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अावयक िनवेदन
तत अययन सामी, तालकाए एव च
अाद ीमती सारका वकास छाबड़ा ारा
तैयार कये गए है |
इनका अय एव अय भाषा मे उपयाेग करने
के पूव उनसे अिनवायत: सपक कर ले |
गाेटसार
जीवकाड
अाचाय नेमीच सात-चवती ारा रचत
Presentation Developed By:
Smt Sarika Vikas Chhabra
थ ार करने के पूव जानने याेय 6 बाते
• गाेटसार जीवकाड अपरनाम पसहथ का नाम
• 1. मूलकता, 2.अथकता, 3. उरकताकता
• 22 अधकार, गाथा सया - 734माण
•अथात् याेजनहेत
• भय जीवाे के िनम, चामुडराय राजा के  के उर हेतिनम
• नेमनाथ भगवान काे नमकार तथा
• थ के कहने क िता
मगलाचरण
हेत
य
अान का वनाश
सयान पी सूय क उप
देव-मनुयाद ारा पूजा ाि
कम िनजरा
पराे
अयुदय सख
माे सख
गाथा 1 : मगलाचरण
जाे स, श एव अकलक है एव
जनके सदा गुणपी राे के भूषणाे का उदय रहता है,
एेसे ी जनेवर नेमच वामी काे नमकार करके
जीव क पणा काे कगा
स स पणमय जणदवरणेमचदमकलक
गुणरयणभूसणुदय जीवस पवण वाेछ
गुण जीवा पी पाणा सणा य मगणाअाे य
उवअाेगाे व य कमसाे वीस त पवणा भणदा 2
गुणथान, जीवसमास, पयाि, ाण, सा, चाैदह मागणा अाैर उपयाेग
इस कार ये बीस पणा पूवाचायाे ने कही है 2
थ का वषय
20 पणाये
गुणथानगुणथान
जीव समासजीव समास
पयािपयाि
ाणाण
सासा
14 मागणा14 मागणा
उपयाेगउपयाेग
14 मागणाये
गित
इय
काय
याेग
वेद
कषाय
ान
सयम
दशन
लेया
भय
सयव
सी
अाहार
सखेअाे अाेघाे  य, गुणसणा सा च माेहजाेगभवा
वथारादेसाे  य, मगणसणा सकवा 3
सेप अाैर अाेघ यह गुणथान क सा है अाैर वह माेह तथा याेग के
िनम से उप हाेती है
इसी तरह वतार तथा अादेश यह मागणा क सा है अाैर वह भी
अपने-अपने याेय कमाे के उदयाद से उप हाेती है तथा
चकार से गुणथान क सामाय एव मागणा क वशेष सा भी हाेती है
3
गुणथान
सेप, अाेघ, सामाय
माेह अाैर याेग
मागणा
वतार, अादेश, वशेष
अपना-अपना कम उदयाद
अय
नाम
कारण
अादेसे सलणा, जीवा प-पाण-सणाअाे
उवअाेगाे व य भेदे, वीस त पवणा भणदा 4
अथ - जीवसमास, पयाि, ाण, सा अाैर उपयाेग इन सब
भेदाे का मागणाअाे मे ही भले कार अतभाव हाे जाता है
इसलये अभेद ववा से गुणथान अाैर मागणा ये दाे पणा
ही माननी चाहये कत बीस पणा जाे कही है वे भेद ववा
से है 4
20 पणाअाे का अतभाव
गुणथान मागणा मे गभत
जीवसमास पयाि ाण सा उपयाेग
पणा
इदयकाये लणा, जीवा प-अाण-भास-मणाे
जाेगे काअाे णाणे, अखा गदमगणे अाऊ 5
अथ – जीव-समास एव पयाि का इय तथा काय-
मागणा मे
ासाेास, वचन-बल एव मनाे-बल ाणाे का पयाि मे
कायबल ाण का याेग-मागणा मे,
इय ाणाे का ान-मागणा मे एव
अायु-ाण का गित-मागणा मे अतभाव हाेता है 5
अथ - अाहार सा का माया तथा लाेभ कषाय मे,
भय सा का ाेध तथा मान कषाय मे,
मैथुन सा का वेद कषाय मे एव
परह सा का लाेभ कषाय मे अतभाव हाेता है 6
मायालाेहे रदपुाहार, काेहमाणगह भय
वेदे मेणसणा, लाेहह परगहे सणा 6
सागाराे उवजाेगाे, णाणे मगह दसणे मगे
अणगाराे उवअाेगाे, लणाे  जणेह ण 7
अथ - साकार उपयाेग का ानमागणा मे एव
अनाकार उपयाेग का दशन मागणा मे अतभाव हाेता है,
एेसा जने भगवान ने िनद कया है 7
पणा मागणा सबध कस कार
जीवसमास इय एव काय
वप-वपवान्
सामाय-वशेष
इय,काय - वप
जीवसमास – वपवान्
जीवसमास - सामाय इय,काय -
वशेष
पयाि इय एव काय धम-धमी पयाि-धम इय,काय - धमी
ाण
- इय
-काय-बल
-वचन-बल
-मनाे-बल
-ासाेास
-अायु
ान कारण-काय इय - कारण ान - काय
याेग सामाय-वशेष याेग –सामाय काय बल-वशेष
पयाि मे
इय एव काय
कारण-काय
धम-धमी
पयाि -कारण ३ ाण -काय
पयाि - धम
इय,काय - धमी
गित साहचय
अायु एव गित का उदय
साथ-साथ ही हाेता है
पणा मागणा सबध कस कार
सा
अाहार
माया एव लाेभ कषाय वप-वपवान्
अाहार (राग) - वप
कषाय (राग) - वपवान्
भय
ाेध एव मान कषाय
वप-वपवान्
भय (ेष) - वप
कषाय (ेष) - वपवान्
मैथुन वेद कषाय काय-कारण वेद कषाय –कारण मैथुन -काय
परह लाेभ कषाय काय-कारण
लाेभ कषाय - कारण
परह - काय
उपयाेग
ान
दशन
ान काय-कारण ानाेपयाेग -कारण ान -काय
दशन काय-कारण दशनाेपयाेग -कारण दशन -काय
अथ - दशनमाेहनीय अाद कमाे क उदय, उपशम, य,
याेपशम अाद अवथा के हाेने पर उप हाेनेवाले जन
परणामाे से यु जीव देखे जाते है, जीवाे के उन परणामाे
काे गुणथान कहा है 8
गुणथान का लण
जेह दु लखते, उदयादस सभवेह भावेह
जीवा ते गुणसणा, णा सदरसीह 8
गुणथान लण
माेहनीय अाद कमाे के
उदय, उपशम, य अाैर याेपशम अवथा के
हाेने पर
जीव के ा अाैर चार गुण क
तारतय-प अवथा काे
गुणथान कहते है
उन परणामाे या पयायाे से
यु जीव
उस-उस गुणथान
वाला कहलाता है
माेहनीय
दशन माेहनीय
ा गुण के वपरत
परणमन मे िनम
चार माेहनीय
चार गुण के वपरत
परणमन मे िनम
मछाे सासण मसाे, अवरदसाे य देसवरदाे य
वरदा पम इदराे, अपु अणय सहमाे य 9
उवसत खीणमाेहाे, सजाेगके वलजणाे अजाेगी य
चाेस जीवसमासा, कमेण सा य णादा 10
मयाव, सासन, म, अवरत सय, देशवरत,
मवरत, अमवरत, अपूवकरण, अिनवृकरण,
सू सापराय, उपशात माेह, ीण माेह, सयाेगके वल
जन अाैर अयाेगके वल जन – ये चाैदह जीवसमास
(गुणथान) है अाैर स इन जीवसमासाे-गुणथानाे से
रहत है
14 गुणथान
. गुणथान नाम सामाय वप
१ मयाव अतवान
२ सासादन सयव क वराधना सहत
३ सयियाव (म) सयव भी, मयाव भी
४ अवरत सयव सयव, पर साथ मे असयम
देशवरत (सयमासयम) एकदेश सयमी
६ म-वरत माद के साथ मे पूण सयम
७ अम-वरत माद के बना पूण सयम
. गुणथान नाम सामाय वप
८ अपूवकरण जसके अपूव-अपूव परणाम है
९ अिनवृकरण जसके परणामाे मे भेद नही है
१० सू सापराय जसके कषाय सू है
११ उपशात माेह जसका माेह उपशात अा है
१२ ीण माेह जसका माेह ीण अा है
१३ सयाेग के वल याेगसहत के वलानी
१४ अयाेग के वल याेगरहत के वलानी
अाद दपक
अथात् यहा से लेकर अागे के सभी गुणथानाे मे ये भाव पाया
जाता है
जैसे अवरत सयव मे सयव शद अाद दपक है
4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 स
ाेक चतथ गुणथान से सभी जीव सय ही है
अाद दपक
6 7 8 9 10 11 12 13 14
6 से सभी जीव वरत है
छठे मे वरत शद
अाद दपक
7 8 9 10 11 12 13 14
7 से सभी जीव माद-रहत है
सातवे मे अम शद
अाद दपक
14 स
14 से सभी जीव याेग-रहत है
चाैदहवे मे अयाेग शद
मय दपक
अथात् इसके अागे व पीछे दाेनाे तरफ के गुणथानाे मे यह
भाव पाया जाता है
तेरहवे मे जन शद
मय दपक
4...........13...........14
चाैथे से चाैदहवे तक सभी काे जन सा है
अय दपक
अथात् यहा से लेकर पहले के सभी गुणथानाे मे यह भाव
पाया जाता है, परत इससे अागे नही पाया जाता
जैसे चाैथे मे अवरत शद अत दपक
1 2 3 4
4 तक के सभी जीव अवरत है
अत दपक
1 2 3 4 5 6
6 तक के सभी जीव म है
छठे मे म शद
अत दपक
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13
13 तक के सभी जीव याेगसहत है
तेरहवे मे सयाेग शद
मछे खल अाेदइअाे, वदये पुण पारणामअाे भावाे
मसे खअाेवसमअाे, अवरदसह ितणेव 11
अथ - थम गुणथान मे अाैदयक भाव हाेते है अाैर
तीय गुणथान मे पारणामक भाव हाेते है
म मे ायाेपशमक भाव हाेते है अाैर
चतथ गुणथान मे अाैपशमक, ायक,
ायाेपशमक इसकार तीनाे ही भाव हाेते है 11
गुणथानाे मे भाव
एदे भावा णयमा, दसणमाेह पड भणदा 
चार णथ जदाे, अवरदअतेस ठाणेस 12
अथ - मया अाद गुणथानाे मे जाे िनयमप से
अाैदयकादक भाव कहे है वे दशन माेहनीय कम क अपेा
से है ाेक चतथ गुणथान पयत चार नही पाया जाता
12
जीव के असाधारणभाव
जीव के अितर अय याे मे न पाये जाने
वाले अथात् मा जीव मे ही पाये जाने वाले
भावाे काे जीव के असाधारणभाव कहते है
अाैपशमक भाव
माेहनीय कम के
अतरकरणप उपशम के
िनम से हाेनेवाले जीव
के भावाे काे अाैपशमक
भाव कहते है
ायक भाव
कमय के समय मे
हाेनेवाले एव भवय मे
अनत काल पयत
रहनेवाले जीव के
शभावाे काे ायक
भाव कहते है
ायाेपशमक भाव
कम के याेपशम के िनम से हाेनेवालेकम के याेपशम के िनम से हाेनेवाले
जीव के भावाे काेजीव के भावाे काे
ायाेपशमक भाव कहते हैायाेपशमक भाव कहते है
अाैदयक भाव
कमाेदय के िनम
से हाेनेवाले जीव के
भावाे काे अाैदयक
भाव कहते है
पारणामक भाव
पूणत: कमिनरपे अथात्
कम के उपशम, य, याेपशम अाैर उदय से िनरपे
जीव के परणामाे काे पारणामक भाव कहते है
गुणथान भाव अपेा
१ अाैदयक
दशन माेहनीय
२ पारणामक
३ ायाेपशमक
४
अाैपशमक,
ायाेपशमक, ायक
गुणथानाे मे भाव
देसवरदे पमे, इदरे व खअाेवसमयभावाे दु
साे खल चरमाेह, पड भणय तहा उवर 13
अथ - देशवरत, म, अम - इन गुणथानाे मे
चार माेहनीय क अपेा ायाेपशमक भाव हाेते है तथा
इनके अागे अपूवकरण अाद गुणथानाे मे भी चार
माेहनीय क अपेा से ही भावाे काे कहेगे 13
ताे उवर उवसमभावाे, उवसामगेस खवगेस
खइअाे भावाे णयमा, अजाेगचरमाे  से य 14
अथ - सातवे गुणथान से ऊपर उपशम-ेणीवाले अाठवे,
नाैवे, दशवे गुणथान मे तथा यारहवे उपशात-माेह मे
अाैपशमक भाव ही हाेते है
इसीकार पकेणीवाले उ तीनाे ही गुणथानाे मे तथा
ीणमाेह, सयाेगके वल, अयाेगके वल इन तीन गुणथानाे
मे अाैर गुणथानातीत साे के िनयम से ायकभाव ही
पाया जाता है 14
गुणथान भाव अपेा
5 ायाेपशमक
चार
माेहनीय
6 - 7 ायाेपशमक
8, 9, 10, 11
(उपशम ेणी)
अाैपशमक
8, 9, 10, 12
(पक ेणी)
ायक
13, 14, स ायक
गुणथानाे मे भाव
अथ - मयाव कृ ित के उदय से हाेने वाले तवाथ के
अान काे मयाव कहते है
इसके पाच भेद है - एकात, वपरत, वनय, सशयत अाैर
अान 15
मयाव गुणथान
मछाेदयेण मछमसहण त त-अथाण
एयत ववरय, वणय ससयदमणाण 15
मयाी
मया
अतव काे वषय
करने वाल
ी
ा जसके है
मयाव नामक दशन माेहनीय कम के
उदय के िनम से
हाेने वाले जीव के अतवानप भाव
काे
मयाव गुणथान कहते है
परभाषा
परभाषा
िनम
दशन माेहनीय मयाव
कम का उदय
परणाम
जीव के अतव
ान प भाव
दशन
माेहनीय
कम
मयाव
सयक् मयाव
सयव कृ ित
मयाव के भेद
एकात वपरत वनय सशयत अान
• वत के एक अश काे सपूण वत मानना
• जैसे - वत िनय ही है या वत अिनय ही है
एकात
• वपरतप मानना
• जैसे - हसाद य से वग सख मानना, ी काे
माे ाि मानना
वपरत
• समत देव व मताे मे समदशीपना
• जैसे - गुचरण पूजनप वनय ही से मु मानना
वनय
•देशातर व कालातर मे अयथा भाव हाेने से
मित ैवय
•जैसे - धम रागमय है या वीतरागमय है
सशयत
• वत के सामाय-वशेष भाव के वषय मे अान से
उप ान
• जैसे - अनेकात वप वत के सामाय का अाैर
जीव का लण उपयाेग है एेसे वशेष के बारे मे
अान
अान
एकाताद मयाव के ात
अथ - बाैाद मतवाले एकात मया है याक
ाणाद वपरत मया है तापसाद वनय मया
है इ नामक ेताबर गु अाद सशय मया है अाैर
मकर (मुसलमान) सयासी अादक अान मया है
16
एयत बुदरसी, ववरअाे ब तावसाे वणअाे
इदाे व य ससइयाे, मडयाे चेव अणाणी 16
मयाव ात
एकात बाै
वपरत बाण
वनय तापसी
सशयत इ नाम के ेताबर गु
अान मकर(मुसलमान)
एकाताद के ात मछत वेदताे, जीवाे ववरयदसणाे हाेद
ण य ध राेचेद , मर ख रस जहा जरदाे 17
अथ - मयाव कृ ित के उदय से उप
हाेने वाले मया परणामाे का अनुभव
करनेवाला जीव वपरत ानवाला
(अतवान सयु) हाे जाता है उसकाे
जस कार प वर से यु जीव काे
मीठा रस भी अछा मालूम नही हाेता उसी
कार यथाथ धम अछा नही मालूम हाेता
- चकर नही हाेता 17
उदाहरण
जैसे
लगता है
जैसे
पवर से यु
जीव काे
मीठा रस भी कट
लगता है
सात
वैसे
धम नही चता है
वैसे
मयाव से यु
जीव काे
धम नही चता है
अथ - मया जीव समीचीन अहत अादक के पूवापर
वराेधाद दाेषाे से रहत अाैर हत के करने वाले भी वचनाे का
यथाथ ान नही करता कत इसके वपरत अाचायाभासाे के
ारा उपद या अनुपद असाव का अथात् पदाथ के वपरत
वप का इछानुसार ान करता है 18
मया के बा चह
मछाइ जीवाे, उवइ पवयण ण सहद
सहद असाव, उवइ या अणुवइ 18
मया के बा चह
उपद (उपदेशत)
• अरहत के वचनाे पर ा नही
करता है
• कु देवाद के मया वचनाे पर ा
करता है
अनुपद (बना उपदेशत)
•मया वचनाे पर ा करता
है
मयाव के कार
मयाव
अगृहीत
दशन ान चार
गृहीत
दशन ान चार
अगृहीत मयाव
अ+गृहीत= नया नही हण कया
अथात् - इस भव मे जाे वपरत मायता नयी
हण नही क,
अनाद से बना हण कये चल अा रही वपरत मायता
गृहीत मयाव
गृहीत= नया हण कया
अथात् जाे अय के उपदेश से हण कया है
सासादन सयव गुणथान
अथ - थमाेपशम सयव के अथवा ‘वा’ शद से तीयाेपशम सयव के
अतमुत मा काल मे से
जब जघय एक समय तथा उकृ  छह अावल माण काल शेष रहे
उतने काल मे अनतानुबधी ाेध, मान, माया, लाेभ मे से कसी एक के उदय मे
अाने से
सयव क वराधना हाेने पर सयदशन गुण क जाे अय अतवानप
परणित हाेती है, उसकाे सासन या सासादन गुणथान कहते है 19
अादमसा, समयादाे छावल  वा सेसे
अणअणददयादाे, णासयसाे  सासणखाे साे 19
सासादन
स + अासादना
स = सहत; अासादना = वराधना
सयव क वराधना के साथ जाे रहे
सासादन सयव
परणाम
अय अतवान
िनम
अनतानुबधी ाेध,
मान, माया, लाेभ मे से
कसी एक का उदय
दूसरे गुणथान क ाि कब हाेती है ?
अाैपशमक सयव के काल मे
कम से कम 1 समय
यादा से यादा 6 अावल शेष रहने पर
4, 5 या 6 कसी भी 1 गुणथान से गरने पर
कम थित
उपशम सयव का काल
1 समय से 6 अावल काल
= सासादन सयव
अनतानुबधी का उदय
मयाव का अनुदय
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मयाव अनतानुबधी
अाैपशमक सयव
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मयाव अनतानुबधी
अाैपशमक सयव
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मयाव अनतानुबधी
सासादन अवथा
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मयाव अनतानुबधी
अाैपशमक सयव
सरयणपयसहरादाे मछभूमसमभमुहाे
णासयसाे साे, सासणणामाे मुणेयाे 20
अथ - सयवपी रपवत के शखर से गरकर जाे जीव
मयावपी भूम के सुख हाे चुका है, अतएव जसने
सयव क वराधना (नाश) कर द है, अाैर मयाव काे
ा नही कया है, उसकाे सासन या सासादन गुणथानवती
कहते है 20
जैसे रपवत पी शखर से
पितत भूम क अाेर नीचे गरने
वाला
वैसे सयव पी शखर से
पितत मयाव-पी भूम क
अाेर नीचे गरने वाला
सासादन के साथ सयव शद ाे है?
भूत-नैगम नय से सयव सा कहलाती है
काल भी अभी सयव का ही है
दशन माेहनीय कम का अभी उपशम ही है
जैसे-
भूखा मनुय
शर क खीर खा वमन
कर
बाद मे कचत् वाद लेता है
भूखा मनुय
शर क खीर खा वमन
कर
बाद मे कचत् वाद लेता है
वैसे-
उपशम सय गरने पर
मयाव मे पचने के पहले
बगड़े ये सयव का
कचत् वाद लेता है
उपशम सय गरने पर
मयाव मे पचने के पहले
बगड़े ये सयव का
कचत् वाद लेता है
: ताे ा यहा सयव पाया जा रहा है?
उर: नही पाया जा रहा यहा सयव क वराधना है
परत यहा पर ताे मयाव का उदय ही नही है मा
अनतानुबधी का ही उदय है अाैर अनतानुबधी चार
माेहनीय क कृ ित है फर सयव का नाश कै से ?
अनतानुबधी वभावी है
सयव अाैर चार
दाेनाे का नाश कराती है
सयव के नाश मे िनम दाेनाे है
मयाव अनतानुबधी
मयाचार
ाे?
ाेक ा
मया है
सासादन
गुणथान
मे चार
काैन-सा
है?
सासादन गुणथान सबधी तय
इस गुणथान का काल समा हाेने पर जीव िनयम से मयाव मे जाता है
ये ऊपर से गरने का ही गुणथान है
थम गुणथान से तीय गुणथान कभी ा नही हाेता है
मा उपशम सय ही सासादन काे ा हाेते है, शेष नही
Reference : गाेटसार जीवकाड, सयान चका,
गाेटसार जीवकाड रेखाच एव तालकाअाे मे
Presentation created by : Smt. Sarika Vikas
Chhabra
For updates / feedback / suggestions, please
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Sarika Jain, sarikam.j@gmail.com
: 0731-2410880 , 94066-82889
www.jainkosh.org

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Gunsthan 1 - 2

  • 1. अावयक िनवेदन तत अययन सामी, तालकाए एव च अाद ीमती सारका वकास छाबड़ा ारा तैयार कये गए है | इनका अय एव अय भाषा मे उपयाेग करने के पूव उनसे अिनवायत: सपक कर ले | गाेटसार जीवकाड अाचाय नेमीच सात-चवती ारा रचत Presentation Developed By: Smt Sarika Vikas Chhabra थ ार करने के पूव जानने याेय 6 बाते • गाेटसार जीवकाड अपरनाम पसहथ का नाम • 1. मूलकता, 2.अथकता, 3. उरकताकता • 22 अधकार, गाथा सया - 734माण •अथात् याेजनहेत • भय जीवाे के िनम, चामुडराय राजा के  के उर हेतिनम • नेमनाथ भगवान काे नमकार तथा • थ के कहने क िता मगलाचरण हेत य अान का वनाश सयान पी सूय क उप देव-मनुयाद ारा पूजा ाि कम िनजरा पराे अयुदय सख माे सख
  • 2. गाथा 1 : मगलाचरण जाे स, श एव अकलक है एव जनके सदा गुणपी राे के भूषणाे का उदय रहता है, एेसे ी जनेवर नेमच वामी काे नमकार करके जीव क पणा काे कगा स स पणमय जणदवरणेमचदमकलक गुणरयणभूसणुदय जीवस पवण वाेछ गुण जीवा पी पाणा सणा य मगणाअाे य उवअाेगाे व य कमसाे वीस त पवणा भणदा 2 गुणथान, जीवसमास, पयाि, ाण, सा, चाैदह मागणा अाैर उपयाेग इस कार ये बीस पणा पूवाचायाे ने कही है 2 थ का वषय 20 पणाये गुणथानगुणथान जीव समासजीव समास पयािपयाि ाणाण सासा 14 मागणा14 मागणा उपयाेगउपयाेग 14 मागणाये गित इय काय याेग वेद कषाय ान सयम दशन लेया भय सयव सी अाहार
  • 3. सखेअाे अाेघाे  य, गुणसणा सा च माेहजाेगभवा वथारादेसाे  य, मगणसणा सकवा 3 सेप अाैर अाेघ यह गुणथान क सा है अाैर वह माेह तथा याेग के िनम से उप हाेती है इसी तरह वतार तथा अादेश यह मागणा क सा है अाैर वह भी अपने-अपने याेय कमाे के उदयाद से उप हाेती है तथा चकार से गुणथान क सामाय एव मागणा क वशेष सा भी हाेती है 3 गुणथान सेप, अाेघ, सामाय माेह अाैर याेग मागणा वतार, अादेश, वशेष अपना-अपना कम उदयाद अय नाम कारण अादेसे सलणा, जीवा प-पाण-सणाअाे उवअाेगाे व य भेदे, वीस त पवणा भणदा 4 अथ - जीवसमास, पयाि, ाण, सा अाैर उपयाेग इन सब भेदाे का मागणाअाे मे ही भले कार अतभाव हाे जाता है इसलये अभेद ववा से गुणथान अाैर मागणा ये दाे पणा ही माननी चाहये कत बीस पणा जाे कही है वे भेद ववा से है 4 20 पणाअाे का अतभाव गुणथान मागणा मे गभत जीवसमास पयाि ाण सा उपयाेग पणा
  • 4. इदयकाये लणा, जीवा प-अाण-भास-मणाे जाेगे काअाे णाणे, अखा गदमगणे अाऊ 5 अथ – जीव-समास एव पयाि का इय तथा काय- मागणा मे ासाेास, वचन-बल एव मनाे-बल ाणाे का पयाि मे कायबल ाण का याेग-मागणा मे, इय ाणाे का ान-मागणा मे एव अायु-ाण का गित-मागणा मे अतभाव हाेता है 5 अथ - अाहार सा का माया तथा लाेभ कषाय मे, भय सा का ाेध तथा मान कषाय मे, मैथुन सा का वेद कषाय मे एव परह सा का लाेभ कषाय मे अतभाव हाेता है 6 मायालाेहे रदपुाहार, काेहमाणगह भय वेदे मेणसणा, लाेहह परगहे सणा 6 सागाराे उवजाेगाे, णाणे मगह दसणे मगे अणगाराे उवअाेगाे, लणाे  जणेह ण 7 अथ - साकार उपयाेग का ानमागणा मे एव अनाकार उपयाेग का दशन मागणा मे अतभाव हाेता है, एेसा जने भगवान ने िनद कया है 7 पणा मागणा सबध कस कार जीवसमास इय एव काय वप-वपवान् सामाय-वशेष इय,काय - वप जीवसमास – वपवान् जीवसमास - सामाय इय,काय - वशेष पयाि इय एव काय धम-धमी पयाि-धम इय,काय - धमी ाण - इय -काय-बल -वचन-बल -मनाे-बल -ासाेास -अायु ान कारण-काय इय - कारण ान - काय याेग सामाय-वशेष याेग –सामाय काय बल-वशेष पयाि मे इय एव काय कारण-काय धम-धमी पयाि -कारण ३ ाण -काय पयाि - धम इय,काय - धमी गित साहचय अायु एव गित का उदय साथ-साथ ही हाेता है
  • 5. पणा मागणा सबध कस कार सा अाहार माया एव लाेभ कषाय वप-वपवान् अाहार (राग) - वप कषाय (राग) - वपवान् भय ाेध एव मान कषाय वप-वपवान् भय (ेष) - वप कषाय (ेष) - वपवान् मैथुन वेद कषाय काय-कारण वेद कषाय –कारण मैथुन -काय परह लाेभ कषाय काय-कारण लाेभ कषाय - कारण परह - काय उपयाेग ान दशन ान काय-कारण ानाेपयाेग -कारण ान -काय दशन काय-कारण दशनाेपयाेग -कारण दशन -काय अथ - दशनमाेहनीय अाद कमाे क उदय, उपशम, य, याेपशम अाद अवथा के हाेने पर उप हाेनेवाले जन परणामाे से यु जीव देखे जाते है, जीवाे के उन परणामाे काे गुणथान कहा है 8 गुणथान का लण जेह दु लखते, उदयादस सभवेह भावेह जीवा ते गुणसणा, णा सदरसीह 8 गुणथान लण माेहनीय अाद कमाे के उदय, उपशम, य अाैर याेपशम अवथा के हाेने पर जीव के ा अाैर चार गुण क तारतय-प अवथा काे गुणथान कहते है उन परणामाे या पयायाे से यु जीव उस-उस गुणथान वाला कहलाता है
  • 6. माेहनीय दशन माेहनीय ा गुण के वपरत परणमन मे िनम चार माेहनीय चार गुण के वपरत परणमन मे िनम मछाे सासण मसाे, अवरदसाे य देसवरदाे य वरदा पम इदराे, अपु अणय सहमाे य 9 उवसत खीणमाेहाे, सजाेगके वलजणाे अजाेगी य चाेस जीवसमासा, कमेण सा य णादा 10 मयाव, सासन, म, अवरत सय, देशवरत, मवरत, अमवरत, अपूवकरण, अिनवृकरण, सू सापराय, उपशात माेह, ीण माेह, सयाेगके वल जन अाैर अयाेगके वल जन – ये चाैदह जीवसमास (गुणथान) है अाैर स इन जीवसमासाे-गुणथानाे से रहत है 14 गुणथान . गुणथान नाम सामाय वप १ मयाव अतवान २ सासादन सयव क वराधना सहत ३ सयियाव (म) सयव भी, मयाव भी ४ अवरत सयव सयव, पर साथ मे असयम देशवरत (सयमासयम) एकदेश सयमी ६ म-वरत माद के साथ मे पूण सयम ७ अम-वरत माद के बना पूण सयम . गुणथान नाम सामाय वप ८ अपूवकरण जसके अपूव-अपूव परणाम है ९ अिनवृकरण जसके परणामाे मे भेद नही है १० सू सापराय जसके कषाय सू है ११ उपशात माेह जसका माेह उपशात अा है १२ ीण माेह जसका माेह ीण अा है १३ सयाेग के वल याेगसहत के वलानी १४ अयाेग के वल याेगरहत के वलानी
  • 7. अाद दपक अथात् यहा से लेकर अागे के सभी गुणथानाे मे ये भाव पाया जाता है जैसे अवरत सयव मे सयव शद अाद दपक है 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 स ाेक चतथ गुणथान से सभी जीव सय ही है अाद दपक 6 7 8 9 10 11 12 13 14 6 से सभी जीव वरत है छठे मे वरत शद अाद दपक 7 8 9 10 11 12 13 14 7 से सभी जीव माद-रहत है सातवे मे अम शद अाद दपक 14 स 14 से सभी जीव याेग-रहत है चाैदहवे मे अयाेग शद
  • 8. मय दपक अथात् इसके अागे व पीछे दाेनाे तरफ के गुणथानाे मे यह भाव पाया जाता है तेरहवे मे जन शद मय दपक 4...........13...........14 चाैथे से चाैदहवे तक सभी काे जन सा है अय दपक अथात् यहा से लेकर पहले के सभी गुणथानाे मे यह भाव पाया जाता है, परत इससे अागे नही पाया जाता जैसे चाैथे मे अवरत शद अत दपक 1 2 3 4 4 तक के सभी जीव अवरत है अत दपक 1 2 3 4 5 6 6 तक के सभी जीव म है छठे मे म शद
  • 9. अत दपक 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 13 तक के सभी जीव याेगसहत है तेरहवे मे सयाेग शद मछे खल अाेदइअाे, वदये पुण पारणामअाे भावाे मसे खअाेवसमअाे, अवरदसह ितणेव 11 अथ - थम गुणथान मे अाैदयक भाव हाेते है अाैर तीय गुणथान मे पारणामक भाव हाेते है म मे ायाेपशमक भाव हाेते है अाैर चतथ गुणथान मे अाैपशमक, ायक, ायाेपशमक इसकार तीनाे ही भाव हाेते है 11 गुणथानाे मे भाव एदे भावा णयमा, दसणमाेह पड भणदा  चार णथ जदाे, अवरदअतेस ठाणेस 12 अथ - मया अाद गुणथानाे मे जाे िनयमप से अाैदयकादक भाव कहे है वे दशन माेहनीय कम क अपेा से है ाेक चतथ गुणथान पयत चार नही पाया जाता 12 जीव के असाधारणभाव जीव के अितर अय याे मे न पाये जाने वाले अथात् मा जीव मे ही पाये जाने वाले भावाे काे जीव के असाधारणभाव कहते है
  • 10. अाैपशमक भाव माेहनीय कम के अतरकरणप उपशम के िनम से हाेनेवाले जीव के भावाे काे अाैपशमक भाव कहते है ायक भाव कमय के समय मे हाेनेवाले एव भवय मे अनत काल पयत रहनेवाले जीव के शभावाे काे ायक भाव कहते है ायाेपशमक भाव कम के याेपशम के िनम से हाेनेवालेकम के याेपशम के िनम से हाेनेवाले जीव के भावाे काेजीव के भावाे काे ायाेपशमक भाव कहते हैायाेपशमक भाव कहते है अाैदयक भाव कमाेदय के िनम से हाेनेवाले जीव के भावाे काे अाैदयक भाव कहते है
  • 11. पारणामक भाव पूणत: कमिनरपे अथात् कम के उपशम, य, याेपशम अाैर उदय से िनरपे जीव के परणामाे काे पारणामक भाव कहते है गुणथान भाव अपेा १ अाैदयक दशन माेहनीय २ पारणामक ३ ायाेपशमक ४ अाैपशमक, ायाेपशमक, ायक गुणथानाे मे भाव देसवरदे पमे, इदरे व खअाेवसमयभावाे दु साे खल चरमाेह, पड भणय तहा उवर 13 अथ - देशवरत, म, अम - इन गुणथानाे मे चार माेहनीय क अपेा ायाेपशमक भाव हाेते है तथा इनके अागे अपूवकरण अाद गुणथानाे मे भी चार माेहनीय क अपेा से ही भावाे काे कहेगे 13 ताे उवर उवसमभावाे, उवसामगेस खवगेस खइअाे भावाे णयमा, अजाेगचरमाे  से य 14 अथ - सातवे गुणथान से ऊपर उपशम-ेणीवाले अाठवे, नाैवे, दशवे गुणथान मे तथा यारहवे उपशात-माेह मे अाैपशमक भाव ही हाेते है इसीकार पकेणीवाले उ तीनाे ही गुणथानाे मे तथा ीणमाेह, सयाेगके वल, अयाेगके वल इन तीन गुणथानाे मे अाैर गुणथानातीत साे के िनयम से ायकभाव ही पाया जाता है 14
  • 12. गुणथान भाव अपेा 5 ायाेपशमक चार माेहनीय 6 - 7 ायाेपशमक 8, 9, 10, 11 (उपशम ेणी) अाैपशमक 8, 9, 10, 12 (पक ेणी) ायक 13, 14, स ायक गुणथानाे मे भाव अथ - मयाव कृ ित के उदय से हाेने वाले तवाथ के अान काे मयाव कहते है इसके पाच भेद है - एकात, वपरत, वनय, सशयत अाैर अान 15 मयाव गुणथान मछाेदयेण मछमसहण त त-अथाण एयत ववरय, वणय ससयदमणाण 15 मयाी मया अतव काे वषय करने वाल ी ा जसके है मयाव नामक दशन माेहनीय कम के उदय के िनम से हाेने वाले जीव के अतवानप भाव काे मयाव गुणथान कहते है परभाषा
  • 13. परभाषा िनम दशन माेहनीय मयाव कम का उदय परणाम जीव के अतव ान प भाव दशन माेहनीय कम मयाव सयक् मयाव सयव कृ ित मयाव के भेद एकात वपरत वनय सशयत अान • वत के एक अश काे सपूण वत मानना • जैसे - वत िनय ही है या वत अिनय ही है एकात • वपरतप मानना • जैसे - हसाद य से वग सख मानना, ी काे माे ाि मानना वपरत • समत देव व मताे मे समदशीपना • जैसे - गुचरण पूजनप वनय ही से मु मानना वनय
  • 14. •देशातर व कालातर मे अयथा भाव हाेने से मित ैवय •जैसे - धम रागमय है या वीतरागमय है सशयत • वत के सामाय-वशेष भाव के वषय मे अान से उप ान • जैसे - अनेकात वप वत के सामाय का अाैर जीव का लण उपयाेग है एेसे वशेष के बारे मे अान अान एकाताद मयाव के ात अथ - बाैाद मतवाले एकात मया है याक ाणाद वपरत मया है तापसाद वनय मया है इ नामक ेताबर गु अाद सशय मया है अाैर मकर (मुसलमान) सयासी अादक अान मया है 16 एयत बुदरसी, ववरअाे ब तावसाे वणअाे इदाे व य ससइयाे, मडयाे चेव अणाणी 16 मयाव ात एकात बाै वपरत बाण वनय तापसी सशयत इ नाम के ेताबर गु अान मकर(मुसलमान) एकाताद के ात मछत वेदताे, जीवाे ववरयदसणाे हाेद ण य ध राेचेद , मर ख रस जहा जरदाे 17 अथ - मयाव कृ ित के उदय से उप हाेने वाले मया परणामाे का अनुभव करनेवाला जीव वपरत ानवाला (अतवान सयु) हाे जाता है उसकाे जस कार प वर से यु जीव काे मीठा रस भी अछा मालूम नही हाेता उसी कार यथाथ धम अछा नही मालूम हाेता - चकर नही हाेता 17
  • 15. उदाहरण जैसे लगता है जैसे पवर से यु जीव काे मीठा रस भी कट लगता है सात वैसे धम नही चता है वैसे मयाव से यु जीव काे धम नही चता है अथ - मया जीव समीचीन अहत अादक के पूवापर वराेधाद दाेषाे से रहत अाैर हत के करने वाले भी वचनाे का यथाथ ान नही करता कत इसके वपरत अाचायाभासाे के ारा उपद या अनुपद असाव का अथात् पदाथ के वपरत वप का इछानुसार ान करता है 18 मया के बा चह मछाइ जीवाे, उवइ पवयण ण सहद सहद असाव, उवइ या अणुवइ 18 मया के बा चह उपद (उपदेशत) • अरहत के वचनाे पर ा नही करता है • कु देवाद के मया वचनाे पर ा करता है अनुपद (बना उपदेशत) •मया वचनाे पर ा करता है मयाव के कार मयाव अगृहीत दशन ान चार गृहीत दशन ान चार
  • 16. अगृहीत मयाव अ+गृहीत= नया नही हण कया अथात् - इस भव मे जाे वपरत मायता नयी हण नही क, अनाद से बना हण कये चल अा रही वपरत मायता गृहीत मयाव गृहीत= नया हण कया अथात् जाे अय के उपदेश से हण कया है सासादन सयव गुणथान अथ - थमाेपशम सयव के अथवा ‘वा’ शद से तीयाेपशम सयव के अतमुत मा काल मे से जब जघय एक समय तथा उकृ  छह अावल माण काल शेष रहे उतने काल मे अनतानुबधी ाेध, मान, माया, लाेभ मे से कसी एक के उदय मे अाने से सयव क वराधना हाेने पर सयदशन गुण क जाे अय अतवानप परणित हाेती है, उसकाे सासन या सासादन गुणथान कहते है 19 अादमसा, समयादाे छावल  वा सेसे अणअणददयादाे, णासयसाे  सासणखाे साे 19 सासादन स + अासादना स = सहत; अासादना = वराधना सयव क वराधना के साथ जाे रहे
  • 17. सासादन सयव परणाम अय अतवान िनम अनतानुबधी ाेध, मान, माया, लाेभ मे से कसी एक का उदय दूसरे गुणथान क ाि कब हाेती है ? अाैपशमक सयव के काल मे कम से कम 1 समय यादा से यादा 6 अावल शेष रहने पर 4, 5 या 6 कसी भी 1 गुणथान से गरने पर कम थित उपशम सयव का काल 1 समय से 6 अावल काल = सासादन सयव अनतानुबधी का उदय मयाव का अनुदय o o o o o o o o o o o o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x x मयाव अनतानुबधी अाैपशमक सयव o o o o o o o o o o o o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x x मयाव अनतानुबधी अाैपशमक सयव o o o o o o o o o o o o x o x o x o x o x o x x x x x x x x x x x x x x x x x x x x मयाव अनतानुबधी सासादन अवथा o o o o o o o o o o o o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x o x x मयाव अनतानुबधी अाैपशमक सयव
  • 18. सरयणपयसहरादाे मछभूमसमभमुहाे णासयसाे साे, सासणणामाे मुणेयाे 20 अथ - सयवपी रपवत के शखर से गरकर जाे जीव मयावपी भूम के सुख हाे चुका है, अतएव जसने सयव क वराधना (नाश) कर द है, अाैर मयाव काे ा नही कया है, उसकाे सासन या सासादन गुणथानवती कहते है 20 जैसे रपवत पी शखर से पितत भूम क अाेर नीचे गरने वाला वैसे सयव पी शखर से पितत मयाव-पी भूम क अाेर नीचे गरने वाला सासादन के साथ सयव शद ाे है? भूत-नैगम नय से सयव सा कहलाती है काल भी अभी सयव का ही है दशन माेहनीय कम का अभी उपशम ही है जैसे- भूखा मनुय शर क खीर खा वमन कर बाद मे कचत् वाद लेता है भूखा मनुय शर क खीर खा वमन कर बाद मे कचत् वाद लेता है वैसे- उपशम सय गरने पर मयाव मे पचने के पहले बगड़े ये सयव का कचत् वाद लेता है उपशम सय गरने पर मयाव मे पचने के पहले बगड़े ये सयव का कचत् वाद लेता है
  • 19. : ताे ा यहा सयव पाया जा रहा है? उर: नही पाया जा रहा यहा सयव क वराधना है परत यहा पर ताे मयाव का उदय ही नही है मा अनतानुबधी का ही उदय है अाैर अनतानुबधी चार माेहनीय क कृ ित है फर सयव का नाश कै से ? अनतानुबधी वभावी है सयव अाैर चार दाेनाे का नाश कराती है सयव के नाश मे िनम दाेनाे है मयाव अनतानुबधी मयाचार ाे? ाेक ा मया है सासादन गुणथान मे चार काैन-सा है?
  • 20. सासादन गुणथान सबधी तय इस गुणथान का काल समा हाेने पर जीव िनयम से मयाव मे जाता है ये ऊपर से गरने का ही गुणथान है थम गुणथान से तीय गुणथान कभी ा नही हाेता है मा उपशम सय ही सासादन काे ा हाेते है, शेष नही Reference : गाेटसार जीवकाड, सयान चका, गाेटसार जीवकाड रेखाच एव तालकाअाे मे Presentation created by : Smt. Sarika Vikas Chhabra For updates / feedback / suggestions, please contact Sarika Jain, sarikam.j@gmail.com : 0731-2410880 , 94066-82889 www.jainkosh.org