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इम्मानुवेल कॉलेज ऑफ बी.एड ट्रेननंग
वाषिच्चल
( 2017-2019)
उम्मीदवार कोड
1701736002
षविय : ह ंदी
स्वागत
अकाल में सारस
कषवता
-के दारनाथ ससं
के दारनाथ ससं
जन्म 1934 को उत्तरप्रदेश के बसलया जजला के
चकया गााँव में ुआ
• वे तीसरा सप्तक के कषव ैं।
• भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन् ें विष 2013 का 49
वां ज्ञानपीठ पुरस्कार हदया गया।
• प्रमुख रचनाएाँ: अभी बबल्कु ल अभी,ज़मीन पक
र ी ै,बाघ,ताना-बाना।
समस्या
 आज मानव के दूषित करतूतों के कारण प्रकृ नत का षवनाश ो
र ा ै।
 षवनासशत प्रकृ नत के दारुण चचत्र सारसों के माध्य्म से ककया
गया ै।
 “बरसों बीते बादलों को इधर बरसते ुए” य ााँ पानी का अभाव
दशाषया ै।
आशय
 कषवता में सारसों को प्रकृ नत का ी ह स्सा
बनाकर चचबत्रत ककया ै।
आज मानव की दुजरिया के कारण प्रकृ नत का ी
न ीं बजल्क य ााँ र ने वाले अन्य जीषवयों का भी
नाश ो र ा ै।
सारस पक्षियां श र की पररिमा पानी की तलाश
मैं कर र े ैं।
एक बुहिया ने इन सारस पक्षियों को देखा और पानी
से भरा कटोरा लाकर रख हदया। मगर ना सारस पिी
बुहिया को देख ना ी जल भरा कटोरा।
सारस पिीयों को तो पता तक न ीं था कक नीचे र ते
ै लोग,जो उन् ें सारस क ते ैं।
दूर देश से पानी की तलाश कर र े थे ये सारसें।
 जाते-जाते सारस पिीयों ने श र की ओर एक बार मुड़ककर देखा।
 उन सारस पक्षियों के मन में जरूर श र के प्रनत गृणा र ी ोगी।
 मनुरय ससफष अपनी जरूरतों को पूरा करने के सलए अन्य जीषवयों
को भूल जाते ैं।
 इसी का फलस्वरूप प्रकृ नत और उसमें आचित जीवजंतु नरट ो
र ी ै।
संदेश
“प्रकृ नत की संरिण करो
साथ-साथ उसमें र ने वाले
जीवजंतुवों का भी।”

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  • 1. इम्मानुवेल कॉलेज ऑफ बी.एड ट्रेननंग वाषिच्चल ( 2017-2019)
  • 5. के दारनाथ ससं जन्म 1934 को उत्तरप्रदेश के बसलया जजला के चकया गााँव में ुआ • वे तीसरा सप्तक के कषव ैं। • भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन् ें विष 2013 का 49 वां ज्ञानपीठ पुरस्कार हदया गया। • प्रमुख रचनाएाँ: अभी बबल्कु ल अभी,ज़मीन पक र ी ै,बाघ,ताना-बाना।
  • 6. समस्या  आज मानव के दूषित करतूतों के कारण प्रकृ नत का षवनाश ो र ा ै।  षवनासशत प्रकृ नत के दारुण चचत्र सारसों के माध्य्म से ककया गया ै।  “बरसों बीते बादलों को इधर बरसते ुए” य ााँ पानी का अभाव दशाषया ै।
  • 7. आशय  कषवता में सारसों को प्रकृ नत का ी ह स्सा बनाकर चचबत्रत ककया ै। आज मानव की दुजरिया के कारण प्रकृ नत का ी न ीं बजल्क य ााँ र ने वाले अन्य जीषवयों का भी नाश ो र ा ै। सारस पक्षियां श र की पररिमा पानी की तलाश मैं कर र े ैं।
  • 8. एक बुहिया ने इन सारस पक्षियों को देखा और पानी से भरा कटोरा लाकर रख हदया। मगर ना सारस पिी बुहिया को देख ना ी जल भरा कटोरा। सारस पिीयों को तो पता तक न ीं था कक नीचे र ते ै लोग,जो उन् ें सारस क ते ैं। दूर देश से पानी की तलाश कर र े थे ये सारसें।
  • 9.  जाते-जाते सारस पिीयों ने श र की ओर एक बार मुड़ककर देखा।  उन सारस पक्षियों के मन में जरूर श र के प्रनत गृणा र ी ोगी।  मनुरय ससफष अपनी जरूरतों को पूरा करने के सलए अन्य जीषवयों को भूल जाते ैं।  इसी का फलस्वरूप प्रकृ नत और उसमें आचित जीवजंतु नरट ो र ी ै।
  • 10. संदेश “प्रकृ नत की संरिण करो साथ-साथ उसमें र ने वाले जीवजंतुवों का भी।”