13. क
ु मारगु,
• जीिवतगु( kथम का पु;
• kथम सवKkभु€ : :तं; राजा
• वं श का वािवक सं Mापक
• गु( साuाA का अंत
• साuाA िवार कL शू‚वात
• मौखरी वं श से श;ुता कL शुƒवात (क
ु मारगु( x ईशानवमाK)
• िनहाररंजन राय, R॰ मुखज% युw म= पराजय
• अफसढ़ अ6भलेख क
े अनुसार kयाग म= आ…दाह (अि†kवेश)
• काल: ईसवी सन ५४०-५६०
14. परवत) गु, एवं मौखरी संघषA
1. दोनो वं श :तं;
2. मौखरी राजा ईशानवमाK :तं; एवं साuाAवादी
3. दोनो राAों कL सीमाओं का टकराव
4. मैि;पूणK संबं ध का अंत एवं श;ुता कL शुƒवात
5. अफसढ़ अ6भलेख क
े अनुसार क
ु मारगु( ने मौखरी क
े समु}ƒपी
सेना का मंथन िकया
6. रायचौधरी: क
ु मारगु( ने ईशानवमाK को परा6जत िकया
7. संभवतः मौखरी राजा ईशानवमाK युw म= मारा गया
8. मुखज% एवं िनहार र॰राय: क
ु मारगु( युw म= हार गया इसी6लए
kयागराज म= आ…दाह िकया।
9. राजवं त राय: क
ु मारगु( युw म= हार गया एवं मौखरी वं श का सामंत
हो गया।
15. दामोदरगु,
• क
ु मारगु( का पु;
• मौखcरयों से िनरंतर युw
• मौखcरयों से परा6जत ?
• अ6भलेखों म= “नृप” उˆेख
• मौखcरयों का सामंत ?
• मालवा yे; म= शासन
• अफसढ़ अ6भलेख क
े दामोदरगु( ने ‰ाŠणों को दान िदया एवं
आ6थKक सहयोग िकया।
17. महासेनगु, कL युM गितिव7धयाँ
• अफसढ अ6भलेख:
• योwा
1. कामƒप, आसाम क
े राजा सुlMतवमKन को परा6जत िकया
2. ‰पु; नदी क
े िकनारे तक उसकL ुितगीत गाए जा रहे
थे।
• चटोपााय : महासेनगु( ने कामƒप (आसाम) मौखcरयों
क
े सामं त हो परा6जत िकया
18. देवगु,
• अफसढ अ6भलेख म= देवगु( का नाम नही।
• हषKचcरत एवं मधुबन ताuप; क
े अनुसार महासेनगु( एवं माधवसेन
क
े बीच देवगु( नामक एक राजा ‘आ था।
• देवगु( का उˆेख हषK क
े मधुबन एवं बांसखेड़ा अ6भलेख म= ‘आ
है।
• हषKचcरत म= वणKन है कL “एक मालव राजा ने हषK वधKन क
े बहनोई
गृहवमKन को धोक
े से मार डाला”।
• दांडेकर, मजूमदार एवं रायचौधरी देवगु( को ही मालव का राजा
मानते है।
• राAवधKन क
े hारा परा6जत
19. माधवगु,
• हषK का 6म;
• हषKचcरत: माधवगु( ने अपनी बा“ावMा हषKवधKन क
े साथ
थाने”र म= िबतायी
• हषK ने माधवगु( को सामंत िनयुv िकया
• एवं माधवगु( को मगध का राजा बनाया
• हषKवधKन क
े मृ[ु क
े बाद मगध का :तं; राजा ‘आ
• साuाA िवार नही
• शांितपूणK शासन
• कालOम: ईसवी सन ६४७-६५०
20. आिदQसेन
• माधवगु( का पु;
• गु( वं श क
े गौरव कL पुनः Mापना
• कालOम: ईसवी सन ६४८-६७६
• –ोत: अफसढ़ अ6भलेख, शाहपुर अ6भलेख, मंदार पहाड़ी का
अ6भलेख , देवगड अ6भलेख
• हषK कL मृ[ु का लाभ पाकर िवजयी अ6भयान
• उपा6ध: परम भaारक महाराजाधीराज, पृl—पती
• सुवणK 6स˜ों का आर™
• लोक क“ाणकारी राजा : मं िदरो का िनमाKण, जलाशयों का िनमाKण,
21. आिदQसेन का साRाS िव"ार
• अफसढ़ अ6भलेख: उš
ृ › योwा, कई युwों का संचालन
• कामƒप नरेश भाœरवमKन क
े कारण पूव% yे; म= kितबं ध
• भाœरवमKन क
े मृ[ु पz{ात पूव% भारत क
े गौड़ एवं बं गाल
yे; म= िवार
• पूव% भारत क
े बड़े yे; म= साuाA
• अ”मेध य
22. देवगु,, िव<ुगु, एवं जीिवतगु, िTतीय
• देवगुA II
1. आिदOसेन का पु<
2. सकलोVरापथ नाथ
• िवXुगुA
1. देव-बनाHक अ,भलेख क
े अनुसार
2. परम भYारक महाराजा,धराज परमेZर
• जीिवतगुA ि[तीय
1. परवत गुA शासकों का अंितम स]ाट
2. बं गाल क
े गौड़ा,धपितयों से परा,जत ?
3. यशोवमHन [ारा परा,जत ?
4. राजवं श का अंत
23. परवत) गु,ों का समालोचन
1. मौखcरयों क
े साथ मैि;पूणK सVW
2. मौखcरयों क
े साथ वैवािहक सVW
3. साuाAवादी नीित क
े उपरांत सतत संघषK
4. पुŒभूित वं श से मैि;पूणK सVW एवं वैवािहक सVW
• लोक क“ाणकारी कायK
1. 6संचाई क
े 6लए बांधो का िनमाKण
2. आिद[सेन ने बौw िवहार एवं मंिदर का िनमाKण िकया
3. परवत% गु( शासकों ने सूयK मंिदर (देव वणाKक अ6भलेख) एवं
िवqु मंिदर (मं दार अ6भलेख) का िनमाKण िकया।