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Centre for Communication & Media Studies 
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Post- Gandhi Hills, Wardha-442005 (Maharashta), India 
osclkbZV% www.hindivsihwa.org 
ccms.wordpress.com
विषय – विविĶ काययक्रम विमायण ि फोि इि काययक्रम 
संघोष्टी पत्र 
प्रथम प्रश्न पत्र 
रेवियो प्रॉिक्िि 
मार्यदियक प्रस्तुतकताय 
संदीप िमाय अवमत वमश्रा 
सहायक प्रोफे सर एम .एस. सी इलेक््राविक मीविया (ततृीय छमाही)
भूमिका 
• रेडियो अपनी सर्व सुलभता, सस्ती तकनीक एर्ं सर्वग्रह के कारण यह संचार का 
सबसे सशक्त माध्यम है। इसकी लोकडियता आज भी बरकार है। भारत के कन्या 
कुमारी से लेकर कश्मीर की बर्फीली तूर्फान तक आकाशर्ाणी की पह ुँच है। देश भर 
में 400 से अडिक रेडियो स्टेशनो के माध्यम से आकाशर्ाणी हर डदन लोगो की 
पसंद की कायवक्रम िस्तुत करता है। इसी में एक र्फोडनंग कायवक्रम भी है । जो 
डर्डशĶ कायवक्रम डनमावण करता है । जो मडहला, डकसान, बच्चे, युर्ा ,सैडनक , 
कामगार को ध्यान में रख कर बनाया जाता है । इस संघोष्टी पत्र में हम जानेगें की 
रेडियो में डर्डशĶ कायवक्रम क्या-क्या होते है। तथा र्फोडनंग कायवक्रम क्या है ।
क्या है? रेडियो फोन गिं काय्करम 
• र्फोडनंग कायवक्रम के जररये श्रोता टेलीर्फोन के माध्यम से सीिे िस्तुतकताव या 
डर्षय के डर्शेषज्ञों से बातचीत कर सकते हैं। 
• स्टूडियों में एक र्फोन-इन मशीन रहती है डजसमें िायल इन और िायल 
आउट दोंनो सुडर्िाए होती हैं। 
• श्रोता रेडियों केंद्र के स्टूडियों में डनिावररत नम्बर पर र्फोन करते है स्टूडियों के 
बूथ में बैठे िस्तुडत सहायक द्वारा ग्रहण डकया जाता है। 
• श्रोता की पहचान करनें के बाद एंकर के पास उस श्रोता की क ल भेज देते है 
• तब श्रोता का एंकर से या डर्शेषज्ञ से सीिी बातचीत होने लगती है ।
फोन गिं कार्क्रयि िें सिंचालकक 
• फोन िंग कार्यक्रम में सिंचालक की भूनमका सबसे महत्वपूर्य होती 
है। 
• सिंचालक नकसी भी कार्यक्रम को जीविंत ब ा सकता है। 
• फोन िंग कार्यक्रम में सिंचालक को जागरुक शब्दो का जादुगर कहााँ 
जाता है । 
• सिंचालक का नवषर् सिंबनधित भाषा पर पकड़ हो ी चनहए । 
• उ की आवाज आकषयर् हो ा चानहए । 
• कार्यक्रम को रोचक ब ा े के नलए सामानजक पररवेश, देश-नवदेश 
की प्रमुख घट ाओ िंफैश ,नफल्म नवनभध तरह की जा कारी हो ी 
चानहए ।
फो -इ के प्रकार 
र्फोन-इन रेडियों कायवक्रम दो िकार के होते है 
1.सीिा प्रसारर्(LIVE BROADCAST) 
2.ध्वधर्िंनकत प्रसारर्(RECORDED)
सीधा प्रसारण (LIVE BROADCAST) 
• आज से बीस वषय पहले रेनिर्ो से सीिा प्रसारर् होता था। 
ध्वन्र्िंककतप्रसारण (RECORDED) 
• ध्वधर्िंनकत प्रसारर् इसके तहत सभी प्रोग्राम ररकॉि होते है उसके 
बाद प्रसारर् नकर्े जाते है ताकी नकसी प्रकार की कोई नदक्कत हो 
।
ववमिष्ट कार्यक्रि 
• पररवार कल्याण 
• बाल कायक्रम 
• युवाओ के ललए कायक्रम 
• रमहहला कायक्रम 
• कृषि कायक्रम 
• षवशेि सरमय पर हो े वाले कायक्रम
पररवार कल्र्ाण 
• आकाशर्ाणी केंद्र से देश की सभी भाषाओ/बोडलयों में पररर्ार कल्याण 
कायवक्रम िसाररत डकए जाते है। इन कायवक्रमों में मुख्य ज़ोर छोटे और सुखी 
पररर्ार की नीडत पर होता है। एि्स, टीर्ी िेंगू, पानी से पैदा होने र्ाली 
बीमाररयों, मलेररया उन्मूलन कायवक्रम बाल-डर्काश और सुरडित, मातृत्र् 
कायवक्रम, बंध्याकरण, नसबंदी, पल्स पोडलयो आडद पर महत्र्पूणव कायवक्रम 
िसाररत डकया जाता है। ित्येक केंद्र से सप्ताह में एक बार पंद्रह डमनट की 
अर्िी का “हेल्थ र्फोरम” कायवक्रम भी िसाररत होता है।
बालक कार्यक्रि 
आकाशवार्ी के सभी के धरो से 5 से 7 बषय और 8 से 14 वषय की 
आर्ु वगय के बच्चो के नलए कार्यक्रम प्रसाररत होता हैं| ग्रामीर् 
बच्चो के नलए भी नवशेष कार्यक्रम प्रसाररत नकर्ा जाते है| इ 
कार्यक्रमों का प्रसारर् साप्तानहक होता हैं। इ प्रसारर्ों मेंवीर 
कथाए ाँआनद सानमल नकर्ा जाता है।
र्ुवाओ के मलकए कार्यक्रि 
• वही 15 से 30 वषय के नलए र्ुवा वार्ी वषय के 
र्ुवा जगत, कार्यक्रम चलार्े जाते है। जो र्ुवाओ के 
नलए प्रेरर्ादार्क होता है।
कृवि कार्यक्रि 
• कृ नष दशय कार्यक्रम जो नकसा ों को कृ नष के ए- ए तरीको 
से अवगत करार्ा जाता हैं| इसके अिंतगयत खाद बीज 
भूनमशोि वृक्षारोपर्, भिंिारर्, पशुपाल आनद नवषर्ो के 
सिंदभय में कृ नष एविं गृह इकाइर्ो सामनर्क सूच ा एविं परामशय 
देती है।
िहिलका कार्यक्रि 
• आकाशवार्ी के सभी केधरों पर ग्रामीर्ों मनहलाओ िंके साथ- 
साथ शहरी मनहलाओ के नलए भी कार्यक्रम प्रसाररत नकए 
जाते है| पररवार-कल्र्ार् ,गृह प्रबिंि आनद की जा कारी दी 
जाती है।
वविेि सिर् पर िो े वालके कार्यक्रि 
• नवशेष समर् से तात्पर्य र्ह है की नकसी त्र्ोहार र्ा नवशेष 
चचाय , साक्षात्कार , नकसी घट ा पर कार्यक्रम का श्रोता को 
ध्र्ा में रख कर कार्यक्रम का न मायर् नकर्ा जाता है
वविर् आधाररत कार्यक्रि 
सामाडजक एर्ं सार्वजडनक 
डहत के मुद्दों पर लोगो को 
जागरुक करना 
• डशिा 
• स्र्ास््य 
• जन समस्याए 
• कै ररयर परामशव
पराििय कार्यक्रि 
• सिंबिंनित नवषर् के नवशेषज्ञ रहते है 
जो श्रोता को नकसी नवषर् से 
सिंबिंनित नशकार्त पर उसे आगे 
की जा सक े वाली क्रार्यवाई में 
सुझाव देते हैं।
व्र्क्ततगत पराििय कार्यक्रि 
• नशक्षा 
• स्वास््र् 
• ज समस्र्ाऍ 
• का ु ी सहार्ता 
• कै ररर्र परामशय
कार्यक्रम की सुनविाए एविं समस्र्ाए िं 
• फो कर े वाले श्रोताओ िंकी सूची तैर्ार कर ा। 
• नवषर्ों का चर् । 
• सिंदभय-सामग्री की व्र्वस्था । 
• तकन की कनमयर्ों के साथ समधवर् । 
• कार्यक्रमों का समर्-प्रबधि । 
• श्रोताओ िंको कार्यक्रम में भाग ले े के नलए प्रेररत कर ा। 
• नवषर् की भूनमका स्पष्ट कर ा। 
• पूरक प्रश्नों की व्र्वस्था रख ा । 
• आत्मीर् वातावरर् का न मायर् । 
• श्रोताओ िंसे नमत्रवत बातचीत कर ा। 
• सामनर्क घज ाओ िंपर जर रख ा। 
• भाव ाओ िंके स्था पर बुनि और नववेक को प्राथनमकता । 
• ध्वन - भार सामाधर् रख ा। 
• अगर हम इ सभी बातो पर ध्र्ा रखे तो हम फो -इ कार्यक्रम को सफलतापूवयक सिंचानलत कर 
सकते है।
न ष्किय 
फो -इ कार्यक्रम नजत ा म ोरिंज भरा है उत ा ही 
नजम्मेदारी भरा भी है। सीिा प्रसारर् ही होते हुर्े भी हमें कई 
चीजों का ध्र्ा रख ा पड़ता है।और सबसे अच्छी बात र्ह है 
की रेनिर्ों पर नजत े भी प्रोग्राम होते है उ में फो -इ 
कार्यक्रम सबसे ज्र्ादा प्रभाव शाली होता है। इसीनलए अब 
तो लगभग सभी नवषर् के एक फो -इ प्रोग्राम शुरु हो े लगे 
है।
सिार्क सिंदभय 
• रेनिर्ो प्रसारर्- कौशल शमाय 
• रेनिर्ो प्रसारर् की र्ी तक ीक-िॉ० नकशोर नसिंहा 
• सम्पूर्य पत्रकाररता- अजयूर् नतवारी 
• कृ ष्र् शमाय (रेनिर्ो उद्घोषक) 
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•
आपके प्रश् और सुझाव आरमिंत्रित  है

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विशिष्ट कार्यक्रम निर्माण व फोन इन कार्यक्रम

  • 1. Lkapkj ,oa ehfM;k v/;;u dsanz Centre for Communication & Media Studies egkRek xka/kh varjjk’Vªh; fganh fo”ofo|ky; ¼laln }kjk ikfjr vf/kfu;e 1997 Øekad 3 ds varxZr LFkkfir dsanzh; fo’ofo|ky;½ iksLV& xka/kh fgYl] o/kkZ&442005 ¼egkjk’Vª½] Hkkjr Post- Gandhi Hills, Wardha-442005 (Maharashta), India osclkbZV% www.hindivsihwa.org ccms.wordpress.com
  • 2. विषय – विविĶ काययक्रम विमायण ि फोि इि काययक्रम संघोष्टी पत्र प्रथम प्रश्न पत्र रेवियो प्रॉिक्िि मार्यदियक प्रस्तुतकताय संदीप िमाय अवमत वमश्रा सहायक प्रोफे सर एम .एस. सी इलेक््राविक मीविया (ततृीय छमाही)
  • 3. भूमिका • रेडियो अपनी सर्व सुलभता, सस्ती तकनीक एर्ं सर्वग्रह के कारण यह संचार का सबसे सशक्त माध्यम है। इसकी लोकडियता आज भी बरकार है। भारत के कन्या कुमारी से लेकर कश्मीर की बर्फीली तूर्फान तक आकाशर्ाणी की पह ुँच है। देश भर में 400 से अडिक रेडियो स्टेशनो के माध्यम से आकाशर्ाणी हर डदन लोगो की पसंद की कायवक्रम िस्तुत करता है। इसी में एक र्फोडनंग कायवक्रम भी है । जो डर्डशĶ कायवक्रम डनमावण करता है । जो मडहला, डकसान, बच्चे, युर्ा ,सैडनक , कामगार को ध्यान में रख कर बनाया जाता है । इस संघोष्टी पत्र में हम जानेगें की रेडियो में डर्डशĶ कायवक्रम क्या-क्या होते है। तथा र्फोडनंग कायवक्रम क्या है ।
  • 4. क्या है? रेडियो फोन गिं काय्करम • र्फोडनंग कायवक्रम के जररये श्रोता टेलीर्फोन के माध्यम से सीिे िस्तुतकताव या डर्षय के डर्शेषज्ञों से बातचीत कर सकते हैं। • स्टूडियों में एक र्फोन-इन मशीन रहती है डजसमें िायल इन और िायल आउट दोंनो सुडर्िाए होती हैं। • श्रोता रेडियों केंद्र के स्टूडियों में डनिावररत नम्बर पर र्फोन करते है स्टूडियों के बूथ में बैठे िस्तुडत सहायक द्वारा ग्रहण डकया जाता है। • श्रोता की पहचान करनें के बाद एंकर के पास उस श्रोता की क ल भेज देते है • तब श्रोता का एंकर से या डर्शेषज्ञ से सीिी बातचीत होने लगती है ।
  • 5. फोन गिं कार्क्रयि िें सिंचालकक • फोन िंग कार्यक्रम में सिंचालक की भूनमका सबसे महत्वपूर्य होती है। • सिंचालक नकसी भी कार्यक्रम को जीविंत ब ा सकता है। • फोन िंग कार्यक्रम में सिंचालक को जागरुक शब्दो का जादुगर कहााँ जाता है । • सिंचालक का नवषर् सिंबनधित भाषा पर पकड़ हो ी चनहए । • उ की आवाज आकषयर् हो ा चानहए । • कार्यक्रम को रोचक ब ा े के नलए सामानजक पररवेश, देश-नवदेश की प्रमुख घट ाओ िंफैश ,नफल्म नवनभध तरह की जा कारी हो ी चानहए ।
  • 6. फो -इ के प्रकार र्फोन-इन रेडियों कायवक्रम दो िकार के होते है 1.सीिा प्रसारर्(LIVE BROADCAST) 2.ध्वधर्िंनकत प्रसारर्(RECORDED)
  • 7. सीधा प्रसारण (LIVE BROADCAST) • आज से बीस वषय पहले रेनिर्ो से सीिा प्रसारर् होता था। ध्वन्र्िंककतप्रसारण (RECORDED) • ध्वधर्िंनकत प्रसारर् इसके तहत सभी प्रोग्राम ररकॉि होते है उसके बाद प्रसारर् नकर्े जाते है ताकी नकसी प्रकार की कोई नदक्कत हो ।
  • 8. ववमिष्ट कार्यक्रि • पररवार कल्याण • बाल कायक्रम • युवाओ के ललए कायक्रम • रमहहला कायक्रम • कृषि कायक्रम • षवशेि सरमय पर हो े वाले कायक्रम
  • 9. पररवार कल्र्ाण • आकाशर्ाणी केंद्र से देश की सभी भाषाओ/बोडलयों में पररर्ार कल्याण कायवक्रम िसाररत डकए जाते है। इन कायवक्रमों में मुख्य ज़ोर छोटे और सुखी पररर्ार की नीडत पर होता है। एि्स, टीर्ी िेंगू, पानी से पैदा होने र्ाली बीमाररयों, मलेररया उन्मूलन कायवक्रम बाल-डर्काश और सुरडित, मातृत्र् कायवक्रम, बंध्याकरण, नसबंदी, पल्स पोडलयो आडद पर महत्र्पूणव कायवक्रम िसाररत डकया जाता है। ित्येक केंद्र से सप्ताह में एक बार पंद्रह डमनट की अर्िी का “हेल्थ र्फोरम” कायवक्रम भी िसाररत होता है।
  • 10. बालक कार्यक्रि आकाशवार्ी के सभी के धरो से 5 से 7 बषय और 8 से 14 वषय की आर्ु वगय के बच्चो के नलए कार्यक्रम प्रसाररत होता हैं| ग्रामीर् बच्चो के नलए भी नवशेष कार्यक्रम प्रसाररत नकर्ा जाते है| इ कार्यक्रमों का प्रसारर् साप्तानहक होता हैं। इ प्रसारर्ों मेंवीर कथाए ाँआनद सानमल नकर्ा जाता है।
  • 11. र्ुवाओ के मलकए कार्यक्रि • वही 15 से 30 वषय के नलए र्ुवा वार्ी वषय के र्ुवा जगत, कार्यक्रम चलार्े जाते है। जो र्ुवाओ के नलए प्रेरर्ादार्क होता है।
  • 12. कृवि कार्यक्रि • कृ नष दशय कार्यक्रम जो नकसा ों को कृ नष के ए- ए तरीको से अवगत करार्ा जाता हैं| इसके अिंतगयत खाद बीज भूनमशोि वृक्षारोपर्, भिंिारर्, पशुपाल आनद नवषर्ो के सिंदभय में कृ नष एविं गृह इकाइर्ो सामनर्क सूच ा एविं परामशय देती है।
  • 13. िहिलका कार्यक्रि • आकाशवार्ी के सभी केधरों पर ग्रामीर्ों मनहलाओ िंके साथ- साथ शहरी मनहलाओ के नलए भी कार्यक्रम प्रसाररत नकए जाते है| पररवार-कल्र्ार् ,गृह प्रबिंि आनद की जा कारी दी जाती है।
  • 14. वविेि सिर् पर िो े वालके कार्यक्रि • नवशेष समर् से तात्पर्य र्ह है की नकसी त्र्ोहार र्ा नवशेष चचाय , साक्षात्कार , नकसी घट ा पर कार्यक्रम का श्रोता को ध्र्ा में रख कर कार्यक्रम का न मायर् नकर्ा जाता है
  • 15. वविर् आधाररत कार्यक्रि सामाडजक एर्ं सार्वजडनक डहत के मुद्दों पर लोगो को जागरुक करना • डशिा • स्र्ास््य • जन समस्याए • कै ररयर परामशव
  • 16. पराििय कार्यक्रि • सिंबिंनित नवषर् के नवशेषज्ञ रहते है जो श्रोता को नकसी नवषर् से सिंबिंनित नशकार्त पर उसे आगे की जा सक े वाली क्रार्यवाई में सुझाव देते हैं।
  • 17. व्र्क्ततगत पराििय कार्यक्रि • नशक्षा • स्वास््र् • ज समस्र्ाऍ • का ु ी सहार्ता • कै ररर्र परामशय
  • 18. कार्यक्रम की सुनविाए एविं समस्र्ाए िं • फो कर े वाले श्रोताओ िंकी सूची तैर्ार कर ा। • नवषर्ों का चर् । • सिंदभय-सामग्री की व्र्वस्था । • तकन की कनमयर्ों के साथ समधवर् । • कार्यक्रमों का समर्-प्रबधि । • श्रोताओ िंको कार्यक्रम में भाग ले े के नलए प्रेररत कर ा। • नवषर् की भूनमका स्पष्ट कर ा। • पूरक प्रश्नों की व्र्वस्था रख ा । • आत्मीर् वातावरर् का न मायर् । • श्रोताओ िंसे नमत्रवत बातचीत कर ा। • सामनर्क घज ाओ िंपर जर रख ा। • भाव ाओ िंके स्था पर बुनि और नववेक को प्राथनमकता । • ध्वन - भार सामाधर् रख ा। • अगर हम इ सभी बातो पर ध्र्ा रखे तो हम फो -इ कार्यक्रम को सफलतापूवयक सिंचानलत कर सकते है।
  • 19. न ष्किय फो -इ कार्यक्रम नजत ा म ोरिंज भरा है उत ा ही नजम्मेदारी भरा भी है। सीिा प्रसारर् ही होते हुर्े भी हमें कई चीजों का ध्र्ा रख ा पड़ता है।और सबसे अच्छी बात र्ह है की रेनिर्ों पर नजत े भी प्रोग्राम होते है उ में फो -इ कार्यक्रम सबसे ज्र्ादा प्रभाव शाली होता है। इसीनलए अब तो लगभग सभी नवषर् के एक फो -इ प्रोग्राम शुरु हो े लगे है।
  • 20. सिार्क सिंदभय • रेनिर्ो प्रसारर्- कौशल शमाय • रेनिर्ो प्रसारर् की र्ी तक ीक-िॉ० नकशोर नसिंहा • सम्पूर्य पत्रकाररता- अजयूर् नतवारी • कृ ष्र् शमाय (रेनिर्ो उद्घोषक) www. google .com www.youtub.com •
  • 21. आपके प्रश् और सुझाव आरमिंत्रित है