गलयितमरेह माेहसपुकरणा, खवणुवसमणुया भणया 54 अथ - अान अधकार से सवथा रहत जनेदेव ने कहा है क उ परणामाे काे धारण करने वाले अपूवकरण गुणथानवती जीव माेहनीयकम क शेष कृ ितयाे का पण अथवा उपशमन करने मे उत हाेते है 54 visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 17
  • 18. णापयले णे, सद अाऊ उवसमित उवसमया खवय ढे खवया, णयमेण खवित माेह त 55 अथ - जनके िना अाैर चला क बधयुछ हाे चुक है तथा जनका अायुकम अभी वमान है, एेसे उपशमेणी का अाराेहण करने वाले जीव शेष माेहनीय का उपशमन करते है अाैर जाे पकेणी का अाराेहण करने वाले है, वे िनयम से माेहनीय का पण करते है 55 ेणी मे मरण सबधी िनयम उपशम ेणी अपूवकरण के थम भाग मे मरण नही शेष काल मे मरण सभव है पक ेणी सव मरण सभव नही एक कालसमये, सठाणादह जह णवित ण णवित तहाव य, परणामेह महाे जेह 56 हाेित अणयणाे ते, पडसमय जेसमेपरणामा वमलयरझाणयवह-सहाह ण कवणा 57 अथ - अतमुतमा अिनवृकरण के काल मे से अाद या मय या अत के एक समयवती अनेक जीवाे मे जसकार शरर क अवगाहना अाद बा करणाे से तथा ानावरणादक कम के याेपशमाद अतरम करणाे से परपर मे भेद पाया जाता है, उसकार जन परणामाे के िनम से परपर मे भेद नही पाया जाता उनकाे अिनवृकरण कहते है अिनवृकरण गुणथान का जतना काल है, उतने ही उसके परणाम है इसलये उसके काल के येक समय मे अिनवृकरण का एक ही परणाम हाेता है तथा ये परणाम अयत िनमल यानप अ क शखाअाे क सहायता से कमवन काे भ कर देते है 56-57 अिनवृकरण गुणथान अ + िनवृ + करणअ + िनवृ + करण वमान नही है + भेद + वश परणामाे मेवमान नही है + भेद + वश परणामाे मे वह अिनवृकरण हैवह अिनवृकरण है visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 18
  • 19. अिनवृकरण गुणथान वशेष: शरर का सथान, वण, वय तथा उपयाेगाद मे भेद सभव है यहा येक समय सभी जीवाे के एक जैसा, एक ही परणाम सभव है इसका काल अतमुत है थम समय तीय समय तृतीय समय चतथ समय पचम समय काल - अतमुत एक ही परणाम अिनवृकरण के अावयक  20 कृ ितयाे का य  10वे गुणथान मे भाेगने के लये सवलन लाेभ क सू कृ ी  11वे गुणथान के लये 21 कृ ितयाे का अतरकरणप उपशम  चढ़ने अाैर उतरने के 10वे गुणथान मे भाेगने के लए सवलन लाेभ क सू कृ ी पक ेणी मे उपशम ेणी अध:वृकरण अपूवकरण अिनवृकरण परणाम ऊपर समय वाले जीवाे के परणाम नीचे समय वालाे से मलते है ितसमय अपूव (जाे पहले न ये हाे) एेसे नवीन परणाम हाेते है जहा सथानाद का भेद हाेने पर भी परणामाे मे भेद नही एक समयवती जीवाे के परणाम समान भी, भन भी समान भी, भन भी समान ही भन समयवती जीवाे के परणाम समान भी, भन भी भन ही भन ही अनुकृ  रचना हाेती है नही हाेती है नही हाेती है परणामाे क सया असयात लाेकमाण (ऊपर—2 समान वृ सहत) असयात लाेकमाण (अध:वृकरण से असयातगुणे) असयात—जतने इसके समय काल तीनाे का अतमुत सबसे बड़ा अध:वृकरण से सयात गुणा हीन अपूवकरण से सयात गुणा हीन उदाहरण 16 समय 8 समय 4 समय ये करण के परणाम अाैर कहा-कहा हाेते है? . पद गुणथान 1 थमाेपशम सयव १ 2 अनतानुबधी क वसयाेजना ४ से ७ 3 ायक सयव ४ से ७ 4 तीयाेपशम सयव ७ 5 उपशम ेणी ७, ८, ९ 6 पक ेणी ७, ८, ९ visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 19
  • 20. धुदकाेसभयवथ, हाेह जहा सहमरायसजु एव सहमकसाअाे, सहमसरागाे णादाे 58 अथ - जस कार धुले ए काैसभी व मे लालमा - सखी सू रह जाती है, उसी कार जाे जीव अयत सू राग-लाेभ कषाय से यु है उसकाे सूसापराय नामक दशम गुणथानवती कहते है 58 सूसापराय गुणथान िनम सू सवलन लाेभ का उदय परणाम अयत सू राग (लाेभकषाय) से सयु उदाहरण धुले ए काैसभी व के समान सू लालमा पुापुफय-बादरसहमगयक अणुभागा हीणकमाणतगुणेण-वरादु वर च हेस 59 अथ - पूवपधक से अपूवपधक के अाैर अपूवपधक से बादरकृ  के तथा बादरकृ  से सूकृ  के अनुभाग म से अनतगुणे-अनतगुणे हीन है अाैर ऊपर के (पूव-पूव के ) जघय से नीचे का (उराेर का) उकृ  अाैर अपने-अपने उकृ  से अपना-अपना जघय अनतगुणा अनतगुणा हीन है 59 पूव अाैर अपूव पधक मे अतर पूव पधक अपूव पधक वप ससार-अवथा मे पाए जाने वाले कम क श समूहप अिनवृकरण परणामाे से कए गए पूव पधक के अनतवे भाग माण visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 20
  • 21. कृ  अनुभाग का कृ ष करना (घटाना) पधक व कृ  मे अतर एक पधक से दूसरे पधक का अनुभाग थाेड़ा ही अधक है, जबक एक कृ  से दूसर कृ  का अनुभाग अनत गुणा है पूव पधकअपूव पधकबादर कृ  सू कृ  अनुभाग अनत गुणा हीन अनुभाग का म जघय उकृ ट उकृ ट उकृ ट जघय जघय जघय उकृ ट अनुभाग अनत गुणा हीन अपूव पधक अनुभाग अनत गुणा हीन उकृ ट जघय अपूव पधक उकृ ट जघय अपूव पधक उकृ ट जघय कषाय-नाेकषाय सभी के हाेते है अपूव पधक सवलन ाेध, मान, माया लाेभ क हाेती है बादर कृ ी सफ सवलन लाेभ क हाेती है सू कृ ी visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 21
  • 22. उपशम ेणी मे सू कृ  ही हाेती है, अपूव पधक अाैर बादर कृ  नही क जाती अणुलाेह वेदताे, जीवाे उवसामगाे व खवगाे वा साे सहमसापराअाे, जहखादेणूणअाे क च 60 अथ - चाहे उपशम ेणी का अाराेहण करनेवाला हाे अथवा पकेणी का अाराेहण करनेवाला हाे, परत जाे जीव सूलाेभ के उदय का अनुभव कर रहा है, एेसा दशवे गुणथानवाला जीव यथायात चार से कु छ ही यून रहता है 60 6 से 10 गुणथान मे सवलन का उदय कै सा ? गुणथान सवलन का उदय 6 ती 7 मद 8 मदतर 9 मदतम 10 सू चार क वृ सामायक, छेदाेपथापना चार सू सापराय चार यथायात चार इससे अधक इससे अधक visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 22
  • 23. कदकफलजुदजल वा, सरए सरवाणय व णलय सयलाेवसतमाेहाे, उवसतकसायअाे हाेद 61 अथ - िनमल फल से यु जल क तरह, अथवा शरद ऋत मे ऊपर से वछ हाे जाने वाले सराेवर के जल क तरह, सपूण माेहनीय कम के उपशम से उप हाेने वाले िनमल परणामाे काे उपशातकषाय नामक यारहवा गुणथान कहते है 61 उपशातकषाय गुणथान िनम सव माेहनीय कम का उपशम परणाम पूण वीतराग िनमल दशा उदाहरण 1. िनमल फल से सहत वछ जल 2. शरद-कालन सराेवर का जल अयायानावरण यायानावरण सवलन नाेकषाय उपशातमाेह गुणथान पतन के कारण कालय िनयम से दसवा गुणथान िनयम से दसवा गुणथान भवय िनयम से देवगित – चाैथा गुणथान visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 23
  • 24. णसेसखीणमाेहाे, फलहामलभायणुदयसमचाे खीणकसाअाे भणद, णगथाे वीयरायेह 62 अथ - जस िनथ का च माेहनीय कम के सवथा ीण हाे जाने से फटक के िनमल पा मे रखे ए जल के समान िनमल हाे गया है उसकाे वीतराग देव ने ीणकषाय नाम का बारहवे गुणथानवती कहा है 62 ीणकषाय गुणथान िनमिनम सव माेहनीय कम का य परणामपरणाम अयत िनमल वीतरागी परणाम उदाहरणउदाहरण फटक मण के पा मे रखा िनमल जल के वलणाणदवायरकरण-कलावपणासयणाणाे णवके वललुगम, सजणयपरमपववएसाे 63 असहायणाणदसणसहअाे इद के वल  जाेगेण जुाे ित सजाेगजणाे, अणाइणहणारसे उाे 64 अथ - जसका के वलानपी सूय क अवभागितछेदप करणाे के समूह से (उकृ  अनतानत माण) अान-अधकार सवथा न हाे गया हाे अाैर जसकाे नव के वललधयाे के (ायक-सयव, चार, ान, दशन, दान, लाभ, भाेग, उपभाेग, वीय) कट हाेने से ‘परमाा’ यह यपदेश (सा) ा हाे गया है, वह इय-अालाेक अाद क अपेा न रखने वाले ान-दशन से यु हाेने के कारण के वल अाैर याेग से यु रहने के कारण सयाेग तथा घाित कमाे से रहत हाेने के कारण जन कहा जाता है, एेसा अनादिनधन अाष अागम मे कहा है 63-64 पराथप सपदा वाथप सपदा • सूय क करणाे के समूह समान के वलान के ारा दयविन से पदाथ काशत कर शयाे के अान- अधकार काे नट करते है • नव के वल लध सहत हाेने से परमाा है • ायक सयव, चार, ान, दशन, दान, लाभ, भाेग, उपभाेग, वीय visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 24
  • 25. सयाेग-के वल-जन सयाेग •याेग-सहत हाेने से के वल •असहाय (पर सहायरहत) ान-दशन हाेने से जन •घाित कमाे का समूल नाश करने से सीले स सपाे, णणसेसअासवाे जीवाे करयवपमुाे, गयजाेगाे के वल हाेद 65 अथ - जाे अठारह हजार शील के भेदाे का वामी हाे चुका है अाैर जसके कमाे के अाने का ार प अाव सवथा बद हाे गया है तथा सव अाैर उदयप अवथा काे ा कमप रज क सवथा िनजरा हाेने से उस कम से सवथा मु हाेने के सुख है, उस याेगरहत के वल काे चाैदहवे गुणथानवती अयाेग- के वल कहते है अयाेग के वलजन अठारह हजार शील के भेदाे का वामी सव अाव िनराेधक सव अाैर उदय ा कमरज से मु हाेने के सुख याेगरहत के वल सुपीये, सावयवरदे अणतकसे दसणमाेहखवगे, कसायउवसामगे य उवसते 66 खवगे य खीणमाेहे, जणेस दा असखगुणदकमा तवरया काला, सखेगुणमा हाेित 67 अथ - सयाेप अथात् साितशय मया अाैर सय, ावक, वरत, अनतानुबधी कम का वसयाेजन करनेवाला, दशनमाेहनीय कम का य करनेवाला, कषायाे का उपशम करने वाले 8-9-10वे गुणथानवती जीव, उपशातकषाय, कषायाे का पण करनेवाले 8-9- 10वे गुणथानवती जीव, ीणमाेह, सयाेगी अाैर अयाेगी दाेनाे कार के जन, इन यारह थानाे मे य क अपेा कमाे क िनजरा म से असयातगुणी-असयातगुणी अधक-अधक हाेती जाती है अाैर उसका काल इससे वपरत है म से उराेर सयातगुणा-सयातगुणा हीन है 66-67 visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 25
  • 26. गुणेणी िनजरा के थान थान वप वामी (गुणथान अपेा) साितशय मया थमाेपशम सयव क उप के समय करण लध के अितम समय मे वतमान जीव 1 1. सय अती ावक 4 2. ावक ती ावक 5 3. वरत मुिन 6-7 4. अनतानुबधी वयाेजक अनतानुबधी काे अयायानावरण अाद प वसयाेजत करने वाला 4-7 थान वप वामी (गुणथान अपेा) 5. दशनमाेह पक दशनमाेह का य करने वाला 4-7 6. उपशामक चारमाेह दबाने वाला उपशम ेणी 8-10 7. उपशात कषाय चारमाेह दबने पर 11 8. पक चारमाेह काे य करने वाला पक ेणी 8-10 9. ीण माेह चारमाेह के य हाेने पर 12 10. वथान सयाेगी जन घाितया कमाे का य करने के बाद याेग-सहत 13 11. समुातगत सयाेगी जन समुात अवथा काे ा सयाेगके वल जन 13 उदाहरण सयात का माण 2 माना, अाैर असयात का माण 5 माना | िनजरा हेत य बाटने याेय अायाम एक िनषेक काे ात अाैसत 1 10,000 2096 5 2 50,000 1024 50 3 2,50,000 512 500 4 12,50,000 256 5000 5 62,50,000 128 50000 ितथान मे य असयातगुणा बढ़ ता है अाैर गुणेणी अायाम का काल सयातगुणा हीन हाेता है अवहकवयला, सीदभूदा णरजणा णा अगुणा कदका, लाेयगणवासणाे सा 68 सदसव सखाे मड, बुाे णेयाइयाे य वेसेसी ईसरमडलदसण,वदूसण कय एद 69 अथ - जाे ानावरणाद अ कमाे से रहत है, अनतसखपी अमृत के अनुभव करनेवाले शातमय है, नवीन कमबध काे कारणभूत मयादशनाद भावकमपी अन से रहत है, सयव, ान, दशन, वीय, अयाबाध, अवगाहन, सूव, अगुलघु, ये अाठ मुय गुण जनके कट हाे चुके है, कृ तकृ य है, लाेक के अभाग मे िनवास करनेवाले है, उनकाे स कहते है 68 अथ - सदाशव, साय, मकर, बाै, नैयायक अाैर वैशेषक, कतृवाद (ईर काे का मानने वाले), मडल इनके मताे का िनराकरण करने के लये ये वशेषण दये है 69 visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 26
  • 27. साे के वशेषण एव अाठ मताे का खडन वशेषण कस मत का खडन मत क मायता (जीव.... िनराकरण ानावरणाद अाठ कमाे से रहत सदाशव ....सदा कम से रहत है मु हाेने पर ही कम से रहत हाेता है मीमासक .... के मु नही कमरहत हाेने पर मु हाेती है सख वप सायमत ....काे मु मे सख नही सव दु:खाे का अभाव कर जीव ही मु मे सखी हाेता है िनरजन (भाव कमाे से रहत) मकर सयासी .... मु हाेने पर ससार मे पुन: अाते है भाव कम के अभाव मे नवीन य कम नही हाेते उसके अभाव मे ससार नही हाेता वशेषण कस मत का खडन मत क मायता (जीव.... िनराकरण िनय बाै .... णक है सू अथपयाय का उपादयय, परत य सदा िनय अाठ गुणाे से सहत नैयायक वैशेषक .... काे मु मे बु अाद गुणाे का वनाश हाेता है अनतानत गुण कट हाेते है कृ तकृ य (कु छ करना शेष नही) ईवर सृवाद ईवर सृ बनाता है सकल कम नाश हाेने पर कु छ करना शेष नही रहता लाेक के अ भाग मे थत मडल .... सदा ऊपर काे गमन करता, कभी ठहरता नही लाेक के अागे धमातकाय का अभाव हाेने से तनुवातवलय मे थत रहता है वह गित मे थम, तीय एव चतथ गुणथान ही हाेते है तीसरे, बारहवे एव तेरहवे गुणथान मे जीव क मृयु नही हाेती • पक ेणी के कसी भी गुणथान मे मरण नही हाेता • उपशम ेणी के अाठवे गुणथान के थम भाग मे भी मरण नही हाेता ससार मे पहला, चाैथा, पाचवा, छठवा, सातवा अाैर तेरहवा इन गुणथानाे मे जीव सदा वमान रहते ही है बारहवा, तेरहवा, चाैदहवा एव पकेणी का अाठवा, नाैवा अाैर दसवा ये गुणथान अितपाित है जसके नरक, ितय अाैर अगल मनुय-अायु क सा हाे वाे अवरत सयव से उपर के गुणथानाे मे वेश नही कर सकता सासादन गुणथान मे मरण हाे ताे जीव नरक मे नही जाता | गुणथान : कु छ राेचक तय 6, 5, 4, 3, 2 1 मयाव 3*, 4, 5, 7 6, 5, 4 2 सासादन 1 6,5,4,1 3 म 1,4 11, 10, 9, 8, 7, 6, 5, 4, 3, 1 4 अवरत सयव 7,5,3,2,1 6,4,1 5 देशवरत 7,4,3,2,1 7 6 मवरत 7,5,4,3,2,1 9,7 8 अपूवकरण 9,7,4! 10, 8 9 अिनवृकरण 10, 8, 4! 11, 9 10 सू सापराय 12, 11, 9, 4! 10 11 उपशात माेह 10, 4! 10 12 ीण माेह 13 12 13 सयाेग के वल 14 13 14 अयाेग के वल स भगवान 8,6,5,4,1 7 अमवरत 8,6,4! गुण थानाे मे गमना गमन visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 27
  • 28. गुणथान उकृ  काल जघय काल 1.मयाव अनाद अनत या अनाद सात या साद सात—कु छ कम अ पुल परावतन अतमुत 2.सासादन छह अावल एक समय 3.म सवाेकृ  अतमुत सव लघु अतमुत 4.अवरत साधक तैतीस सागर अतमुत 5.देशवरत 1 पूवकाेट वष – 1 अतमुत अतमुत 6.मसयत एक अतमुत एक समय 7.अमसयत एक अतमुत एक समय गुणथानाे मे काल अपेा वचार गुणथान उकृ  काल जघय काल 8.अपूवकरण एक अतमुत एक समय 9.अिनवृकरण एक अतमुत एक समय 10.सूसापराय एक अतमुत एक समय 11.उपशातमाेह एक अतमुत एक समय 12.ीणमाेह जघय, उकृ  = अतमुत 13.सयाेगके वल 8 वष अाैर अतमुत कम 1 काेट पूव अतमुत 14.अयाेगके वल जघय, उकृ  = अ,इ,उ,ऋ, का उारण काल गुणथानाे मे काल अपेा वचार समयब का बटवारा - उदाहरण समयब = 6300 परमाणु, थित = 48 गुणहािन अायाम = 8 नाना गुणहािन = थित गुणहािनअायाम = = 6 अयाेयायत राश = नाना गुणहािन = = 64 िनषेकहार = 2 × गुणहािन अायाम अितम गुणहािन का य = समयब अयाेयायत राश = = = 100 पूव क गुणहािनयाे का य इससे दुगुना-दुगुना है, अत पाचवी गुणहािन का य 200 चतथ गुणहािन का य 400 तीसर गुणहािन का य 800 तीय गुणहािन का य 1600 थम गुणहािन का य 3200 visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 28
  • 29. थम गुणहािन थम िनषेक = समयब साधक डेढ़ गुणहािन = = 512 चय = थम िनषेक िनषेकहार = = 32 थम िनषेक से अगले िनषेक एक-एक चय हीन है | अत थम गुणहािन इस कार ा हाेगी - थम गुणहािन 288 320 352 384 416 448 480 512 थम गुणहानी के सव-य का माण = 3200 तीय गुणहािन थम गुणहािन के अितम िनषेक से एक चय अाैर घटाने पर तीय गुणहािन के थम िनषेक अाता है | थम गुणहािन से अागे-अागे क गुणहािनयाे मे चय अाधा-अाधा हाेता जाता है | अत तीय गुणहािन इस कार हाेगी  तीय गुणहािन 144 160 176 192 208 224 240 256 तीय गुणहानी के सव-य का माण = 1600 शेष गुणहािनया भी इसी कार िनकालना 1st गुणहा न 2nd गुणहा न 3rd गुणहा न 4th गुणहा न 5th गुणहा न 6th गुणहा न 288 144 72 36 18 9 320 160 80 40 20 10 352 176 88 44 22 11 384 192 96 48 24 12 416 208 104 52 26 13 448 224 112 56 28 14 480 240 120 60 30 15 512 256 128 64 32 16 Reference : गाेटसार जीवकाड, सयान चका, गाेटसार जीवकाड रेखाच एव तालकाअाे मे Presentation created by : Smt. Sarika Vikas Chhabra For updates / comments / feedback / suggestions, please contact sarikam.j@gmail.com www.jainkosh.org : 0731-2410880 , 94066-82889 116 visit www.jainkosh.org for granth, notes, audio & video Page: 29