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जैन धर्म र्म म े ईश्वरवाद
प्रस्तुतकर्तार्म - प्रकर्ाश छाबडा
क्या भगवान जन्म  से होते हैं ?
✣नही
✣क्या बालकर् जन्म  से वकर्ील, जज होता हैं?
✣नही
✣भगवान पुरुषाथ र्म कर्रकर्र बनते हैं
ईश्वर (देव)
जैन धर्म मे ईश्वरवाद
Significance of the sequence
of these 3 qualities
✣Why I is Vitragi
✣And then Sarvagya
✣And then Hitopdesi
वीतरागता की आवश्यकता
✣द्वेष के सद्‍भाव से दुखी
✣राग के सद्‍भाव से दुखी
✣अनेक दोषों की उत्पत्तित
✣सुख का अभाव
सवर्वज्ञता की आवश्यकता
✣जानने की िजज्ञासा से दुख
✣अपत्तने नाश का प्रतितसमय भय
✣उपत्तदेश देना असंभव
िहितोपत्तदेिशता की आवश्यकता
✣जीवों के िलिये अकायर्वकारी
✣मोक्ष व मोक्षमागर्व असंभव
आगम से िविविविवध उदाहरण
✣“मोक्षमागर्गस्य नेतारं , भेत्तारं कर्मर्ग भूभतां,
ृ
ज्ञातारं िविवश्व तत्त्विवानां, विवन्दे ‍तद्‍गुण लब्धये॥”
✣“िजिसने राग द्वेष कर्ामािदकर्, जिीते सब जिग
जिान िलया ।सब जिीविवों कर्ो मोक्षमागर्ग कर्ा,
िनस्पृह हो उपदेश िदया ॥”
✣“विवीतराग सविवर्गज्ञ िहतंकर्र, भिविवजिन कर्ी अब
पुरो आस”
अपनी प्रयोजिन िसिद
✣सम्यग्दशर्गन कर्ी प्रािप
✣पिरणामॊं मे िनमर्गलता / सरलता
✣सच्चे सुख कर्ी प्रािप कर्ा उपाय
✣कर्ुगित में जिाने से बचना
True / False
✣जिो हमारी मनोकर्ामना पूरी कर्र दे, विवह देविव है ।
✣जिो हमारी पूजिा से प्रसन्न हो जिाये, विवह देविव है ।
✣जिो exam में pass कर्रा दे, विवह देविव है ।
✣िजिससे हमें हमेशा डर लगा रहे, विवह देविव है ।
✣िजिससे हमें संसार से छू टने कर्ा रास्ता िमले, विवह देविव है।
✣जिो हमारी स्तुित कर्रने से प्रसन्न नहीं होते, विवह देविव है ।
Do we
believe in
GOD ?
GOD

✣G – Generator
✣O – Operator
✣D – Destructor
Who is our GOD

✣Our Generator is UDPAD
✣Our Destructor is Vyay
✣Our Operator is Dhrovya
If GOD doesn’t do anything for
us, then why should we pray him
✣This is not the business
✣GOD is just an inspiration for
us. He doesn’t give/take
✣Just like Sachin Tendulkar for
a cricket enthusiast
✣It’s an irony to beg things
from GOD that he himself has
renunciated
✣Like Wealth, Health  Son

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जैन धर्म मे ईश्वरवाद

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  • 2. क्या भगवान जन्म से होते हैं ? ✣नही ✣क्या बालकर् जन्म से वकर्ील, जज होता हैं? ✣नही ✣भगवान पुरुषाथ र्म कर्रकर्र बनते हैं
  • 5. Significance of the sequence of these 3 qualities ✣Why I is Vitragi ✣And then Sarvagya ✣And then Hitopdesi
  • 6. वीतरागता की आवश्यकता ✣द्वेष के सद्‍भाव से दुखी ✣राग के सद्‍भाव से दुखी ✣अनेक दोषों की उत्पत्तित ✣सुख का अभाव
  • 7. सवर्वज्ञता की आवश्यकता ✣जानने की िजज्ञासा से दुख ✣अपत्तने नाश का प्रतितसमय भय ✣उपत्तदेश देना असंभव
  • 8. िहितोपत्तदेिशता की आवश्यकता ✣जीवों के िलिये अकायर्वकारी ✣मोक्ष व मोक्षमागर्व असंभव
  • 9. आगम से िविविविवध उदाहरण ✣“मोक्षमागर्गस्य नेतारं , भेत्तारं कर्मर्ग भूभतां, ृ ज्ञातारं िविवश्व तत्त्विवानां, विवन्दे ‍तद्‍गुण लब्धये॥” ✣“िजिसने राग द्वेष कर्ामािदकर्, जिीते सब जिग जिान िलया ।सब जिीविवों कर्ो मोक्षमागर्ग कर्ा, िनस्पृह हो उपदेश िदया ॥” ✣“विवीतराग सविवर्गज्ञ िहतंकर्र, भिविवजिन कर्ी अब पुरो आस”
  • 10. अपनी प्रयोजिन िसिद ✣सम्यग्दशर्गन कर्ी प्रािप ✣पिरणामॊं मे िनमर्गलता / सरलता ✣सच्चे सुख कर्ी प्रािप कर्ा उपाय ✣कर्ुगित में जिाने से बचना
  • 11. True / False ✣जिो हमारी मनोकर्ामना पूरी कर्र दे, विवह देविव है । ✣जिो हमारी पूजिा से प्रसन्न हो जिाये, विवह देविव है । ✣जिो exam में pass कर्रा दे, विवह देविव है । ✣िजिससे हमें हमेशा डर लगा रहे, विवह देविव है । ✣िजिससे हमें संसार से छू टने कर्ा रास्ता िमले, विवह देविव है। ✣जिो हमारी स्तुित कर्रने से प्रसन्न नहीं होते, विवह देविव है ।
  • 13. GOD ✣G – Generator ✣O – Operator ✣D – Destructor
  • 14. Who is our GOD ✣Our Generator is UDPAD ✣Our Destructor is Vyay ✣Our Operator is Dhrovya
  • 15. If GOD doesn’t do anything for us, then why should we pray him ✣This is not the business ✣GOD is just an inspiration for us. He doesn’t give/take ✣Just like Sachin Tendulkar for a cricket enthusiast ✣It’s an irony to beg things from GOD that he himself has renunciated ✣Like Wealth, Health Son