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 पीलिया के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज । _ Jaundice symptoms, Jaundice types and causes, Jaundice treatment, Jaundice medicine, Jaundice treatment and diet
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पीलिया के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज । _ Jaundice symptoms, Jaundice types and causes, Jaundice treatment, Jaundice medicine, Jaundice treatment and diet

  1. पीलिया रोग किसे कहते है वायरल हैपेटाइटिस -A , हैपेटाइटिस-B, हैपेटाइटिस-C, इत्यादि को क ु छ लोग पीलिया क े नाम से जानते हैं। यह रोग बहुत ही सूक्ष्‍ म विषाणु (वाइरस) से होता है। शुरू में जब रोग धीमी गति से व मामूली होता है ओर धिरे धिरे इसक े लक्षण दिखाई पडते हैं, परन्‍ तु जब यह पूरा रूप धारण कर लेता है तो रोगी की आंखे व नाखून पीले दिखाई देने लगते हैं, इसी लिए लोग इसे पीलिया कहते हैं पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा अधिक होने क े कारण होती है। बिलीरुबिन का निर्माण शरीर क े उत्तकों और खून में होता है। आमतौर पर जब किसी कारणों से लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं तो पीले रंग क े बिलीरुबिन का निर्माण होता है। इसी लिए से पीलिया रोग जन्म लेता है क ु छ पीलिया क े वैज्ञानिक नाम ओर इसक े क े प्रकार वर्तमान विज्ञान में अब तक कई प्रकार क े पीलिया-वायरसों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से क ु छ क े नाम इस प्रकार हैं। जैसे - 'हैपेटायटिस-ए', 'हैपेटायटिस-बी', 'हैपेटायटिस-सी', 'हैपेटायटिस-डी', 'हैपेटायटिस-ई', 'हैपेटायटिस-एफ' एवं 'हैपेटायटिस-जी' इत्यादि पीलिया क े लक्षण : इसमें सारे शरीर का रंग पीला पड़ जाता है तथा आंखों नाखून पीले पड़ जाते हैं पीलिया होने पर किसी व्यक्ति को सिर दर्द, लो-ग्रेड बुखार, मतली और उल्टी, भूख कम लगना, त्वचा में खुजली और थकान आदि लक्षण होते हैं। त्वचा और आंखों का सफ े द भाग पीला पड़ जाता है। इसमें मल पीला और मूत्र गाड़ा हो जाता है। पीलिया का सबसे बड़ा लक्षण त्वचा और आंखों का पीला होना है। इसक े अलावा, पीलिया होने पर आप खुद में निम्न लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं : बुखार होना थकान होना वजन घटना कमजोरी होना भूख नहीं लगना
  2. पेट में दर्द होना सिर में दर्द होना शरीर में जलन होना हल्क े रंग का मल होना कब्ज की शिकायत होना पेशाब का रंग गहरा हो जाता है बिलिरुबिन का काम लिवर से गंदगी को साफ करना होता है लेकिन जब किसी वजह से इसकी मात्रा 2.5 से अधिक हो जाती है तो यह काम करना बंद कर देता है। ओर इसी कमी क े कारण पीलिया की समस्या पैदा होती है। लाल रक्त कोशिकाओं क े जल्दी टूटने क े कारण बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है जिसकी वजह से प्री-हिपेटिक पीलिया होता है। इसक े दूसरे भी कारण हो सकते हैं जिसमें मुख्य रूप से शामिल हैं:- मलेरिया थैलासीमिया गिल्बर्ट सिंड्रोम सिकल सेल रोग अन्य आनुवंशिक कारण जब लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है या लिवर में किसी तरह का संक्रमण फ ै ल जाता है तो हेपैटोसेलुलर पीलिया होता है। यह मुख्य तौर पर शराब का सेवन करने, अधिक तैलीय और मसालेदार चीजों का सेवन करने और शरीर में कब्ज क े कारण होता है। पित्त की नलिका में रुकावट पैदा होने पर पोस्ट-हिपेटिक पीलिया होता है। लिवर में घाव, पित्त की पथरी, हेपेटाइटिस या किसी दवा क े साइड इफ े क्ट्स क े कारण पित्त नलिका में रुकावट पैदा हो सकती है। https://ayurvedic3274.blogspot.com/?m=1 पीलिया रोग बच्चो को भी होता है 37 सप्ताह या 8.5 महीने से पहले जन्मे शिशु को पीलिया का खतरा अधिक होता है, क्योंकि अभी तक उनका लिवर पूर्ण रूप से विकसित नहीं होता है। साथ ही, जिन शिशुओं को मां का दूध पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है उन्हें भी इस बीमारी का खतरा होता है। जिन शिशुओं में नीचे दी गई समस्या होती हैं उनमें भी पीलिया होने का दावा किया जाता है सेप्सिस संक्रमण
  3. आंतरिक रक्तस्राव शिशु में लिवर की समस्या जन्म क े दौरान शिशु को चोट लगना शिशु की लाल रक्त कोशिकाओं में समस्या खून क े प्रकार का अलग होना, जैसे आरएचरोग आनुवंशिक समस्या, जैसे कि जी6पीडी की कमी । 🤔पीलिया है या नहीं ये पता क े से करें 🤔 पीलिया का पता लगाने क े लिए रामबाण उपाय भी है जो उप्पर अपको बताया गया है। लेकिन क ु छ तरीक े सलाह कार क े जरिए ही मिलते है जैसे क ु छ निम्न तरीक े दिए गए है। बिलीरुबिन टेस्ट कम्प्लीट ब्लड काउंट टेस्ट हेपेटाइटिस ए, बी और सी की जांच एमआरआई स्क ै न अल्ट्रासाउंड सिटी स्क ै न पीलिया में किया खाना चाहिए ओर किया किया फ़ायदे मंड होती है हर दिन कम से कम 2 लीटर पानी पीना चाहिए। पानी में एक चम्मच ताजा चूना, नींबू या अंगूर का रस मिलाया जा सकता है । पीलिया होने पर आपको अपने खान-पान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं पीलिया में आपका खान-पान क ै सा होना चाहिए।
  4. फलों का जूस पीएं ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं ताजा और शुद्ध भोजन करें थोड़ा-थोड़ा खान दिन में 4-6 बार खाएं खाना खाने से पहले अच्छी तरह हाथों को धोएं इन सबक े अलावा, आप अपनी डाइट में निम्नलिखित चीजों को शामिल का सकते हैं:- दही मूली प्याज पपीता तुलसी टमाटर छाछ मट्ठा नारियल पानी धनिया का बीज गिलोय और शहद । पिलिए में क्या नहीं खाना चाहिए ? पीलिया से पीड़ित होने की स्थिति में आपको क ु छ चीजों से परहेज करना चाहिए जिसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हो सकते हैं:- बाहर का खाना न खाएं दाल और बिन्स न खाएं मक्खन से परहेज करें ज्यादा मेहनत करने से बचें एक साथ ढेर (अधिक मात्रा में) खाना न खाएं कॉफी और चाय से परहेज करें ज्यादा तीखा या तैलीय चीजें न खाएं अंडा, मीट, चिकन और मछली का सेवन न करें।
  5. पीलिया रोग की रोकथाम एव बचाव क े उपाय क ु छ खास सावधानियां बरतकर पीलिया से बचा जा सकता है। डॉक्टर क े अनुसार, पीलिया का बचाव करने क े लिए लिवर का स्वस्थ होना अतिआवश्यक है, क्योंकि यही पाचक रस का उत्पादन करता है जो भोजन को हजम करने में मदद करता है। साथ ही, लिवर खून में थक्का बनने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। निम्न बातों का पालन कर लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है जो पीलिया की रोकथाम में मदद करेगा। डाइट:- संतुलित भोजन लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों को शामिल करें ओर सलात अच्छे से खाए व्यायाम:- सुबह शाम घूमने जाए ओर व्यायाम जरूर करे । सुबह क े वक्त नंगे पर हरी घास पर चले ओर गन्ने का सेवन जरूर करे । ओर सफाई का अच्छे से ध्यान रखे स्वस्छता :- पीने का पानी ओर खाने खाने क े बर्तन साफ कर क े रखे । पीलिया का इलाज ओर नुस्खे पीलिया की जड़ी-बूटी है अरहर क े पत्ते अरहर क े पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें और इस रस का कम से कम 60 मिलीलीटर प्रतिदिन सेवन करने से पीलिया ठीक हो जाता है। पीलिया का रामबाण इलाज -करेले क े पत्ते । पीलिया में क्या खाना चाहिए- मूली क े पत्ते । पीलिया का इलाज हैं पपीते क े पत्ते । पीलिया का घरेलू उपचार- तुलसी क े पत्तों । छाछ का सेवन करें: पीलिया क े मरीजों को छाछ और दही सेवन करना चाहिए। इसक े सेवन से पाचन तंत्र में सुधार होता है और पीलिया से जल्दी राहत मिलता है। मूली क े रस का सेवन करें: मूली का रस पीने से खून में अतिरिक्त बिलीरुबिन बाहर निकल जाता है। इसक े लिए आप खाली पेट अरंडी का पत्तों का रस 25 एमएल पिएं। इससे 3 दिन में पीलिया ठीक हो जाता है सोनाक की छाल, भूमि आंवला, पूर्नवा तीनों मे जो मिल जाए उससे रस निकाल कर पी लें। इससे 3 दिन में पीलिया खत्म हो जाएगी। सर्वकल्प क्वाथ, सोनाल की छाल का काढ़ा सुबह-सुबह पी सकते हैं। अनार, पीपता, अंजीर, मुनक्का खस खस खाए। साबुत धनिया को रात भर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को पी लें। यह प्रयोग दो सप्ताह तक करने से पीलिया जल्द खत्म हो जाता है। मूली और मूली क े पत्तों का रस निचोड़कर पीने से भी पीलिया में जल्दी राहत मिलती है। मूली क े रस में काला नमक मिलाकर पीने से आपका पाचनतंत्र भी सही होगा और पीलिया जल्द खत्म हो जाएगा। इसकी सलाह डॉक्टर भी देते हैं। गन्ने का रस पिएं, गन्ने का रस साफ और हाइजीनिक तरीक े से निकाल कर पीने से पीलिया में राहत मिलती है। विटामिन सी वाले फल जैसे नींबू, संतरा, आंवला और टमाटर का सेवन करने से भी पीलिया जल्द खत्म हो जाता है। एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें औऱ सुबह सुबह इसे छीन कर पी लें। दो सप्ताह में पीलिया का असर खत्म हो जाएगा। नीम क े पत्तों का रस भी पीलिया क े मरीजों क े लिए रामबाण हैं। रोज नीम क े ताजे पत्तों का रस निकाल कर रोगी को देने से सप्ताह भर में पीलिया उतर जाता है। पपीता, आमला, तुलसी, अनानास, छाछ और दही आदि का सेवन करने से भी पीलिया को दूर करने में मदद मिलती है।
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