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VR-08 Vrittha Rathnakaram and Narayaneeyam

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VR-08 Vrittha Rathnakaram and Narayaneeyam

Powerpoint of Day 8 Speaker : Nanda Mohan Shenoy( Contact Samskritham21@gmail.com) छन्दस् known as meter plays a very important role both in the Vedic language as well as Sanskrit Literature or Kavyas.
In this the ganas are discussed

Powerpoint of Day 8 Speaker : Nanda Mohan Shenoy( Contact Samskritham21@gmail.com) छन्दस् known as meter plays a very important role both in the Vedic language as well as Sanskrit Literature or Kavyas.
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VR-08 Vrittha Rathnakaram and Narayaneeyam

  1. 1. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB Sanskrit -21 Narayaneeyam & Vrittha Ratnakara Workshop 4.45 pm to 5.45 pm IST VR- 08 19-05-20 <1>
  2. 2. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB Homework Balance 6 vritthams Announcements Homework Day- Agenda सुखसन्तानससद्ध्यर्थं नत्वा ब्रह्माऽच्युताऽर्चितम ् । गौरीववनायकोपेतं शङ्करं लोकशङ्करम ् ॥ १.१ ॥ Agenda <2>
  3. 3. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB Yesterday’s Homework Bhajagovindam Clarification • अनुष्टुप् . • The 5th Syllable is लघु and • 6th Syllable is गुरु. • In the third stanza Pada 1 the 7th syllable is गुरु and in pada 2 it is लघु. Look at धमिक्षेत्रे कु रुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।मामकाः पाण्डवाश्चैव ककमकु वित सञ्जय।।1.1।। In case of Ramayana the said guidance of 6th Syllable is not applicable to pada 1 but applicable to rest तपस्सस्सवा्यायननरतं तपस्सवी वाग्ववदां वरम ् । Feedback <3>
  4. 4. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB I I I I I I S S S I S S I S S प्रकृ नतमहदहङ्काराश्च मात्राश्च भूता- न न म य य न्यवप हृदवप दशाक्षी ,पूरुष: पञ्चववंश: । इनत ववददतववभागो, मुच्यतेऽसौ प्रकृ त्या कवपलतनुररनत त्वं ,देवहूत्यै न्यगादी: ॥15-२॥ तृणकु तुकननववष्टा, दूरदूरं चरन्त्य: "58-1 न न म य य ननमयययुतेयं मासलनी भोर्गलोकै ः ॥ ३.८७ ॥ वृत्तः -19 छन्दस् - 15- अनतशक्वरी वृत्तः मासलनी 36-3.48% D Sloka Raga 15 10 BIHAG 45 10 KANADA 58 10 DWIJAVANTHY 63 2-5 (4) SARANGA 64 10(1) AMRITAVARSHINI 90 1(1) MOHANAM य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S ननमयययुतेयं मासलनी भोर्गलोकै ः ॥ ३.८७ ॥ 8+7 156 <4>
  5. 5. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S र ज र ज र श्रीकरं समस्सत सद्धगुणा करं परात्परं Vamanastakam Bhargavatakam Ramachandrastakam वृत्तः -19 जयनत जयनत योगी वासवी नन्दनोयं-- मासलनी छन्दस् - 15- अनतशक्वरी वृत्तः तूणका <5>
  6. 6. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB S S I S I I I S I I S I भोक्तुं वृतश्चस नृपेण परानतिशीलो त भ ज ज मन्दं जगाम यमुनां, ननयमाग्न्वधास्सयन् ॥33- ४॥ आशासु शीतलतरासु पयोदतोयै- राशाससताग्ततवववशेषु च सज्जनेषु ।॥38-२॥ अक्रू र एष भवदंनिपरग्श्चराय त्वद्धदशिनाक्षममना:, क्षक्षनतपालभीत्या ।॥72-२॥ त भ ज ज उक्ता वसन्तनतलका तभजा जगौ गः ॥ ३.७९ ॥ वृत्तः -20 छन्दस् - 14-शक्वरी वृत्तः वसन्तनतलकं 192-18.58% य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S गुगु गुगु गुगु 8+6 <6>
  7. 7. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB D Sl Raga D Sl Raga D Sl; Raga 6 10 REVATHY 30 10 BOWLI 8 2,3,4(3) AARABHI 10 10 KHARAHARA PRIYA 33 10 THODI 77 3,5,7,8,9( 5) VARALI 12 10 KEDARAGAU LA 38 10 YAMUNAKALYANI 80 1,7-11(6) HAMEERKALYANI 16 10 BEGADA 43 10 BHUPALAM 82 2,3,4(3) ATANA 17 11 KUNTHALAV ARALI 52 10 VALACHI 83 1-8(8) CHARUKESI 21 12 KADANAKUT HUHALAM 65 9 KHAMAS 89 2,8,9(3) SHANMUGHAPRIYA 23 11 KALYANI 72 12 MISRASIVARANJIN I 90 2-6,8- 11(9) MOHANAM 29 10 SYAMA Total 155 37 वृत्तः -20 Raaga छन्दस् - 14-शक्वरी वृत्तः वसन्तनतलकं 192-18.58% <7>
  8. 8. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB S S S I I I I S I S I S जातस्सय, ध्रुवकु ल एव तुङ्गकीते- म न ज र पापोऽवप,क्षक्षनततलपालनाय वेन: पौराद्धयैरुपननदहत: कठोरवीयि: । सवेभ्यो, ननजबलमेव सम्प्प्रशंसन ् भूचक्रे , तव यजनान्ययं न्यरौत्सीत ् ॥18-२॥ शापेन प्रर्र्थतजरेऽर्थ ननजिरेन्रे देवेष्वतयसुरग्जतेषु ननष्प्रभेषु । शवािद्धया: कमलजमेत्य सविदेवा ननवािणप्रभव समं भवन्तमापु: ॥२॥ म न ज र म्प्नौ ज्रौ गग्स्सत्रदशयनतः प्रहवषिणीयम् ॥ ३.७० ॥ वृत्तः -21 D Sloka Raga 18 10 27 11 77 1(1) छन्दस् 13 अनतजगती वृत्तः प्रहवषिणी 22-2.12% य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S गु गु गु 3+10 <8>
  9. 9. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB I S I S I I I I S I S I कदाचन, व्रजसशशुसभ: समं भवान् ज भ स ज वनाशने ,ववदहतमनत: प्रगेतराम ् । समावृतो, बहुतरवत्समण्डलै: सतेमनैननिरगमदीश जेमनै: ॥51-१॥ ज भ स ज चतुर्ग्िहैरनतरुर्चरा जभस्सजगाः ॥ ३.७१ ॥ वृत्तः -22 D Sloka Raga 51 10 KEERAVANI छन्दस् 13 अनतजगती वृत्तः अनतरुर्चरा 10- 0.96% य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S 4+9 गु गु गु <9>
  10. 10. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB वृत्तः समम् अधिसमम ् ववषमम् Syllable s Equal? Matra Equal? No No Matra Vrittam Yes Gana Equal? Varna Vrittam Yes Aksharam or ardha samam No Flowchart Yes <10>
  11. 11. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB 1. सान्रानन्दावबोधात्मकमनुपसमतं कालदेशावर्धभ्यां ननमुिक्तं ननत्यमुक्तं ननगमशतसहस्रेण ननभािस्सयमानम् । अस्सपष्टं दृष्टमात्रे पुनरुरुपुरुषार्थाित्मकं ब्रह्म तत्वं तत्तावद्धभानत साक्षाद्ध गुरुपवनपुरे हन्त भावयं जनानाम ् ॥ १"" is an example of 1: समम ् 2: अधिसमम ् 3: ववषमम ् 2. क्वर्चदर्थ तपनोपरागकाले, पुरर ननदधत ् कृ तवमिकामसूनू । यदुकु लमदहलावृत: सुतीर्थं समुपगतोऽसस समन्तपञ्चकाख्यम् || is an example of 1: समम ् of 12 syllables 2: अधिसमम ् where 1 and 3 are having 12 and 2 & 4 having 13 3: अधिसमम ् where 1 and 3 are having 13 and 2 & 4 having 12 पान्त्वस्समान ् पुरुहूत-वैरर-बलवन ्- मातङ्गमाद्धयद्ध-घटा-कुं भोच्चादर-ववपाटनार्धक-पटु- प्रत्येक-वज्रानयताः । श्रीमत ्- कण्ठीरवास्सय -प्रतत- सुनखरा दाररतारानत-दूर-प्र्वस्सत- ्वान्त-शान्त-प्रववतत-मनसा भाववता नाकक वृन्दैः|| is an example of padam where ( Multiple Choice) 1: all four padas are different 2: 1 and 3 are similar 3: 2 and 4 are similar 4: 1 and 2 are similar 5: 3 and 4 are similar 6: All 4 are similar <11> Day-3
  12. 12. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB Scenarios • 1 and 3 similar , 2 and 4 similar • 1 and 2 similar,3 and 4 similar • 2,3,4 similar, 1 different • 3,4,1 similar , 2 different • 1,2,4 similar , 3 different • 1,2, 3 similar, 4 different • Poll 1 is audio Kashika Stuti अधिसमम् <12>
  13. 13. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB त त ज जेजीयतां वैददकधमि एषः, ज त ज सुखाय शान्त्या ऋवषसभः प्रणीतः | ज त ज र तपग्स्सवसभवविप्रवरैः प्रवनतितः, त त ज श्रीशोऽवतीणो भुवव धमिरूपी ||१|| 1 and 4 is Indra vajra 2 is Upendra vajra 3 is Vamshastha 1st 2nd 3rd 4th Varna 11 11 12 11 Matra 18 17 18 18 इन्रवज्रा त त ज उपेन्रवज्रा ज त ज य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S गु गु गु गु गु गु वंशस्सर्थम् ज त ज र गु गु गु गु अधिसमम् <13>
  14. 14. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB I S I S I S ज र हरे तवाङ्निपङ्कजं भवापवगिमार्श्रताः| यदेष साधुहृच्छयस्सत्वयासुरः समावपतः ||7-8-51|| I I S S I S S I S I I S ववपदः सन्तु नः शश्वत्तत्र तत्र जगद्धगुरो स र र स भवतो दशिनं यत्स्सयादपुनभिवदशिनम्||1-8-25|| र त म ज वदग्न्त तत्तत्त्वववदस्सतत्त्वं यज्ञानमद्धवयम् त न स स ब्रह्मेनत परमात्मेनत भगवानननत शब्दद्धयते ||1-2-11|| य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S ल गुल गु गुगु गुगु ल गु ल गु ल गु ल गु गुगु ल गु अनुष्टुप् <14>
  15. 15. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB अग्जत ग्जतः सममनतसभः, साधुसभभिवाग्न्जतात्मसभभिवता | ववग्जतास्सतेऽवप च भजताम,कामात्मनां य आत्मदोऽनतकरुणः || 34|| तव ववभवः खलु भगव,-ञ्जगदुदयग्स्सर्थनतलयादीनन | ववश्वसृजस्सतें ऽशांशा,स्सतत्र मृषा स्सपधिग्न्त पृर्थगसभमत्या||35|| परमाणुपरममहतो,-स्सत्वमाद्धयन्तान्तरवती त्रयववधुरः| आदावन्तेऽवप च सत्त्वानां, यद्धध्रुवं तदेवान्तरालेऽवप||36|| क्षक्षत्याददसभरेष ककलावृतः, सततसभदिशगुणोत्तरैरण्डकोशः यत्र पतत्यणुकल्पः ,सहाण्डकोदटकोदटसभस्सतदनन्तः||37|| I I I I S II I I S I I S I S I S S I I S S ववषयतृषो नरपशवो ,य उपासते ववभूतीनि परं त्वाम ् तेषामासशष ईश ,तदनु ववनश्यग्न्त यर्था राजकु लम्||38|| 1st 2nd 3rd 4th 34 10 12 10 12 35 10 11 7 13 36 10 13 9 10 37 10 13 8 12 38 10 12 7 13 1st 2nd 3rd 4th 34 12 18 13 18 35 12 14 12 18 36 12 19 16 16 37 15 20 10 18 38 12 18 11 19 भागवतं 6-16 वृत्तः ववषमम् <15>
  16. 16. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB कामर्धयस्सत्वनय रर्चता, न परम रोहग्न्त यर्था करम्प्भबीजानन | ञानात्मन्यगुणमये , गुणगणतोऽस्सय द्धवन्द्धवजालानन||39|| ग्जतमग्जत तदा भवता ,यदाह भागवतं धमिमनवद्धयम ्| ननग्ष्कञ्चना ये मुनय , आत्मारामा यमुपासतेऽपवगािय ||40|| ववषममनतनि यत्र नृणां, त्वमहसमनत मम तवेनत च यदन्यत्र ववषमर्धया रर्चतो यः ,स ह्यववशुद्धधःक्षनयष्णुरधमिबहुलः||41|| कः क्षेमो ननजपरयोः ,ककयान्वार्थिः स्सवपररुहा धमेण स्सवरोहात्तव कोपः, परसम्प्पीडया च तर्थाधमिः ||42|| S I I I I I I S S I S S I I I S I I S S S न व्यसभचरनत तवेक्षा ,यया ह्यसभदहतो भागवतो धमिः I I I I I S I I S S I S I S I I S I S S S ग्स्सर्थरचरसत्त्वकदम्प्बेष्व-,पृर्थग्वधयो यमुपासते त्वायािः||43|| वृत्तः ववषमम् भागवतं 6-16 <16>
  17. 17. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB न दह भगवन्नघदटतसमदं , त्वद्धदशिनान्नृणामखखलपापक्षयः यन्नाम सकृ च्रवणात्पु,-क्कशोऽवप ववमुच्यते संसारात ् ||44|| अर्थ भगवन्वयमधुना , त्वदवलोकपररमृष्टाशयमलाः सुरऋवषणा यत्कर्र्थतं ,तावके न कर्थमन्यर्था भवनत ||45|| ववददतमनन्त समस्सतं , तव जगदात्मनो जनैररहाचररतम् ववञातयं परमगुरोः , ककयददव सववतुररव खद्धयोतैः ||46|| नमस्सतुभ्यं भगवते , सकलजगग्त्स्सर्थनतलयोदयेशाय दुरवससतात्मगतये , कु योर्गनां सभदा परमहंसाय ||47|| यं वै श्वसन्तमनु ववश्वसृजः श्वसग्न्त, यं चेककतानमनु र्चत्तय उच्चकग्न्त | भूमण्डलं सषिपायनत यस्सय मूग््नि, तस्समै नमो भगवतेऽस्सतु सहस्रमू्ने ||48|| 1st 2nd 3rd 4th 44 11 13 9 10 45 10 13 9 12 46 9 14 8 12 47 8 13 9 12 48 14 14 13 14 वृत्तः ववषमम् भागवतं 6-16 <17>
  18. 18. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB I I I I I I S I S I S S I I I I S I I S I S I S क्वर्चदर्थ तपनोपरागकाले, पुरर ननदधत् कृ तवमिकामसूनू । न न र य न ज ज र यदुकु लमदहलावृत: सुतीर्थं, समुपगतोऽसस समन्तपञ्चकाख्यम्।। 1.3 ववषम ,2,4 सम न न र य न ज ज र अयुग्ज नयुगरेफतो यकारो युग्ज च नजौ जरगाश्च पुग्ष्पतार्ग्ा ॥ ४.१० ॥ वृत्तः -23 अधिसमम् 1-3 जगती-12 2-4 अनतजगती-13 11-1.06% D Sloka Raga 84 11 NATTAKURINJI य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S गु गु <18> गु
  19. 19. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB स स ज अनय देव पुरा ककल त्वनय, स भ र स्सवयमुत्तानशये स्सतनन्धये । स स ज पररजृम्प्भणतो व्यपावृते स भ र वदने ववश्वमचष्ट वल्लवी ॥१॥ वृत्तः -24 D Sloka Raga 46 10 SARASWATHI 60 11 NILAMBARI278 अधिसमम् 21- 2.03% Not seen in vritth ratnakaram य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S गु गु ल गु <19>
  20. 20. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB I I S I I S I S I वनमेयुवष कदिमे प्रसन्ने I I S S I I S I S I S S मतसविस्सवमुपाददशन् जनन्यै । स स ज कवपलात्मक वायुमग्न्दरेश स भ र य त्वररतं त्वं पररपादह मां गदौघात् ॥14-१०॥ Not seen in vritth ratnakaram वृत्तः -25 D Sl Raga 14 10 VASANTHA 28 10 DARBARIKANADA 73 10 NATHANAMAKRIYA 88 2,3(2) NAATTAKKURINJI 279 अधिसमम् 1-3-त्रत्रष्टुप ्(11) 2-4 12जगती(12) वसन्तमासल का 32- 3.09% य I S S र S I S त S S I भ S I I ज I S I स I I S न I I I म S S S गुगु गुगु <20>
  21. 21. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB 1-उक्ता 2-अत्युक्ता 3-म्या 4-प्रनतष्ठा 5 सुप्रनतष्ठा 6-गायत्री 7-उग्ष्णक् 8-अनुष्टुप ् 9-बृहती 10-पंग्क्त 11-त्रत्रष्टुप ् (7)-170 16.44% 12जगती (3)-125- 12.09% 13 अनतजगती (2)- 32-3.10% 14-शक्वरी (1)-192-18.57% 15-अनतशक्वरी (1)-36 3.48% 16-अग्ष्ट 17-अत्यग्ष्ट (4) -130-12.57% 18-धृनत 19-अनतधृनत (1)-71- 6.87% 20-कृ नत 21- प्रकृ नत (2)- 182 -17.60% 22-आकृ नत 23-ववकृ नत 24-संस्सकृ नत 25- अनतकृ नत मात्रा-(1)-32-3.09% अधिसमम्-(3) -64- 6.19% Day -8 Summary <21> 1034 -100%
  22. 22. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB Dasaka 8 1-शासलनी 2-4 वसन्त नतलकं 5-8 उपेन्रवज्रा 9-13 उपजानत त्रत्रष्टुप ्-11 शक्वरी-14 त्रत्रष्टुप ्-11 त्रत्रष्टुप ्-11 63 1,6-10रुतववलग्म्प्भतम् 2-5 मासलनन जगती -12 अनतशक्वरी-15 64 1-9 उपजानत 10-मासलनन त्रत्रष्टुप ्-11 अनतशक्वरी-15 67 1,2,4,7,8 उपेन्रवज्रा 3,6 ,9 -उपजानत 5,10 इन्रवज्रा त्रत्रष्टुप ्-11 70 1-5 पृथ्वी 6-10 स्सवागता अत्यग्ष्ट:-17 त्रत्रष्टुप ्-11 Multiple Metre Dashakas in Narayaneey am-15 Feedback
  23. 23. Mr Nanda Mohan Shenoy CISA CAIIB • Next Fortnightly class on 23rd May • Paninin Astdhayai is already there around 11 sessions of which 5 already released will release one by one • Please subscribe to the channel so that you will automatically get updates rather than me sending WhatsApp • Announcements <22>

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