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प्रस्तावना
लगभग 15,200 किलोमीटर िी भूमम सीमा और लगभग 7517 किलोमीटर ि
े द्वीपों ि
े समूहों ि
े साथ भारत
आिार में दुननया िा सातवााँ सबसे बड़ा देश है। भारत दुननया िा सबसे बड़ा लोितंत्र है।
भारत ि
े पड़ोसी देश राजधानी
पाकिस्तान इस्लामाबाद
अफगाननस्तान िाबुल
चीन बीजजंग
नेपाल िाठमांडु
भूटान थथम्फ
ू
बांग्लादेश ढािा
म्यांमार नैप्यीदा
हहमालय और पववत श्रंखलाएं उत्तर में चीन से और पूवव में म्यांमार से भारत िो अलग िरती हैं। भारत और चीन ि
े
बीच हहमालय िी श्रंखला ि
े साथ नेपाल जस्थत है। बांग्लादेश उत्तर-पूवी राज्यों और पजचचम बंगाल ि
े बीच में जस्थत
है। पाकिस्तान पूरे उत्तर में जस्थत है। पजचचम सीमा अफगाननस्तान ि
े छोटा सा हहस्सा में है।
भारत िा ननिटतम पड़ोसी पाकिस्तान है। वह अजस्तत्व में आई जब 1947 में स्वतंत्रता ि
े समय भारत िा
ववभाजन हुआ था। दोनों देशों ि
े बीच संबंध िभी भी दोस्ताना नह ं रहे हैं। मसतंबर 1965 और हदसंबर 1971 में
पाकिस्तान ने भारत पर हमले शुरू किए।
हहमालयन वप्रंसेडोम, नेपाल और भारत में समान समानताएाँ हैं। अच्छे ममत्रवत संबंध आथथवि, सामाजजि और
राजनीनति आधारों पर नह ं बजकि आम धाममवि, सांस्िर नति, नस्ल य और ऐनतहामसि संबंधों पर अथधि आधाररत
होते हैं जो एि साथ बंधते हैं। नेपाल िो औद्योथगि वविास ि
े मलए भारत से भार ववत्तीय और तिनीिी सहायता
प्राप्त होती है।
अफगाननस्तान और म्यांमार ि
े साथ भी भारत ि
े अच्छे संबंध हैं। भारत और म्यांमार ि
े बीच अंतरावष्ट्र य सीमा
तय िरने ि
े समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। लाभिार संबंध जार रहने िी उम्मीद है।
बांग्लादेश िा भारत पर बहुत अजस्तत्व है। यह भारत था जजसने पड़ोसी िी स्वतंत्रता ि
े मलए लड़ाई लड़ी। इनतहास
से भारत द्वारा किए गए रक्तपात और बमलदानों िा पता चलता है। भारत िी जरूरत और संिट िी घड़ी में
उनिा प्रबल समथवि रहा है।
चीन एि और बड़ा देश है। वपछले वर्षों में चीन ि
े साथ संबंध मैत्रीपूर्व नह ं रहे हैं। भारत ने एि मैत्रीपूर्व हाथ
बढ़ाने िी पहल िी और अब ि
ु छ हद ति सांस्िर नति, आथथवि, वैज्ञाननि और तिनीिी क्षेत्रों ि
े माध्यम से
पारस्पररि सहयोग मांगा जा रहा है। भारत द्वारा उठाए गए साहमसि िदम से उम्मीदें बढ़ गई हैं कि सीमा
समस्या िा समाधान शांनतपूर्व तर िों से ममलेगा।
भारत
भारत (आथधिाररि नामः भारत गर्राज्य, अंग्रेज़ीः त्मचनइसपब वव प्दिपं) दक्षक्षर् एमशया में जस्थत भारतीय
उपमहाद्वीप िा सबसे बड़ा देश है। भारत भौगोमलि दृजष्ट्ट से ववचव िा सातवााँ सबसे बड़ा देश है, जबकि जनसंख्या
ि
े दृजष्ट्टिोर् से चीन ि
े बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत ि
े पजचचम में पाकिस्तान, उत्तर-पूवव में चीन, नेपाल
और भूटान, पूवव में बांग्लादेश और म्यान्मार जस्थत हैं। हहन्द महासागर में इसि
े दक्षक्षर् पजचचम में मालद व, दक्षक्षर्
में श्ीलंिा और दक्षक्षर्-पूवव में इंडोनेमशया से भारत िी सामुहिि सीमा लगती है। इसि
े उत्तर में हहमालय पववत तथा
दक्षक्षर् में हहन्द महासागर जस्थत है। दक्षक्षर्-पूवव में बंगाल िी खाड़ी तथा पजचचम में अरब सागर है।
आधुननि मानव या होमो सेवपयन्स अफ्रीिा से भारतीय उपमहाद्वीप में 55,000 साल पहले आये थे। 1,000 वर्षव
पहले ये मसंधु नद ि
े पजचचमी हहस्से िी तरफ बसे हुए थे जहााँ से इन्होने धीरे धीरे पलायन किया और मसंधु घाट
सभ्यता ि
े रूप में वविमसत हुए। 1,200 ईसा पूवव संस्िर त भार्षा सम्पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप में फ
ै ल हुए थी और
तब ति यहााँ पर हहन्दू धमव िा उद्धव हो चुिा था और ऋग्वेद िी रचना भी हो चुिी थी। 400 ईसा पूवव ति
आते आते हहन्दू धमव में जानतवाद देखने िो ममल जाता है। इसी समय बौद्ध एवं जैन धमव उत्पन्न हो रहे होते हैं।
प्रारंमभि राजनीनति एित्रीिरर् ने गंगा बेमसन में जस्थत मौयव और गुप्त साम्राज्यों िो जन्म हदया। उनिा समाज
ववस्तरत सरजनशीलता से भरा हुआ था।
प्रारंमभि मध्ययुगीन िाल में,ईसाई धमव, इस्लाम, यहूद धमव और पारसी धमव ने भारत ि
े दक्षक्षर्ी और पजचचमी तटों
पर जड़ें जमा ल ं। मध्य एमशया से मुजस्लम सेना ं ने भारत ि
े उत्तर मैदानों पर लगातार अत्याचार किया, अंततः
हदकल सकतनत िी स्थापना हुई और उत्तर भारत िो मध्यिाल न इस्लाम साम्राज्य में ममला मलया गया। 15 वीं
शताब्द में, ववजयनगर साम्राज्य ने दक्षक्षर् भारत में एि लंबे समय ति चलने वाल समग्र हहंदू संस्िर नत बनाई।
पंजाब में मसख धमव िी स्थापना हुई। धीरे-धीरे ब्रिहटश ईस्ट इंडडया ि
ं पनी ि
े शासन िा ववस्तार हुआ, जजसने भारत
िो औपननवेमशि अथवव्यवस्था में बदल हदया तथा अपनी संप्रभुता िो भी मजबूत किया। ब्रिहटश राज शासन 1858
में शुरू हुआ। धीरे धीरे एि प्रभावशाल राष्ट्रवाद आंदोलन शुरू हुआ जजसे अहहंसि ववरोध ि
े मलए जाना गया और
ब्रिहटश शासन िो समाप्त िरने िा प्रमुख िारि बन गया। 1947 में ब्रिहटश भारतीय साम्राज्य िो दो स्वतंत्र
प्रभुत्वों में ववभाजजत किया गया, भारतीय अथधराज्य तथा पाकिस्तान अथधराज्य, जजन्हे धमव ि
े आधार पर ववभाजजत
किया गया।
1950 से भारत एि संघीय गर्राज्य है। भारत िी जनसंख्या 1951 में 36.1 िरोड़ से बढ़िर 2011 में 1.211
िरोड़ हो गई। प्रनत व्यजक्त आय $64 से बढ़िर $1,498 हो गई और इसिी साक्षरता दर 16.6ःः से 74ःः हो गई।
भारत एि तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अथवव्यवस्था और सूचना प्रौद्योथगिी सेवा ं िा ि
ें ि बन गया है। अंतररक्ष क्षेत्र
में भारत ने उकलेखनीय तथा अद्ववतीय प्रगनत िी। भारतीय कफकमें, संगीत और आध्याजत्मि मशक्षाएं वैजचवि
संस्िर नत में ववशेर्ष भूममिा ननभाती हैं। भारत ने गर बी दर िो िाफी हद ति िम िर हदया है। भारत देश
परमार्ु बम रखने वाला देश है। िचमीर तथा भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन सीमा पर भारत िा पाकिस्तान
तथा चीन से वववाद चल रहा है। लैंथगि असमानता, बाल शोर्षर्, बाल ि
ु पोर्षर्, गर बी, भ्रष्ट्टाचार, प्रदूर्षर् इत्याहद
भारत ि
े सामने प्रमुख चुनौनतयााँ है। 21.4ःः क्षेत्र पर वन है। भारत ि
े वन्यजीव, जजन्हें परंपरागत रूप से भारत िी
संस्िर नत में सहहष्ट्र्ुता ि
े साथ देखा गया है, इन जंगलों और अन्य जगहों पर संरक्षक्षत आवासों में ननवास िरते हैं।
नामोत्पवत्त
भारत ि
े दो आथधिाररि नाम हैं- हहन्द में भारत और अंग्रेज़ी में इंडडया (प्दिपं)। इंडडया नाम िी उत्पवत्त मसन्धु
नद ि
े अंग्रेजी नाम :इंडसः से हुई है। श्ीमद्भागवत महापुरार् में वर्र्वत एि िथा ि
े अनुसार भारत नाम मनु ि
े
वंशज तथा ऋर्षभदेव ि
े सबसे बड़े बेटे एि प्राचीन सम्राट भरत ि
े नाम से मलया गया है। एि व्युत्पवत्त ि
े अनुसार
भारत (भा $ रत) शब्द िा मतलब है आन्तररि प्रिाश या ववदेि-रूपी प्रिाश में ल न। एि तीसरा नाम हहन्दुस्तान
भी है जजसिा अथव हहन्द िी भूमम,यह नाम ववशेर्षिर अरब तथा ईरान में प्रचमलत हुआ। बहुत पहले भारत िा एि
मुंहबोला नाम सोने िी थचडड़या भी प्रचमलत था। संस्िर त महािाव्य महाभारत में वर्र्वत है िी वतवमान उत्तर भारत
िा क्षेत्र भारत ि
े अंतगवत आता था। भारत िो िई अन्य नामों भारतवर्षव, आयाववतव, इंडडया, हहन्द, हहंदुस्तान,
जम्बूद्वीप आहद से भी जाना जाता है।
अध्ययन से संबजन्धत र्षोध साहहत्य िी समीक्षा-
शोध हेतु ननजचचत किये गये ववर्षय से संबथधत साहहत्य िा पुनरावलोिन किए ब्रबना शोध प्रारम्भ नह किया जा
सिता अन्यथा इससे सम्पूर्व शोध प्रकिया ि
े दोश पूण्र रहने िी सम्भावना रहती है। अतः आवचयि है कि आरम्भ
से ह शोध साहहत्य िा अध्ययन िर मलया जाय। संबथधत साहहत्य में प्रलेख, लेख पत्र, पुस्ति
े , प्रनतवेदन ववर्षय से
संबथधत शोध ग्रंथ आहद आते है इस प्रिार सि
े साहहत्य ि
े अध्ययन से शोध िताव िा िाम आसान हो जाता है
इससे शोध िताव िो अध्ययन िी ववमभन्न प्रववथधयों िा ज्ञान हो जाता है और शोध िायव में आने वाल िहठनाइयो
िा पता भी चल जाता है महत्वपूर्व अवधारर्ा ं िी जानिा ममल जाती है किन्तु किये हुये शोध िायव िो दोहराने
िी भूल से छ
ु टिारा ममल जाता है। तथा शोध िायव िो आगे बढाने में पदद ममलती है संबथधत साहहत्य िा
अध्ययन िर लेने से श्ीमनत यंग ि
े अनुसार ननम्न लाभ ममलते है।
1. शोधिताव िो अध्ययन ववष्ट्य ि
े संदभव में ऐसी अंत दृजष्ट्ट प्राप्त होती है जजससे वह उथचत प्रचन िर सह
सूचनाऐं प्राप्त िर सिता है।
2. शोध िायव में उपयोगी पद्धनतयों एवं प्रववथधयों िा ज्ञान प्राप्त हो जाता है।
3. अवधारर्ा ं िो समझने व प्राक्िकपना ं िा ननमावर् िरने में सहायता ममलती है। तथा
4. किसी शोध िायव िो कफर देहराने िकि गलती से बचा जा सिता है और ववशय से संबथधत उन पहलु ं
पर ध्यान हदया जातजा है जजन पर अन्य शोध िाताव ं ने पूवव में ध्यान नह हदया इससे शेधिायव अथधि
व्यवजस्थत हो जाता है।
वास्तवविता यह है कि किसी ववर्षय पर आरमतभ से वतवमान समय ति ज्ञान जानिाररयों र सूचना ं िी एि
ननरन्तरता चलती रहती है उसी िम में नवीन पररवेश में नवीन ववचलेर्षर् नवीन उपयोथगता तथा प्रासंथगिता पर
ववचार किया जाता है इसी दृजष्ट्ट से यह आवचि है कि ववर्षय पर उपलब्ध साहहत्य िी समीक्षा िी जाए। प्रस्तुत
शोध प्रबन्ध ि
े मलये वतवमान प्रसंग में ननम्न साहहत्य िा उकलेख किया जा सिता है।
1. महेन्ि ि
ु मान- ‘‘अंतवराष्ट्र य राजनीनत ि
े सैद्धाजन्ति पक्ष ’’मशवलाल अग्रवाल एण्ड िम्पनी, आगरा से
प्रिामशत पुसति हहन्द व अंग्रजी दोनो भार्षा ं में मलखी गइर है हहन्द भार्षा में ग्रंथ िा अध्याय न. 12 अत्यंत
महत्वपूण्ज्ञव है जजसमें गुटननरपेक्षता िा अथव उसि
े प्रयोजन एवं आधार तथा शीतयुद्ध ि
े बदलते स्वरूप ि
े साथ
इसि
े सशक्त आंदोलन ि
े रूप में उभार आहद िो स्पष्ट्ट किया गया है।
2. लेखि िी आंग्ल भार्षा िी पुस्ति ‘‘जीमवतमजपबंस ।ःेचमबजे वव पदजमतदंजपवदंस चवसपजपबेर्ष ् ि
े
अध्याय 15 में थ्योर आफ नॉन एलाइनमेन्ट शीर्षवि से ववर्षय िा ववस्तरत वववरर् प्रस्तुत किया गया है।
3. अंन्तवराष्ट्र य संबन्ध िोड संख्या 1806 बी एल िडडया साहहत्य भवन पजब्लि
े शन आगरा 2008 नामि
ग्रंन्थ में अध्याय 9 व 320 में शीर्षवि गुटननरपेक्ष आंदोलन में भारत िी भूममिा िा ववस्तरत वववरर् प्रस्तुत किया
गया है और अथधितर इसमें नवीन प्रवरवत्तयों और प्रासंथगिता पर भी ववचार प्रस्तुत किया गया है। परन्तु चुंकि यह
ववर्षयवस्तु 2008 ि
े बाद िी जस्थनत िो समाहहत ननह िरती है । र गुटननरपेक्ष आंदोलन ि
े अद्यतन मशक्षर
सम्मेलनों िा ह वाला इसमें नह हदया गया है। इतः‘‘ इसे एि दृजष्ट्ट से सामनयि नह िहा जा सिता है हालांकि
इसे सहायता अवचयि ल जा सिती है बी.एल. फडडया ि
े अन्य दो ग्रन्थ आंतवराष्ट्र य राजनीनत व आंतवराष्ट्ट य
संबंन्ध जो ब्रबना किसी िोड ि
े मलख ्ःे गये है उनमें भी इससे संबथधत जानिार ममलती है।
4. आर. एस. यादव िी पुस्ति ‘‘भारत िी ववदेशी नीनत : एि ववचलेर्षर् किताब महल 2005 तथा संशोथधत
संस्िरर् पीयसवन हदकलह 2012 भी इस दृजष्ट्ट से अत्यंन्त महत्पपूर्व है 2005 ि
े संस्िरर् में गुटननरपेक्ष आंदोलन
ि
े माध्यम से शांनत स्थापना ि
े प्रयासों िो स्पष्ट्ट किया गया है। तथा यह बताया गया है कि इस आंदोलन िो
भववष्ट्य में किस प्रिार साथवि बनाया जा सिता है। जजससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ववचव शांनत प्रकिया िो
मजबूत ह नह किया जा सि
े अवपतु उसे आगे भी बढाया जा सि
ें । शोध ि
े मलये दोनो पुस्तों िी सहायता ल जा
सिती है परन्तु जजस दृजष्ट्ट से शोध प्रस्ताव उदेचय आहद तय किय ःे गये है उस दृजष्ट्ट से एि नवीन अध्ययन
किया जाना अनत आवचयि है जो व्यापि यप से गुटननरपेक्ष आंदोलन ि
े सभी पहुल ि
ं िो स्पष्ट्ट िरता हो।
5. यादव आर एस चूंकि एि अनय पुस्ति इजण्डयन फोरन पॉमलसी िन्टम्प्रेर रेड्स मशप्रा पजब्लि
े शन नई
हदकल 2009 मे मलखी पुस्ति भी उपयोगी है। ववदेश नीनत पर आथधिाररि रूप से मलखने वाले ए आप्पादोराय, एम
एस राजन आहद ने जो भी पुस्ति
ें मलखी है उनमें गुटननरपेक्षता आंदोलन िी नीनत िो अवचि थचजन्हत किया है
अतः ववदेश नीनत व अन्तरावष्ट्र य सम्बन्धों िी दृजष्ट्ट से इनि
े द्वारा संथचत साहहत्य िी उपेक्षा नह िी जा सिती
है।
इस दृजष्ट्ट से एि र अत्यंत महत्वपूण्र पुस्ति ि
े पी वपश्ा द्वारा रथचत ववदेश नीनत व गुटननरपेक्ष आंदोलन में
जो ि
ु छ मलखा गया है वे भी प्रस्तुत शोध ि
े शोधाथी ि
े मलए महत्वपूर्व है।
1. डॉ जी रॉय िी पुस्ति जीम दवद ।सपहदउमदज िपचसवउंबल जः उतेर्् प्दिपतं ळंदिीपश् जो उसी िाल
िम में पटना से प्रिामशत हुई भी अत्यंत महत्वपूर्व है।
2. ट बी सुब्बाराय िी पुस्ति जो अत्न्तरावष्ट्ट य िानून ि
े साथ जोडिर मलखी गइर है दवद ।सपहदउमदज पद
पदजमतदंजपवदंस सूं ःंदि चवसपजपबे भी उकलेखनीय ळै।
3. डॉ एम एस राजन ने ववदेश नीनत ि
े आनतररक्त गुटननरपेक्ष आंदोलन एवं सम्भावनाएं शीष्ट्ज्ञवि से भी एि
पुस्ति मलखी है जो हहन्द माध्यम िायावन्वयन ननदेशालय हदकल 1991 िा प्रिाशन है। यह भी अत्यंत महत्वपूर्व
है।
4. ‘ववचव राजनीनत ि
े बदलते आयाम’ जे. सी. जौहर , ववशाल पजब्लि
े शन जालंधर 2008 ि
े ववमभन्न
अध्यायों ःूमें भ ्ःी इसिा ववचलेर्षर् किया गया है जजससे साथवि सहायता जी जा सिती है।
5. पंत पुष्ट्पेर्ष व जयंत श्ीपाल िी तीन पुस्ति
ें अन्तरावष्ट्ट य राजनीनत प्रमुख देशों िी ववदेश नीनतयां
अन्तरावष्ट्ट य सम्बन्ध मीनक्षी प्रिाशन मेरठ भी इस दृजष्ट्ट से महत्वपूर्व है और हहन्द माध्यम ि
े शोधाथी ि
े मलए
पयावप्त सहयोगी साब्रबत हो सिती है।
6. ‘‘भारत िी ववदेशी नीनत पर यु आर धई जे एस द क्षक्षत शीला झा आहद िी पुस्ति
ें भी अत्यंत
महत्वपूण्ज्ञव है और इनिा अध्ययन िाि
े एि ववशेर्ष हदशा प्राप्त िी जा सिती है।
7. अिादमी फाउन्डेशन िा एि महत्वपूर्व प्रिाशन पदिपंद ववतमपहद चवसपबल ए बींससमदहमे ःंदि
वचचवतजनदपजपमे आनतश मसन्हा एवं मधु मेहता द्वारा सम्पाहदत भी अत्यन्त महत्वपूर्व अध्ययन हे जो 2007
िा प्रिाशन है।
प्रस्तुत अध्ययन िा उद्ःेष्ट्य ननम्नमलर्खत है-
राजनीनत ववज्ञान ि
े क्षेत्र में अध्ययन िा मुख्य उद्देचय यह होता है कि राजनीनति व्यवहार िो समझने िा प्रयास
किया जाए तथा व्यवहार िो समाज िी आवचयिता ि
े अनुिलू बनाने ि
े मलए थचन्तन किया जाना चाहहए।
सामान्यतः अनुसध्ःाःंन प्ररचना ि
े दो उद्देचय होते है-
1. अनुसध्ःाःंन समस्या ि
े उŸःार प्रदान िरना।
2. ववववधता ं िो नननयंत्रत िरना।
अनुसध्ःाःंन प्ररचना इन उद्देचयों िी पूनत व नह ं िरती वरन ् वे उद्देचय अनुसध्ःाःंनिŸःार् द्वारा ह प्राप्त किए
जाते है।ःं ताकि वह अनुसध्ःाःंन प्रष्ट्नों ि
े उŸःार प्राप्त िरि
े ववववध त्रुहटयों िा पता लगा सि
े ।
1. भारत-पड़ोसी राष्ट्रों ि
े सम्बन्धों में जएतहामसि परष्ट्ठमभम एवं भौगोलि पयाववरर् ि
े योगदान िा पर क्षर्
िरना।
2. आथथवि एवं सास्ंिर नति प्रारूपों ि
े सन्दभव में भारत- पड़ोसी राष्ट्रों सम्बन्धों िो ववचलेवर्षत िरना।
3. राजनैनति पररदृष्ट्य एवं ववदेश नीनतयों िा आिलन भारत- पड़ोसी राष्ट्रों ि
े सम्बन्धों ि
े सन्दभव में
ववचलेवर्षत िरना।
4. भारत- पड़ोसी राष्ट्रों ि
े सम्बन्धों िो सन ् 1947 से एन.डी.ए. सरिार ि
े शासनिाल से पूवव पररलक्षक्षत
िरना।
5. भारत- पड़ोसी राष्ट्रों ि
े सम्बन्धों िा एन.डी.ए. शासनिाल ि
े सन्दभव में एि अध्ययन िरना।
पररिकपना
1. भारत ि
े पड़ोसी राष्ट्रों ि
े साथ व्यापाररि सम्बन्ध पहले से िह ं ज्यादा अच्छे हुऐ है।
2. भारत ने अपने पड़ोसी राष्ट्रों ि
े साथ व्यापार िो महत्व प्रदान िी है।
3. भारत मे पडोसी राष्ट्रों से िई व्यापाररि िम्पननयों ने अपना व्यापार भारत ि
े साथ िरने िी इच्छा िी
है।
4. भारत मे िई राष्ट्रो ि
े साथ देश िी सांस्िर नति, राजनैनति एवं व्यापाररि गनतववथधयों िो महत्ता प्रदान िी
है।
शोध पद्धनत (त्मेमंतबी डमजीविवसहल)
प्रस्तुत शोध वर्वनात्मि पद्धवत्त पर आधाररत है। इसमें प्रत्येि तथ्यों िा वववरर् वर्वनात्मि रूप से किया है।
प्रस्तुत शोध ि
े तथ्य संिलन ि
े मलए आवचयि तथ्य संिलन प्राथममि तथा द्ववतीयि स्त्रोतों से प्राप्त किए हैं।
इस शोध ि
े तथ्य संिलन ि
े प्राथममि स्त्रोतों हेतु भारत सरिार ि
े सरिार दस्तावेजों िा प्रयोग किया गया है।
सरिार दस्तावेजों में प्रधानमंत्री वाजपेयी तथा प्रधानमंत्री मोद ि
े शासनिाल से सम्बजन्धत ववदेश मंत्रालय िी
वावर्षवि ररपोटों िा उकलेख किया है। द्ववतीयि स्त्रोतों में भारत िी ववदेश नीनत से सम्बजन्धत पुस्तिों में ववशेर्ष
रूप से, प्रधानमंत्री अटल ब्रबहार वाजपेयी िी ववदेश नीनत तथा मोद मसद्धान्त (डविप क्वबजतपदम) पर आधाररत
पुस्तिों, पब्रत्रिाएं, समाचार पत्र, जनवकस व ई-जनवकस िा प्रयोग है। प्रस्तुत शोध ि
े मलए इंटरनेट तथा संचार ि
े
माध्यम से भाजपा ि
े पुस्तिालय िा उपयोग किया गया है।
अध्ययन िा महत्व (ःैपहदपवपबंदबम वव ःैजनिल)
भारत िी ववदेश नीनत राष्ट्र य हहतों व लक्ष्यों िी प्राजप्त िा महत्वपूर्व स्रोत है। इसि
े माध्यम से ह राष्ट्र
परस्पर संवाद व सहयोग स्थावपत िरते हैं। भारत ि
े पड़ोसी राष्ट्रों ि
े मध्य संबन्धों ि
े पर आथथवि वरद्थध, राष्ट्र य
सुरक्षा प्रवासी वगव एक्ट ईस्ट पॉमलसी, पड़ोसीवाद प्रथम, पाकिस्तान से सीधा संवाद, चीन ि
े साथ सीमा वववाद पर
वाताव, आतंिवाद िा ववरोध, अमेररिा ि
े साथ सहयोगपूर्व सम्बन्ध िी दृजष्ट्ट से महत्वपूर्व है। प्रधानमंत्री वाजपेयी ि
े
शासनिाल में भारत िो सशक्त राष्ट्र ि
े रूप में अन्तरावष्ट्र य स्तर पर मशखरासीन किया गया था। जैसे 11 तथा
13 मई 1998 ि
े परमार्ु पर क्षर् ि
े आधार पर सशक्त बनाया, दक्षेस देशों ि
े साथ सम्बन्धों िो सुधारने िा
महत्वपूर्व प्रयास किया गया। प्रधानमंत्री मोद ि
े शासनिाल में ववदेश नीनत िो नवीन स्वरूप में पररवनत वत िरने
िा महत्वपूर्व प्रयास किया जा रहा है। लम्बे समय से चले आ रहे सीमा वववाद िा समाधान, शजक्तशाल राष्ट्रों ि
े
साथ समझौते जैसे जापान ि
े साथ बुलेट रेनए चीन ि
े साथ 20 अरब डॉलर िा समझौता, आस्रेमलया ि
े साथ
यूरेननयम समझौता, फ्रांस ि
े साथ राफ
े ल ववमान समझौता इत्याहद मोद िी ववदेश नीनत में भारत िो सशक्त सुदृढ
व वैजचवि शजक्त बनाने पर बल हदया जा रहा है। भारत ि
े वैजचवि शजक्त बनने ि
े मागव में बाधा उत्पन्न िर रहे
िारर्ों ि
े अध्ययन िी दृजष्ट्ट से अथधि महत्वपूर्व है। उपयुवक्त सभी तथ्यों िा अध्ययन िरना शोध िी महत्ता िो
स्पष्ट्ट िरता है। यह शोध महत्वपूर्व व गहनता िा ववर्षय है। प्रस्तुत अध्ययनए भारत िी ववदेश नीनत ि
े क्षेत्र में
अध्ययन िरने वाले संशोधि ववचलेर्षि तथा छात्रों िी दृजष्ट्ट से यह अथधि महत्वपूर्व है। भारत िी ववदेश नीनत ि
े
ननधावरर् में यह संशोधन िायव महत्वपूर्व योगदान प्रदान िरने िा महत्व रखता है।
शोध ववथध
प्रस्तुत शोध प्रबन्ध में मुख्यतः ऐतहामसि ववचलेर्षर्ात्मि शोध पद्थधनत िा अनुसरर् किया गया है
ऐनतहामसि तथ्यों िा ववचलेष्ट्ज्ञर् िरि
े ह ननष्ट्िर्षो िा ननरूपर् किया गया है इस िम में तथ्यो और उसिी
वैधाननिता िो यथावत ् रखा गया है ववमभन्न सुचना ं और आाँिडों िो भी एित्र किया गया है जजससे ि
ु छ
सववमान्य ननष्ट्िर्षो िी वैधता िो प्रमार्र्त किया जा सि
े । तथ्यों द्वारा उत्पन्न सिारात्मि एंव निारात्मि
पररर्ामों िा ववचलेर्षर् िर तथ्यों ि
े द्वन्दात्मिता ि
े अजस्तत्व िो बनाये रखने िो प्रयास किया गया है।
शोध-प्रबन्ध ि
े मलए अध्यन सामग्री िई स्त्रोतों से जी गई है भारतीय संववधान से सम्बजन्धत तथ्या
संववधान सभर ि
े वाद-वववाद, संसद ि
े वाद-वववाद, राजनेता ं ि
े संस्पतर्, भसार्षर्, पत्र सरिार दस्तावेजों, शेध
ननबन्धों व पूस्तिों में ब्रबखरे है जजनिा उपयोग िरते समय तथ्यों िी मौजजिता बनयो रखने िा प्रयास किया
गया हैं प्रिामशत स्त्रोतों िा भी प्रयोग वस्तुपरि अध्ययन, वैज्ञाननिता, ववचलेर्षर् िी हदशा आहद ि
े मलए किया गया
है। पुस्तिों व पत्र-पब्रत्रिा ं िा प्रयोग िरि
े अध्ययन िो मजबूत आधार देने िी िोमशश िी गई है प्रस्तुत शोध-
प्रबनध में मौमलि तथा प्रिामशत दोनों प्रिार िी सामथग्रयों िा उपयोग िरते हुए अध्ययन ि
े स्वतंत्र चररत्र िो
बनये रखने िा प्रयास किया गया है।
अध्याय-2
अध्याय-2
दक्षक्षर् एमशया िा संजक्ष्प ्त पररचय
दक्षक्षर् एमशया, एमशया महाद्वीप ि
े दक्षक्षर्ी भाग िो िहा जाता है। इसे भारतीय उपमहाद्वीप ि
े रूप में भी जाना
जाता है। इस क्षेत्र में 8 देश आते हैं। यह पजचचम एमशया, मध्य एमशया, पूवी एमशया, दक्षक्षर्-पूवी एमशया और हहंद
महासागर से नघरा हुआ है।
इन क्षेत्रों में िई लोग मवेशी और भेड़ पालते हैं। मवेमशयों िो दूध ि
े मलए या सामान ले जाने ि
े मलए इस्तेमाल
किया जाता है। भारत में, मवेशी पयाववरर् ि
े मलए बहुत महत्वपूर्व हैं क्योंकि खाद िर र्षिों ि
े मलए एि उववरि है।
दक्षक्षर् एमशया में खेती अथधि िी जाती है। यहााँ िाजू, चावल, मूंगफल , नतल और चाय िा उत्पादन अथधि होता हैं।
और प्रािर नति संसाधन से यह क्षेत्र समरद्ध है। लेकिन संसाधन िा उथचत दोहन ि
े मलए पयावप्त टेक्नोलॉजी िी
िमी है। ये सभी देश वविाशसील देशो ि
े अंतगवत आते है। दुननया ि
े इस हहस्से में प्रमुख देश इस प्रिार हैं -
दक्षक्षर् एमशयाई देशों ि
े नाम
1. अफ़ग़ाननस्तान
2. बांग्लादेश
3. भूटान
4. भारत
5. मालद व
6. नेपाल
7. पाकिस्तान
8. श्ीलंिा
दक्षक्षर् एमशयाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन
दक्षक्षर् एमशयाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (ःै।।त्ब ्) दक्षक्षर् एमशया ि
े देशो िा क्षेत्रीय सरिार संगठन है। इसि
े सदस्य
देश अफगाननस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालद व, नेपाल, पाकिस्तान और श्ीलंिा हैं। सािव में 2019 ति ववचव
ि
े क्षेत्रफल िा 3ःः, ववचव िी जनसंख्या िा 21ःः और वैजचवि अथवव्यवस्था िा 4.21ःः (न ्ःै$3.67 हरमलयन)
शाममल है।
सािव िी स्थापना ढािा में 8 हदसंबर 1985 िो हुई थी। इसिा सथचवालय नेपाल ि
े िाठमांडू में जस्थत है। संगठन
आथथवि और क्षेत्रीय एिीिरर् ि
े वविास िो बढ़ावा देता है। इसने 2006 में दक्षक्षर् एमशयाई मुक्त व्यापार क्षेत्र िा
शुभारंभ किया। सािव संयुक्त राष्ट्र में एि पयववेक्षि ि
े रूप में स्थायी राजननयि संबंध रखता है।
सािव िा उद्देचय
व दक्षक्षर् एमशया ि
े लोगों ि
े िकयार् िो बढ़ावा देना और उनि
े जीवन स्तर में सुधार लाना।
व क्षेत्र में आथथवि वविास, सामाजजि प्रगनत और सांस्िर नति वविास में तेजी लाना।
व दक्षक्षर् एमशया ि
े देशों ि
े बीच सामूहहि आत्मननभवरता िो बढ़ावा देना और मजबूत िरना।
व आपसी ववचवास, समझ और एि दूसरे िी समस्या ं िी सराहना में योगदान।
व आथथवि, सामाजजि, सांस्िर नति, तिनीिी और वैज्ञाननि क्षेत्रों में सकिय सहयोग और पारस्पररि सहायता
िो बढ़ावा देना।
व अन्य वविासशील देशों ि
े साथ सहयोग िो मजबूत िरना।
व सामान्य हहत ि
े मामलों पर अंतरावष्ट्र य रूपों में आपस में सहयोग िो मजबूत िरना।
व समान उद्देचयों ि
े साथ अंतरराष्ट्र य और क्षेत्रीय संगठन ि
े साथ सहयोग िरना।
दक्षक्षर् एमशया िी जलवायु
दक्षक्षर् एमशया िी जलवायु िो तीन मूल भंगो में ववभाजजत किया जा सिता हैः उष्ट्र्िहटबंधीय, शुष्ट्ि और
समशीतोष्ट्र्।
पूवोत्तर में उष्ट्र्िहटबंधीय जलवायु है। और पजचचम िी और समशीतोष्ट्र् और शुष्ट्ि जलवायु पाया जाता है। नमी
और ऊ
ाँ चाई में पररवतवन रेथगस्तान बनने िा िारर् होता है। थार रेथगतान भारत ि
े पजचचम क्षेत्र में बड़े भाग पर
फ
ै ला है।
मानसून इन क्षेत्रों िो बहुत प्रभाववत िरता है। ये हवाएं अपने साथ पानी ि
े बादल लाते है। और वर्षाव िा िरते है।
साल ि
े 2 से 3 मह ने ति मानसून रहता है। मानसून ववशेर्ष रूप से िर वर्ष िो प्रभाववत िरता है। और इन क्षेत्रों में
िर वर्ष अथधि िी जाती है।
अफगाननस्तान
अफगाननस्तान दक्षक्षर् एमशया में जस्थत एि देश है। अफगाननस्तान िी सीमा पूवव और दक्षक्षर् में पाकिस्तान,
पजचचम में ईरान, उत्तर में तुिव मेननस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजजकिस्तान और उत्तर पूवव में चीन से लगती है। यह
देश सािव संगठन िा हहस्सा हैं।
अफगाननस्तान िा क्षेत्रफल 652,000 वगव किलोमीटर में फ
ै ला है। िाबुल इस देश िी राजधानी और सबसे बड़ा शहर
है। इसिी आबाद लगभग 32 मममलयन है।
अफगाननस्तान एि इस्लामी गर्राज्य है जजसमें तीन शाखाएाँ हैं, िायविार , ववधायी और न्यानयि।
राष्ट्रपनत अशरफ गनी ि
े साथ राष्ट्र िा नेतरत्व अध्यक्ष अमलुकलाह सालेह और उपाध्यक्ष सरवर दाननश िरते हैं।
नेशनल असेंबल ववधानयिा है, एि द्ववसदनीय ननिाय हैं जजसमें दो पक्ष होते हैं। सुप्रीम िोटव िा नेतरत्व मुख्य
न्यायाधीश सईद युसूफ हल म िरते है।
रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ि
े अनुसार, अफगाननस्तान सबसे भ्रष्ट्ट देशों िी सूची में शीर्षव पर बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र
िायावलय द्वारा ड्रग्स एंड िाइम पर प्रिामशत जनवर 2010 िी एि ररपोटव से पता चला है कि ररचवतखोर राष्ट्र
िी जीडीपी ि
े 23ःः ि
े बराबर रामश िा उपभोग िरती है।
17 मई 2020 िो, राष्ट्रपनत अशरफ गनी और अब्दुकला ि
े बीच एि समझौता हुआ जजसमे यह तय हुआ गनी
राष्ट्रपनत ि
े रूप में अफगाननस्तान िा नेतरत्व िरेंगे, अब्दुकला तामलबान ि
े साथ शांनत प्रकिया िी देखरेख िरेंगे।
बांग्लादेश
बांग्लादेश दक्षक्षर् एमशया िा एि देश है। यह दुननया िा आठवां सबसे अथधि आबाद वाला देश है, जहां िी आबाद
163 मममलयन लोगों से अथधि है, 147,570 वगव किलोमीटर ि
े क्षेत्र में फ
ै ला हुआ है।
बांग्लादेश पजचचम, उत्तर और पूवव में भारत ि
े साथ, दक्षक्षर्-पूवव में म्यांमार और दक्षक्षर् में बंगाल िी खाड़ी ि
े साथ
भूमम सीमा साझा िरता है। ढािा यहााँ िी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैं। चटगांव, सबसे बड़ा बंदरगाह और
दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
बांग्लादेश बंगाल क्षेत्र िा बड़ा और पूवी भाग है। यह अशोि ि
े शासनिाल में एि मौयव प्रांत था। 1576 में, अमीर
बंगाल सकतनत िो मुगल साम्राज्य में समाहहत िर मलया गया था। 1700 ि
े दशि िी शुरुआत में सम्राट
औरंगजेब आलमगीर और गवनवर शाइस्ता खान िी मरत्यु ि
े बाद, यह क्षेत्र बंगाल ि
े नवाबों ि
े अधीन हो गया।
1757 में प्लासी िी लड़ाई में ब्रिहटश ईस्ट इंडडया ि
ं पनी द्वारा बंगाल ि
े अंनतम नवाब सरज उद-दौला िो हराया
गया और 1793 ति पूरा क्षेत्र ि
ं पनी ि
े शासन में आ गया।
भूटान
भूटान पूवी हहमालय में जस्थत एि भूमम से नघरा देश है। इसिी सीमा उत्तर में चीन और दक्षक्षर् में भारत से लगती
है। नेपाल और बांग्लादेश भूटान िी ननिट जस्थत हैं, लेकिन सीमा साझा नह ं िरते हैं। देश िी आबाद 754,000 से
अथधि है और इसिा क्षेत्रफल 38,394 वगव किलोमीटर है जो भूमम क्षेत्र ि
े मामले में 133 वें स्थान पर है। भूटान
राज्य बौद्ध धमव ि
े साथ एि संवैधाननि राजतंत्र है।
भूटानी हहमालय में, समुि तल से 7,000 मीटर से ऊ
ं ची चोहटयााँ हैं। गंगखर पुएनसम भूटान िी सबसे ऊ
ं ची चोट है।
भूटान िा वन्य जीवन अपनी ववववधता ि
े मलए उकलेखनीय है, जजसमें हहमालयन ताकिन भी शाममल है। भूटान िा
सबसे बड़ा शहर राजधानी थथम्फ
ू है।
भारत
भारत दुननया िा दूसरा सबसे अथधि आबाद वाला देश है, भूमम क्षेत्र द्वारा सातवां सबसे बड़ा देश है, और दुननया में
सबसे अथधि आबाद वाला लोितंत्र है। दक्षक्षर् में हहंद महासागर, दक्षक्षर्-पजचचम में अरब सागर, और दक्षक्षर्-पूवव में
बंगाल िी खाड़ी से नघरा हैं।
यह पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार ि
े साथ भूमम मसमा साझा िरता है। हहंद महासागर में,
श्ीलंिा और मालद व भारत ि
े समीपवती देश है।
भारत दुननया िा सबसे अथधि जनसंख्या वाला लोितंत्र है। एि बहुदल य प्रर्ाल ि
े साथ एि संसद य गर्तंत्र देश
है। भारत में आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्र य दल हैं, जजनमें भारतीय राष्ट्र य िांग्रेस और भारतीय जनता पाटी (भाजपा)
प्रमुख हैं। 1950 से 1980 ि
े दशि ि
े अंत में, िांग्रेस ि
े पास संसद में बहुमत था।
भारत गर्राज्य ि
े पहले तीन आम चुनावों में, 1951, 1957 और 1962 में, जवाहरलाल नेहरू ि
े नेतरत्व वाल िांग्रेस
ने आसान जीत हामसल िी। 1964 में नेहरू िी मरत्यु पर, लाल बहादुर शास्त्री संक्षक्षप्त प्रधानमंत्री बने; 1966 में
उनिी अप्रत्यामशत मौत ि
े बाद, नेहरू िी बेट इंहदरा गांधी 1967 और 1971 में िांग्रेस िो चुनावी जीत हदलाने में
सफल रह ं।
मालद व
मालद व हहंद महासागर में जस्थत दक्षक्षर् एमशया िा एि छोटा सा द्वीपसमूह है। यह एमशयाई महाद्वीप िी मुख्य
भूमम से लगभग 700 किलोमीटर दूर श्ीलंिा और भारत ि
े दक्षक्षर्-पजचचम में जस्थत है। लगभग 298 वगव
किलोमीटर क्षेत्र में फ
ै ला मालद व सबसे छोटा एमशयाई देश है और लगभग 557,426 ननवामसयों ि
े साथ, एमशया िा
दूसरा सबसे िम आबाद वाला देश है।
माले यहााँ िी राजधानी और सबसे अथधि आबाद वाला शहर है, जजसे पारंपररि रूप से :किं ग्स आइलैंडः िहा जाता
है, जहां प्राचीन शाह राजवंशों ने शासन किया था।
नेपाल
नेपाल दक्षक्षर् एमशया में एि स्थलरुद्ध (संदिसवबामि) देश है। यह मुख्य रूप से हहमालय में जस्थत है, लेकिन
इसमें भारत-गंगा ि
े मैदान ि
े ि
ु छ हहस्सों िो भी शाममल है, जो उत्तर में चीन ि
े नतब्बत िी सीमा और दक्षक्षर्, पूवव
और पजचचम में भारत से लगा हुआ है।
नेपाल में एि ववववध भूगोल है, जजसमें उपजाऊ मैदान, पहाडड़यााँ, और माउंट एवरेस्ट, परथ्वी िा सबसे ऊ
ाँ चा स्थान
शाममल है। नेपाल एि बहुराष्ट्र य राज्य है, जजसिी आथधिाररि भार्षा नेपाल है। िाठमांडू देश िी राजधानी और
सबसे बड़ा शहर है।
संसद य लोितंत्र 1951 में पेश किया गया था, लेकिन 1960 और 2005 में नेपाल सम्राटों द्वारा दो बार ननलंब्रबत
िर हदया गया था। 1990 ि
े दशि में और 2000 ि
े दशि िी शुरुआत में नेपाल गरह युद्ध ि
े िारर् 2008 में
एि धमव ननरपेक्ष गर्राज्य िी स्थापना आर्खर हहंदू राजशाह िो समाप्त िर किया गया।
पाकिस्तान
पाकिस्तान दक्षक्षर् एमशया में जस्थत एि इस्लाममि गर्राज्य है। यह दुननया िा पांचवां सबसे अथधि आबाद वाला
देश है, जजसिी जनसंख्या 212.2 मममलयन से अथधि है, और दुननया िी दूसर सबसे बड़ी मुजस्लम आबाद है।
881,913 वगव किलोमीटर में फ
ै ले क्षेत्रफल ि
े हहसाब से पाकिस्तान 33 वां सबसे बड़ा देश है।
इसि
े दक्षक्षर् में अरब सागर और मान िी खाड़ी और पूवव में भारत, पजचचम में अफगाननस्तान, दक्षक्षर्-पजचचम में
ईरान और उत्तर-पूवव में चीन से इसिी मसमा लगती है। यह उत्तर-पजचचम में अफगाननस्तान ि
े वखान िॉररडोर
द्वारा ताजजकिस्तान से संिीर्व रूप से अलग है, और मान ि
े साथ एि समुि सीमा भी साझा िरता है।
पाकिस्तान िई प्राचीन संस्िर नतयों िा घर रहा है जजसमे मेहरगढ़ िी 8,500 वर्षीय नवपार्षार् स्थल हैं। जो मसंधु
घाट िी सभ्यता ं में सबसे व्यापि है। पाकिस्तान िा क्षेत्र साम्राज्यों और राजवंशों िा क्षेत्र था।
श्ीलंिा
श्ीलंिा जजसे पहले सीलोन ि
े नाम से जाना जाता था। श्ीलंिा एि लोितांब्रत्रि समाजवाद गर्राज्य हैं। यह देश
दक्षक्षर् एमशया िा द्वीप देश है। यह हहंद महासागर, बंगाल िी खाड़ी ि
े दक्षक्षर्-पजचचम और अरब सागर ि
े दक्षक्षर्-
पूवव में जस्थत है। मन्नार िी खाड़ी और पाि जलडमरूमध्य द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप से अलग हैं। श्ी
जयवधवनेपुरा िोट्टे इसिी ववधायी राजधानी है, और िोलंबो इसिा सबसे बड़ा शहर और ववत्तीय ि
ें ि है।
श्ीलंिा िा प्रलेर्खत इनतहास 3000 साल पुराना है, जजसमें िम से िम 125,000 साल पहले िी प्रागैनतहामसि
मानव बजस्तयों ि
े प्रमार् हैं। इसिी एि समरद्ध सांस्िर नति ववरासत है, और श्ीलंिा िा पहला ज्ञात बौद्ध लेखन,
पाल ि
ै नन, 29 ईसा पूवव में चौथी बौद्ध पररर्षद िी तार ख है।
अध्याय-3
अध्याय-3
भारत ि
े पड़ोसी राचरों ि
े मध्य सम्बन्ध
भारत एवं पाकिस्तान
भारत ि
े साथ पाकिस्तान ि
े सम्बन्धों िो इन दोनों राष्ट्रों िी उत्पवत्त ि
े समय से ह संतोर्षजनि भी िह पाना
सम्भव नह ं रहा है। िभी िभी आशा िी एि क्षीर् किरर् प्रिामशत होती है। परन्तु शीघ्र ह वह घने िाले बादलों
से आच्छाहदत हो जाती है ये तनावपूर्व सम्बन्ध आत्मपरि तथा वस्तुपरि दोनों ह िारर्ों ि
े पररर्ाम रहे हैं।
वस्तुपरि िारर्ों ि
े अन्तगवत दोनों देशों ि
े अपने-अपने हहत सजम्ममलत है, जो एि दूसरे ि
े ववपर त है और जजनि
े
लक्ष्य एि दूसरे से असंगत है। दोनों ह देशों ि
े वस्तुपरि रूप िारर्ों में पररभावर्षत लक्ष्यों ि
े अन्तगवत सुरक्षा एवं
प्रादेमशि अखण्डता जनता ि
े आथथवि हहत तथा अमभजात्य वगव िी अनुभूनत द्वारा सरजजत राष्ट्र य सम्मान आहद
सजम्ममलत है। आत्मपरि िारर् मनोवैज्ञाननि एवं सामाजजि है अथवा जैसा कि गालतुंग महोदय ने इंथगत किया
है। “आत्मपरि िारर् पररभावर्षत मूकय है। दोनों ह देशों ने सुरक्षा िी तलाश में सम्मान िकयार् तथा स्वयं िी
पहचान बनाये रखने ि
े मलये ऐसी नीनतयों िा अनुसरर् किया जजन्होंने उनि
े मध्य संघर्षव िो जन्म हदया।
पाकिस्तान तथा भारत ि
े मध्य सम्बन्ध संघर्षव से समझौतों िी र एवं समझौतों से संघर्षव िी र उन्मुख होते
रहे परन्तु उन सम्बन्धों ने मुजचिल से ह िभी एि दूसरे ि
े बीच सहयोग िा रूप प्राप्त किया। लगभग संघर्षव िी
जस्थनत सदैव उनि
े सम्बन्धों पर हावी रह । ऐसी संघर्षावत्मि जस्थनत पक्षिारों ि
े मध्य भौनति या गम्भीर टिराव
ि
े रूप में एि-दूसरे पर भौनति आथधपत्य प्राप्त िरने ि
े मलये ववद्यमान हो सिती है अथवा अन्तरावष्ट्र य स्तर पर
एि राष्ट्र ि
े द्वारा अपनाई गयी नीनत िो दूसरे ि
े मनवाने ि
े रूप में। परन्तु संघर्षव िा सदा गम्भीर होना
आवचयि नह ं है। ि
ु छ ववद्वानों ने संघर्षव िी जस्थनत िो लाभप्रद ननरूवपत किया है क्योंकि यह सीखने िी प्रकिया
में सहायि मसद्ध होता है। परन्तु यह सब िष्ट्टिर अथवा ववनाशि बन जाता है। जब यह ननयंत्रर् िी सीमा ं िो
लााँघ जाता है और ‘‘सीखने िी प्रकिया िो दूवर्षत िरने लगता है।
भारत ववभाजन से जब दो राष्ट्र भारत और पाकिस्तान बने तो उनि
े मध्य जो सीमायें बनी ये िोई प्रािर नति
सीमाएाँ नह थी मानव ननममवत इन सीमा रेखा ं ि
े िारर् उनि
े रेखांिन एवं कियान्वयन िी समस्या सदा बनी
रह जजसने भारत-पाि ि
े मध्य सीमा वववाद िी समस्या िो जन्म हदया।
प्रधानमंत्री श्ी राजीव गााँधी ि
े प्रधानमंब्रत्रत्व िाल में भारत-पाि ि
े मध्य िटुता बनाये रखने वाले वववादों में एि
र जहााँ प्रमुख वववाद िचमीर, मसयाथचन ग्लेमशयर, दुलरझील पररयोजना ि
े अन्तगवत वुलर बााँध िो लेिर था तो
दूसर र पंजाब समस्या, आर्ववि वविास िायविम तथा दोनों ि
े सैन्य प्रदशवन उनिो पास आने से रोि
े रहे और
उनि
े सम्बन्धों में िटुता िा ववर्ष घोलते रहे थे। यद्यवप 1971में भारत-पाि युद्ध से उपजे अनेि िडुवाहट ि
े
िारर्ों, जैसे- वास्तववि ननयंत्रर् रेखा ननधावरर्, एि-दूसरे ि
े क्षेत्रों से वापसी, युद्ध बजन्दयों िा प्रत्यावतवन, बांग्लादेश
िो मान्यता तथा ब्रबहाररयों िा पुनस्थावपन, हवाई उड़ानों, यातायात एवं संचार माध्यमों तथा व्यवसानयि सम्बन्धों िो
पुनस्थावपन आहद से भारत-पाि सम्बन्धों में दरार पड़ी परन्तु समय बीतने ि
े साथ ह इन सब मसलों िो उनि
े
द्वारा शाजन्तपूर्व साधनों से ननपटा मलया गया। परन्तु ि
ु छ आज भी उनि
े मध्य िडुवाहट िा िारर् बने हुए हैं
और उनि
े सम्बन्धों िो प्रभाववत िर रहे हैं। उन पर यहााँ ववचार िरना उथचत होगा।
1. िचमीर वववाद
ःंर्् मसयाथचन हहमनद (ग्लेमशयर) वववाद
इर्् बुलर बााँध
2. सांस्िर नति सम्बन्धों िी समीक्षा
3. व्यापार और वार्र्ज्य ि
े क्षेत्र में भारत-पाि सम्बन्ध
ःंर्् संयुक्त आयोग :
4. िचमीर तथा मसयाथचन ि
े सम्बन्ध में वातावएंः
5. आन्तररि मामलों में हस्तक्षेप
6. असुरक्षा िी भावना
7. पंजाब तथा जम्मू िचमीर मे आतंिवाद गनतववथधयों मे पाकिस्तान िी भूममिा
ःंर्् पंजाब िी आतंिवाद गनतववथध ं मे पाकिस्तान िी भूममिा
इर्् िचमीर िी आतंिवाद गनतववथधयों मे पाकिस्तान िी भूममिा
भारत एवं श्ीलंिा
श्ीलंिा, भारत ि
े दक्षक्षर् में चारो र सागर से नघरा हुआ एि गर्राज्य है। यह हहन्द महासागर में जस्थत है और
इसिा ि
ु ल क्षेत्र 25.332 वगवमील है। 1 िरोड़ 50 लाख से ऊपर िी जनसंख्या में लगभग 64 प्रनतशत जनता
बौद्ध धमव में ववचवास िरती है, 14 प्रनतशत हहन्दू धमाववलम्बी है 9 प्रनतशत ईसाई, 6 प्रनतशत इस्लाम में ववचवास
िरने वाले और शेर्ष िा अन्य धमों से सम्बन्ध है। श्ीलंिा ि
े लगभग 15 प्रनतशत ननवासी तममल भार्षी है और
शेर्ष भार्षा बोलते हैं। ऐसा ववचवास किया जाता है कि 543 ईसा पूवव भारत ि
े गांगेय प्रदेश से आिर लोग श्ीलंिा
में बस गये थे। सोलहवीं शताब्द में पुतवगाल यहााँ आये और उन्होंने अपने उपननवेश िो स्थावपत किया। सन ् 1958
में पुतवगामलयों िो हालैण्ड वामसयों ने पराजजत िरि
े अपना शासन स्थावपत िर मलया। अंग्रेजों ने डचों से 1976 में
सत्ता छीन ल और 1802 में श्ीलंिा िो साम्राज्य िा उपननवेश घोवर्षत िर हदया। लगभग डेढ़ सौ वर्षव अंग्रेजों ि
े
आधीन रहने ि
े पचचात ् श्ीलंिा िो 4 फरवर , 1948 िो स्वतंत्रता प्राप्त हुई। भारत उससे लगभग 6 माह पूवव ह
स्वाधीन हुआ था। भारत िी भााँनत श्ीलंिा भी राष्ट्रमण्डल (ब्वउउवद ःूमंसजी) िो सदस्य है। उसने भी ब्रिहटश राजा
से सम्बन्ध ववच्छेद िरि
े स्वयं िो गर्तंत्र घोवर्षत किया। भारत िी ह भााँनत श्ीलंिा भी गुट ननरपेक्ष तथा
शाजन्तपूर्व सह-अजस्तत्व िी नीनतयों में ववचवास िरता है। श्ीलंिा गुट-ननरपेक्ष आन्दोलन ि
े प्रारम्भ (1961) से ह
इसिा सकिय सदस्य देश है। छः अन्य देशों ि
े साथ-साथ श्ीलंिा दक्षक्षर् एमशयाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सािव )
िा भी संस्थापि सदस्य है। भारत िी ह भााँनत श्ीलंिा िी भी संयुक्त राष्ट्र और ववचव शाजन्त में पूर आस्था है।
इस प्रिार भारत और इस दक्षक्षर्ी पड़ोसी में इतनी समानतायें हैं कि यह सोचना भी िहठन है कि दोनों में िभी
िोई तनाव या संघर्षव भी हो सिता है। परन्तु संघर्षव तो किन्ह ं भी दो देशों ि
े सम्बन्धों में उत्पन्न हो ह सिते हैं।
प्रयास यह िरना चाहहए कि गम्भीर वववादों से बचा जा सि
े ।
भारत और श्ीलंिा ि
े पारस्पररि सम्बन्ध प्रायः ममत्रतापूर्व और सौहािवमय रहे हैं। कफर भी िभी-िभी जातीय तनाव
(मसजीपब जमदेपवद) उत्पन्न होते रहे हैं। तनाव प्रायः मसंहल तथा भारतीय मूल ि
े तममल लोगों ि
े मध्य उत्पन्न
हुए हैं। प्रायः छोटे देशों िो अपने बड़े पड़ोसी देशों िी र से शंिा बनी रहती है। परन्तु भारत ने िभी भी एि
प्रभुत्वशाल बड़े पड़ोसी िी भूममिा ननभाने िा प्रयास नह ं किया है। भारत िी पड़ोसी देशों ि
े प्रनत नीनत सदा ह
ममत्रता िी रह है। जातीय संघर्षव ि
े रहते भी भारत ने िभी भी अपनी इच्छा श्ीलंिा पर थोपने िा प्रयास नह ं
किया।
श्ीलंिा अन्य वविासशील देशों िी तरह ह गुट ननरपेक्षता िी नीनत िा पालन िरता है। स्वतंत्रता ि
े उपरान्त
श्ीलंिा ि
े प्रथम प्रधानमंत्री डी० एस० सेनानायि
े ने स्पष्ट्ट िहा था कि उनिा देश किसी भी शजक्त गुट में शाममल
नह ं होगा। वह शाजन्त में ववचवास रखता है और जहााँ भी शजक्त िी राजनीनत िा प्रचन होगा वह मध्यम मागव िा
अनुसरर् िरेगा। श्ीलंिा िो हहन्द महासागर जस्थत एि बड़े द्वीप ि
े रूप में अपनी रर्नीनति जस्थनत िा पूर्व
आभास है। श्ी सेनानायि
े िा यह ववचवास था कि नये उभरते वविासशील देशों ि
े मलये साम्यवाद एि गम्भीर
खतरा हो सिता था। श्ीलंिा स्वयं अपनी अखण्डता और सुरक्षा सुननजचचत नह ं िर सिता था। अतः उसने 1948
में ह ब्रबरेन ि
े साथ सुरक्षा सजन्ध में हस्ताक्षर किये। उसि
े आधीन श्ीलंिा ने िाकमो तथा ब्रत्रंिोनेल में ब्रिहटश
सैननि अड्डे स्थावपत िरने िी अनुमनत द थी। सेनानायि
े ि
े उत्तराथधिार सरजॉन फोते लागला भी अथधि
साम्यवाद ववरोधी थे और उन्होंने पजचचमी ि
े साथ मैत्री पर बल हदया। सरजॉन सभी साम्यवाद ववरोधी शजक्तयों ि
े
साथ सहयोग िरने िो तैयार थे। उन्होंने साम्राज्यवाद िा ववरोध किया और िहा कि पूवी यूरोप में साम्यवाद िा
प्रस्ताव भी उतना ह हाननिारि था। जजतना साम्राज्यवाद किसी और रूप में हो सिता था। सोलोमन भण्डारनायि
े
जो 1956 में प्रधानमंत्री बने। गुट ननरपेक्षता िी नेहरू-नीनत ि
े अथधि ननिट थे। वह न तो पजचचम समथवि थे न
पूवव ि
े समथवि उन्होंने श्ीलंिा जस्थत ब्रिहटश सैननि अड्डो िो समाप्त िरवाया। प्रधानमंत्री भण्डार नायि
े िी
1959 में हत्या िर द गयी। अकपिाल न मध्यान्तर ि
े पचचात ् उसिी पत्नी श्ीमती मसररमावो भण्डारनायि
े 1980
में प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुई। अगले 35 वर्षव से अथधि ति भण्डारनायि
े पररवार ने श्ीलंिा िी राजनीनत में
महत्वपूर्व योगदान हदया - चाहे वे सत्ता में रहें या ववपक्ष में भारत-चीन युद्ध (1962) ि
े पचचात ् श्ीमती
भण्डारनायि
े ने मध्यस्थस्ता िरने ि
े प्रयास किये। उन्होंने िई अन्य गुट ननरपेक्ष देशों िो आमंब्रत्रत िरि
े , िोलम्बो
प्रस्ताव तैयार किये। परन्तु चीन िो वे स्वीिायव नह ं थे। भारत-चीन वववाद तथा इण्डोनेमशया मलेमशया वववाद में
श्ीलंिा सामान्य रूप से तटस्थ रहा। गुट ननरपेक्ष आन्दोलन िा 1976 मशखर सम्मेलन प्रधानमंत्री मसररमायो िी
अध्यक्षता में िोलम्बों में हुआ। उन्होंने सभी राष्ट्रों िी सम्प्रभु समानता पर आधाररत एि नई ववचव व्यवस्था िा
आह्वान किया।
1977 में जे० आर० जयवधवने िी ववजय ि
े साथ ह श्ीलंिा िी राजनीनत में एि नये युग िा आरम्भ
हुआ जयवद्वधने अनेि वर्षों ति प्रधानमंत्री और कफर राष्ट्रपनत रहे। इनि
े शासनिाल में श्ीलंिा िा झुिाव प्रायः
संयुक्त राज्य अमेररिा िी र रहा।
1. तममल मूल ि
े लोगों िी समस्या
ःंर्् नेहरू िोटेलावाला समझौता(1953)
इर्् शास्त्री-सीररमावो समझौता
2. िच्चातीवु वववाद
3. वामपंथी वविोह तथा बांग्लादेश िा संिट
4. भारत श्ीलंिा आथथवि सहयोग
5. जातीय संघर्षव
6. भारत व श्ी लंिा ि
े मध्य ऐनतहामसि समझौता
भारत एवं बांग्लादेशः
जनसंख्या िी दृजष्ट्ट से बांग्लादेश संसार िा आठवी सबसे बड़ा देश है। इसिा ि
ु ल क्षेत्रफल 1.39, 523 वगव
किलोमीटर है। बांग्लादेश िा जन्म हदसम्बर 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान िी पराजय िा प्रत्यक्ष
पररर्ाम था। तत्िाल न पूवी पाकिस्तान (जो अब बांग्लादेश है) में पाकिस्तानी सेना ि
े सेनापनत से० जनरल
ननयाजी ने भारतीय सेना िो पूवी िमान ि
े सेनापनत ले० जनरल जगजीत मसंह अरोड़ा ि
े सम्मुख ब्रबना शतव
आत्मसमपवर् िरि
े पाकिस्तान िी पराजय स्वीिार िी थी। हदसम्बर 1971 िा युद्ध, पाकिस्तान ि
े आतंिवाद
शासन ि
े ववरुद्ध बांग्लादेशी वविोह िी चरम सीमा िा ननदेशन था। यह वविोह माचव 1971 में तत्िाल न पूवी
पाकिस्तान में आरम्भ हुआ था, क्योंकि प्रान्त ि
े सबसे लोिवप्रय नेता शेख मुजीबुरवहमान िो बंद बनािर पजचचमी
पाकिस्तान िी एि जेल में डाल हदया गया था। पूवी पाकिस्तान िी जनता ि
े स्वतंत्रता ि
े मलये संघर्षव में भारत िी
पूर सहानुभूनत उनि
े साथ थी। 1 माचव, 1971 में वविोह आरम्भ होने ि
े साथ ह , बांग्लादेश में एि अन्तररम
सरिार िी स्थापना िी गई थी। परन्तु भारत ने उसे उस समय मान्यता प्रदान नह ं िी क्योंकि यह हो सिता था
कि इस मान्यता िो बहाना बनािर पाकिस्तान भारत ि
े ववरुद्ध युद्ध आरम्भ िर देता परन्तु जब हदसम्बर 1971
िो बांग्लादेश ि
े प्रचन पर, भारत-पाि युद्ध आरम्भ हो ह गया. तब भारत ने 6 हदसम्बर 1971 िो बांग्लादेश िो
एि स्वतंत्र देश ि
े रूप में मान्यता प्रदान िर द । पाकिस्तान ने 16 हदसम्बर िो अपनी पराजय स्वीिार िरते हुए
आत्म-समपवर् िर हदया। तेरह हदन ि
े 1971 ि
े भारत-पाि युद्ध में लगभग 20,000 भारतीय जवान वीरगनत िो
प्राप्त हुए। बांग्लादेश ि
े उदभव िो इस उपमहाद्वीप िी एि महत्वपूर्व घटना बताया गया। बांग्लादेश िी जनता ि
े
मलये यह आतंिवाद और नतना िा अन्त और देश ि
े स्वतंत्र अजस्तत्व िी ननचचयात्मि घोर्षर्ा थी। भारत ि
े मलये
यह लोितांब्रत्रि समाजवाद और धमवननरपेक्षता िी ववजय मानी जा सिती थी।
माचव व हदसम्बर 1971 ि
े बीच िी अवथध में भारत िो एि ववथचत्र जस्थनत िा सामना पड़ा। जन लगभग एि
िरोड़ यातना-पीडडत बांग्लादेशी शरर्ाथी भारत आ गये इन शरर्ाथथवयों ने वापस पाकिस्तान जाने से इंिार िर
हदया और प्रधानमंत्री श्ीमती इजन्दरा गााँधी द्वारा किये गये समस्त प्रयास असफल गये थे। भारत ि
े इन प्रयासों
िा उद्देचय पूवी पाकिस्तान िी समस्या शाजन्तपूर्व समाधान िरना था। पाकिस्तान ि
े सैननि राष्ट्रपनत याह्या खााँ
ने युद्ध िा मागव चुना और सोचा कि ववजय उनिी होगी। वास्तव में हुआ इसि
े ववपर त ववजय भारत िी हुई,
पाकिस्तान िी पराजय हुई और याहया खााँ द्वारा पद त्याग िर जुजकफिार अल भुट्टो िो सत्ता सौंपनी पड़ी।
स्वतंत्रता बांग्लादेश जन्म ि
े साथ ह शेर्ष पाकिस्तान में भुट्टो ि
े हाथ में सत्ता आ गई। 10 हदसम्बर 1971 श्ीमती
इजन्दरा गााँधी और बांग्लादेश ि
े िायववाहि राष्ट्रपनत नजरुल इस्लाम ि
े द्वारा भारत बांग्लादेश संथध पर हस्ताक्षर
किये गये, इस संथध में यह व्यवस्था िी गई कि बांग्लादेश िो पाकिस्तान से स्वतंत्र िरवाने ि
े मलये एि भारतीय
सेनापनत ि
े आधीन संयुक्त भारत-मुजक्तवाहहनी िमान स्थावपत िी जायेगी। भारत ने यह वचन हदया कि जैसे ह
बांग्लादेश में सामान्य जस्थनत बहाल होगी। भारतीय सैननि स्वदेश लौट आयेंगें। भारत ने बांग्लादेश िी प्रादेमशि
अखण्डता सुरक्षा िा वचन हदया और यह आचवासन हदया कि नये बांग्लादेश राज्य ि
े आथथवि पुनः ननमावर् ि
े मलये
आथथवि सहायता उपलब्ध िराई जायेगी। भारत से बांग्लादेशी शरर्ाथथवयों िी वापसी िा िायविम भी ननधावररत
किया गया।
भारत ने प्रमुख देशों, जैसे अमेररिा से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान पर दबाव डालिर शेख मुजीबुरवहमान िो
पाकिस्तानी जेल से स्वतंत्र िरवाएाँ अन्ततः शेख मुजीबुरवहमान िो 9 जनवर 1972 िो जेल से मुक्त किया गया
और 10 जनवर िो स्वदेश जाते हुए वह हदकल पहुंचे। यहााँ उनिा भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने भारत िा
हाहदवि धन्यवाद हदया। ववशेर्षिर उन बमलदानों ि
े मलये जो बांग्लादेश िी स्वतंत्रता ि
े मलये भारतीय वीरों ने हदये
थे। ढािा जािर उन्होंने औपचाररि रूप से बांग्लादेश ि
े प्रधानमंत्री िा पद भार संभाल मलया। उसि
े पचचात ् भारत
ने उन्हें एि राजिीय यात्रा ि
े मलये आमंब्रत्रत किया शेख मुजीब ने 16-18 फरवर , 1972 िो िलित्ता िी यात्रा िी,
जहााँ प्रधानमंत्री इजन्दरा गााँधी साथ उनिी औपचाररि वाताव हुई। दोनों प्रधानमंब्रत्रयों ने यह घोर्षर्ा िी कि ‘‘भारत
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  • 1. प्रस्तावना लगभग 15,200 किलोमीटर िी भूमम सीमा और लगभग 7517 किलोमीटर ि े द्वीपों ि े समूहों ि े साथ भारत आिार में दुननया िा सातवााँ सबसे बड़ा देश है। भारत दुननया िा सबसे बड़ा लोितंत्र है। भारत ि े पड़ोसी देश राजधानी पाकिस्तान इस्लामाबाद अफगाननस्तान िाबुल चीन बीजजंग नेपाल िाठमांडु भूटान थथम्फ ू बांग्लादेश ढािा म्यांमार नैप्यीदा हहमालय और पववत श्रंखलाएं उत्तर में चीन से और पूवव में म्यांमार से भारत िो अलग िरती हैं। भारत और चीन ि े बीच हहमालय िी श्रंखला ि े साथ नेपाल जस्थत है। बांग्लादेश उत्तर-पूवी राज्यों और पजचचम बंगाल ि े बीच में जस्थत है। पाकिस्तान पूरे उत्तर में जस्थत है। पजचचम सीमा अफगाननस्तान ि े छोटा सा हहस्सा में है। भारत िा ननिटतम पड़ोसी पाकिस्तान है। वह अजस्तत्व में आई जब 1947 में स्वतंत्रता ि े समय भारत िा ववभाजन हुआ था। दोनों देशों ि े बीच संबंध िभी भी दोस्ताना नह ं रहे हैं। मसतंबर 1965 और हदसंबर 1971 में पाकिस्तान ने भारत पर हमले शुरू किए। हहमालयन वप्रंसेडोम, नेपाल और भारत में समान समानताएाँ हैं। अच्छे ममत्रवत संबंध आथथवि, सामाजजि और राजनीनति आधारों पर नह ं बजकि आम धाममवि, सांस्िर नति, नस्ल य और ऐनतहामसि संबंधों पर अथधि आधाररत होते हैं जो एि साथ बंधते हैं। नेपाल िो औद्योथगि वविास ि े मलए भारत से भार ववत्तीय और तिनीिी सहायता प्राप्त होती है। अफगाननस्तान और म्यांमार ि े साथ भी भारत ि े अच्छे संबंध हैं। भारत और म्यांमार ि े बीच अंतरावष्ट्र य सीमा तय िरने ि े समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। लाभिार संबंध जार रहने िी उम्मीद है। बांग्लादेश िा भारत पर बहुत अजस्तत्व है। यह भारत था जजसने पड़ोसी िी स्वतंत्रता ि े मलए लड़ाई लड़ी। इनतहास से भारत द्वारा किए गए रक्तपात और बमलदानों िा पता चलता है। भारत िी जरूरत और संिट िी घड़ी में उनिा प्रबल समथवि रहा है।
  • 2. चीन एि और बड़ा देश है। वपछले वर्षों में चीन ि े साथ संबंध मैत्रीपूर्व नह ं रहे हैं। भारत ने एि मैत्रीपूर्व हाथ बढ़ाने िी पहल िी और अब ि ु छ हद ति सांस्िर नति, आथथवि, वैज्ञाननि और तिनीिी क्षेत्रों ि े माध्यम से पारस्पररि सहयोग मांगा जा रहा है। भारत द्वारा उठाए गए साहमसि िदम से उम्मीदें बढ़ गई हैं कि सीमा समस्या िा समाधान शांनतपूर्व तर िों से ममलेगा। भारत भारत (आथधिाररि नामः भारत गर्राज्य, अंग्रेज़ीः त्मचनइसपब वव प्दिपं) दक्षक्षर् एमशया में जस्थत भारतीय उपमहाद्वीप िा सबसे बड़ा देश है। भारत भौगोमलि दृजष्ट्ट से ववचव िा सातवााँ सबसे बड़ा देश है, जबकि जनसंख्या ि े दृजष्ट्टिोर् से चीन ि े बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत ि े पजचचम में पाकिस्तान, उत्तर-पूवव में चीन, नेपाल और भूटान, पूवव में बांग्लादेश और म्यान्मार जस्थत हैं। हहन्द महासागर में इसि े दक्षक्षर् पजचचम में मालद व, दक्षक्षर् में श्ीलंिा और दक्षक्षर्-पूवव में इंडोनेमशया से भारत िी सामुहिि सीमा लगती है। इसि े उत्तर में हहमालय पववत तथा दक्षक्षर् में हहन्द महासागर जस्थत है। दक्षक्षर्-पूवव में बंगाल िी खाड़ी तथा पजचचम में अरब सागर है। आधुननि मानव या होमो सेवपयन्स अफ्रीिा से भारतीय उपमहाद्वीप में 55,000 साल पहले आये थे। 1,000 वर्षव पहले ये मसंधु नद ि े पजचचमी हहस्से िी तरफ बसे हुए थे जहााँ से इन्होने धीरे धीरे पलायन किया और मसंधु घाट सभ्यता ि े रूप में वविमसत हुए। 1,200 ईसा पूवव संस्िर त भार्षा सम्पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप में फ ै ल हुए थी और तब ति यहााँ पर हहन्दू धमव िा उद्धव हो चुिा था और ऋग्वेद िी रचना भी हो चुिी थी। 400 ईसा पूवव ति आते आते हहन्दू धमव में जानतवाद देखने िो ममल जाता है। इसी समय बौद्ध एवं जैन धमव उत्पन्न हो रहे होते हैं। प्रारंमभि राजनीनति एित्रीिरर् ने गंगा बेमसन में जस्थत मौयव और गुप्त साम्राज्यों िो जन्म हदया। उनिा समाज ववस्तरत सरजनशीलता से भरा हुआ था। प्रारंमभि मध्ययुगीन िाल में,ईसाई धमव, इस्लाम, यहूद धमव और पारसी धमव ने भारत ि े दक्षक्षर्ी और पजचचमी तटों पर जड़ें जमा ल ं। मध्य एमशया से मुजस्लम सेना ं ने भारत ि े उत्तर मैदानों पर लगातार अत्याचार किया, अंततः हदकल सकतनत िी स्थापना हुई और उत्तर भारत िो मध्यिाल न इस्लाम साम्राज्य में ममला मलया गया। 15 वीं शताब्द में, ववजयनगर साम्राज्य ने दक्षक्षर् भारत में एि लंबे समय ति चलने वाल समग्र हहंदू संस्िर नत बनाई। पंजाब में मसख धमव िी स्थापना हुई। धीरे-धीरे ब्रिहटश ईस्ट इंडडया ि ं पनी ि े शासन िा ववस्तार हुआ, जजसने भारत िो औपननवेमशि अथवव्यवस्था में बदल हदया तथा अपनी संप्रभुता िो भी मजबूत किया। ब्रिहटश राज शासन 1858 में शुरू हुआ। धीरे धीरे एि प्रभावशाल राष्ट्रवाद आंदोलन शुरू हुआ जजसे अहहंसि ववरोध ि े मलए जाना गया और ब्रिहटश शासन िो समाप्त िरने िा प्रमुख िारि बन गया। 1947 में ब्रिहटश भारतीय साम्राज्य िो दो स्वतंत्र प्रभुत्वों में ववभाजजत किया गया, भारतीय अथधराज्य तथा पाकिस्तान अथधराज्य, जजन्हे धमव ि े आधार पर ववभाजजत किया गया। 1950 से भारत एि संघीय गर्राज्य है। भारत िी जनसंख्या 1951 में 36.1 िरोड़ से बढ़िर 2011 में 1.211 िरोड़ हो गई। प्रनत व्यजक्त आय $64 से बढ़िर $1,498 हो गई और इसिी साक्षरता दर 16.6ःः से 74ःः हो गई। भारत एि तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अथवव्यवस्था और सूचना प्रौद्योथगिी सेवा ं िा ि ें ि बन गया है। अंतररक्ष क्षेत्र
  • 3. में भारत ने उकलेखनीय तथा अद्ववतीय प्रगनत िी। भारतीय कफकमें, संगीत और आध्याजत्मि मशक्षाएं वैजचवि संस्िर नत में ववशेर्ष भूममिा ननभाती हैं। भारत ने गर बी दर िो िाफी हद ति िम िर हदया है। भारत देश परमार्ु बम रखने वाला देश है। िचमीर तथा भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन सीमा पर भारत िा पाकिस्तान तथा चीन से वववाद चल रहा है। लैंथगि असमानता, बाल शोर्षर्, बाल ि ु पोर्षर्, गर बी, भ्रष्ट्टाचार, प्रदूर्षर् इत्याहद भारत ि े सामने प्रमुख चुनौनतयााँ है। 21.4ःः क्षेत्र पर वन है। भारत ि े वन्यजीव, जजन्हें परंपरागत रूप से भारत िी संस्िर नत में सहहष्ट्र्ुता ि े साथ देखा गया है, इन जंगलों और अन्य जगहों पर संरक्षक्षत आवासों में ननवास िरते हैं। नामोत्पवत्त भारत ि े दो आथधिाररि नाम हैं- हहन्द में भारत और अंग्रेज़ी में इंडडया (प्दिपं)। इंडडया नाम िी उत्पवत्त मसन्धु नद ि े अंग्रेजी नाम :इंडसः से हुई है। श्ीमद्भागवत महापुरार् में वर्र्वत एि िथा ि े अनुसार भारत नाम मनु ि े वंशज तथा ऋर्षभदेव ि े सबसे बड़े बेटे एि प्राचीन सम्राट भरत ि े नाम से मलया गया है। एि व्युत्पवत्त ि े अनुसार भारत (भा $ रत) शब्द िा मतलब है आन्तररि प्रिाश या ववदेि-रूपी प्रिाश में ल न। एि तीसरा नाम हहन्दुस्तान भी है जजसिा अथव हहन्द िी भूमम,यह नाम ववशेर्षिर अरब तथा ईरान में प्रचमलत हुआ। बहुत पहले भारत िा एि मुंहबोला नाम सोने िी थचडड़या भी प्रचमलत था। संस्िर त महािाव्य महाभारत में वर्र्वत है िी वतवमान उत्तर भारत िा क्षेत्र भारत ि े अंतगवत आता था। भारत िो िई अन्य नामों भारतवर्षव, आयाववतव, इंडडया, हहन्द, हहंदुस्तान, जम्बूद्वीप आहद से भी जाना जाता है। अध्ययन से संबजन्धत र्षोध साहहत्य िी समीक्षा- शोध हेतु ननजचचत किये गये ववर्षय से संबथधत साहहत्य िा पुनरावलोिन किए ब्रबना शोध प्रारम्भ नह किया जा सिता अन्यथा इससे सम्पूर्व शोध प्रकिया ि े दोश पूण्र रहने िी सम्भावना रहती है। अतः आवचयि है कि आरम्भ से ह शोध साहहत्य िा अध्ययन िर मलया जाय। संबथधत साहहत्य में प्रलेख, लेख पत्र, पुस्ति े , प्रनतवेदन ववर्षय से संबथधत शोध ग्रंथ आहद आते है इस प्रिार सि े साहहत्य ि े अध्ययन से शोध िताव िा िाम आसान हो जाता है इससे शोध िताव िो अध्ययन िी ववमभन्न प्रववथधयों िा ज्ञान हो जाता है और शोध िायव में आने वाल िहठनाइयो िा पता भी चल जाता है महत्वपूर्व अवधारर्ा ं िी जानिा ममल जाती है किन्तु किये हुये शोध िायव िो दोहराने िी भूल से छ ु टिारा ममल जाता है। तथा शोध िायव िो आगे बढाने में पदद ममलती है संबथधत साहहत्य िा अध्ययन िर लेने से श्ीमनत यंग ि े अनुसार ननम्न लाभ ममलते है। 1. शोधिताव िो अध्ययन ववष्ट्य ि े संदभव में ऐसी अंत दृजष्ट्ट प्राप्त होती है जजससे वह उथचत प्रचन िर सह सूचनाऐं प्राप्त िर सिता है। 2. शोध िायव में उपयोगी पद्धनतयों एवं प्रववथधयों िा ज्ञान प्राप्त हो जाता है। 3. अवधारर्ा ं िो समझने व प्राक्िकपना ं िा ननमावर् िरने में सहायता ममलती है। तथा
  • 4. 4. किसी शोध िायव िो कफर देहराने िकि गलती से बचा जा सिता है और ववशय से संबथधत उन पहलु ं पर ध्यान हदया जातजा है जजन पर अन्य शोध िाताव ं ने पूवव में ध्यान नह हदया इससे शेधिायव अथधि व्यवजस्थत हो जाता है। वास्तवविता यह है कि किसी ववर्षय पर आरमतभ से वतवमान समय ति ज्ञान जानिाररयों र सूचना ं िी एि ननरन्तरता चलती रहती है उसी िम में नवीन पररवेश में नवीन ववचलेर्षर् नवीन उपयोथगता तथा प्रासंथगिता पर ववचार किया जाता है इसी दृजष्ट्ट से यह आवचि है कि ववर्षय पर उपलब्ध साहहत्य िी समीक्षा िी जाए। प्रस्तुत शोध प्रबन्ध ि े मलये वतवमान प्रसंग में ननम्न साहहत्य िा उकलेख किया जा सिता है। 1. महेन्ि ि ु मान- ‘‘अंतवराष्ट्र य राजनीनत ि े सैद्धाजन्ति पक्ष ’’मशवलाल अग्रवाल एण्ड िम्पनी, आगरा से प्रिामशत पुसति हहन्द व अंग्रजी दोनो भार्षा ं में मलखी गइर है हहन्द भार्षा में ग्रंथ िा अध्याय न. 12 अत्यंत महत्वपूण्ज्ञव है जजसमें गुटननरपेक्षता िा अथव उसि े प्रयोजन एवं आधार तथा शीतयुद्ध ि े बदलते स्वरूप ि े साथ इसि े सशक्त आंदोलन ि े रूप में उभार आहद िो स्पष्ट्ट किया गया है। 2. लेखि िी आंग्ल भार्षा िी पुस्ति ‘‘जीमवतमजपबंस ।ःेचमबजे वव पदजमतदंजपवदंस चवसपजपबेर्ष ् ि े अध्याय 15 में थ्योर आफ नॉन एलाइनमेन्ट शीर्षवि से ववर्षय िा ववस्तरत वववरर् प्रस्तुत किया गया है। 3. अंन्तवराष्ट्र य संबन्ध िोड संख्या 1806 बी एल िडडया साहहत्य भवन पजब्लि े शन आगरा 2008 नामि ग्रंन्थ में अध्याय 9 व 320 में शीर्षवि गुटननरपेक्ष आंदोलन में भारत िी भूममिा िा ववस्तरत वववरर् प्रस्तुत किया गया है और अथधितर इसमें नवीन प्रवरवत्तयों और प्रासंथगिता पर भी ववचार प्रस्तुत किया गया है। परन्तु चुंकि यह ववर्षयवस्तु 2008 ि े बाद िी जस्थनत िो समाहहत ननह िरती है । र गुटननरपेक्ष आंदोलन ि े अद्यतन मशक्षर सम्मेलनों िा ह वाला इसमें नह हदया गया है। इतः‘‘ इसे एि दृजष्ट्ट से सामनयि नह िहा जा सिता है हालांकि इसे सहायता अवचयि ल जा सिती है बी.एल. फडडया ि े अन्य दो ग्रन्थ आंतवराष्ट्र य राजनीनत व आंतवराष्ट्ट य संबंन्ध जो ब्रबना किसी िोड ि े मलख ्ःे गये है उनमें भी इससे संबथधत जानिार ममलती है। 4. आर. एस. यादव िी पुस्ति ‘‘भारत िी ववदेशी नीनत : एि ववचलेर्षर् किताब महल 2005 तथा संशोथधत संस्िरर् पीयसवन हदकलह 2012 भी इस दृजष्ट्ट से अत्यंन्त महत्पपूर्व है 2005 ि े संस्िरर् में गुटननरपेक्ष आंदोलन ि े माध्यम से शांनत स्थापना ि े प्रयासों िो स्पष्ट्ट किया गया है। तथा यह बताया गया है कि इस आंदोलन िो भववष्ट्य में किस प्रिार साथवि बनाया जा सिता है। जजससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ववचव शांनत प्रकिया िो मजबूत ह नह किया जा सि े अवपतु उसे आगे भी बढाया जा सि ें । शोध ि े मलये दोनो पुस्तों िी सहायता ल जा सिती है परन्तु जजस दृजष्ट्ट से शोध प्रस्ताव उदेचय आहद तय किय ःे गये है उस दृजष्ट्ट से एि नवीन अध्ययन किया जाना अनत आवचयि है जो व्यापि यप से गुटननरपेक्ष आंदोलन ि े सभी पहुल ि ं िो स्पष्ट्ट िरता हो। 5. यादव आर एस चूंकि एि अनय पुस्ति इजण्डयन फोरन पॉमलसी िन्टम्प्रेर रेड्स मशप्रा पजब्लि े शन नई हदकल 2009 मे मलखी पुस्ति भी उपयोगी है। ववदेश नीनत पर आथधिाररि रूप से मलखने वाले ए आप्पादोराय, एम एस राजन आहद ने जो भी पुस्ति ें मलखी है उनमें गुटननरपेक्षता आंदोलन िी नीनत िो अवचि थचजन्हत किया है
  • 5. अतः ववदेश नीनत व अन्तरावष्ट्र य सम्बन्धों िी दृजष्ट्ट से इनि े द्वारा संथचत साहहत्य िी उपेक्षा नह िी जा सिती है। इस दृजष्ट्ट से एि र अत्यंत महत्वपूण्र पुस्ति ि े पी वपश्ा द्वारा रथचत ववदेश नीनत व गुटननरपेक्ष आंदोलन में जो ि ु छ मलखा गया है वे भी प्रस्तुत शोध ि े शोधाथी ि े मलए महत्वपूर्व है। 1. डॉ जी रॉय िी पुस्ति जीम दवद ।सपहदउमदज िपचसवउंबल जः उतेर्् प्दिपतं ळंदिीपश् जो उसी िाल िम में पटना से प्रिामशत हुई भी अत्यंत महत्वपूर्व है। 2. ट बी सुब्बाराय िी पुस्ति जो अत्न्तरावष्ट्ट य िानून ि े साथ जोडिर मलखी गइर है दवद ।सपहदउमदज पद पदजमतदंजपवदंस सूं ःंदि चवसपजपबे भी उकलेखनीय ळै। 3. डॉ एम एस राजन ने ववदेश नीनत ि े आनतररक्त गुटननरपेक्ष आंदोलन एवं सम्भावनाएं शीष्ट्ज्ञवि से भी एि पुस्ति मलखी है जो हहन्द माध्यम िायावन्वयन ननदेशालय हदकल 1991 िा प्रिाशन है। यह भी अत्यंत महत्वपूर्व है। 4. ‘ववचव राजनीनत ि े बदलते आयाम’ जे. सी. जौहर , ववशाल पजब्लि े शन जालंधर 2008 ि े ववमभन्न अध्यायों ःूमें भ ्ःी इसिा ववचलेर्षर् किया गया है जजससे साथवि सहायता जी जा सिती है। 5. पंत पुष्ट्पेर्ष व जयंत श्ीपाल िी तीन पुस्ति ें अन्तरावष्ट्ट य राजनीनत प्रमुख देशों िी ववदेश नीनतयां अन्तरावष्ट्ट य सम्बन्ध मीनक्षी प्रिाशन मेरठ भी इस दृजष्ट्ट से महत्वपूर्व है और हहन्द माध्यम ि े शोधाथी ि े मलए पयावप्त सहयोगी साब्रबत हो सिती है। 6. ‘‘भारत िी ववदेशी नीनत पर यु आर धई जे एस द क्षक्षत शीला झा आहद िी पुस्ति ें भी अत्यंत महत्वपूण्ज्ञव है और इनिा अध्ययन िाि े एि ववशेर्ष हदशा प्राप्त िी जा सिती है। 7. अिादमी फाउन्डेशन िा एि महत्वपूर्व प्रिाशन पदिपंद ववतमपहद चवसपबल ए बींससमदहमे ःंदि वचचवतजनदपजपमे आनतश मसन्हा एवं मधु मेहता द्वारा सम्पाहदत भी अत्यन्त महत्वपूर्व अध्ययन हे जो 2007 िा प्रिाशन है। प्रस्तुत अध्ययन िा उद्ःेष्ट्य ननम्नमलर्खत है- राजनीनत ववज्ञान ि े क्षेत्र में अध्ययन िा मुख्य उद्देचय यह होता है कि राजनीनति व्यवहार िो समझने िा प्रयास किया जाए तथा व्यवहार िो समाज िी आवचयिता ि े अनुिलू बनाने ि े मलए थचन्तन किया जाना चाहहए। सामान्यतः अनुसध्ःाःंन प्ररचना ि े दो उद्देचय होते है- 1. अनुसध्ःाःंन समस्या ि े उŸःार प्रदान िरना। 2. ववववधता ं िो नननयंत्रत िरना।
  • 6. अनुसध्ःाःंन प्ररचना इन उद्देचयों िी पूनत व नह ं िरती वरन ् वे उद्देचय अनुसध्ःाःंनिŸःार् द्वारा ह प्राप्त किए जाते है।ःं ताकि वह अनुसध्ःाःंन प्रष्ट्नों ि े उŸःार प्राप्त िरि े ववववध त्रुहटयों िा पता लगा सि े । 1. भारत-पड़ोसी राष्ट्रों ि े सम्बन्धों में जएतहामसि परष्ट्ठमभम एवं भौगोलि पयाववरर् ि े योगदान िा पर क्षर् िरना। 2. आथथवि एवं सास्ंिर नति प्रारूपों ि े सन्दभव में भारत- पड़ोसी राष्ट्रों सम्बन्धों िो ववचलेवर्षत िरना। 3. राजनैनति पररदृष्ट्य एवं ववदेश नीनतयों िा आिलन भारत- पड़ोसी राष्ट्रों ि े सम्बन्धों ि े सन्दभव में ववचलेवर्षत िरना। 4. भारत- पड़ोसी राष्ट्रों ि े सम्बन्धों िो सन ् 1947 से एन.डी.ए. सरिार ि े शासनिाल से पूवव पररलक्षक्षत िरना। 5. भारत- पड़ोसी राष्ट्रों ि े सम्बन्धों िा एन.डी.ए. शासनिाल ि े सन्दभव में एि अध्ययन िरना। पररिकपना 1. भारत ि े पड़ोसी राष्ट्रों ि े साथ व्यापाररि सम्बन्ध पहले से िह ं ज्यादा अच्छे हुऐ है। 2. भारत ने अपने पड़ोसी राष्ट्रों ि े साथ व्यापार िो महत्व प्रदान िी है। 3. भारत मे पडोसी राष्ट्रों से िई व्यापाररि िम्पननयों ने अपना व्यापार भारत ि े साथ िरने िी इच्छा िी है। 4. भारत मे िई राष्ट्रो ि े साथ देश िी सांस्िर नति, राजनैनति एवं व्यापाररि गनतववथधयों िो महत्ता प्रदान िी है। शोध पद्धनत (त्मेमंतबी डमजीविवसहल) प्रस्तुत शोध वर्वनात्मि पद्धवत्त पर आधाररत है। इसमें प्रत्येि तथ्यों िा वववरर् वर्वनात्मि रूप से किया है। प्रस्तुत शोध ि े तथ्य संिलन ि े मलए आवचयि तथ्य संिलन प्राथममि तथा द्ववतीयि स्त्रोतों से प्राप्त किए हैं। इस शोध ि े तथ्य संिलन ि े प्राथममि स्त्रोतों हेतु भारत सरिार ि े सरिार दस्तावेजों िा प्रयोग किया गया है। सरिार दस्तावेजों में प्रधानमंत्री वाजपेयी तथा प्रधानमंत्री मोद ि े शासनिाल से सम्बजन्धत ववदेश मंत्रालय िी वावर्षवि ररपोटों िा उकलेख किया है। द्ववतीयि स्त्रोतों में भारत िी ववदेश नीनत से सम्बजन्धत पुस्तिों में ववशेर्ष रूप से, प्रधानमंत्री अटल ब्रबहार वाजपेयी िी ववदेश नीनत तथा मोद मसद्धान्त (डविप क्वबजतपदम) पर आधाररत पुस्तिों, पब्रत्रिाएं, समाचार पत्र, जनवकस व ई-जनवकस िा प्रयोग है। प्रस्तुत शोध ि े मलए इंटरनेट तथा संचार ि े माध्यम से भाजपा ि े पुस्तिालय िा उपयोग किया गया है।
  • 7. अध्ययन िा महत्व (ःैपहदपवपबंदबम वव ःैजनिल) भारत िी ववदेश नीनत राष्ट्र य हहतों व लक्ष्यों िी प्राजप्त िा महत्वपूर्व स्रोत है। इसि े माध्यम से ह राष्ट्र परस्पर संवाद व सहयोग स्थावपत िरते हैं। भारत ि े पड़ोसी राष्ट्रों ि े मध्य संबन्धों ि े पर आथथवि वरद्थध, राष्ट्र य सुरक्षा प्रवासी वगव एक्ट ईस्ट पॉमलसी, पड़ोसीवाद प्रथम, पाकिस्तान से सीधा संवाद, चीन ि े साथ सीमा वववाद पर वाताव, आतंिवाद िा ववरोध, अमेररिा ि े साथ सहयोगपूर्व सम्बन्ध िी दृजष्ट्ट से महत्वपूर्व है। प्रधानमंत्री वाजपेयी ि े शासनिाल में भारत िो सशक्त राष्ट्र ि े रूप में अन्तरावष्ट्र य स्तर पर मशखरासीन किया गया था। जैसे 11 तथा 13 मई 1998 ि े परमार्ु पर क्षर् ि े आधार पर सशक्त बनाया, दक्षेस देशों ि े साथ सम्बन्धों िो सुधारने िा महत्वपूर्व प्रयास किया गया। प्रधानमंत्री मोद ि े शासनिाल में ववदेश नीनत िो नवीन स्वरूप में पररवनत वत िरने िा महत्वपूर्व प्रयास किया जा रहा है। लम्बे समय से चले आ रहे सीमा वववाद िा समाधान, शजक्तशाल राष्ट्रों ि े साथ समझौते जैसे जापान ि े साथ बुलेट रेनए चीन ि े साथ 20 अरब डॉलर िा समझौता, आस्रेमलया ि े साथ यूरेननयम समझौता, फ्रांस ि े साथ राफ े ल ववमान समझौता इत्याहद मोद िी ववदेश नीनत में भारत िो सशक्त सुदृढ व वैजचवि शजक्त बनाने पर बल हदया जा रहा है। भारत ि े वैजचवि शजक्त बनने ि े मागव में बाधा उत्पन्न िर रहे िारर्ों ि े अध्ययन िी दृजष्ट्ट से अथधि महत्वपूर्व है। उपयुवक्त सभी तथ्यों िा अध्ययन िरना शोध िी महत्ता िो स्पष्ट्ट िरता है। यह शोध महत्वपूर्व व गहनता िा ववर्षय है। प्रस्तुत अध्ययनए भारत िी ववदेश नीनत ि े क्षेत्र में अध्ययन िरने वाले संशोधि ववचलेर्षि तथा छात्रों िी दृजष्ट्ट से यह अथधि महत्वपूर्व है। भारत िी ववदेश नीनत ि े ननधावरर् में यह संशोधन िायव महत्वपूर्व योगदान प्रदान िरने िा महत्व रखता है। शोध ववथध प्रस्तुत शोध प्रबन्ध में मुख्यतः ऐतहामसि ववचलेर्षर्ात्मि शोध पद्थधनत िा अनुसरर् किया गया है ऐनतहामसि तथ्यों िा ववचलेष्ट्ज्ञर् िरि े ह ननष्ट्िर्षो िा ननरूपर् किया गया है इस िम में तथ्यो और उसिी वैधाननिता िो यथावत ् रखा गया है ववमभन्न सुचना ं और आाँिडों िो भी एित्र किया गया है जजससे ि ु छ सववमान्य ननष्ट्िर्षो िी वैधता िो प्रमार्र्त किया जा सि े । तथ्यों द्वारा उत्पन्न सिारात्मि एंव निारात्मि पररर्ामों िा ववचलेर्षर् िर तथ्यों ि े द्वन्दात्मिता ि े अजस्तत्व िो बनाये रखने िो प्रयास किया गया है। शोध-प्रबन्ध ि े मलए अध्यन सामग्री िई स्त्रोतों से जी गई है भारतीय संववधान से सम्बजन्धत तथ्या संववधान सभर ि े वाद-वववाद, संसद ि े वाद-वववाद, राजनेता ं ि े संस्पतर्, भसार्षर्, पत्र सरिार दस्तावेजों, शेध ननबन्धों व पूस्तिों में ब्रबखरे है जजनिा उपयोग िरते समय तथ्यों िी मौजजिता बनयो रखने िा प्रयास किया गया हैं प्रिामशत स्त्रोतों िा भी प्रयोग वस्तुपरि अध्ययन, वैज्ञाननिता, ववचलेर्षर् िी हदशा आहद ि े मलए किया गया है। पुस्तिों व पत्र-पब्रत्रिा ं िा प्रयोग िरि े अध्ययन िो मजबूत आधार देने िी िोमशश िी गई है प्रस्तुत शोध- प्रबनध में मौमलि तथा प्रिामशत दोनों प्रिार िी सामथग्रयों िा उपयोग िरते हुए अध्ययन ि े स्वतंत्र चररत्र िो बनये रखने िा प्रयास किया गया है। अध्याय-2
  • 8. अध्याय-2 दक्षक्षर् एमशया िा संजक्ष्प ्त पररचय दक्षक्षर् एमशया, एमशया महाद्वीप ि े दक्षक्षर्ी भाग िो िहा जाता है। इसे भारतीय उपमहाद्वीप ि े रूप में भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में 8 देश आते हैं। यह पजचचम एमशया, मध्य एमशया, पूवी एमशया, दक्षक्षर्-पूवी एमशया और हहंद महासागर से नघरा हुआ है। इन क्षेत्रों में िई लोग मवेशी और भेड़ पालते हैं। मवेमशयों िो दूध ि े मलए या सामान ले जाने ि े मलए इस्तेमाल किया जाता है। भारत में, मवेशी पयाववरर् ि े मलए बहुत महत्वपूर्व हैं क्योंकि खाद िर र्षिों ि े मलए एि उववरि है। दक्षक्षर् एमशया में खेती अथधि िी जाती है। यहााँ िाजू, चावल, मूंगफल , नतल और चाय िा उत्पादन अथधि होता हैं। और प्रािर नति संसाधन से यह क्षेत्र समरद्ध है। लेकिन संसाधन िा उथचत दोहन ि े मलए पयावप्त टेक्नोलॉजी िी िमी है। ये सभी देश वविाशसील देशो ि े अंतगवत आते है। दुननया ि े इस हहस्से में प्रमुख देश इस प्रिार हैं - दक्षक्षर् एमशयाई देशों ि े नाम 1. अफ़ग़ाननस्तान 2. बांग्लादेश 3. भूटान 4. भारत 5. मालद व 6. नेपाल 7. पाकिस्तान 8. श्ीलंिा
  • 9. दक्षक्षर् एमशयाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन दक्षक्षर् एमशयाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (ःै।।त्ब ्) दक्षक्षर् एमशया ि े देशो िा क्षेत्रीय सरिार संगठन है। इसि े सदस्य देश अफगाननस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालद व, नेपाल, पाकिस्तान और श्ीलंिा हैं। सािव में 2019 ति ववचव ि े क्षेत्रफल िा 3ःः, ववचव िी जनसंख्या िा 21ःः और वैजचवि अथवव्यवस्था िा 4.21ःः (न ्ःै$3.67 हरमलयन) शाममल है। सािव िी स्थापना ढािा में 8 हदसंबर 1985 िो हुई थी। इसिा सथचवालय नेपाल ि े िाठमांडू में जस्थत है। संगठन आथथवि और क्षेत्रीय एिीिरर् ि े वविास िो बढ़ावा देता है। इसने 2006 में दक्षक्षर् एमशयाई मुक्त व्यापार क्षेत्र िा शुभारंभ किया। सािव संयुक्त राष्ट्र में एि पयववेक्षि ि े रूप में स्थायी राजननयि संबंध रखता है। सािव िा उद्देचय व दक्षक्षर् एमशया ि े लोगों ि े िकयार् िो बढ़ावा देना और उनि े जीवन स्तर में सुधार लाना। व क्षेत्र में आथथवि वविास, सामाजजि प्रगनत और सांस्िर नति वविास में तेजी लाना। व दक्षक्षर् एमशया ि े देशों ि े बीच सामूहहि आत्मननभवरता िो बढ़ावा देना और मजबूत िरना। व आपसी ववचवास, समझ और एि दूसरे िी समस्या ं िी सराहना में योगदान। व आथथवि, सामाजजि, सांस्िर नति, तिनीिी और वैज्ञाननि क्षेत्रों में सकिय सहयोग और पारस्पररि सहायता िो बढ़ावा देना। व अन्य वविासशील देशों ि े साथ सहयोग िो मजबूत िरना। व सामान्य हहत ि े मामलों पर अंतरावष्ट्र य रूपों में आपस में सहयोग िो मजबूत िरना। व समान उद्देचयों ि े साथ अंतरराष्ट्र य और क्षेत्रीय संगठन ि े साथ सहयोग िरना। दक्षक्षर् एमशया िी जलवायु दक्षक्षर् एमशया िी जलवायु िो तीन मूल भंगो में ववभाजजत किया जा सिता हैः उष्ट्र्िहटबंधीय, शुष्ट्ि और समशीतोष्ट्र्। पूवोत्तर में उष्ट्र्िहटबंधीय जलवायु है। और पजचचम िी और समशीतोष्ट्र् और शुष्ट्ि जलवायु पाया जाता है। नमी और ऊ ाँ चाई में पररवतवन रेथगस्तान बनने िा िारर् होता है। थार रेथगतान भारत ि े पजचचम क्षेत्र में बड़े भाग पर फ ै ला है।
  • 10. मानसून इन क्षेत्रों िो बहुत प्रभाववत िरता है। ये हवाएं अपने साथ पानी ि े बादल लाते है। और वर्षाव िा िरते है। साल ि े 2 से 3 मह ने ति मानसून रहता है। मानसून ववशेर्ष रूप से िर वर्ष िो प्रभाववत िरता है। और इन क्षेत्रों में िर वर्ष अथधि िी जाती है। अफगाननस्तान अफगाननस्तान दक्षक्षर् एमशया में जस्थत एि देश है। अफगाननस्तान िी सीमा पूवव और दक्षक्षर् में पाकिस्तान, पजचचम में ईरान, उत्तर में तुिव मेननस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजजकिस्तान और उत्तर पूवव में चीन से लगती है। यह देश सािव संगठन िा हहस्सा हैं। अफगाननस्तान िा क्षेत्रफल 652,000 वगव किलोमीटर में फ ै ला है। िाबुल इस देश िी राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। इसिी आबाद लगभग 32 मममलयन है। अफगाननस्तान एि इस्लामी गर्राज्य है जजसमें तीन शाखाएाँ हैं, िायविार , ववधायी और न्यानयि। राष्ट्रपनत अशरफ गनी ि े साथ राष्ट्र िा नेतरत्व अध्यक्ष अमलुकलाह सालेह और उपाध्यक्ष सरवर दाननश िरते हैं। नेशनल असेंबल ववधानयिा है, एि द्ववसदनीय ननिाय हैं जजसमें दो पक्ष होते हैं। सुप्रीम िोटव िा नेतरत्व मुख्य न्यायाधीश सईद युसूफ हल म िरते है। रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ि े अनुसार, अफगाननस्तान सबसे भ्रष्ट्ट देशों िी सूची में शीर्षव पर बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र िायावलय द्वारा ड्रग्स एंड िाइम पर प्रिामशत जनवर 2010 िी एि ररपोटव से पता चला है कि ररचवतखोर राष्ट्र िी जीडीपी ि े 23ःः ि े बराबर रामश िा उपभोग िरती है। 17 मई 2020 िो, राष्ट्रपनत अशरफ गनी और अब्दुकला ि े बीच एि समझौता हुआ जजसमे यह तय हुआ गनी राष्ट्रपनत ि े रूप में अफगाननस्तान िा नेतरत्व िरेंगे, अब्दुकला तामलबान ि े साथ शांनत प्रकिया िी देखरेख िरेंगे। बांग्लादेश बांग्लादेश दक्षक्षर् एमशया िा एि देश है। यह दुननया िा आठवां सबसे अथधि आबाद वाला देश है, जहां िी आबाद 163 मममलयन लोगों से अथधि है, 147,570 वगव किलोमीटर ि े क्षेत्र में फ ै ला हुआ है। बांग्लादेश पजचचम, उत्तर और पूवव में भारत ि े साथ, दक्षक्षर्-पूवव में म्यांमार और दक्षक्षर् में बंगाल िी खाड़ी ि े साथ भूमम सीमा साझा िरता है। ढािा यहााँ िी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैं। चटगांव, सबसे बड़ा बंदरगाह और दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बांग्लादेश बंगाल क्षेत्र िा बड़ा और पूवी भाग है। यह अशोि ि े शासनिाल में एि मौयव प्रांत था। 1576 में, अमीर बंगाल सकतनत िो मुगल साम्राज्य में समाहहत िर मलया गया था। 1700 ि े दशि िी शुरुआत में सम्राट औरंगजेब आलमगीर और गवनवर शाइस्ता खान िी मरत्यु ि े बाद, यह क्षेत्र बंगाल ि े नवाबों ि े अधीन हो गया।
  • 11. 1757 में प्लासी िी लड़ाई में ब्रिहटश ईस्ट इंडडया ि ं पनी द्वारा बंगाल ि े अंनतम नवाब सरज उद-दौला िो हराया गया और 1793 ति पूरा क्षेत्र ि ं पनी ि े शासन में आ गया। भूटान भूटान पूवी हहमालय में जस्थत एि भूमम से नघरा देश है। इसिी सीमा उत्तर में चीन और दक्षक्षर् में भारत से लगती है। नेपाल और बांग्लादेश भूटान िी ननिट जस्थत हैं, लेकिन सीमा साझा नह ं िरते हैं। देश िी आबाद 754,000 से अथधि है और इसिा क्षेत्रफल 38,394 वगव किलोमीटर है जो भूमम क्षेत्र ि े मामले में 133 वें स्थान पर है। भूटान राज्य बौद्ध धमव ि े साथ एि संवैधाननि राजतंत्र है। भूटानी हहमालय में, समुि तल से 7,000 मीटर से ऊ ं ची चोहटयााँ हैं। गंगखर पुएनसम भूटान िी सबसे ऊ ं ची चोट है। भूटान िा वन्य जीवन अपनी ववववधता ि े मलए उकलेखनीय है, जजसमें हहमालयन ताकिन भी शाममल है। भूटान िा सबसे बड़ा शहर राजधानी थथम्फ ू है। भारत भारत दुननया िा दूसरा सबसे अथधि आबाद वाला देश है, भूमम क्षेत्र द्वारा सातवां सबसे बड़ा देश है, और दुननया में सबसे अथधि आबाद वाला लोितंत्र है। दक्षक्षर् में हहंद महासागर, दक्षक्षर्-पजचचम में अरब सागर, और दक्षक्षर्-पूवव में बंगाल िी खाड़ी से नघरा हैं। यह पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार ि े साथ भूमम मसमा साझा िरता है। हहंद महासागर में, श्ीलंिा और मालद व भारत ि े समीपवती देश है। भारत दुननया िा सबसे अथधि जनसंख्या वाला लोितंत्र है। एि बहुदल य प्रर्ाल ि े साथ एि संसद य गर्तंत्र देश है। भारत में आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्र य दल हैं, जजनमें भारतीय राष्ट्र य िांग्रेस और भारतीय जनता पाटी (भाजपा) प्रमुख हैं। 1950 से 1980 ि े दशि ि े अंत में, िांग्रेस ि े पास संसद में बहुमत था। भारत गर्राज्य ि े पहले तीन आम चुनावों में, 1951, 1957 और 1962 में, जवाहरलाल नेहरू ि े नेतरत्व वाल िांग्रेस ने आसान जीत हामसल िी। 1964 में नेहरू िी मरत्यु पर, लाल बहादुर शास्त्री संक्षक्षप्त प्रधानमंत्री बने; 1966 में उनिी अप्रत्यामशत मौत ि े बाद, नेहरू िी बेट इंहदरा गांधी 1967 और 1971 में िांग्रेस िो चुनावी जीत हदलाने में सफल रह ं। मालद व मालद व हहंद महासागर में जस्थत दक्षक्षर् एमशया िा एि छोटा सा द्वीपसमूह है। यह एमशयाई महाद्वीप िी मुख्य भूमम से लगभग 700 किलोमीटर दूर श्ीलंिा और भारत ि े दक्षक्षर्-पजचचम में जस्थत है। लगभग 298 वगव किलोमीटर क्षेत्र में फ ै ला मालद व सबसे छोटा एमशयाई देश है और लगभग 557,426 ननवामसयों ि े साथ, एमशया िा दूसरा सबसे िम आबाद वाला देश है।
  • 12. माले यहााँ िी राजधानी और सबसे अथधि आबाद वाला शहर है, जजसे पारंपररि रूप से :किं ग्स आइलैंडः िहा जाता है, जहां प्राचीन शाह राजवंशों ने शासन किया था। नेपाल नेपाल दक्षक्षर् एमशया में एि स्थलरुद्ध (संदिसवबामि) देश है। यह मुख्य रूप से हहमालय में जस्थत है, लेकिन इसमें भारत-गंगा ि े मैदान ि े ि ु छ हहस्सों िो भी शाममल है, जो उत्तर में चीन ि े नतब्बत िी सीमा और दक्षक्षर्, पूवव और पजचचम में भारत से लगा हुआ है। नेपाल में एि ववववध भूगोल है, जजसमें उपजाऊ मैदान, पहाडड़यााँ, और माउंट एवरेस्ट, परथ्वी िा सबसे ऊ ाँ चा स्थान शाममल है। नेपाल एि बहुराष्ट्र य राज्य है, जजसिी आथधिाररि भार्षा नेपाल है। िाठमांडू देश िी राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। संसद य लोितंत्र 1951 में पेश किया गया था, लेकिन 1960 और 2005 में नेपाल सम्राटों द्वारा दो बार ननलंब्रबत िर हदया गया था। 1990 ि े दशि में और 2000 ि े दशि िी शुरुआत में नेपाल गरह युद्ध ि े िारर् 2008 में एि धमव ननरपेक्ष गर्राज्य िी स्थापना आर्खर हहंदू राजशाह िो समाप्त िर किया गया। पाकिस्तान पाकिस्तान दक्षक्षर् एमशया में जस्थत एि इस्लाममि गर्राज्य है। यह दुननया िा पांचवां सबसे अथधि आबाद वाला देश है, जजसिी जनसंख्या 212.2 मममलयन से अथधि है, और दुननया िी दूसर सबसे बड़ी मुजस्लम आबाद है। 881,913 वगव किलोमीटर में फ ै ले क्षेत्रफल ि े हहसाब से पाकिस्तान 33 वां सबसे बड़ा देश है। इसि े दक्षक्षर् में अरब सागर और मान िी खाड़ी और पूवव में भारत, पजचचम में अफगाननस्तान, दक्षक्षर्-पजचचम में ईरान और उत्तर-पूवव में चीन से इसिी मसमा लगती है। यह उत्तर-पजचचम में अफगाननस्तान ि े वखान िॉररडोर द्वारा ताजजकिस्तान से संिीर्व रूप से अलग है, और मान ि े साथ एि समुि सीमा भी साझा िरता है। पाकिस्तान िई प्राचीन संस्िर नतयों िा घर रहा है जजसमे मेहरगढ़ िी 8,500 वर्षीय नवपार्षार् स्थल हैं। जो मसंधु घाट िी सभ्यता ं में सबसे व्यापि है। पाकिस्तान िा क्षेत्र साम्राज्यों और राजवंशों िा क्षेत्र था। श्ीलंिा श्ीलंिा जजसे पहले सीलोन ि े नाम से जाना जाता था। श्ीलंिा एि लोितांब्रत्रि समाजवाद गर्राज्य हैं। यह देश दक्षक्षर् एमशया िा द्वीप देश है। यह हहंद महासागर, बंगाल िी खाड़ी ि े दक्षक्षर्-पजचचम और अरब सागर ि े दक्षक्षर्- पूवव में जस्थत है। मन्नार िी खाड़ी और पाि जलडमरूमध्य द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप से अलग हैं। श्ी जयवधवनेपुरा िोट्टे इसिी ववधायी राजधानी है, और िोलंबो इसिा सबसे बड़ा शहर और ववत्तीय ि ें ि है।
  • 13. श्ीलंिा िा प्रलेर्खत इनतहास 3000 साल पुराना है, जजसमें िम से िम 125,000 साल पहले िी प्रागैनतहामसि मानव बजस्तयों ि े प्रमार् हैं। इसिी एि समरद्ध सांस्िर नति ववरासत है, और श्ीलंिा िा पहला ज्ञात बौद्ध लेखन, पाल ि ै नन, 29 ईसा पूवव में चौथी बौद्ध पररर्षद िी तार ख है। अध्याय-3 अध्याय-3 भारत ि े पड़ोसी राचरों ि े मध्य सम्बन्ध भारत एवं पाकिस्तान भारत ि े साथ पाकिस्तान ि े सम्बन्धों िो इन दोनों राष्ट्रों िी उत्पवत्त ि े समय से ह संतोर्षजनि भी िह पाना सम्भव नह ं रहा है। िभी िभी आशा िी एि क्षीर् किरर् प्रिामशत होती है। परन्तु शीघ्र ह वह घने िाले बादलों से आच्छाहदत हो जाती है ये तनावपूर्व सम्बन्ध आत्मपरि तथा वस्तुपरि दोनों ह िारर्ों ि े पररर्ाम रहे हैं। वस्तुपरि िारर्ों ि े अन्तगवत दोनों देशों ि े अपने-अपने हहत सजम्ममलत है, जो एि दूसरे ि े ववपर त है और जजनि े लक्ष्य एि दूसरे से असंगत है। दोनों ह देशों ि े वस्तुपरि रूप िारर्ों में पररभावर्षत लक्ष्यों ि े अन्तगवत सुरक्षा एवं प्रादेमशि अखण्डता जनता ि े आथथवि हहत तथा अमभजात्य वगव िी अनुभूनत द्वारा सरजजत राष्ट्र य सम्मान आहद सजम्ममलत है। आत्मपरि िारर् मनोवैज्ञाननि एवं सामाजजि है अथवा जैसा कि गालतुंग महोदय ने इंथगत किया है। “आत्मपरि िारर् पररभावर्षत मूकय है। दोनों ह देशों ने सुरक्षा िी तलाश में सम्मान िकयार् तथा स्वयं िी पहचान बनाये रखने ि े मलये ऐसी नीनतयों िा अनुसरर् किया जजन्होंने उनि े मध्य संघर्षव िो जन्म हदया। पाकिस्तान तथा भारत ि े मध्य सम्बन्ध संघर्षव से समझौतों िी र एवं समझौतों से संघर्षव िी र उन्मुख होते रहे परन्तु उन सम्बन्धों ने मुजचिल से ह िभी एि दूसरे ि े बीच सहयोग िा रूप प्राप्त किया। लगभग संघर्षव िी जस्थनत सदैव उनि े सम्बन्धों पर हावी रह । ऐसी संघर्षावत्मि जस्थनत पक्षिारों ि े मध्य भौनति या गम्भीर टिराव ि े रूप में एि-दूसरे पर भौनति आथधपत्य प्राप्त िरने ि े मलये ववद्यमान हो सिती है अथवा अन्तरावष्ट्र य स्तर पर एि राष्ट्र ि े द्वारा अपनाई गयी नीनत िो दूसरे ि े मनवाने ि े रूप में। परन्तु संघर्षव िा सदा गम्भीर होना आवचयि नह ं है। ि ु छ ववद्वानों ने संघर्षव िी जस्थनत िो लाभप्रद ननरूवपत किया है क्योंकि यह सीखने िी प्रकिया में सहायि मसद्ध होता है। परन्तु यह सब िष्ट्टिर अथवा ववनाशि बन जाता है। जब यह ननयंत्रर् िी सीमा ं िो लााँघ जाता है और ‘‘सीखने िी प्रकिया िो दूवर्षत िरने लगता है। भारत ववभाजन से जब दो राष्ट्र भारत और पाकिस्तान बने तो उनि े मध्य जो सीमायें बनी ये िोई प्रािर नति सीमाएाँ नह थी मानव ननममवत इन सीमा रेखा ं ि े िारर् उनि े रेखांिन एवं कियान्वयन िी समस्या सदा बनी रह जजसने भारत-पाि ि े मध्य सीमा वववाद िी समस्या िो जन्म हदया।
  • 14. प्रधानमंत्री श्ी राजीव गााँधी ि े प्रधानमंब्रत्रत्व िाल में भारत-पाि ि े मध्य िटुता बनाये रखने वाले वववादों में एि र जहााँ प्रमुख वववाद िचमीर, मसयाथचन ग्लेमशयर, दुलरझील पररयोजना ि े अन्तगवत वुलर बााँध िो लेिर था तो दूसर र पंजाब समस्या, आर्ववि वविास िायविम तथा दोनों ि े सैन्य प्रदशवन उनिो पास आने से रोि े रहे और उनि े सम्बन्धों में िटुता िा ववर्ष घोलते रहे थे। यद्यवप 1971में भारत-पाि युद्ध से उपजे अनेि िडुवाहट ि े िारर्ों, जैसे- वास्तववि ननयंत्रर् रेखा ननधावरर्, एि-दूसरे ि े क्षेत्रों से वापसी, युद्ध बजन्दयों िा प्रत्यावतवन, बांग्लादेश िो मान्यता तथा ब्रबहाररयों िा पुनस्थावपन, हवाई उड़ानों, यातायात एवं संचार माध्यमों तथा व्यवसानयि सम्बन्धों िो पुनस्थावपन आहद से भारत-पाि सम्बन्धों में दरार पड़ी परन्तु समय बीतने ि े साथ ह इन सब मसलों िो उनि े द्वारा शाजन्तपूर्व साधनों से ननपटा मलया गया। परन्तु ि ु छ आज भी उनि े मध्य िडुवाहट िा िारर् बने हुए हैं और उनि े सम्बन्धों िो प्रभाववत िर रहे हैं। उन पर यहााँ ववचार िरना उथचत होगा। 1. िचमीर वववाद ःंर्् मसयाथचन हहमनद (ग्लेमशयर) वववाद इर्् बुलर बााँध 2. सांस्िर नति सम्बन्धों िी समीक्षा 3. व्यापार और वार्र्ज्य ि े क्षेत्र में भारत-पाि सम्बन्ध ःंर्् संयुक्त आयोग : 4. िचमीर तथा मसयाथचन ि े सम्बन्ध में वातावएंः 5. आन्तररि मामलों में हस्तक्षेप 6. असुरक्षा िी भावना 7. पंजाब तथा जम्मू िचमीर मे आतंिवाद गनतववथधयों मे पाकिस्तान िी भूममिा ःंर्् पंजाब िी आतंिवाद गनतववथध ं मे पाकिस्तान िी भूममिा इर्् िचमीर िी आतंिवाद गनतववथधयों मे पाकिस्तान िी भूममिा भारत एवं श्ीलंिा श्ीलंिा, भारत ि े दक्षक्षर् में चारो र सागर से नघरा हुआ एि गर्राज्य है। यह हहन्द महासागर में जस्थत है और इसिा ि ु ल क्षेत्र 25.332 वगवमील है। 1 िरोड़ 50 लाख से ऊपर िी जनसंख्या में लगभग 64 प्रनतशत जनता बौद्ध धमव में ववचवास िरती है, 14 प्रनतशत हहन्दू धमाववलम्बी है 9 प्रनतशत ईसाई, 6 प्रनतशत इस्लाम में ववचवास िरने वाले और शेर्ष िा अन्य धमों से सम्बन्ध है। श्ीलंिा ि े लगभग 15 प्रनतशत ननवासी तममल भार्षी है और
  • 15. शेर्ष भार्षा बोलते हैं। ऐसा ववचवास किया जाता है कि 543 ईसा पूवव भारत ि े गांगेय प्रदेश से आिर लोग श्ीलंिा में बस गये थे। सोलहवीं शताब्द में पुतवगाल यहााँ आये और उन्होंने अपने उपननवेश िो स्थावपत किया। सन ् 1958 में पुतवगामलयों िो हालैण्ड वामसयों ने पराजजत िरि े अपना शासन स्थावपत िर मलया। अंग्रेजों ने डचों से 1976 में सत्ता छीन ल और 1802 में श्ीलंिा िो साम्राज्य िा उपननवेश घोवर्षत िर हदया। लगभग डेढ़ सौ वर्षव अंग्रेजों ि े आधीन रहने ि े पचचात ् श्ीलंिा िो 4 फरवर , 1948 िो स्वतंत्रता प्राप्त हुई। भारत उससे लगभग 6 माह पूवव ह स्वाधीन हुआ था। भारत िी भााँनत श्ीलंिा भी राष्ट्रमण्डल (ब्वउउवद ःूमंसजी) िो सदस्य है। उसने भी ब्रिहटश राजा से सम्बन्ध ववच्छेद िरि े स्वयं िो गर्तंत्र घोवर्षत किया। भारत िी ह भााँनत श्ीलंिा भी गुट ननरपेक्ष तथा शाजन्तपूर्व सह-अजस्तत्व िी नीनतयों में ववचवास िरता है। श्ीलंिा गुट-ननरपेक्ष आन्दोलन ि े प्रारम्भ (1961) से ह इसिा सकिय सदस्य देश है। छः अन्य देशों ि े साथ-साथ श्ीलंिा दक्षक्षर् एमशयाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सािव ) िा भी संस्थापि सदस्य है। भारत िी ह भााँनत श्ीलंिा िी भी संयुक्त राष्ट्र और ववचव शाजन्त में पूर आस्था है। इस प्रिार भारत और इस दक्षक्षर्ी पड़ोसी में इतनी समानतायें हैं कि यह सोचना भी िहठन है कि दोनों में िभी िोई तनाव या संघर्षव भी हो सिता है। परन्तु संघर्षव तो किन्ह ं भी दो देशों ि े सम्बन्धों में उत्पन्न हो ह सिते हैं। प्रयास यह िरना चाहहए कि गम्भीर वववादों से बचा जा सि े । भारत और श्ीलंिा ि े पारस्पररि सम्बन्ध प्रायः ममत्रतापूर्व और सौहािवमय रहे हैं। कफर भी िभी-िभी जातीय तनाव (मसजीपब जमदेपवद) उत्पन्न होते रहे हैं। तनाव प्रायः मसंहल तथा भारतीय मूल ि े तममल लोगों ि े मध्य उत्पन्न हुए हैं। प्रायः छोटे देशों िो अपने बड़े पड़ोसी देशों िी र से शंिा बनी रहती है। परन्तु भारत ने िभी भी एि प्रभुत्वशाल बड़े पड़ोसी िी भूममिा ननभाने िा प्रयास नह ं किया है। भारत िी पड़ोसी देशों ि े प्रनत नीनत सदा ह ममत्रता िी रह है। जातीय संघर्षव ि े रहते भी भारत ने िभी भी अपनी इच्छा श्ीलंिा पर थोपने िा प्रयास नह ं किया। श्ीलंिा अन्य वविासशील देशों िी तरह ह गुट ननरपेक्षता िी नीनत िा पालन िरता है। स्वतंत्रता ि े उपरान्त श्ीलंिा ि े प्रथम प्रधानमंत्री डी० एस० सेनानायि े ने स्पष्ट्ट िहा था कि उनिा देश किसी भी शजक्त गुट में शाममल नह ं होगा। वह शाजन्त में ववचवास रखता है और जहााँ भी शजक्त िी राजनीनत िा प्रचन होगा वह मध्यम मागव िा अनुसरर् िरेगा। श्ीलंिा िो हहन्द महासागर जस्थत एि बड़े द्वीप ि े रूप में अपनी रर्नीनति जस्थनत िा पूर्व आभास है। श्ी सेनानायि े िा यह ववचवास था कि नये उभरते वविासशील देशों ि े मलये साम्यवाद एि गम्भीर खतरा हो सिता था। श्ीलंिा स्वयं अपनी अखण्डता और सुरक्षा सुननजचचत नह ं िर सिता था। अतः उसने 1948 में ह ब्रबरेन ि े साथ सुरक्षा सजन्ध में हस्ताक्षर किये। उसि े आधीन श्ीलंिा ने िाकमो तथा ब्रत्रंिोनेल में ब्रिहटश सैननि अड्डे स्थावपत िरने िी अनुमनत द थी। सेनानायि े ि े उत्तराथधिार सरजॉन फोते लागला भी अथधि साम्यवाद ववरोधी थे और उन्होंने पजचचमी ि े साथ मैत्री पर बल हदया। सरजॉन सभी साम्यवाद ववरोधी शजक्तयों ि े साथ सहयोग िरने िो तैयार थे। उन्होंने साम्राज्यवाद िा ववरोध किया और िहा कि पूवी यूरोप में साम्यवाद िा प्रस्ताव भी उतना ह हाननिारि था। जजतना साम्राज्यवाद किसी और रूप में हो सिता था। सोलोमन भण्डारनायि े जो 1956 में प्रधानमंत्री बने। गुट ननरपेक्षता िी नेहरू-नीनत ि े अथधि ननिट थे। वह न तो पजचचम समथवि थे न पूवव ि े समथवि उन्होंने श्ीलंिा जस्थत ब्रिहटश सैननि अड्डो िो समाप्त िरवाया। प्रधानमंत्री भण्डार नायि े िी
  • 16. 1959 में हत्या िर द गयी। अकपिाल न मध्यान्तर ि े पचचात ् उसिी पत्नी श्ीमती मसररमावो भण्डारनायि े 1980 में प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुई। अगले 35 वर्षव से अथधि ति भण्डारनायि े पररवार ने श्ीलंिा िी राजनीनत में महत्वपूर्व योगदान हदया - चाहे वे सत्ता में रहें या ववपक्ष में भारत-चीन युद्ध (1962) ि े पचचात ् श्ीमती भण्डारनायि े ने मध्यस्थस्ता िरने ि े प्रयास किये। उन्होंने िई अन्य गुट ननरपेक्ष देशों िो आमंब्रत्रत िरि े , िोलम्बो प्रस्ताव तैयार किये। परन्तु चीन िो वे स्वीिायव नह ं थे। भारत-चीन वववाद तथा इण्डोनेमशया मलेमशया वववाद में श्ीलंिा सामान्य रूप से तटस्थ रहा। गुट ननरपेक्ष आन्दोलन िा 1976 मशखर सम्मेलन प्रधानमंत्री मसररमायो िी अध्यक्षता में िोलम्बों में हुआ। उन्होंने सभी राष्ट्रों िी सम्प्रभु समानता पर आधाररत एि नई ववचव व्यवस्था िा आह्वान किया। 1977 में जे० आर० जयवधवने िी ववजय ि े साथ ह श्ीलंिा िी राजनीनत में एि नये युग िा आरम्भ हुआ जयवद्वधने अनेि वर्षों ति प्रधानमंत्री और कफर राष्ट्रपनत रहे। इनि े शासनिाल में श्ीलंिा िा झुिाव प्रायः संयुक्त राज्य अमेररिा िी र रहा। 1. तममल मूल ि े लोगों िी समस्या ःंर्् नेहरू िोटेलावाला समझौता(1953) इर्् शास्त्री-सीररमावो समझौता 2. िच्चातीवु वववाद 3. वामपंथी वविोह तथा बांग्लादेश िा संिट 4. भारत श्ीलंिा आथथवि सहयोग 5. जातीय संघर्षव 6. भारत व श्ी लंिा ि े मध्य ऐनतहामसि समझौता भारत एवं बांग्लादेशः जनसंख्या िी दृजष्ट्ट से बांग्लादेश संसार िा आठवी सबसे बड़ा देश है। इसिा ि ु ल क्षेत्रफल 1.39, 523 वगव किलोमीटर है। बांग्लादेश िा जन्म हदसम्बर 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान िी पराजय िा प्रत्यक्ष पररर्ाम था। तत्िाल न पूवी पाकिस्तान (जो अब बांग्लादेश है) में पाकिस्तानी सेना ि े सेनापनत से० जनरल ननयाजी ने भारतीय सेना िो पूवी िमान ि े सेनापनत ले० जनरल जगजीत मसंह अरोड़ा ि े सम्मुख ब्रबना शतव आत्मसमपवर् िरि े पाकिस्तान िी पराजय स्वीिार िी थी। हदसम्बर 1971 िा युद्ध, पाकिस्तान ि े आतंिवाद शासन ि े ववरुद्ध बांग्लादेशी वविोह िी चरम सीमा िा ननदेशन था। यह वविोह माचव 1971 में तत्िाल न पूवी
  • 17. पाकिस्तान में आरम्भ हुआ था, क्योंकि प्रान्त ि े सबसे लोिवप्रय नेता शेख मुजीबुरवहमान िो बंद बनािर पजचचमी पाकिस्तान िी एि जेल में डाल हदया गया था। पूवी पाकिस्तान िी जनता ि े स्वतंत्रता ि े मलये संघर्षव में भारत िी पूर सहानुभूनत उनि े साथ थी। 1 माचव, 1971 में वविोह आरम्भ होने ि े साथ ह , बांग्लादेश में एि अन्तररम सरिार िी स्थापना िी गई थी। परन्तु भारत ने उसे उस समय मान्यता प्रदान नह ं िी क्योंकि यह हो सिता था कि इस मान्यता िो बहाना बनािर पाकिस्तान भारत ि े ववरुद्ध युद्ध आरम्भ िर देता परन्तु जब हदसम्बर 1971 िो बांग्लादेश ि े प्रचन पर, भारत-पाि युद्ध आरम्भ हो ह गया. तब भारत ने 6 हदसम्बर 1971 िो बांग्लादेश िो एि स्वतंत्र देश ि े रूप में मान्यता प्रदान िर द । पाकिस्तान ने 16 हदसम्बर िो अपनी पराजय स्वीिार िरते हुए आत्म-समपवर् िर हदया। तेरह हदन ि े 1971 ि े भारत-पाि युद्ध में लगभग 20,000 भारतीय जवान वीरगनत िो प्राप्त हुए। बांग्लादेश ि े उदभव िो इस उपमहाद्वीप िी एि महत्वपूर्व घटना बताया गया। बांग्लादेश िी जनता ि े मलये यह आतंिवाद और नतना िा अन्त और देश ि े स्वतंत्र अजस्तत्व िी ननचचयात्मि घोर्षर्ा थी। भारत ि े मलये यह लोितांब्रत्रि समाजवाद और धमवननरपेक्षता िी ववजय मानी जा सिती थी। माचव व हदसम्बर 1971 ि े बीच िी अवथध में भारत िो एि ववथचत्र जस्थनत िा सामना पड़ा। जन लगभग एि िरोड़ यातना-पीडडत बांग्लादेशी शरर्ाथी भारत आ गये इन शरर्ाथथवयों ने वापस पाकिस्तान जाने से इंिार िर हदया और प्रधानमंत्री श्ीमती इजन्दरा गााँधी द्वारा किये गये समस्त प्रयास असफल गये थे। भारत ि े इन प्रयासों िा उद्देचय पूवी पाकिस्तान िी समस्या शाजन्तपूर्व समाधान िरना था। पाकिस्तान ि े सैननि राष्ट्रपनत याह्या खााँ ने युद्ध िा मागव चुना और सोचा कि ववजय उनिी होगी। वास्तव में हुआ इसि े ववपर त ववजय भारत िी हुई, पाकिस्तान िी पराजय हुई और याहया खााँ द्वारा पद त्याग िर जुजकफिार अल भुट्टो िो सत्ता सौंपनी पड़ी। स्वतंत्रता बांग्लादेश जन्म ि े साथ ह शेर्ष पाकिस्तान में भुट्टो ि े हाथ में सत्ता आ गई। 10 हदसम्बर 1971 श्ीमती इजन्दरा गााँधी और बांग्लादेश ि े िायववाहि राष्ट्रपनत नजरुल इस्लाम ि े द्वारा भारत बांग्लादेश संथध पर हस्ताक्षर किये गये, इस संथध में यह व्यवस्था िी गई कि बांग्लादेश िो पाकिस्तान से स्वतंत्र िरवाने ि े मलये एि भारतीय सेनापनत ि े आधीन संयुक्त भारत-मुजक्तवाहहनी िमान स्थावपत िी जायेगी। भारत ने यह वचन हदया कि जैसे ह बांग्लादेश में सामान्य जस्थनत बहाल होगी। भारतीय सैननि स्वदेश लौट आयेंगें। भारत ने बांग्लादेश िी प्रादेमशि अखण्डता सुरक्षा िा वचन हदया और यह आचवासन हदया कि नये बांग्लादेश राज्य ि े आथथवि पुनः ननमावर् ि े मलये आथथवि सहायता उपलब्ध िराई जायेगी। भारत से बांग्लादेशी शरर्ाथथवयों िी वापसी िा िायविम भी ननधावररत किया गया। भारत ने प्रमुख देशों, जैसे अमेररिा से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान पर दबाव डालिर शेख मुजीबुरवहमान िो पाकिस्तानी जेल से स्वतंत्र िरवाएाँ अन्ततः शेख मुजीबुरवहमान िो 9 जनवर 1972 िो जेल से मुक्त किया गया और 10 जनवर िो स्वदेश जाते हुए वह हदकल पहुंचे। यहााँ उनिा भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने भारत िा हाहदवि धन्यवाद हदया। ववशेर्षिर उन बमलदानों ि े मलये जो बांग्लादेश िी स्वतंत्रता ि े मलये भारतीय वीरों ने हदये थे। ढािा जािर उन्होंने औपचाररि रूप से बांग्लादेश ि े प्रधानमंत्री िा पद भार संभाल मलया। उसि े पचचात ् भारत ने उन्हें एि राजिीय यात्रा ि े मलये आमंब्रत्रत किया शेख मुजीब ने 16-18 फरवर , 1972 िो िलित्ता िी यात्रा िी, जहााँ प्रधानमंत्री इजन्दरा गााँधी साथ उनिी औपचाररि वाताव हुई। दोनों प्रधानमंब्रत्रयों ने यह घोर्षर्ा िी कि ‘‘भारत