8. • “िह फिर जी उठी” लंबी कविता में ‘एक नदी’
की जीिन-गाथा है।
9. • पहाड़ी प्रदेि की एक नदी जो बेहद मस्त स्िभाि
से बहती चलती है। अमीर, गरीब, फकसान सभी
इस नदी के कारण यहां खजि हैं। एक संस्कृ नत इस
नदी के कारण यहां िल-िू ल रही है। लेफकन एक
हदन अचानक नदी अपनी समृद्थध पर घमंड
करके अकड़ गयी। लोग परेिान हो गए। फकसान,
हिा, बादल सब दजखी थे। सबकी सलाह हजई और
नदी फिर जी उठी। प्रस्तजत कविता हमारे ितुमान
से जजड़ती है। कविता जल एिं पयाुिरण की थचंता
को सामने लाती है।